अंतरराष्ट्रीय
जिनेवा, 1 जनवरी | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। इससे देशों को वैक्सीन को आयात करने और अपने देश में रेगुलेटरी एप्रूवल की प्रक्रियाओं में तेजी लाने की सुविधा मिल गई है। कई देश टीके की मंजूरी के लिए अपने रेगुलेटरी सिस्टम पर भरोसा करते हैं, वहीं कुछ देश अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए बहुत हद तक डब्ल्यूएचओ पर निर्भर हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा इस वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने से यूनिसेफ और पूरे अमेरिका के हेल्थ ऑर्गनाइजेशन जरूरतमंद देशों के लिए वैक्सीन की खरीदी करने में सक्षम हो जाएंगे।
अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों ने पहले ही फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।
वैसे डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मान्यता देने का यह पहला मौका है क्योंकि इस खतरनाक वायरस का प्रकोप एक साल पहले शुरू हुआ था।
डब्ल्यूएसओ के असिस्टेंट डायरेक्टर मारियांगेला सिमाओ ने कहा, "पूरी दुनिया के लिए कोविड-19 वैक्सीन तक पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। लेकिन मैं इस बात पर जोर दूंगा कि हर जगह प्राथमिकता वाली आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराने के प्रयास हों।"
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैक्सीन को अल्ट्रा-कोल्ड चेन यानि कि माइनस 60 डिग्री सेल्सियस से माइनस 90 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करने की जरूरत है। (आईएएनएस)
ऐसी खबरें हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को इस महीने की शुरूआत में चीन की सौगातों के बारे में जानकारी दी गई. इससे पहले अफगान चरमपंथियों को अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ हमले के लिए पैसे देने के आरोप रूस पर लगे थे.
डॉयचे वैले पर शामिल शम्स का लिखा-
अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बताया है कि चीन ने अफगान चरमपंथियों को अमेरिकी सैनिकों पर हमले के लिए पैसे देने की पेशकश की है. न्यूज वेबसाइट एक्सियोस और टीवी नेटवर्क सीएनएन ने इस बात की खबर दी है. एक्सियोस के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप को चीन की सौगातों के मुद्दे पर 17 दिसंबर को बताया गया. साथ ही यह भी बताया गया कि कि अमेरिकी अधिकारी इस तरह के दावों की पुष्टि करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सैनिकों के लिए रूसी सौगातों की खबर भी आई थी और तब इसकी अमेरिकी अधिकारियों ने कड़ी आलोचना की थी. हालांकि ट्रंप ने उन खबरों को "फेक न्यूज" कह कर खारिज कर दिया. यह अभी साफ नहीं है कि नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को चीन के बारे में पता चली इस खबर के बारे में बताया गया है या नहीं.
चीन का 'इरादा'
चीन के सुदूर शिनजियांग इलाके की सीमा का छोटा सा हिस्सा अफगानिस्तान से लगता है. चीन लंबे समय से शिनजियांग में चल रहे चरमपंथी गुटों के साथ अफगानिस्तान के कथित संपर्कों को लेकर चिंता जताता रहा है. शिनजियांग में तुर्क भाषा बोलने वाले उइगुर मुसलमानों का बसेरा है.
चीन उन चार देशों की चौकड़ी का हिस्सा है जो अफगानिस्तान में सहयोग के लिए बनाई गई है. इनमें अफगानिस्तान के अलावा चीन, पाकिस्तान और अमेरिका हैं. इस चौकड़ी को अफगानिस्तान में 19 साल से चली आ रही जंग को खत्म करने के लिए खड़ा किया गया है. हालांकि इस समूह को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान चरमपंथियों को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं तो चीन और अमेरिका में आपसी भरोसे की कमी है.
काबुल में सुरक्षा विशेषज्ञ जाविद कोहिस्तानी ने डीडब्ल्यू से कहा कि चीन अफगानिस्तान से नाटो और अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालना चाहता है ताकि वह इलाके में अपने आर्थिक प्रभाव का विस्तार कर सके. इसी साल नवंबर में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अगले साल 15 जनवरी तक 2000 सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की थी.
उधर नाटो अफगानिस्तान से जल्दबाजी में फौज हटाने के हक में नहीं है. नाटो का कहना है, "बहुत जल्दी में वहां से निकलना या फिर बिना आपस में सहयोग किए निकलने की कीमत बहुत भारी हो सकती है."
लंदन, 1 जनवरी | ब्रिटेन में कोरोनावायरस के 55,892 नए मामले सामने आए हैं, जो गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में महामारी के मामले की संख्या में सबसे अधिक दैनिक वृद्धि है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आंकड़ों ने दर्शाया कि देश में कोरोनोवायरस के कुल मामलों की संख्या 2,488,780 है। लगातार तीसरे दिन देश में 50,000 से अधिक मामले सामने आए।
28 दिनों के भीतर 968 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। डेटा के अनुसार, ब्रिटेन में कोरोनोवायरस से अब तक 73,512 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुरुवार को, इंग्लैंड भर में नाइटिंगेल अस्पतालों के रूप में पहचाने जाने वाले इमरजेंसी फील्ड अस्पतालों को जरूरत पड़ने पर उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है।
लंदन के एक्सेल सेंटर स्थल पर अस्पताल के अलावा, इंग्लैंड के अन्य नाइटिंगेल अस्पताल स्थलों में मैनचेस्टर, ब्रिस्टल, संडरलैंड, हैरोगेट, एक्सेटर और बमिर्ंघम शामिल हैं।
ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के एक प्रवक्ता ने कहा कि लंदन के अस्पताल उच्च कोविड-19 संक्रमण दर के महत्वपूर्ण दबाव में आ रहे थे।
प्रवक्ता ने कहा, "लंदन में एनएचएस राजधानी के एनएचएस अस्पतालों में सबसे ज्यादा अस्वस्थ रोगियों की देखभाल के लिए अधिक बेड ओपन कर रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग वायरस के संचरण को कम करने के लिए वह सब कुछ करें जो वे कर सकते हैं।"
ब्रिटिश सरकार के 'साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसीज' (एसएजीई) ने इंग्लैंड के सभी क्षेत्रों को टियर फोर प्रतिबंधों में रखने का आग्रह किया है।
(आईएएनएस)
लंदन, 1 जनवरी | दिग्गज ब्रिटिश गायक-लेखक-एल्टन जॉन का कहना है कि वह म्यूजिक कॉन्सर्ट्स में बार-बार वही हिट गाने गाकर थक गए हैं।
कॉन्टेक्ट म्यूजिक डॉट कॉम के मुताबिक एल्टन ने कहा, "मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे पास हर रात के लिए बहुत सारे शानदार गाने हैं। लेकिन एक समय ऐसा आता है, जब आप उन्हें और नहीं सुनाना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "इनमें 'ओरिजिनल सिन' या '(गोट्टा गेट ए) मील टिकट' जैसे गाने हैं, जिन्हें वास्तव में मैंने पहले नहीं चलाया है। लेकिन अगर मैं वापस जाकर देखूं और मुझे फिर से 'क्रोकोडाइल रॉक' चलाना पड़े तो यह खुद को मार डालने जैसा है।"
इसलिए, जब वह अपने टूर पर होते हैं तो वह इन गानों को नहीं चलाना चाहते हैं।
73 वर्षीय रॉक स्टार ने कहा, "मैं (गायक) केट बुश की तरह कुछ करना चाहूंगा, इसमें मैं एक शो कुछ ऐसे गाने चला सकता हूं जिनमें डीप कट्स हैं।"
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 31 दिसंबर | पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का पासपोर्ट 16 फरवरी, 2021 को रद्द कर दिया जाएगा। डॉन न्यूज के मुताबिक, बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए अहमद ने कहा, "मैं आपको एक खबर दूंगा कि हम 16 फरवरी से नवाज शरीफ का पासपोर्ट रद्द कर देंगे।" लेकिन उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने डॉन को बताया कि 16 फरवरी को शरीफ के राजनयिक पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि 18 फरवरी, 2016 को पाकिस्तान मुस्लिम लीगुर-नवाज (पीएमएल-एन) कि सुप्रीमो को 5 साल की वैधता के साथ एक लाल पासपोर्ट बीवी5128363 जारी किया गया था।
अधिकारी ने आगे कहा कि शरीफ के पास यही एक वैध यात्रा दस्तावेज था और इसके खत्म होते ही वे स्टेटसलेस हो जाएंगे। इसे लेकर लंदन में रह रहे नवाज के बेटे हुसैन नवाज ने कहा, "यह चौंकाने वाली बात नहीं है। हमें उनसे (सरकार) किसी भी सद्भावना की कोई उम्मीद नहीं थी।"
बता दें कि इलाज के लिए देश छाड़ने की अनुमति मिलने के नवंबर 2019 से ही नवाज शरीफ लंदन में रह रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में पीएमएल-एन सुप्रीमो को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में 2 मामलों में एक भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था, क्योंकि वह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे।
प्रधानमंत्री के सलाहकार और मंत्री मिर्जा शहजाद अकबर ने कहा था कि ब्रिटेन के अधिकारियों को दोषी पूर्व प्रधानमंत्री को उनके देश से प्रत्यर्पित करने के लिए कहा गया है।
--आईएएनएस
अंगेला मैर्केल ने बतौर जर्मन चांसलर अपने आखिरी नववर्ष संदेश में 2020 को सबसे मुश्किल साल बताया. लेकिन उन्होंने आने वाले 2021 को लेकर उम्मीदें भी जताईं.
डॉयचे वैले पर इलियट डगलस का लिखा-
नए साल के मौके पर दिए जाने वाले राष्ट्र के नाम अपने पारंपरिक संबोधन में चांसलर मैर्केल ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल की चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं यह कहती हूं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि बीते 15 साल में कोई साल इतना मुश्किल नहीं रहा जितना यह साल है जो खत्म हो रहा है."
पूरी दुनिया को लील रही कोरोना महामारी ने अब तक जर्मनी में 17 लाख लोगों को संक्रमित किया है जबकि 32 हजार से ज्यादा लोगों की जान ली है. ये आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. बुधवार को जर्मनी में पहली बार एक दिन में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1000 के पार जा पहुंचा.
चांसलर मैर्केल ने माना, "कोरोना वायरस महामारी इस सदी की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक चुनौती थी और है... यह एक ऐतिहासिक संकट है जिसने हम में से बहुत सारे लोगों को मुश्किल में डाला है. मैं जानती हूं कि इससे निपटने के लिए आपके बहुत सारे भरोसे और धैर्य की जरूरत है और आप भी चाहेंगे कि ऐतिहासिक मजबूती दिखाई जाए. इसके लिए मैं आपको दिल की गहराइयों से धन्यवाद देती हूं."
झूठ से बचिए
मैर्केल ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी से निपट रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सराहना की, साथ ही उन्होंने अन्य क्षेत्रों के दूसरे कर्मचारियों के योगदान को भी याद रखा. उन्होंने कहा, "महामारी के दौरान हमारी जिंदगी चलती रहे, इसमें बेशुमार लोगों ने हमारी मदद की... सुपरमार्केटों में, माल परिवहन में, पोस्ट ऑफिस में, बसों और ट्रेनों में, पुलिस स्टेशनों में, स्कूलों और किंडरगार्टनों में, चर्चों में और मीडिया संस्थानों में काम कर रहे लोगों ने."
अपने संबोधन में चांसलर मैर्केल ने महामारी को लेकर चलने वाली कॉन्सपिरेसी थ्योरीज पर लोगों से विश्वास ना करने को कहा. जैसे कि कुछ लोग मानते हैं कि कोरोना जैसा कोई वायरस ही नहीं तो कुछ कहते हैं कि इसके लिए बनाई जा रही वैक्सीन से लोगों को नियंत्रित किया जाएगा. जर्मनी में कुछ लोगों ने मास्क पहनने और दूसरी सामाजिक पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किए. मैर्केल ने कहा, "कॉन्सपिरेसी थ्योरीज ना सिर्फ झूठ और खतरनाक हैं, बल्कि उन लोगों के प्रति क्रूरता भी हैं जिन्होंने अपनों को खोया है."
बतौर चांसलर आखिरी संबोधन
जर्मनी ने यूरोपीय संघ के बाकी देशों की तरह 27 दिसंबर से कोराना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और जनवरी में टीका लगाने का काम जारी रहेगा. मैर्केल ने टीके को लेकर उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि "जब उनकी बारी आएगी", वह भी टीका लगवाएंगी. उन्होंने वादा किया कि अमेरिका की तरह जर्मनी में बड़े राजनेताओं को उन लोगों की सूची में नहीं रखा जाए जिन्हें सबसे पहले टीका दिया जाएगा.
मैर्केल ने 2020 में मिली पीड़ा और कष्ट के बावजूद आशा जताई कि 2021 नई उम्मीदें लेकर आएगा. यह आखिरी मौका है जब बतौर जर्मन चांसलर मैर्केल ने नववर्ष का संबोधन दिया. 2021 में वह अपना पद छोड़ रही हैं. उन्होंने कहा, "आखिर में आपसे कुछ निजी बात कहूंगी: नौ महीने के भीतर देश में संसदीय चुनाव होंगे और मैं फिर से चुनाव नहीं लड़ूंगी.. इसीलिए यह बतौर चांसलर आपके लिए मेरा आखिरी नववर्ष संबोधन है." मैर्केल 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं. अगले नौ महीनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना होगा. लेकिन वह 2021 को लेकर आशावान हैं.
बीजिंग, 31 दिसंबर| चीन ने गुरुवार को कहा कि उसने चीन के नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप (साइनोफार्म) द्वारा विकसित किए गए कोविड-19 वैक्सीन को सशर्त मंजूरी दे दी है। साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट ने चीनी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि यह टीका राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा।
चीन ने पहले उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अधिकृत कर दिया था। नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन के उप प्रमुख चेन शाइफी ने कहा, "कल रात को हमने चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स द्वारा बनाई गई वैक्सीन को कानून के अनुसार मंजूरी दे दी है।"
तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के अंतरिम परिणामों के अनुसार, वैक्सीन ने कोविड-19 के खिलाफ 79.34 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 2 डोज वाली इनोक्यूलेशन प्रक्रिया के बाद वैक्सीन लेने वाले सभी लोगों में एंटीबॉडीज बनीं और एंटीबॉडी को बेअसर करने का सीरोकनवर्सन दर 99.52 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
वैक्सीन को बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स की सहायक कंपनी साइनोफार्म ने विकसित किया है। (आईएएनएस)
इस्लामाबाद, 31 दिसंबर | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक आक्रामक भीड़ ने एक हिंदू संत के मंदिर में तोड़फोड़ की और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना करक जिले के तेरी इलाके में हुई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के गवाह एक स्थानीय निवासी ने कहा, एक धार्मिक पार्टी के कुछ स्थानीय बुजुर्गों के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और हिंदू पूजा स्थल को हटाने की मांग की।
उन्होंने कहा, वे मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए, भाषण दिया .. फिर मंदिर की ओर बढ़े और उस पर हमला कर दिया। 1920 से पहले बनाया गया यह मंदिर एक ऐतिहासिक पूजा स्थल था।
इलाके के एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, मंदिर में तोड़फोड़ करने से पहले भीड़ ने उसमें आग लगा दी। हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति के निमार्णाधीन मकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास के गांवों के लोगों ने हिंदू मंदिर को हटाने की मांग के साथ एक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक विचलित करने वाले वीडियो में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मंदिर की दीवारों को गिराते हुए दिखे।
करक जिले के पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है।
करक जिला के पुलिस अधिकारी इरफानुल्ला ने कहा, लोगों ने विरोध का आह्वान किया था, लेकिन एक आश्वासन के साथ कि यह शांतिपूर्ण होगा। हालांकि, मौलवी ने भीड़ को उकसाया, जिसके बाद वे धर्मस्थल पर हमला करने के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने कहा, मंदिर के रखवालों ने चोरी छुपे मंदिर के पास ही एक घर को कब्जे में ले लिया था। प्रदर्शनकारी इसके निर्माण के खिलाफ थे क्योंकि उनका कहना था कि मंदिर का विस्तार किया जा रहा है।
इरफानुल्ला ने कहा कि इलाके में कोई हिंदू नहीं है।
उन्होंने कहा, भीड़ ने निमार्णाधीन मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके चलते पास में स्थित मंदिर को भी नुकसान पहुंचा।
प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
यह दूसरी बार है कि धर्मस्थल पर हमला किया गया है। इसे 1997 में ध्वस्त कर दिया गया था और फिर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसका पुनर्निर्माण किया गया।
पाकिस्तान के संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दोषियों को सजा मिले।
उन्होंने कहा, खैबर पुख्तुन्ख्वा के करक में एक भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर को जलाने की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार को दोषियों को सजा दिलानी चाहिए।
उन्होंने कहा, सभी नागरिकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। (आईएएनएस)
चीन के जुंग सानसान भारत के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए एशिया के सबसे धनी व्यक्ति बन गए हैं.
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक़ वर्ष 2020 में शानशन की संपत्ति में सात अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है.
उन्होंने भारत के मुकेश अंबानी के अलावा अपने ही देश के जैक मा को भी पीछे छोड़ दिया है.
और ऐसा हुआ है उनकी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी और बोतलबंद पानी की कंपनी के कारण.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 77.8 अरब डॉलर की हो गई है और वे अब दुनिया के 11वें सबसे धनी व्यक्ति बन गए हैं.
जुंग को लोन वूल्फ़ के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने पत्रकारिता, मशरूम की खेती और हेल्थकेयर के क्षेत्र में भी अपनी क़िस्मत आज़माई है.
दुनिया के दो अमीर मुकेश अंबानी और जेफ़ बेज़ोस आमने-सामने और बीच में बिग बाज़ार
फ़ोर्ब्स की सूची में मुकेश अंबानी की लंबी छलांग
जुंग ने इस साल अप्रैल में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बीजिंग वान्टई बॉयोलॉजिकल को चीन के शेयर बाज़ार में लिस्ट कराया था.
इसी तरह तीन महीने बाद जुंग ने अपनी बोतलबंद पानी की कंपनी नॉन्गफ़ू स्प्रिंग को हॉन्गकॉन्ग शेयर बाज़ार में लिस्ट किया.
इसी समय इस फ़ैसले ने उन्हें अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के ऊपर पहुँचा दिया. जैक मा पहले चीन और एशिया के सबसे धनी व्यक्ति थे.
हॉन्गकॉन्ग शेयर बाज़ार में लिस्ट होने के बाद ज़ॉन्ग की बोतलबंद पानी की कंपनी शेयर बाज़ार में सबसे अधिक मुनाफ़ा कमाने वाली कंपनियों में शामिल हो गई. शेयर बाज़ार में लिस्ट होने के बाद इस कंपनी के शेयर में 155 फ़ीसदी की उछाल आई.
बीजिंग वॉन्टई बॉयोलॉजिकल के भी शेयर 2000 प्रतिशत से भी ज़्यादा बढ़ गए. ये कंपनी चीन की उन कंपनियों में शामिल है, जो कोरोना की वैक्सीन बना रही है.
इन देशों में रहते हैं सबसे ज़्यादा अरबपति
राधा व्यास, जिन्हें एक डेट ने बना दिया अरबपति
जुंग के नाटकीय उत्थान ने उन्हें एशिया का सबसे धनी व्यक्ति बना दिया है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक़ ज़ॉन्ग ने इतिहास में सबसे तेज़ी से अपनी संपत्ति में इज़ाफ़ा करने वालों की सूची में जगह बना ली है.
दुनिया के कई धनी व्यक्तियों की क़िस्मत कोरोना काल में और चमकी है और इनमें अमेज़ॉन के संस्थापक जेफ़ बेज़ोस भी शामिल हैं.
भारत में मुकेश अंबानी की संपत्ति में 18.3 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है और उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 76.9 अरब डॉलर हो गई है. मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को तकनीक और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में लाने के लिए कई सौदे किए.
इस साल के शुरू में फ़ेसबुक ने कहा था कि वो इंटरनेट कंपनी रिलायंस जियो में 5.7 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है. रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी ही हैं.
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रूसी अरबपति रोमन अब्रामोविच अब होंगे इसराइल के नागरिक
हालाँकि जैक मा की संपत्ति में इस साल गिरावट देखी गई है. अक्तूबर में उनकी संपत्ति 61.7 अरब डॉलर तक गई थी, लेकिन अब ये गिरकर 51.2 अरब डॉलर रह गई है.
उनकी कंपनी अलीबाबा को चीन के अधिकारियों की कई निगरानी से होकर गुज़रना पड़ रहा है.
अलीबाबा के ख़िलाफ़ अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए ग़लत व्यवहार के आरोपों की जाँच हो रही है, जबकि इसकी सहायक कंपनी एंट ग्रुप की शेयर बाज़ार में लिस्टिंग को नवंबर में रोक दिया गया था.
चीन के ज़्यादातर अरबपति टेक इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं. लेकिन ख़्वावे, टिकटॉक और वी चैट को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के कारण चीनी टेक कंपनियों की क़ीमत शेयर बाज़ार में गिरी है.
वाशिंगटन, 31 दिसंबर। वैश्विक स्तर पर कोरोनावायरस मामलों की कुल संख्या 8.26 करोड़ से अधिक हो गई है, जबकि संक्रमण से होने वाली मौतें 18 लाख से अधिक हो गई हैं। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय ने गुरुवार को दी।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने गुरुवार सुबह अपने नवीनतम अपडेट में खुलासा किया कि वर्तमान वैश्विक मामले और मृत्यु दर क्रमश: 82,625,514 और 1,802,560 हैं।
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया का सबसे अधिक कोविड प्रभावित देश अमेरिका है, जहां मामलों की कुल संख्या 19,722,442 और मौतें 341,964 हैं।
संक्रमण के मामलों के हिसाब से भारत 10,244,852 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में कोविड से मरने वालों की संख्या 148,439 हो गई है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, दस लाख से अधिक मामलों वाले अन्य देश ब्राजील (7,619,200), रूस (3,100,018), फ्रांस (2,657,624), ब्रिटेन (2,440,202), तुर्की (2,194,272), इटली (2,083,689), स्पेन (1,910,218), जर्मनी (1,719,912), कोलंबिया (1,626,461), अर्जेंटीना (1,613,928), मैक्सिको (1,401,529), पोलैंड (1,281,414), ईरान (1,218,753), यूक्रेन (1,076,880), दक्षिण अफ्रीका (1,039,161), और पेरू (1,010,496) हैं।
कोविड मौतों के मामले में वर्तमान में ब्राजील 193,875 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है।
वहीं 20,000 से अधिक मृत्यु वाले देश मेक्सिको (148,439), इटली (148,439), ब्रिटेन (72,657), फ्रांस (64,508), रूस (55,692), ईरान (55,095), स्पेन (50,689), अर्जेंटीना (43,163), कोलंबिया (42,909), पेरू (37,574), जर्मनी (32,665), दक्षिण अफ्रीका (28,033), पोलैंड (28,019), इंडोनेशिया (21,944) और तुर्की (20,642) हैं।
--आईएएनएस
पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत के करक ज़िले में हिंदू संत श्री परम हंस जी महाराज की ऐतिहासिक समाधि को स्थानीय लोगों की एक नाराज़ भीड़ ने ढहा दिया है.
पुलिस ने बताया कि करक ज़िले के एक छोटे से गांव टेरी में भीड़ इस बात को लेकर नाराज़ थी कि एक हिंदू नेता घर बनवा रहे थे और वो घर एक इस समाधि से लगा हुआ था.
करक के ज़िला पुलिस अधिकारी इरफानुल्लाह मारवात ने बीबीसी के स्थानीय प्रतिनिधि सिराजुद्दीन को बताया कि उस इलाके में कोई हिंदू आबादी नहीं रहती है. स्थानीय लोग इस बात से नाराज़ थे कि जिस जगह पर ये निर्माण कार्य हो रहा था, वो उसे इस समाधि स्थल का ही हिस्सा समझते थे.
उन्होंने बताया कि पुलिस को लोगों के विरोध की जानकारी दी गई थी और वहां पर सुरक्षा इंतज़ाम भी किए गए थे.
इरफानुल्लाह मारवात ने बताया, "हमें विरोध प्रदर्शन की जानकारी थी लेकिन हमें बताया गया था कि ये शांतिपूर्ण रहेगा. हालांकि एक मौलवी ने हालात को भड़काऊ भाषण देकर वहां हालात बिगाड़ दिए. भीड़ इतनी बड़ी थी कि वहां हालात बेकाबू हो गए. हालांकि इस घटना में वहां किसी को कोई नुक़सान नहीं हुआ है."
ज़िला पुलिस अधिकारी ने कहा कि वहां हालात नियंत्रण में हैं लेकिन क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है. अभी तक कोई केस नहीं दर्ज किया गया लेकिन जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसके ख़िलाफ़ जल्द ही एफ़आईआर दर्ज किया जाएगा.
ऐसे हालात क्यों पैदा हुए?
हिंदू संत श्री परम हंस जी महाराज की समाधि पर विवाद कोई नई बात नहीं है. इलाके के रूढ़िवादी लोग इस समाधि स्थल का शुरू से ही विरोध करते रहे थे. साल 1997 में इस समाधि पर पहली बार स्थानीय लोगों ने हमला किया था.
हालांकि बाद में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह की प्रांतीय सरकार ने इसका पुनर्निमाण कराया.
सरकार के समर्थन और कोर्ट के फ़ैसले के बावजूद टेरी में हालात तनावपूर्ण बने रहे. समाधि के पुनर्निमाण शुरू करने से पहले स्थानीय प्रशासन ने टेरी कट्टरपंथी लोगों से लंबी बातचीत की थी.
साल 2015 में ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के एडिशनल एडवोकेट जनरल वक़ार अहमद ख़ान ने सुप्रीम कोर्ट में इस सिलसिले में एक रिपोर्ट पेश की थी.
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग जब पांच शर्तों पर तैयार हो गए थे, उसके बाद ही समाधि के पुनर्निमाण की इजाजत दी गई.
ऐसा कहा जाता है कि समझौते की एक शर्त ये भी थी कि हिंदू समुदाय के लोग टेरी में अपने धर्म का प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे. वे वहां पर केवल अपनी धार्मिक प्रार्थनाएं कर सकेंगे.
समाधि पर उन्हें न तो बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करने की इजाजत होगी और न ही समाधि स्थल पर किसी बड़े निर्माण कार्य की मंज़ूरी दी जाएगी. इसके अलावा क्षेत्र में हिंदू समुदाय के लोग क्षेत्र में ज़मीन भी नहीं खरीद सकेंगे और उनका दायरा केवल समाधि स्थल तक ही सीमित रहेगा.
ये समाधि एक सरकारी ट्रस्ट की संपत्ति है. इसका निर्माण उस जगह कराया गया था जहां हिंदू संत श्री परम हंस जी महाराज का निधन हुआ था और साल 1919 में यहीं पर उनकी अंत्येष्टि की गई थी. उनके अनुयायी यहां पूजा-पाठ के लिए साल आते रहे थे. साल 1997 में ये सिलसिला उस वक़्त रुक गया जब ये मंदिर ढहा दिया गया.
इसके बाद हिंदू संत श्री परम हंस जी महाराज के अनुयायियों ने मंदिर के पुननिर्माण की कोशिशें शुरू कीं. हिंदू समुदाय के लोगों का आरोप था कि एक स्थानीय मौलवी ने सरकारी ट्रस्ट की प्रोपर्टी होने के बावजूद इस पर कब्ज़ा कर लिया था.
ज़िला पुलिस अधिकारी इरफानुल्लाह मारवात का कहना है कि हिंदू समुदाय के लोग भी पाकिस्तान के नागरिक हैं और उन्हें भी देश के दूसरे लोगों की तरह कहीं भी संपत्ति खरीदने का अधिकार है. चूंकि ज़िले में कोई हिंदू आबादी नहीं रहती है इसलिए स्थानीय लोगों का इस मंदिर के विस्तार को लेकर कुछ आशंकाएं थीं. (bbc)
न्यूयॉर्क, 31 दिसंबर | अमेरिका में कोविड -19 से होने वाली मौतें बुधवार दोपहर 340,000 से अधिक हो गई। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर सिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सीएसएसई के आंकड़ों से जानकारी मिली कि अमेरिका में कोविड-19 के मामले 1.96 करोड़ तक पहुंच गए हैं और मृत्यु दर बढ़कर 340,586 हो गई है।
सीएसएसई के आंकड़ों के अनुसार, न्यूयॉर्क राज्य में 37,687 मौतें दर्ज हुई, जो अमेरिकी राज्य-स्तर की मृत्यु की सूची में सबसे ऊपर है। टेक्सास में 27,298 मौतें दर्ज की गईं। कैलिफोर्निया राज्य और फ्लोरिडा दोनों जगहों पर 21,000 से अधिक मौतों की पुष्टि की गई।
वहीं 10,000 से अधिक मौतें दर्ज करने वाले राज्यों में न्यू जर्सी, इलिनोइस, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, मैसाचुसेट्स और जॉर्जिया भी शामिल हैं।
अमेरिका दुनिया भर में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों के साथ महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। देश ने वैश्विक मौत में 18 प्रतिशत से अधिक योगदान दिया है।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, कोविड -19 से जुड़ी अमेरिकी दैनिक मौतें मंगलवार को बढ़कर 3,725 हो गईं, जो कि मरने वालों की संख्या में सबसे ज्यादा एकदिवसीय वृद्धि है।
इसके अलावा, कोविड ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के अस्पतालों में मंगलवार को 124,686 सर्वाधिक मरीजों को भर्ती किया गया।
ब्रिटेन में पाया गया कोविड -19 का एक वेरिएंट मंगलवार को अमेरिकी राज्य कोलोराडो में पाया गया था।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 31 दिसंबर | अमेरिका ने कड़े शब्दों में कहा है कि अगर अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या के मामले में पाकिस्तान के न्यायालय न्याय नहीं कर पा रहे हैं तो वह इसके आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए तैयार है।
दरअसल, पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने हाल ही में अमेरिकी पत्रकार की हत्या के आरोपियों को रिहा करने का आदेश दे दिया था। इसके बाद जब इस मामले में पाकिस्तान को अमेरिका ने चेताया तो उस चेतावनी से सहमे इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारों की रिहाई पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि पाकिस्तानी कोर्ट के आदेश पर ट्रंप प्रशासन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे चिंताजनक करार दिया था।
वहीं अब अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल जेफरी रोसेन ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में दो टूक कह दिया है कि अगर पाकिस्तान से मामला नहीं संभल रहा तो वह इसके आरोपियों को हिरासत में लेने को तैयार हैं।
रोसेन ने एक बयान में दोहराया है कि अगर पाकिस्तानी अधिकारी न्याय करने में विफल रहते हैं, तो अमेरिका अपने यहां पर मुकदमा चलाने के लिए प्रमुख दोषी उमर शेख को हिरासत में लेना चाहेगा।
उन्होंने कहा, "उसकी सजा को खत्म करने और उसे रिहा करने का न्यायिक आदेश आतंकवाद के सभी पीड़ितों के लिए बड़ा आघात है।"
पाकिस्तानी सरकार और न्यायिक प्रणाली पर अविश्वास जाहिर करते हुए रोसेन ने कहा, "यदि ये प्रयास सफल नहीं होते हैं, तो अमेरिका उमर शेख को हिरासत में लेने के लिए तैयार है। डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या के मामले में हम उसे कानून की पकड़ से भागने नहीं दे सकते हैं।"
अमेरिका का मजबूत बयान सिंध हाईकोर्ट द्वारा हिरासत से आरोपियों को रिहा करने के फैसले के मद्देनजर आया है।
गौरतलब है कि सिंध हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने पिछले सप्ताह सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे शेख और अन्य आरोपियों को किसी भी प्रकार की हिरासत में ना रखें और उनकी हिरासत से जुड़ी सिंध सरकार की सभी अधिसूचनाओं को अमान्य घोषित कर दिया था।
--आईएएनएस
यमन के दक्षिणी शहर अदन के हवाई अड्डे पर हुए ज़ोरदार धमाके में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि नयी सरकार के सदस्यों को लेकर आने वाला विमान पड़ोसी देश सऊदी अरब से जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचा वहां एक धमाका हुआ.
मारे गए लोगों में सहायक कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने कहा है कि वो और उनका मंत्रीमंडल ठीक है.
सूचना मंत्री ने हूती विद्रोहियों पर आरोप लगाते हुए इस हमले को एक कायरतापूर्ण चरमपंथी हमला कहा है.
मंत्री इरियानी ने ट्वीट किया, "हम अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सभी कैबिनेट मिनिस्टर सुरक्षित हैं और हवाई अड्डे पर इरान समर्थित हूती विद्रोहियों के कायरतापूर्ण चरमपंथी हमले हमें हमारी ज़िम्मेदारियों से भटका नहीं पाएंगे और हमारा जीवन अन्य यमनियों की तुलना में अधिक मूल्यवान नहीं है. अल्लाह मारे गए लोगों को शांति दे और मैं घायलों के जल्दी ठीक होने की दुआ करता हूं. "
यमन 2015 में शुरू हुए गृहयुद्ध के बाद से बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है.
हूती विद्रोहियों के देश के अधिकतर पश्चिमी हिस्सों पर नियंत्रण करने और सऊदी अरब समर्थित राष्ट्रपति अब्दूरब्बू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागने पर मजबूर करने के बाद सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने यमन के युद्ध में हस्तक्षेप किया था. इसके बाद से यमन के हालात और बिगड़ते होते चले गए.
इस लड़ाई के कारण अब तक 110,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
इसके अलावा दसियों हज़ार नागरिकों की मौत ऐसे कारणों से हुई है जिन्हें रोका जा सकता था. इनमें कुपोषण, बीमारी और भुखमरी शामिल हैं.
बुधवार को हुई घटना का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें एक घातक धमाके को साफ़ देखा जा सकता है. इस धमाके से महज़ कुछ पल पहले नई कैबिनेट के सदस्य हवाई जहाज़ से उतरे थे.
मंत्रियों के स्वागत के लिए काफी संख्या में भीड़ भी जुटी हुई थी. लेकिन जैसे ही विस्फ़ोट का गुबार उठा लोगों में अफ़रा-तफ़री मच गई. कुछ देर बाद गोलियां चलने की भी आवाज़ सुनाई दी.
एएफ़पी समाचार एजेंसी के संवाददाता ने बताया कि उन्होंने कम से कम दो विस्फोटों की आवाज़ सुनी.
हालांकि विस्फोट के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चल सका है. सऊदी टेलीविज़न चैनल अल-हदथ ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि एक मिसाइल ने टरमैक को हिट किया और विस्फोट हुआ.
इससे पूर्व अगस्त साल 2019 में अदन में एक सैन्य परेड पर हूती विद्रोहियों के मिसाइल हमले में 36 लोगों की मौत हो गई थी.
आईसीआरसी (इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ द रेड क्रॉस) ने कहा है कि बुधवार को हुए हमले में उनका एक सदस्य मारा गया. जबकि तीन लोग घायल हैं.
यमन की न्यूज़ वेबसाइट अल-मसदर ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक़, श्रम मंत्रालय के एक अंडरसेक्रेटरी यास्मीन अल अवधी मारे गए हैं. साथ ही युवा और खेल मंत्रालय के उप-मंत्री मोनेर अल-वज़ीह और उप-परिवहन मंत्री नासिर शरीफ़ हमले में घायल हुए हैं.
हमले के बाद प्रधानमंत्री मइन अब्दुलमलिक सईद और उनके मंत्रीमंडल को सुरक्षा घेरे में बाहर ले जाया गया.
पीएम सईद ने ट्वीट किया, "हम और सरकार के अन्य सदस्य अदन में हैं और हम सुरक्षित हैं."
उन्होंने लिखा, "कायर चरमपंथियों ने अदन हवाई अड्डे को निशाना बनाया जोकि यमन के लोगों और यमन के ख़िलाफ़ छेड़े गए युद्ध का ही हिस्सा है." (bbc)
न्यूयॉर्क, 30 दिसंबर | अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक कंपाउंडर (पुरुष नर्स) देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित फाइजर वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने के आठ दिन बाद कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मैथ्यू डब्ल्यू (45) ने एक फेसबुक पोस्ट में 18 दिसंबर को वैक्सीन प्राप्त करने के बारे में बात कही है।
उन्होंने एबीसी 10 न्यूज को बताया कि उन्हें केवल उनके हाथ में एक दिन कुछ दर्द हुआ मगर इसके अलावा कोई अन्य साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वैक्सीन मिलने के आठ दिन बाद वह कोविड-19 इकाई में काम करते हुए अस्वस्थ महसूस करने लगे।
मैथ्यू ने क्रिसमस के बाद खुद का परीक्षण कराया और इसके परिणामों से पता चला कि वह कोविड-19 पॉजिटिव हैं।
सैन डिएगो के फैमिली हेल्थ सेंटर्स के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ क्रिश्चियन रेमरस ने एबीसी न्यूज को बताया कि पहली खुराक के बाद भी अगर कोई वायरस के संपर्क में आया है तो उसका पॉजिटिव परीक्षण करना अप्रत्याशित नहीं है।
उन्होंने कहा, हम वैक्सीन नैदानिक परीक्षणों से जानते हैं कि वैक्सीन से सुरक्षा विकसित करने के लिए आपको लगभग 10 से 14 दिन तो लगने ही वाले हैं।
बता दें कि फाइजर के तीसरे चरण के आंकड़ों से पता चला है कि यह वैक्सीन 95 प्रतिशत प्रभावशाली है। (आईएएनएस)
जर्मनी में कोरोना वायरस की चपेट में आ कर 24 घंटे के भीतर मरने वालों की तादाद मंगलवार को 1129 पर चली गई. कोरोना वायरस से एक दिन में जर्मनी में हुई यह मौत की सबसे बड़ी संख्या है.
जर्मनी, 30 दिसंबर | जर्मनी में रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने बुधवार को बताया कि मंगलवार को जर्मनी में 22,459 और लोग कोरोना की चपेट में आए हैं. इससे पहले सबसे ज्यादा लोगों की मौत पिछले बुधवार को हुई थी. तब 962 लोगों की मौत हुई थी और 24,740 लोग संक्रमित हुए. बीते कुछ हफ्तों में जर्मनी ने संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या रोकने के लिए सख्त पाबंदियां लागू कर रखी हैं. संक्रमित होने और मरने वाले लोगों की बढ़ती तादाद से देश के स्वास्थ्य सेवा पर भारी दबाव पैदा हो गया है.
बुधवार को मौत की नई संख्या देखने के बाद जर्मन स्वास्थ्य मंत्री येंस श्पान ने कहा कि वह मौजूदा तालाबंदी के तुरंत बंद होने के आसार नहीं देख रहे हैं. उन्होंने कहा, "इन आंकड़ों से साबित हो रहा है कि वायरस कितनी क्रूरता से अब भी हमें मार रहा है. इस बार नए साल पर 1,129 परिवार शोक मना रहे होंगे." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति की बहाली अभी बहुत दूर है.
सख्त लॉकडाउन
जर्मनी ने मध्य दिसंबर से देश भर में पहले से लागू आंशिक तालाबंदी को सख्त कर दिया. हालांकि इसके बाद भी देश में संक्रमण की बढ़ती संख्या पर अभी तक लगाम नहीं लग सकी है. चांसलर अंगेला मैर्केल और सभी 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच सहमति के बाद सख्त तालाबंदी फिलहाल 10 जनवरी तक लगाई गई है. पांच जनवरी को मैर्केल के साथ इन नेताओं की फिर बैठक होगी जिसमें आगे के लिए तालाबंदी की रुपरेखा तय की जाएगी.
रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने जर्मनी में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित 16 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों की संख्या दर्ज की है और कुल 32,107 लोगों की मौत हुई है. अब तक कोरोना के 13 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं.
वैक्सीन लगाना शुरू
शनिवार से जर्मनी में वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई. फिलहाल यहां फाइजर और बायोन्टेक के तैयार किए वैक्सीन की डोज दी जा रही है. मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 42 हजार लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. इस बीच ब्रिटेन में फाइजर बायोन्टेक के बाद दूसरे वैक्सीन ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनेका को भी मंजूरी दे दी गई है.
यूरोपीय संघ में इस वैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं मिली है. यूरोपीय संघ के अधिकारियों के मुताबिक इस वैक्सीन की मंजूरी के लिए आधिकारिक आवेदन बुधवार सुबह तक नहीं की गई है. अधिकारियों का कहना है कि आवेदन मिलने के बाद यूरोपीय संघ इस पर जल्दी ही फैसला ले लेगा. जर्मन स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनेका के साथ ही अमेरिका की मॉडेर्ना वैक्सीन को भी यूरोपीय संघ की मेडिकल एजेंसी से जल्दी और संपूर्ण जांच का अनुरोध किया है.
एनआर/एमजे (डीपीए, एएफपी)
बीजिंग, 30 दिसंबर | 30 दिसंबर को एनपीसी की विदेशी मामला समिति ने अमेरिका के वर्ष 2021 वित्तीय वर्ष में व्यापक विनियोग अधिनियम को लेकर बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ने चीन के विरोध की उपेक्षा कर शीत युद्ध विचार, शून्य राशि खेल अवधारणा और चीन के प्रति पक्षपात पर कायम रहकर इस अधिनियम में तिब्बत, ताईवान, हांगकांग, शिनच्यांग से जुड़े कई नकारात्मक धाराएं शामिल कीं। संबंधित विषयों और धाराओं ने गंभीर रूप से चीन के राष्ट्रीय हितों को बर्बाद किया है और चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप भी किया है। एनपीसी इसकी कड़ी निंदा और विरोध करती है।
बयान में यह कहा गया है कि केंद्र सरकार और पूरे देश की जनता के समर्थन से तिब्बत की विभिन्न जातीय जनता की कोशिश से तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास में बड़ी सफलता मिली है। जनता का जीवन स्तर व्यापक हद तक उन्नत हुआ है। पारिस्थितिक सभ्यता का निर्माण निरंतर रूप से मजबूत हो रहा है। शिक्षा, संस्कृति व स्वास्थ्य आदि कार्यो में बड़ा विकास हुआ है लेकिन अमेरिकी संसद के कुछ राजनीतिज्ञों ने वास्तविकता की उपेक्षा कर चीन को बदनाम किया। इससे जाहिर हुआ है कि अमेरिका तिब्बत मामले के बहाने से चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने के साथ-साथ चीन के विकास को बाधित करना चाहता है।
(साभार - चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) (आईएएनएस)
बीजिंग, 30 दिसंबर | 29 दिसंबर को आयोजित चीन के चौथे राष्ट्रीय रसद उद्योग उन्नत प्रशस्ति सम्मेलन में चीनी रसद और खरीद संघ के अध्यक्ष ह लीमिंग ने कहा कि रसद उद्योग राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास का समर्थन करने वाला एक बुनियादी, रणनीतिक और अग्रणी उद्योग है। इधर के 5 वर्षो में चीन में सामाजिक रसद की औसत वार्षिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रही है, रसद उद्योग की कुल आय 100 खरब युआन से अधिक पहुंची है। बताया जाता है कि अब तक चीन में जीडीपी के अनुपात के रूप में सामाजिक रसद की कुल लागत 15 प्रतिशत से नीचे गिर चुकी है। कार्गो परिवहन और एक्सप्रेस वितरण व्यवसाय की मात्रा कई वर्षो से दुनिया में पहले स्थान पर है।
ह लीमिंग ने कहा कि चीनी रसद और खरीद संघ आधुनिक रसद और अन्य सेवा उद्योगों के विकास में तेजी लाने में मदद करेगा, व्यापक परिवहन चैनलों, व्यापक परिवहन केन्द्रों और रसद नेटवर्क के सुधार को बढ़ावा देगा।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) (आईएएनएस)
कोलंबो, 30 दिसंबर | विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आश्वासन दिया है कि मार्च 2021 तक श्रीलंका के लिए कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराया जा सकता है, क्योंकि देश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने खुराक के स्टोरेज के लिए कोल्ड चेन संबंधी जरूरतों में सुधार के प्रयास तेज कर दिए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। समाचारपत्र डेली मिरर ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोवैक्स के तहत सहयोग पर सरकारी अधिकारियों और डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों के बीच कोविड-19 टीकों की तेजी से पहुंच सुनिश्चित करने की वैश्विक पहल के बीच मंगलवार को शीर्ष स्तरीय बैठक हुई।
अधिकारी ने डेली मिरर को बताया कि श्रीलंका मुख्य रूप से वैक्सीन के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर संग्रहित करने की तैयारी कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, "हम माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित होने वाले टीके के लिए भी तैयार रहेंगे।"
दुनिया में कई डब्ल्यूएचओ-प्रीक्वालिफाइड वैक्सीन कैंडीडेट हैं।
डब्ल्यूएचओ श्रीलंका को वैक्सीन की आवश्यकता का 20 प्रतिशत मुफ्त में प्रदान करेगा।
श्रीलंका को अभी तक यह तय नहीं करना है कि जनसंख्या के किस समूह को सबसे पहले टीका लगाया जाएगा।
श्रीलंका में कोरोना के अब तक कुल 42,056 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 195 की मौत हुई है।
--आईएएनएस
दुबई, 30 दिसंबर | संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहने वाले एक प्रवासी भारतीय ने अपने नियोक्ता के फर्जी हस्ताक्षर किए। उसे दुबई में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। आरोप है कि प्रवासी भारतीय ने दो साल के दौरान कम से कम 47 बार अपने मालिक के हस्ताक्षर कर 447,000 दिरहम अपने व्यक्तिगत खाते में स्थानांतरित कर लिए। मीडिया ने यह जानकारी दी। गल्फ न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, जेल अवधि के अलावा, मूल रूप से गुजरात के रहने वाले आरोपी को 471,202 दिरहम का जुर्माना भी भरने के लिए कहा गया है।
व्यक्ति पर उसके नियोक्ता की चेकबुक चुराने का भी आरोप है।
नियोक्ता किशनचंद भाटिया के अनुसार, आरोपी पिछले आठ वर्षो से एक प्रशासनिक कर्मचारी के रूप में उनकी दुबई स्थित कंपनी, ट्रांसकॉन्टिनेंटल इंडेंटिंग में काम कर रहा था और कंपनी की चेकबुक तक उसने पहुंच बना ली थी।
अदालत के रिकॉर्ड से पता चला है कि आरोपी ने दुबई में एक बैंक के व्यक्तिगत बचत खाते में व्यवस्थित रूप से धन स्थानांतरित करने के लिए 47 बार खाता-भुगतान चेक पर हस्ताक्षर किए थे।
यूएई में पांच दशकों से अधिक समय से रह रहे भाटिया ने कहा कि इस साल अक्टूबर में उसे इस चोरी का पता चला था। (आईएएनएस)
ढाका, 30 दिसंबर | एक बांग्लादेशी फिल्म निर्देशक को कथित तौर पर अपनी नई फिल्म में दुष्कर्म पीड़िता से पूछताछ के दृश्य को लेकर गिरफ्तार किया गया है। इस दृश्य को लेकर पुलिस बल में भारी नाराजगी है। शाकिब खान अभिनीत 'नबाब एलएलबी' का पहला भाग, एक फिक्शनल कोर्टरूम ड्रामा है जो दुष्कर्म के बारे में और पीड़िताओं के साथ कैसा सलूक किया जाता है, किस तरह से पूछताछ की जाती है, इस बारे में है। इसे दिसंबर के मध्य में एक स्थानीय स्ट्रीमिंग सर्विस पर जारी किया गया था।
अनोन्नो मामून द्वारा निर्देशित फिल्म का दृश्य पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। केस को संभालने को लेकर पुलिस की आलोचना हुई।
'वियोन्यूज डॉट कॉम' के मुताबिक, फिल्म के दृश्य को लेकर पुलिस महकमा नाराज हो गया। फिल्म में पुलिसकर्मियों की भूमिका निभाने वाले कलाकारों मामून और शाहीन मृदा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने अपने न्यूज पोर्टल पर कहा, "फिल्म के दृश्य में अधिकारी पीड़िता से बहुत ही आक्रामक तेवर और आपत्तिजनक भाषा में पूछताछ कर रहा था जो स्वस्थ मनोरंजन के विपरीत है और जनता के बीच पुलिस के बारे में नकारात्मक धारणा पैदा करेगा।"
बयान में आगे कहा गया कि दोनों को ऐसी अपमानजनक और आपत्तिजनक बातचीत वाली फिल्म में अभिनय करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया और उन पर पोर्नोग्राफिक कंटेंट के साथ फिल्म बनाने का आरोप लगाया गया, जिसमें यौन उत्पीड़न को दर्शाया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि वे दुष्कर्म पीड़िता की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री अर्चिता स्पर्शिया को भी गिरफ्तार करने की जुगत में हैं।
--आईएएनएस
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने नौशेरा में तैनाती के दौरान पाकिस्तानी कबायलियों को खदेड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी. आजादी के समय उनके पास पाकिस्तान जाकर सेना प्रमुख बनने का विकल्प था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
डॉयचे वैले पर जावेद अख्तर, आमिर अंसारी का लिखा-
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के पास ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की कब्र है, उनकी कब्र पर पिछले दिनों तोड़फोड़ हुई थी. कब्र पर लगा सफेद संगमरमर का आधा हिस्सा टूट चुका है और सिर्फ उनका नाम ही नजर आ रहा है. बलोच रेजीमेंट के अधिकारी ब्रिगेडियर उस्मान ने भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की ओर से लड़ाई में हिस्सा लिया और जम के वीरता दिखाई. उनके सिर पर पाकिस्तान ने पचास हजार रुपये का इनाम रखा था.
ब्रिगेडियर उस्मान की युद्ध में निभाई भूमिका को देखते हुए भारत में उन्हें "राष्ट्रीय नायक" भी कहा जाता है. हालांकि दिल्ली में उनकी कब्र की हालत देख सेना भी निराश है. ब्रिगेडियर उस्मान की कब्र कब्रिस्तान के वीआईपी सेक्शन में मौजूद है लेकिन वह खुला हुआ है, जिस वजह से बच्चे वहां क्रिकेट खेलते हैं, पास रहने वाले लोग कब्रिस्तान में ही कपड़ा सुखाते हैं. कब्रिस्तान जिस जगह पर मौजूद है उसी के पास से दिल्ली मेट्रो गुजरती है और बगल वाली सड़क बटला हाउस की तरफ जाती है. पर्याप्त सुरक्षा और चहारदीवारी की कमी के कारण कब्रिस्तान में कई बार नशा करने वाले भी दाखिल हो जाते हैं. ब्रिगेडियर उस्मान की कब्र को देखने पर ऐसा लगता है कि उन्हें इतिहास के पन्नों में भुला दिया गया है, उनकी कब्र पर लगा पत्थर तो टूटा ही है बल्कि आसपास कचरा भी महीनों से जमा है.
"नौशेरा का शेर"
सैन्य इतिहासकारों का कहना है कि अगर वे कुछ दिन और जिंदा रहे होते तो भारत के पहले मुस्लिम सेना प्रमुख बन सकते थे. पाकिस्तान की सरकार ने उन्हें देश की सेना का प्रमुख बनने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी मातृभूमि भारत में ही रहना स्वीकार किया. जामिया मिल्लिया के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर डीडब्ल्यू को बताया, "जामिया कब्रिस्तान में कई महत्वपूर्ण भारतीय हस्तियों की कब्रें हैं, लेकिन उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उनके जीवित रिश्तेदारों के पास है. उन कब्रों की देखरेख जामिया मिल्लिया नहीं करता है."
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के इस्लामी अध्ययन विभाग के प्रोफेसर डॉ. इकदार मोहम्मद खान इस पर कहते हैं, "असली समस्या यह है कि विश्वविद्यालय के आसपास की चीजें भी विश्वविद्यालय से जुड़ी हुई हैं. जब भारत सरकार ने विश्वविद्यालय के वीआईपी कब्रिस्तान में ब्रिगेडियर उस्मान को दफनाने की अनुमति मांगी, तो विश्वविद्यालय ने अनुमति दी लेकिन कब्र की देखभाल का जिम्मा सेना के पास था क्योंकि वे सैन्यकर्मी थे. हालांकि पिछले दो साल से कोई भी यहां नहीं आया है."
प्रोफेसर खान कहते हैं कि विश्वविद्यालय को ब्रिगेडियर उस्मान की कब्र की देखभाल के लिए सरकार या सेना से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती है. यूनिवर्सिटी ने ब्रिगेडियर उस्मान की कब्र में तोड़फोड़ की सूचना सेना को दे दी है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय सेना ने कहा है कि वह राष्ट्रीय नायक की कब्र की देखभाल करने में पूरी तरह सक्षम है.
ब्रिगेडियर उस्मान पर पाकिस्तान ने रखा इनाम
ब्रिगेडियर उस्मान 1947-1948 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मारे गए थे, उस वक्त वे जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में तैनात थे. उस दौरान उन्होंने झंगड़ क्षेत्र से कबायली घुसपैठियों को खदेड़ा और दोबारा उस इलाके पर भारत का कब्जा बहाल किया. 3 जुलाई 1948 को पाकिस्तान सेना की गोलीबारी के दौरान वे नौशेरा में ही मारे गए. मरणोपरांत उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया. जब उनका शव जम्मू-कश्मीर से दिल्ली लाया गया, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सभी प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते हुए ताबूत लेने खुद गए. उनके अंतिम संस्कार में देश के जाने माने लोग शामिल हुए थे, जिनमें सेना प्रमुख और कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे. उनके लिए देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जनाजे की नमाज पढ़ी थी.
15 जुलाई 1912 को आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) में जन्मे मोहम्मद उस्मान 1932 में इंग्लैंड में सैंडहर्स्ट रॉयल मिलिट्री अकादमी में दाखिला लेने वाले भारतीय बैच के अंतिम दस युवाओं में से एक थे. 1935 में उन्हें 23 साल की उम्र में बलोच रेजीमेंट में कमीशन दिया गया. आजादी के समय मुस्लिम होने के नाते उन्हें पाकिस्तानी सेना में शामिल होने का बहुत दबाव डाला गया, उन्हें भविष्य में पाकिस्तानी सेना प्रमुख का पद का भी वादा किया गया था लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया. जब बलोच रेजीमेंट पाकिस्तानी सेना का हिस्सा बन गई तो वे डोगरा रेजीमेंट में शामिल हो गए.
उनकी कब्र के पास लगे शिलालेख पर लिखा है, "भारत के एक बहादुर सपूत ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का शव यहां दफनाया गया है. दशक और पीढ़ियां बीतेंगी, लेकिन उनका मकबरा मातृभूमि के सच्चे और वीर पुत्र के साहस के एक वसीयतनामे के रूप में रहेगा. यह मकबरा आज और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा देता रहेगा."
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा-
सुमी खान
ढाका, 30 दिसंबर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बीच 51वें महानिदेशक-स्तरीय सीमा समन्वय सम्मेलन के समापन के कुछ दिन बाद ही बीजीबी के सदस्यों के साथ कथित गोलीबारी में एक भारतीय व्यक्ति की मौत हो गई।
एक बयान में, बीजीबी मयमेनसिंह सेक्टर 39 के बटालियन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल तौहीद महमूद ने कहा, "मृतक की पहचान 48 वर्षीय डेबिट मोमीन के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह भारत के गारो हिल्स का निवासी है।"
बीजीबी ने पुष्टि करते हुए आईएएनएस को बताया कि यह घटना सोमवार देर रात सूर्यपुर दुमलीकुरा सीमा के 1129-4एस के समीप नो मैन्स लैंड के पास हुई।
लेफ्टिनेंट कर्नल महमूद ने दावा किया कि तस्करों के एक समूह ने रात में हलुआघाट उपजिला सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की।
जब बीजीबी ने उनकी पहचान पूछी, तो उन्होंने भागने की कोशिश की।
उसके बाद बीजीबी के सदस्यों ने उनका पीछा किया, तो उन्होंने तेजधार हथियारों से उनपर हमला किया।
आत्मरक्षा में, बीजीबी सदस्यों ने उन पर गोलीबारी की, जिससे भारतीय तस्कर की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना में बीजीबी का एक सदस्य भी घायल हो गया।
बीजीबी ने यह भी दावा किया है कि गोलीबारी तब हुई, जब तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मृतक के शव को बरामद कर मयमेनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल मुर्दाघर भेज दिया गया। (आईएएनएस)
लंदन, 30 दिसंबर ब्रिटेन ने बुधवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन को देश के दवा नियामक द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी। मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने पाया कि वैक्सीन ने सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के अपने सख्त मानकों को पूरा किया है।
ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी/ एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लागू करने के लिए अपनी व्यापक तैयारी शुरू कर दी है।
ब्रिटेन में फाइजर के बाद ये दूसरी वैक्सीन है जिसे सरकार की मंजूरी मिली है। (आईएएनएस)
104 पूर्व आईएएस अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया है कि धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश के कारण प्रदेश नफरत की राजनीति का केंद्र बन गया है. उन्होंने इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा-
एक सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने ऐसे समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को खत लिखा है जब प्रदेश में कथित "लव जिहाद" पर बने अध्यादेश को एक महीना पूरा हो गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने लिखा है कि विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश ने राज्य को "घृणा, विभाजन और कट्टरता की राजनीति का केंद्र बना दिया है." उन्होंने इस अध्यादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है.
इस खुले पत्र पर 104 से अधिक पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर शामिल हैं. उन्होंने इस पत्र में लिखा, "उत्तर प्रदेश कभी गंगा-जमुनी तहजीब को सींचने को लेकर जाना जाता था, वह अब नफरत, विभाजन और कट्टरता की राजनीति का केंद्र बन गया है. और शासन की संस्थाएं अब सांप्रदायिक जहर में डूबी हुई है."
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस खुले पत्र पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
अध्यादेश वापस लेने की मांग
इस पत्र में कथित तौर पर अल्पसंख्यकों का निशाना बनाने के मामलों का जिक्र है. पत्र में मुरादाबाद की उस घटना का जिक्र है जिसमें दो लोगों को कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्य पुलिस स्टेशन तक घसीटकर ले गए थे. पुलिस ने दोनों को जबरन दबाव बनाकर हिंदू महिला से शादी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
पूर्व नौकरशाहों ने अपने पत्र में लिखा है, "यह अत्याचार, कानून के शासन के लिए समर्पित भारतीयों के आक्रोश की परवाह किए बिना जारी हैं." पत्र के मुताबिक "धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश का इस्तेमाल एक छड़ी के रूप में किया जा रहा है, खासतौर पर उन भारतीय पुरुषों को पीड़ित करने के लिए जो मुस्लिम हैं और महिलाएं हैं जो अपनी आजादी का इस्तेमाल करने की हिम्मत रखती हैं."
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों का कहना है, "इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत अलग-अलग उच्च न्यायालयों ने इस बात पर फैसला सुनाया है कि किसी के जीवनसाथी का चयन करना एक मौलिक अधिकार है. जिसकी गारंटी संविधान के तहत उत्तर प्रदेश को है."