मनोरंजन
मुंबई, 15 सितंबर | अभिनेता अनिल कपूर ने साझा किया कि हिंदी सिनेमा में अपने शुरूआती वर्षों में वह अभिनेता जैकी श्रॉफ को लेकर असुरक्षित थे, जिनके साथ उन्होंने 'अंदर बहार', 'कर्मा' और 'परिंदा' जैसी कई अन्य फिल्मों में काम किया है। अनिल ने 'कॉफी विद करण' सीजन 7 में रहस्योद्घाटन किया, जहां उनके साथ 'जुग जुग जियो' के सह-अभिनेता वरुण धवन थे।
शो के बीच, होस्ट करण जौहर ने अनिल से भाई-भतीजावाद के बारे में सवाल किया तो अनिल कपूर ने भी इसको लेकर खुलकर जवाब दिए।
अनिल ने साझा किया, "मैं इसे गंभीरता से नहीं लेता। आप बस अपना काम करते रहें और आपका काम बोलता है। यदि आप एक अभिनेता हैं तो आप अपने भाई या अपने बेटे को विरासत नहीं दे सकते। यह या तो आपके पास है या तुम्हारे पास नहीं है।"
अनिल ने कहा, "जब मैंने उस समय अपना करियर शुरू किया था, तो निश्चित रूप से सनी देओल थे, संजय दत्त थे।"
जब करण ने जैकी का नाम जोड़ा, जिस पर अनिल ने कहा, "जैकी एक तरह से बाहरी व्यक्ति थे लेकिन फिर भी उन्हें सुभाष घई से पहला ब्रेक मिला। मैं कुछ भूमिकाएं कर रहा था, मैं दक्षिण भारतीय फिल्में कर रहा था। मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। क्यों?"
करण ने फिर अनिल से पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि जैकी एक बाहरी व्यक्ति थे जिन्हें सुभाष घई द्वारा लॉन्च किए जाने का सौभाग्य मिला था? आपको अजीब महसूस हुआ ..?
अनिल ने जवाब दिया, "मैंने अभी भी इसे महसूस किया है। जिस दिन मैंने यश चोपड़ा की फिल्म साइन की मुझे लगा, ओह अब मैं ठीक हूं।"
"क्या आप उस समय जैकी की सफलता के बारे में असुरक्षित महसूस करते थे? करण ने फिर ठहाका लगाया।"
अनिल ने जवाब दिया, "ठीक है, हां। वह एक बहुत बड़े सफल व्यक्ति थे, आज बहुत बड़ा नाम बन गया।"
इसके साथ ही सुपरस्टार ने चैट शो के दौरान कई सारी बातें याद की और अपने पुराने दिनों को याद किया। (आईएएनएस)|
मुंबई, 14 सितंबर | अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने अपनी आने वाली फिल्म 'बबली बाउंसर' को लेकर अपना अनुभव साझा किया और बताया कि उन्होंने इस फिल्म के दौरान बहुत सारी नई चीजें सीखी हैं। 'बबली बाउंसर' एक छोटे से शहर की रहने वाली बबली की कहानी है।
मधुर भंडारकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे बबली दिल्ली में बाउंसर के रूप में अपना करियर बनाने की कोशिश कर रही है।
बबली के रूप में तमन्ना का किरदार बोल्ड और बहादुर है। बुलेट चलाती है, भारी वजन उठाती है और वह सब कुछ कर सकती है जो एक आदमी कर सकता है।
अपने किरदार के लिए उसने कैसे तैयारी की, इस बारे में बात करते हुए, अभिनेत्री ने साझा किया, "मैंने बुलेट चलाना सीखा, इससे पहले, मैंने स्कूटी की सवारी की थी। इसलिए, मुझे लगता है कि सबसे कठिन हिस्सा बुलेट की सवारी करना है क्योंकि यह एक बहुत भारी बाइक है, इसलिए मुझे इसके साथ सहज होने में थोड़ा समय लगा। मैंने बीटबॉक्सिंग भी सीखी और इस तरह से कई सारी अलग अलग चीजें मैंने इसके लिए सीखी।"
स्टार स्टूडियोज और जंगली पिक्च र्स द्वारा निर्मित, 'बबली बाउंसर' में तमन्ना भाटिया, सौरभ शुक्ला, अभिषेक बजाज और साहिल वैद के साथ प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
फिल्म का कॉन्सेप्ट, कहानी और स्क्रीनप्ले अमित जोशी, आराधना देबनाथ और मधुर भंडारकर ने किया है।
'बबली बाउंसर' 23 सितंबर को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 14 सितम्बर | अभिनेत्री वरलक्ष्मी सरथकुमार ने अपने मेकअप मैन रमेश को उनके 50वें जन्मदिन के अवसर पर जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
इंस्टाग्राम पर अभिनेत्री ने कई तस्वीरें पोस्ट कीं और लिखा, "मैं इस आदमी के बारे में क्या कह सकती हूं सिर्फ एक शब्द, वह मेरा सब कुछ है।"
"दिन हो या रात, वह मेरे लिए है, मुझे अच्छा दिखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। इतने सारे चरित्र और रूप मेरे पात्रों के इस एक आदमी की ²ष्टि से ही संभव थे। मुझे उसे यह बताने की जरूरत नहीं है कि क्या करना है और वह करता है यह अपने दम पर।! वह मेरा परिवार है।!"
"मुझे नहीं पता कि मैंने उसके बिना क्या किया होता। वह मेरा दाहिना हाथ है, एक काम करने वाला पिता। वह मेरी रक्षा करता है। वह मेरी परवाह करता है और मैं उससे प्यार करती हूं।"
"50 सिर्फ एक संख्या है। जन्मदिन मुबारक हो रमेश अन्ना। आई लव यू अनन्या। हमेशा मेरे लिए वहां रहने के लिए धन्यवाद!"
वर्कफ्रंट की बात करें तो, वरलक्ष्मी तेलुगु और तमिल फिल्मों की एक श्रृंखला में दिखाई देंगी, जिसमें सामंथा-स्टारर 'यशोदा' और अभिनेता बालकृष्ण की 'एनबीके107' शामिल हैं। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 14 सितम्बर | आने वाली तेलुगू फिल्मों 'स्वाति मुथ्यम' और 'नेनु स्टूडेंट सर!' के निर्माता युवा नायक ने गणेश के जन्मदिन समारोह पर पोस्टर जारी किया। पोस्टर के अलावा, 'स्वातिमुथ्यम' के निमार्ताओं ने घोषणा की है कि वे फिल्म का एक टीजर-ट्रेलर भी जारी करेंगे।
लक्ष्मण के कृष्णा द्वारा निर्देशित और सीथारा एंटरटेनमेंट के तहत नागा वामसी द्वारा निर्मित, 'स्वातिमुथ्यम' दशहरा के लिए 5 अक्टूबर को रिलीज होने के लिए तैयार है।
'नेनू स्टूडेंट सर' की यूनिट ने जारी किया बर्थडे पोस्टर! इसके पहले लुक पोस्टर से उल्लेखनीय रूप से अलग था, जिसे निर्माताओं ने कुछ दिन पहले जारी किया था।
फिल्म के जन्मदिन के पोस्टर में गणेश एक आकर्षक मुस्कान के साथ दिखाई दे रहे हैं।
फिल्म में उन्होंने एक छात्र की भूमिका निभाई है। राखी उप्पलपति द्वारा निर्देशित और एसवी 2 एंटरटेनमेंट के तहत नंदी सतीश वर्मा द्वारा निर्मित, फिल्म वर्तमान में पोस्ट-प्रोडक्शन चरण में है।
यह निर्माता सतीश वर्मा का दूसरा प्रोडक्शन है, जिनकी पहली फिल्म 'नंधी' समीक्षकों द्वारा प्रशंसित व्यावसायिक हिट थी।
कृष्ण चैतन्य ने 'नेनु स्टूडेंट सर' की कहानी लिखी है, जो एक अनोखी थ्रिलर है। महती स्वरा सागर ने इस फिल्म के लिए संगीत दिया है, जिसकी छायांकन अनीत मधादी ने की है। (आईएएनएस)|
(कोमल पंचमटिया और राधिका शर्मा)
मुंबई/नयी दिल्ली, 12 सितंबर। हिंदी फिल्मों का जादू खत्म होने की चर्चाओं और गोमांस पर अभिनेता के पुराने बयान के आधार पर बहिष्कार के आह्वान को पीछे छोड़ते हुए फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा’ जिस तरह का प्रदर्शन कर रही है, उससे संदेश गया है अभी बॉलीवुड को खारिज नहीं किया जा सकता।
सिनेमा उद्योग से जुड़े लोग इस फिल्म के कारोबार पर पैनी नजर रखे हुए थे और ‘‘ब्रहास्त्र’’ ने सप्ताहांत में दुनिया भर में 220 करोड़ रुपये की कमाई की। स्टार स्टूडियोज और धर्मा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट अभिनीत फिल्म पिछले शुक्रवार को रिलीज होने से पहले कई सप्ताह तक विवादों में रही।
रणबीर ने कुछ साल पहले कहा था कि उन्होंने गोमांस खाया है। उनकी इस टिप्पणी के आधार पर पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जब वह और उनकी पत्नी आलिया उज्जैन के महाकाल मंदिर गए। इसने सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे ‘बॉयकॉट ब्रह्मास्त्र’ अभियान को गति दी। लेकिन, स्पष्ट रूप से ऐसा नहीं हुआ और ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ दक्षिण की फिल्मों जैसे ‘‘पुष्पा: द राइज’’, ‘‘केजीएफ: चैप्टर 2’’ और ‘‘आरआरआर’’ जैसी मेगा हिट बन सकती है।
आईनॉक्स लीजर के मुख्य प्रोग्रामिंग अधिकारी राजेंद्र सिंह ज्याला ने कहा, ‘‘यह 'केजीएफ: चैप्टर 2' के बाद सबसे ज्यादा गैर-हॉलिडे ओपनर और दूसरी सबसे ज्यादा ओपनिंग वाली फिल्म है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर बहिष्कार के आह्वान का वास्तव में प्रभाव होता, तो ‘ब्रह्मास्त्र’ ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाती।’’ ज्याला ने कहा कि अगर विषय वस्तु अच्छी है तो किसी फिल्म को हिट होने से कोई नहीं रोक सकता।
अन्य विश्लेषकों ने यह कहते हुए सहमति व्यक्त की कि ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ की शुरुआती सफलता यह संकेत देती है कि बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार के आह्वान की हवा निकल गई है।
अब सवाल यह है कि फिल्म आखिरकार कितना मुनाफा कमाती है। कथित तौर पर 400 करोड़ रुपये में यह भारत में बनी अब तक की सबसे महंगी फिल्मों में से एक मानी जाती है।
जी7 मल्टीप्लेक्स और मराठा मंदिर सिनेमा के कार्यकारी निदेशक मनोज देसाई के अनुसार ‘‘ब्रह्मास्त्र’’ हिंदी फिल्म उद्योग के बुरे दौर को समाप्त कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग सिनेमाघरों में फिल्म देखने आ रहे हैं क्योंकि यह बड़े पर्दे के लायक कहानी है। इसके अलावा इस फिल्म को देखने की उत्सुकता भी है क्योंकि इसे बनाने में कई साल लगे हैं। ऐसा लगता है कि पुराने अच्छे दिन वापस आ गए हैं।’’
इस फिल्म में अभिनेता अमिताभ बच्चन, नागार्जुन और शाहरुख खान भी हैं। देसाई ने कहा कि उन्होंने गैलेक्सी और गेयटी (दोनों में सीट की क्षमता 2,000) में चार शो और 1,100 क्षमता वाले मराठा मंदिर में तीन शो रखे हैं।
यह फिल्म दुनिया भर में 9 सितंबर को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज हुई थी। कम से कम अभी तो इस फिल्म का जादू कायम है। महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद सिनेमाघरों के फिर से खुलने के बाद शायद यह पहली बार है कि फिल्म के लिए और स्क्रीन जोड़े गए हैं।
मल्टीप्लेक्स श्रृंखला का संचालन करने वाली पीवीआर सिनेमाज ने रविवार को इंस्टाग्राम पर कहा कि वह अपने आईमैक्स और पीएक्सएल स्क्रीन पर दो विशेष शो तड़के 2.30 बजे और 2.45 बजे जोड़ रही है।
टिकट खिड़की पर आमिर खान की ‘‘लाल सिंह चड्ढा’’, अक्षय कुमार की ‘‘रक्षा बंधन’’ और विजय देवरकोंडा की ‘‘लाइगर’’ के निराशाजनक प्रदर्शन का हवाला देते हुए, वरिष्ठ फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने कहा, ‘‘बहिष्कार के आह्वान ने तीन-चार फिल्मों के मामले में काम किया लेकिन यह अब मजाक बन गया है।’’
जैसा कि धर्मा प्रोडक्शंस के करण जौहर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विनम्र... आभारी ... फिर भी अपने उत्साह को रोक नहीं सकता। धन्यवाद।’’ फिल्मकार हंसल मेहता ने टिकटों की व्यवस्था कर पाने में अपनी परेशानी के बारे में बताया।
मेहता ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘मुझे ब्रह्मास्त्र बहुत अच्छी लगी। पिछली रात के शो के लिए टिकट हासिल करने में नाकाम रहने के बाद लगभग 60-70 प्रतिशत फुल मॉर्निंग शो के लिए सिनेमा हॉल में जाने में मुझे और भी अधिक मजा आया...और उसी मल्टीप्लेक्स में बाद के शो के लिए लंबी कतारें थी। दूसरा भाग बहुत बड़ा होने जा रहा है।’’
मुंबई के एक सिनेमा हॉल में पहले दिन पहला शो देखने वाले एक दर्शक ने कहा, ‘‘फिल्म में फंतासी और आज के समय को जोड़ कर बनी कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। फिल्म का अंत थोड़ा भारी है लेकिन कम से कम यह कुछ देसी और मूल विषयवस्तु है।’’
उज्जैन में महाकाल मंदिर में प्रवेश करने से रोकने वाले विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए, आलिया ने पिछले हफ्ते दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘कोई नकारात्मक माहौल नहीं है। ऐसा कुछ भी नहीं है। फिल्म रिलीज करने के लिए यह शानदार माहौल है...।’’
हालिया समय में हिंदी फिल्मों के अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने से जुड़े सवाल पर रणबीर ने कहा, ‘‘अगर कोई फिल्म नहीं चलती है, तो कोई और वजह नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विषयवस्तु अच्छी नहीं है...मैं अपनी फिल्म का ही उदाहरण दूंगा। मैं अन्य फिल्मों के बारे में बात नहीं करूंगा। कुछ सप्ताह पहले मेरी फिल्म ‘शमशेरा’ रिलीज हुई थी... फिल्म टिकट खिड़की पर नहीं चली। शायद इसलिए कि दर्शकों को फिल्म पसंद नहीं आई।’’
शाहरूख खान ने ‘ब्रह्मास्त्र’ में अतिथि भूमिका निभाई है। हाल में वह ‘‘रॉकेट्री: द नंबी इफैक्ट’’ और ‘‘लाल सिंह चड्ढा’’ में भी मेहमान भूमिका में नजर आए थे। खान की आखिरी फिल्म 2018 में ‘जीरो’ आई थी।
‘ब्रह्मास्त्र’ में बच्चन और नागार्जुन जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी से भी इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली। चटर्जी ने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि लोग शाहरूख खान की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। अगले साल उनकी आने वाली फिल्म के लिए अब उत्सुकता बढ़ जाएगी।’’
सकारात्मक प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करते हुए, ज्याला ने कहा, ‘‘यह बड़ी फिल्म है, दृश्य अच्छे हैं। फिल्म के दो-तीन गाने रिलीज होने से पहले हिट हो गए थे। इन सभी कारकों ने मिश्रित समीक्षाओं और बहिष्कार के आह्वान के बावजूद काम किया है। आम दर्शकों को इस सब की परवाह नहीं है।’’
चटर्जी के विचार में, यह ‘‘प्रकाश बनाम अंधकार’’ की पारंपरिक लड़ाई की ओर बढ़ने वाली फिल्म है। यदि ‘ब्रह्मास्त्र’ आगे भी अच्छा प्रदर्शन करती है तो यह सिनेमा उद्योग के लिए अच्छी खबर है जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। (भाषा)
मुंबई, 12 सितंबर | रणबीर कपूर-आलिया भट्ट-स्टारर 'ब्रह्मास्त्र: पार्ट 1 - शिवा' को भले ही मिली-जुली समीक्षा मिली हो, लेकिन इसकी कमाई अच्छी हो रही है। 'बॉलीवुड हंगामा' के मुताबिक, ट्रेड मीडिया द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों के अनुसार, अयान मुखर्जी की महत्वाकांक्षी फिल्म ने अपने पहले सप्ताहांत में 125 करोड़ रुपये की कमाई की है - पहले दिन 37 करोड़ रुपये, दूसरे दिन 42 करोड़ रुपये और रविवार को 46 करोड़ रुपये।
सभी ट्रेड मीडिया वेबसाइटों पर इसी तरह के आंकड़े दिए गए हैं, जिन्होंने ये भी कहा है कि 'ब्रह्मास्त्र' के साथ, रणबीर कपूर ने अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ 'संजू' को पीछे छोड़ते हुए अपना नंबर 1 ओपनिंग वीकेंड दिया है।
फिल्म का वैश्विक बॉक्स-ऑफिस संग्रह समान रूप से प्रभावशाली रहा है।
'पिंकविला' की रिपोर्ट के अनुसार, अपने पहले दो दिनों में, फिल्म ने मौजूदा विनिमय दर पर 6.315 मिलियन डॉलर या 49 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें यूएस/कनाडा का बाजार 3.55 मिलियन डॉलर और उसके बाद मध्य पूर्व में 1.125 मिलियन डॉलर था।
अगर ग्लोबल कलेक्शन (हालांकि यह दो दिनों का है) को घरेलू आंकड़े में जोड़ दिया जाए, तो फिल्म की कुल कमाई करीब 175 करोड़ रुपये हो जाती है।
इसलिए यह 2022 में रिलीज हुई हिंदी फिल्मों में 'द कश्मीर फाइल्स' (337.2 करोड़ रुपये) और 'भूल भुलैया 2' (262.5 करोड़ रुपये) के बाद नंबर 3 पर है।
'ब्रह्मास्त्र' के लिए अच्छी खबर यह है कि 30 सितंबर को ऋतिक रोशन, सैफ अली खान अभिनीत 'विक्रम वेधा' तक कोई बड़ी फिल्म रिलीज होने की उम्मीद नहीं है।
देखना होगा कि सोमवार को फिल्म का प्रदर्शन कैसा रहता है। व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि सोमवार को 16 करोड़ रुपये का घरेलू संग्रह फिल्म के लिए ठीक ठाक कमाई है।
'बॉलीवुड हंगामा' के अनुसार, 125 करोड़ रुपये में से, 'ब्रह्मास्त्र' ने दक्षिण भारतीय डब संस्करण से लगभग 16 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। (आईएएनएस)|
मुंबई, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| अभिनेता अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर, जिन्होंने हाल ही में एक रोमांचक थ्रिलर 'द लेडीकिलर' की शूटिंग पूरी की है, ने एक और फिल्म साइन की है जिसमें दोनों साथ साथ हैं। इस नई फिल्म पर काम शुरू करने के लिए कलाकार लंदन के लिए रवाना हो गए हैं।
बिना शीर्षक वाली रोमांटिक कॉमेडी में बेहद मजेदार और मनोरंजक दोनों भूमिकाएं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का निर्देशन मुदस्सर अजीज करेंगे। हालांकि इस परियोजना के बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।
अर्जुन और भूमि 12 सितंबर के बाद इस प्रोजेक्ट की शूटिंग शुरू करेंगे और लगभग 30 दिनों तक लंदन और उसके आसपास शूटिंग करेंगे।
फिल्म की शूटिंग मुंबई और शायद भारत के कुछ और शहरों में भी की जाएगी। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 10 सितंबर | निर्देशक राजू मुरुगन की 'जोकर' जैसी प्रशंसित फिल्मों में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए जानी जाने वाली 'बिग बॉस' की प्रतिभागी और अभिनेत्री रम्या पंडियन ने निशानेबाजी खेल के प्रति आकर्षित हुई हैं। अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर शनिवार को शूटिंग रेंज पर अपनी कई तस्वीरें पोस्ट कीं और कहा, "जब अप्रत्याशित चीजें आपको आश्चर्यचकित करती हैं, तो ऐसा कुछ नहीं होता है। पिछले सप्ताहांत में मैंने राजशेखर पंडियन सर को धन्यवाद देते हुए एक नया पैशन अपनाया है।"
"मुझे रेंज में रखने, मुझे सिखाने और मुझे प्रेरित करने के लिए धन्यवाद। मेरा पहली बार, वह भी एक बंदूक के साथ - एंटोलियो जोली, 175वीं वर्षगांठ संस्करण, दुनिया की एकमात्र सौ बंदूकों में से एक - यह एक अद्भुत अनुभव रहा है रॉयल पुदुक्कोट्टई स्पोर्ट्स क्लब, त्रिची में। एक महान मेजबान होने के लिए पृथ्वीराज तोंडईमन को धन्यवाद।"
"और अब, आरपीएससी की एक मानद सदस्य मेरी कल्पना से परे है। यह अध्याय चेन्नई में जारी रखा जाना है।"
अभिनेत्री ने शूटिंग रेंज में अपने फायरिंग शॉट्स की एक वीडियो क्लिप भी पोस्ट की। वीडियो में मशहूर प्रोड्यूसर राजशेखर पंडियन भी अभिनेत्री को गाइड करते नजर आ रहे हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 9 सितम्बर | निर्देशक हरीश नारायण और हरि शंकर की बहुप्रतीक्षित अखिल भारतीय फिल्म, 'यशोदा' का टीजर सामने आ गया है, इस फिल्म में मुख्य भूमिका में साउथ सुपरस्टार सामंथा रूथ प्रभु हैं।
मनोरंजक टीजर की शुरूआत सामंथा से होती है, जो यशोदा की भूमिका निभाती है, उसे पता चलता है कि वह गर्भवती है और डॉक्टर उनको गर्भवास्था के कुछ नियम बताते हैं।
डॉक्टर याशोदा से कहती है, "पहले तीन महीनों में, आपको बहुत सावधान रहना होगा। आपको समय पर खाना होगा और शांति से सोना होगा। आपको ध्यान से चलना होगा और हर कदम पर ध्यान देना होगा। आप वजन नहीं उठा सकते। आप जो कुछ भी करते हैं, सुनिश्चित करें कि आप चोट मत करो। आपको अचानक चौंकना या डरना नहीं चाहिए। खुश रहें और हमेशा मुस्कुराते रहें।"
डॉक्टर के हर निर्देश के बाद एक एक्शन सीक्वेंस की एक झलक दिखाई देती है जिसमें यशोदा को डॉक्टर की सलाह के ठीक विपरीत करते हुए दिखाया गया है।
रोमांचकारी टीजर यह आभास देता है कि यशोदा किसी तरह के नश्वर खतरे में है और उसे अपने अस्तित्व के लिए लड़ना है।
कहने की जरूरत नहीं है कि टीजर ने प्रशंसकों को उत्साहित कर दिया है।
सोशल मीडिया पर टीजर जारी करने वाली सामंथा ने लिखा, "ताकत, इच्छाशक्ति और एड्रेनालाईन!"
सामन्था के अलावा अखिल भारतीय फिल्म में उन्नी मुकुंदन और वरलक्ष्मी सरथकुमार भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
श्रीदेवी मूवीज के बैनर तले शिवलेंका कृष्ण प्रसाद द्वारा निर्मित, फिल्म में संगीत मणि शर्मा का है और छायांकन सुकुमार द्वारा किया गया है। (आईएएनएस)|
मुंबई, 9 सितम्बर | अभिनेत्री और 'बिग बॉस 13' की पूर्व सनसनी शहनाज गिल चाहती हैं कि नॉर्स देवता थोर उन पर थोड़ा ध्यान दें।
अपने वर्कआउट को आगे बढ़ाते हुए, गिल, एक वीडियो में, नताली पोर्टमैन की तरह दिखने के लिए कसरत के नियमों की नई शैलियों की कोशिश करते हुए दिखाई दे रही है, जो फिल्म 'थॉर: लव एंड थंडर' में थोर की प्रेम रुचि जेन फोस्टर की भूमिका निभाती है।
गिल ने कहा, "मैं चाहती हूं की थोर इस कौर पे भी थोड़ा ध्यान दे! तो मैं भी नताली पोर्टमैन जैसे कोई वर्कआउट-शर्कआउट कर ही लेती हूं (मैं चाहती हूं कि थोर इस कौर पर थोड़ा ध्यान दें। इसलिए, मैं नताली पोर्टमैन की तरह काम करना शुरू कर दूंगी)"।
यह स्वीकार करते हुए कि फिल्म रोमांस, कॉमेडी और एक्शन के साथ एक चौतरफा मनोरंजन है, शहनाज ने कहा, "थोर सुपरहीरो ही नहीं, वो थंडर का भगवान भी है! बाय गॉड!"
शहनाज ने यह भी कहा कि थोर उनसे ज्यादा मजेदार है।
गिल ने कहा, "और उसकी कॉमेडी उफ्फ! मेरे से भी ज्यादा मजेदार है बंदा। हसा हसा के ने उन्होंने पेट दुखा दिया है।"
यह फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर 8 सितंबर को रिलीज हुई थी।
इसे तायका वेट्टी द्वारा निर्देशित किया गया है, जिसकी पटकथा वेट्टी और जेनिफर कायटिन रॉबिन्सन ने बनाई है। (आईएएनएस)|
-डेविड ग्रिटेन
सऊदी अरब समेत खाड़ी के देशों ने नेटफ़्लिक्स से ये मांग की है कि वो अपने प्लेटफ़ॉर्म से ऐसी सभी सामग्री हटा ले जो 'इस्लामी और सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों' का उल्लंघन करते हैं.
सऊदी अरब की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नेटफ़्लिक्स पर हाल ही में ऐसे कन्टेंट जारी किए गए हैं जो नियमों का उल्लंघन करते हैं. इनमें बच्चों के लिए बनाए गए कन्टेंट भी शामिल है.
सऊदी अरब और 'गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल मीडिया वॉचडॉग्स' ने एक बयान जारी कर नेटफ़्लिक्स को इस मुद्दे पर चेतावनी भी दी है.
हालांकि इस बयान में 'इस्लामी और सामाजिक मूल्यों और सिद्धांतों' के उल्लंघन को लेकर विस्तार से कुछ नहीं कहा गया है.
लेकिन सऊदी अरब के सरकारी टेलीविज़न पर एनीमेटेड शो 'जुरासिक वर्ल्ड- कैंप क्रीटेसियस' के ब्लर किए गए क्लिप्स दिखाए गए हैं जिनमें दो किशोर लड़कियां एक दूसरे के लिए अपनी मोहब्बत का इज़हार करती हैं और एक दूसरे को चूमती हैं.
नेटफ़्लिक्स को चेतावनी
'अल एख़बारिया' टीवी पर दिखाई गई एक रिपोर्ट में विवादास्पद फ़्रेंच फ़िल्म 'क्यूटीज़' के फुटेज दिखाए गए हैं.
इस रिपोर्ट में न्यूज़ चैनल ने नेटफ़्लिक्स पर ऐसे अनैतिक संदेश दिखलाने का आरोप लगाया है जिससे बच्चों की स्वस्थ परवरिश को ख़तरा है.
'अल एख़बारिया' की वेबसाइट पर दिखाए गए एक दूसरे वीडियो में ये आरोप लगाया है कि "नेटफ़्लिक्स समलैंगिकों को ज़रूरत से ज़्यादा तवज्जो देकर समलैंगिकता को बढ़ावा दे रहा" है.
इसके टीवी चैनल पर कई सार्वजनिक शख़्सियतों के इंटरव्यू दिखाए गए हैं जिन्होंने नेटफ़्लिक्स पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं और सरकार से फौरन कार्रवाई की मांग की है.
नेटफ़्लिक्स की ओर से कोई जवाब नहीं
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर निगरानी रखने वाली गल्फ़ को-ऑपरेशन काउंसिल की कमेटी और सऊदी जनरल कमीशन फ़ॉर ऑडियोविज़ुअल मीडिया के अधिकारियों ने एक साझा बयान में कहा, "बच्चों पर असर डालने वाली सामग्री समेत इस कन्टेंट को हटाने के लिए नेटफ़्लिक्स से संपर्क किया गया है ताकि क़ानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके."
चेतावनी में कहा गया है, "सरकार इस बात पर नज़र रखेगी कि उसके निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं और इस्लामी मूल्यों और सिद्धांतों के उल्लंघन करने वाली सामग्री का प्रसारण जारी रहता है तो ज़रूरी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी."
नेटफ़्लिक्स ने अभी तक इन आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया है.
हालांकि सुन्नी मुसलमानों की बहुलता वाले सऊदी अरब में यौन रुझान या लैंगिक पहचान, विवाह के बाहर के यौन संबंधों, समलैंगिक यौन संबंधों को लेकर कोई क़ानून नहीं है लेकिन ऐसे संबंध वहां कठोरता के साथ प्रतिबंधित हैं.
पहले भी लगाई गई हैं पाबंदियां
सऊदी अरब में लागू शरिया क़ानून के अनुसार सहमति से किए जाने वाले समलैंगिक यौन संबंधों की सज़ा मामले की गंभीरता के अनुसार मारने-पीटने से लेकर मृत्यु दंड तक दी जा सकती है.
अप्रैल में सऊदी अरब में 'डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टिवर्स ऑफ़ मैडनेस' की रिलीज़ रोक दी गई क्योंकि फ़िल्म बनाने वाली कंपनी डिज़्नी ने सऊदी सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया था जिसमें एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े दृश्य हटाने की मांग की गई थी.
जून में एनीमेशन फ़िल्म लाइटईयर पर संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि उनमें समलैंगिक जोड़े को किस करते हुए दिखाया गया था.
इस बीच पिछले महीने सऊदी अरब ने यूट्यूब पर भी आरोप लगाया है कि वो 'इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन करने वाले ग़ैरवाजिब विज्ञापनों' को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर दिखा रहा है.(bbc.com/hindi)
चेन्नई, 9 सितंबर | प्रसिद्ध अभिनेत्री खुशबू ने अपनी दोस्त और निर्देशक बृंदा मास्टर की तारीफ करते हुए अपना बयान दिया और बताया कि कैसे बृंदा मास्टर अपना हर काम पूरी ईमानदारी से करती हैं। खुशबू के अलावा दूसरे सितारों ने भी बृंदा की जमकर तारीफ की। तमिल फिल्म 'कुमारी मावात्तिन ठग' के निर्माताओं द्वारा बुलाए गए एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए, खुशबू ने कहा, "वृंदा का एक और पक्ष है जिसे केवल हम जानते हैं" उन्होंने हंसते हुए कहा कि महिला निर्देशक का एक कठिन पक्ष था जो केवल जिन लोगों ने उनके साथ काम किया था, वे ही जानते हैं।
"वह कभी भी सर्वश्रेष्ठ से कम कुछ भी नहीं देती है। अगर किसी कार्य के लिए 100 प्रतिशत की आवश्यकता होती है, तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि बृंदा उसे 200 प्रतिशत देगी। वह यह साबित करके सभी को मंत्रमुग्ध करने वाली है कि महिला फिल्म निर्माता इस तरह का काम करने में सक्षम हैं।"
निर्देशक देशसिंह पेरियासामी ने कहा, "बृंदा मास्टर ने बहुत कम समय में इस फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है। मुझे इस फिल्म की कहानी पता है, और यह एक शानदार एक्शन थ्रिलर है। मैं पूरी टीम को इस फिल्म की सफलता की कामना करता हूं।"
बृंदा मास्टर की तारीफ यहां मौजूद सभी ने की, इसी लिस्ट में अभिनेत्री पूर्णिमा भाग्यराज ने भी अपना पक्ष रखा।
पूर्णिमा भाग्यराज ने कहा, "निर्देशक बृंदा मास्टर के पास एक विजन है और हमेशा पूर्णता के साथ काम करती हैं। वह निश्चित रूप से भारतीय फिल्म उद्योग में बेहतरीन फिल्म निर्माताओं में से एक के रूप में प्रशंसा जीतेंगी। मैं पूरी टीम की सफलता की कामना करती हूं।" (आईएएनएस)
मुंबई, 9 सितंबर | शुक्रवार को रिलीज हुए 'थैंक गॉड' के ट्रेलर में सात पापों को कमजोरी के रूप में चिह्न्ति किया गया है। 25 अक्टूबर को रिलीज होने वाली अजय देवगन और सिद्धार्थ मल्होत्रा अभिनीत फिल्म एक मजेदार मनोरंजन का वादा करती है। इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म के तीन मिनट से अधिक के ट्रेलर की शुरूआत सिद्धार्थ के चरित्र के एक कार दुर्घटना और फिर चित्रगुप्त द्वारा होस्ट किए गए जीवन के खेल में कदम रखने से होती है। अजय देवगन अपनी सभी कमजोरियों को गिनता है, जो अंतत: उसके भाग्य का फैसला करता है -- नर्क या स्वर्ग में जाने के लिए।
ट्रेलर में नोरा फतेही भी हैं, जो सिद्धार्थ में "वासना" या "लस्ट" को देखने के लिए एक "अप्सरा" की भूमिका निभा रही हैं।
तब अजय को यह कहते हुए सुना जाता है, "पराई औरत को बहन और मां की नजर से देखना चाहिए"।
इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित टी-सीरीज फिल्म्स और मारुति इंटरनेशनल प्रोडक्शन, 'थैंक गॉड', भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अशोक ठकेरिया, सुनीर खेतरपाल, दीपक मुकुट, आनंद पंडित और माकर्ंड अधिकारी द्वारा निर्मित और यश शाह द्वारा सह-निर्मित है।
फिल्म इस दिवाली 25 अक्टूबर, 2022 को रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार है। (आईएएनएस)
मुंबई, 9 सितंबर | अनुष्का शर्मा ने अपने स्टार क्रिकेटर पति विराट कोहली से वादा किया है कि वह हर चीज में हमेशा उनके साथ' हैं। विराट ने गुरुवार को एशिया कप 2022 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 71 वां शतक लगाया। अनुष्का ने इंस्टाग्राम पर मैच से विराट की कई तस्वीरें पोस्ट कीं।
उन्होंने लिखा, "हमेशा आपके साथ किसी भी और हर चीज (दिल और अनंत इमोजी) में।"
पोस्ट का जवाब देते हुए, विराट ने रेड-हार्ट इमोजीस भेजे।
विराट कोहली ने 1020 दिनों बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जमाया। साथ ही भारत को अफगानिस्तान के खिलाफ सिर्फ 61 गेंदों में करियर की सर्वश्रेष्ठ 122 रन की पारी के साथ भारत को अफगानिस्तान के खिलाफ 212/2 पर पहुंचा दिया।
अभिनय के मोर्चे पर अनुष्का, अगली बार प्रोसित रॉय द्वारा निर्देशित 'चकड़ा एक्सप्रेस' में दिखाई देंगी। (आईएएनएस)
-वंदना
ये थी फ़िल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ दी ईयर' की शनाया सिंघानिया यानी आलिया भट्ट का एक डायलॉग. फ़िल्म में शनाया एक फ़ैंटसी कॉलेज में पढ़ने वाली अमीर लड़की है जिसकी ज़िंदगी डिज़ाइनर कपड़ों, महंगी गाड़ियों, ओवर द टॉप लाइफ़स्टाइल और अपने बॉयफ़्रेंड के इर्द-गिर्द घूमती है.
जब दस साल पहले 2012 में आलिया भट्ट ने 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' में डेब्यू किया था तो स्टार किड आलिया को कम ही लोगों ने संजीदगी से लिया. अगर तब के रिव्यू पढ़ें तो उनके बारे में कुछ यूं लिखा गया था, "आलिया भट्ट के पास एक्टिंग स्किल नहीं है और न ही स्क्रीन प्रेज़ेंस", या अगर तारीफ़ भी हुई तो इस तरह से कि "आलिया अपनी क्यूटनेस और एक तरह के नौसिखएपन से दर्शकों को जीत लेती हैं."
लेकिन आलिया की एक्टिंग को लेकर कुछ ख़ास नहीं कहा गया. फिर 2014 में दो साल बाद ही आई फ़िल्म 'हाइवे.'
फ़िल्म में एक अमीर, रसूखदार परिवार की लाडली बेटी वीरां (आलिया भट्ट) जिसका अपहरण हो जाता है. तीन लोगों का ख़ून कर चुका एक क़ातिल किडनैपर (रणदीप हुड्डा), हाइवे का लंबा सफ़र और एक लड़की जो इस क़ैद भरे सफ़र में ख़ुद को और अपनी ज़िंदगी के सवालों के जवाब तलाशने लगती है, और फिर सामने आते हैं कई कड़वे सच.
वो लंबी चीख और लंबा मोनोलॉग जब वीरां बचपन में हुए यौन शोषण की दास्तां एक अजनबी क़ातिल को सुनाती है. ये बात बरसों से उसे अंदर ही अंदर उसे खाए जा रही थी.
वो कहती है, "मैं नौ साल की थी. वो इम्पोर्टेड चॉकलेट लाते थे, मेरे अंकल. मुझे गोद में बिठाकर प्यार करते थे, अकेले में बाथरूम के अंदर. चीखती थी मैं, पर वो मेरा मुँह बंद कर देते थे ताकि मेरी चीख बाहर न निकले. बहुत दर्द होता था. बस... बस हो गया... ये कहते थे. बेस्ट लड़की है तू दुनिया की. बार-बार आते थे. बोला किसी से न कहना. एक दिन मैंने मम्मी को बोल दिया. बताया मैंने उन्हें. मम्मी ने कहा किसी से न कहना. उसके बाद वो बंद हो गया. फिर भी वो आते रहे चॉकलेट लेकर. वो मुझे प्यार करते हैं. मैं हंसती हूँ. उनको नमस्ते करो, उनके पैर छुओ. उन्हीं के बीच में रहना है."
देखने वालों को यकीन ही नहीं हुआ कि दो सालों में शनाया से वीरां तक का आलिया भट्ट का कायाकल्प कैसे हो गया.
फ़िल्म 'हाइवे' में अनजान रास्तों पर चलने की हिम्मत दिखाने वाली यही आलिया आज हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री की टॉप हीरोइन बन चुकी हैं. और 'डार्लिंग्स' फ़िल्म के साथ अब वो प्रोड्यूसर भी बन गई हैं. अब तक वो चार फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड जीत चुकी हैं, फ़ोर्ब्स इंडिया 100 की लिस्ट में शुमार हैं और बच्चों के कपड़ों की अपनी कंपनी के साथ एक बिज़नसवुमन भी हैं.
और अब वो मां भी बनने वाली है. 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' से लेकर 'ब्रह्मास्त्र' तक आलिया ने लंबा सफ़र तय किया है.
'डार्लिंग्स' में 29 साल की आलिया के साथ काम करने वाली अभिनेत्री शेफ़ाली शाह कहती हैं, "जब मैंने आलिया के साथ काम किया तो मुझे हैरानी हुई है कि वो कितनी ज़्यादा अनुभवी हैं और अपने काम में कितनी बेहतरीन है. एक को-एक्टर के तौर पर मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा. आलिया डार्लिंग्स की प्रोड्यूसर भी हैं. लेकिन जब वो सेट पर होती थीं तब प्रोड्यूसर वाला चेहरा ग़ायब हो जाता था. वो सिर्फ़ एक्टर के रूप में पेश आती थीं."
बतौर एक्टर आलिया के काम पर नज़र डालें तो उन्होंने जहां रोमांटिक और कॉमेडी फ़िल्में की वहीं अनोखी फ़िल्मों पर भी दांव लगाया. उनकी असल ज़िंदगी और पृष्ठभूमि भी अनोखी रही है.
आलिया का सफ़र
उम्र - 29 साल
पिता- महेश भट्ट, गुजरात से
माँ- सोनी राज़दान, आधी कश्मीरी, आधी जर्मन
2017 से तीन बार फोर्ब्स इंडिया की लिस्ट में रही हैं.
साल 2019 की फोर्ब्स की सेलिब्रिटी 100 लिस्ट में 8वें नंबर पर रहीं.
अब तक की सबसे अधिक बिज़नेस करने वाली फ़िल्म 'गली बॉय'.
आलिया का जर्मन कनेक्शन
आलिया का नाता गुजरात से लेकर जर्मनी तक का है. गुजरात से आया पिता महेश भट्ट का परिवार तो दशकों से फ़िल्मों में रहा है. वहीं उनकी माँ सोनी राज़दान आधी कश्मीरी और आधी जर्मन हैं.
इसलिए जब भी आलिया की फ़िल्में बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में चुनी गईं, उनके लिए वो पल ख़ास रहा.
आलिया की जर्मन जड़ों के बारे में महेश भट्ट ने लिखा था, "पेड़ की शाखाओं की तरह ही हम इंसान भी अलग-अलग दिशाओं में बढ़ते हैं. फिर भी जड़ें वही रहती हैं. आलिया तुम्हारी फ़िल्में 'हाइवे' और 'गली बॉय' बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में गईं. वही जर्मनी जहाँ तुम्हारी नानी का जन्म हुआ था. फ़िल्म 'हाइवे' में जो विद्रोही तेवर आलिया ने दिखाए, वो तेवर तो दरअसल आलिया को अपने परनाना से विरासत में मिले हैं. आलिया ने परनाना ने नाज़ियों से टक्कर ली थी और उन्हें इसकी बहुत बड़ी क़ीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी थी. वो हिटलर के ख़िलाफ़ अंडरग्राउंड अख़बार चलाते थे, पकड़े जाने पर उन्हें दो साल के लिए जेल में डाल दिया गया था."
आलिया ख़ुद भी अपनी नानी के साथ फ़ोटो शेयर करती रहती हैं और अभी अप्रैल में ही उनके 93वें जन्मदिन पर सोनी राज़दान ने भी फोटो डाला था.
ख़ैर बात आलिया भट्ट के सफ़र की हो रही है तो 10 सालों में उन्होंने बहुतों को ग़लत साबित करते हुए ख़ुद को ज़बरदस्त तरीके से टॉप लीग में स्थापित किया है.
बॉलीवुड में आलिया का सफर
1999- संघर्ष (बाल कलाकार)
2012- स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर
2014- हाइवे (फ़िल्मफ़ेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड)
2016- उड़ता पंजाब (फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड)
2018- राज़ी (फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड)
2019- गली बॉय (फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड)
2022- गंगूबाई काठियावाड़ी
2022- डार्लिंग्स (प्रोड्यूसर)
'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' से 'ब्रह्मास्त्र' तक
1999 में फ़िल्म 'संघर्ष' में बतौर बाल कलाकार स्क्रीन पर दिखने वाली आलिया आज एक ऐसी अभिनेत्री के तौर जानी जाती है जिसके पास रोल को समझने की सलाहियत है, अभिनय कौशल है, लीक से हटकर काम करने की हिम्मत है, अपने दम पर फ़िल्म हिट कराने की कुव्वत और लोगों को चौंकाने का हुनर है.
क्रोनोलॉजी से ही समझें तो शुरुआत में 'टू स्टेट्स' (2014), 'हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया' (2014) में शहरी लड़की का किरदार निभाने वाली आलिया को जब 2016 में दर्शकों ने 'उड़ता पंजाब' में एक ग़रीब बिहारी प्रवासी लड़की के रोल में देखा तो वो विश्वास न कर पाए.
"तो का हम राह भूल के आएं हैं, हैं, हमार सुनबा ना तो ****फाट जाई", भोजपुरी लहज़े में बात करते हुए वो लड़की आलिया नहीं बिहार से पंजाब के खेतों में काम करने आई बऊरिया ही लगती है.
वहीं 'डीयर जिंदगी' (2016) की कायरा (आलिया भट्ट) जिसके सपने तो चांद छूने के है लेकिन बचपन से ही पारिवारिक रिश्तों में चोट खाई कायरा आख़िरकर ख़ुद को टटोलते हुए एक मनौवैज्ञानिक के दरवाज़े तक पहुँच जाती है.
कायरा कहती है, "बचपन में जब रोना आता है तो बड़े बोलते हैं आंसू पोछो, जब ग़ुस्सा आता है तो बड़े कहते हैं स्माइल ताकि घर की शांति बनी रहे. नफ़रत करना चाहा तो इजाज़त नहीं दी. अब जब प्यार करना चाहा तो पता चला कि इमोशनल सिस्टम ही गड़बड़ा गया, काम नहीं कर रहा. रोना, ग़ुस्सा, नफ़रत कुछ भी एक्सप्रेस नहीं करने दिया."
अपनी कमज़ोरियों और कशमकश का सामना करती कायरा जब ये सवाल करती है तो बहुतों ने कायरा में अपनी ही झलक देखी.
वहीं फ़िल्म 'राज़ी' (2018) का उनका किरदार गोवा की मॉर्डन और काल्पनिक कायरा से कोसों दूर था. सहमत ख़ान का ये असल किरदार 70 के दशक में बसा है. कहते हैं असल किरदारों को निभाना एक अलग चुनौती होती है. 'राज़ी' पाकिस्तान जाकर काम करने वाली एक महिला जासूस की असल ज़िंदगी पर बनी फ़िल्म थी.
फ़िल्म के एक सीन में जब सहमत के पाकिस्तानी पति (विक्की कौशल) पर भारतीय जासूस होने की बात ज़ाहिर हो जाती है और वो सवाल पूछता है कि क्या उनके बीच का प्यार कभी सच्चा था, तो सहमत जवाब देती है, "मैं अगर सच कहूं भी तो क्या आप मेरा ऐतबार कर लेंगे? मगर सबसे बड़ा सच ये है कि हिंदुस्तान से आगे मेरे लिए कुछ नहीं."
वफ़ाओं के बंटवारे का दर्द, अपनों को धोखा देने की ग्लानि और बेचारगी, फ़र्ज़ को लेकर निश्चतिता- सभी भावनाओं का पूरा सैलाब आलिया ने उस एक दृश्य में उड़ेल कर रख दिया था.
आलिया ने सहमत ख़ान के किरदार को अपनी आंखों, अपनी ख़ामोशी, अपनी बॉडी लैंग्वेज और संवादों से बहुत ख़ूबसूरती से जिया.
आलिया का अभिनय कौशल
अलग-अलग तरह के किरदार निभाने की बात करें तो 'राज़ी' के समकक्ष 'गली बॉय' खड़ी मिलती है. इसमें आलिया मुंबई की झुग्गी, धारावी की बस्ती में रहने वाली सफ़ीना का किरदार निभाती हैं जो खुद्दार है पर थोड़ी-सी सरफ़िरी भी.
अपने बॉयफ़्रेंड के इर्दगिर्द फटकने वाली लड़की को वो पटकती है और कहती है, "मेरे बॉयफ्रेंड से कोई गुलुगुलु करेगा तो धोपटूऊँगी न."
किरदार में ख़ुद को ढाल लेने की कला को आलिया ने 'राज़ी' के जिस छोर पर छोड़ा था, 'गंगूबाई काठियावाड़ी' (2022) में एक सेक्सवर्कर और फिर उनकी मुखिया बनी आलिया उस कला को बिल्कुल दूसरे छोर पर ले गई हैं.
जिस धाक के साथ आलिया कहती है, "कमाठीपुरा में न, कभी अमावस की रात नहीं होती है, पूछो क्यों. क्योंकि वहाँ गंगू रहती है. गंगू चाँद थी और चाँद ही रहेगी"
फ़िल्म में आलिया कब पूरी तरह गंगू बन जाती है पता ही नहीं चलता.
आलिया की फ़िल्में भारत में ही नहीं विदेशों में भी अच्छा कारोबार करने लगी हैं.
वे कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि आलिया की फ़िल्में फ़्लॉप नहीं हुई. 'सड़क-2' और 'कलंक' नहीं चली. उनके करियर में कई सारी दिक्कतें आईं. लागत और कमाई के हिसाब से 'गंगूबाई काठियावाड़ी' भी बहुत बड़ी हिट नहीं कहलाएगी. लेकिन फिर भी आलिया अपने दम पर लोगों को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब रहीं जो बड़ी बात है. लोग भले ही कहें कि वो नेपोटिज़्म से आई हैं और वो है. मसलन 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' में सिद्धार्थ मल्होत्रा को कम पैसे मिले और आलिया को ज़्यादा. वो महेश भट्ट की बेटी हैं. इसलिए फ़र्क तो पड़ ही जाता है. लेकिन जब कोई कलाकार अपनी फ़िल्मों से अपना स्टारडम बना लेता है तो फिर वो अलग ही श्रेणी में प्रवेश कर जाता है जैसा आलिया ने 'टू स्टेट्स' या 'हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया' जैसी हिट फ़िल्में देकर किया. 'हाइवे' जैसे रोल में उन्होंने बहुत रिस्क लिया था. उन्होंने अपने करियर में बहुत अलग किस्म की फ़िल्में की. आलिया का हिट करियर सही फ़िल्मों के चुनाव का भी नतीजा है. 10 सालों में बहुत अच्छा उछाल आया है करियर में."
एस राजामौली की 'आरआरआर' जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म में आलिया का छोटा-सा रोल होना भी दर्शाता है कि उनकी एक्टिंग के साथ-साथ उनकी लोकप्रियता का फ़ायदा भी इस पैन इंडिया स्तर की फ़िल्म को मिला.
बाज़ार में ब्रैंड आलिया का दबदबा
बात सिर्फ़ अभिनय कौशल की नहीं है क्योंकि ये फ़िल्मी दुनिया बॉक्स ऑफ़िस की कमाई पर चलती है. आलिया ने इस कसौटी पर भी ख़ुद को अव्वल साबित किया है.
उनकी फ़िल्म 'राज़ी' ने दुनिया भर में 200 करोड़ की ज़्यादा की कमाई की, वो क्लब जिस पर ज़्यादातर अभिनेताओं का दबदबा रहा है. 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के साथ आलिया की फ़िल्म ने फिर से पूरी दुनिया में 200 करोड़ का बिज़नेस किया है.
आलिया के करियर पर नज़र डालें तो उसमें लगातार ग्रोथ तो दिखता ही है, इसके साथ ही आलिया ने धीमे-धीमे ख़ुद को डायवर्सीफ़ाई भी किया है जिसकी वजह से वो एक ब्रैंड बनकर उभर चुकी हैं, ख़ासकर युवा वर्ग में.
विज्ञापनों की बात करें तो आलिया फ़ीलिप्स, फ्रूटी, फ़्लिपकार्ट, मान्यवर, मेक माई ट्रिप, कोकाकोला, लक्स जैसे कई बड़े ब्रैंड्स का चेहरा हैं या रह चुकी हैं.
2014 के बाद से ही वो फ़ोर्ब्स इंडिया 100 की लिस्ट में शामिल रही हैं. 2019 में तो वो फ़ोर्ब्स की लिस्ट में आठवे नंबर पर थीं और उनकी कमाई 2019 में 59.12 करोड़ दिखाई गई थी. 2021 में आई डफ़ एंड फेल्प्स सेलिब्रिटी ब्रैंड वेल्येशन रिपोर्ट के मुताबिक़ आलिया की ब्रैंड वैल्यू करीब 681 लाख डॉलर आंकी गई है.
इसके अलावा आलिया अब अपने प्रोडक्शन हाउस इटर्नल सनशाइन की मालिक़ है जिसके बैनर तले उन्होंने इस साल फ़िल्म 'डार्लिंग्स' बनाई है.
बिज़नेस में भी धीरे-धीरे आलिया ने अपनी पकड़ बनाई है. कारोबार के साथ-साथ समाज को लेकर वो अपनी अलग सोच भी लेकर आई हैं.
मसलन आलिया ने बच्चों के लिए एड-ए-ममा नाम की कंपनी 2020 में लॉन्च की है जो बच्चों के ऐसे कपड़े बनाने का काम करती है जो सस्टेनेबल तरीकों से बनाए गए हों.
ब्रैंड आलिया
प्रोडक्शन हाउस- इटर्नल सनशाइन
एड-ए-ममा - कपड़ों की कंपनी
कोएग्ज़िस्ट- इकोलॉजी प्लैटफ़ॉर्म
नाइका में निवेश
भारत की बड़ी कंपनियों की ब्रैंड एम्बेसडर
फ़ोर्ब्स टॉप 10 में शामिल (2019)
आलिया ने कोएग्ज़िस्ट नाम की कंपनी शुरु की है जो जानवरों और इकोलॉजी से जुड़े मुद्दों पर काम करती है. सौंदर्य उत्पादों से जुड़ी कंपनी नायका में भी आलिया ने निवेश किया है.
इमेज गुरु दिलीप चेरियन आलिया की इस कामयाबी का कुछ यूं विशेष्लण करते हैं, "इसमें कोई शक़ नहीं कि आलिया अब सिर्फ़ एक एक्टर नहीं है, वो ब्रैंड एम्बेसडर और प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर भी बन चुकी हैं. आलिया को इससे दो फ़ायदे हो रहे हैं. अभी आलिया फ़िल्में में टॉप पर हैं और वो अपनी कमाई का सही जगह निवेश कर रही हैं ताकि वो खर्च न हो. साथ ही आलिया को ऐसे उद्योग क्षेत्रों में काम करने का मौक़ा मिल रहा है जिसकी उन्हें बेहतर समझ है जैसे फ़ैशन और लाइफ़स्टाइल. टेक प्रोडक्ट में भी उनकी दिलचस्पी होगी.
"मुझे लगता है कि उनकी मंशा ये रहेगी कि वो न सिर्फ़ ब्रैंड एम्बेसडर बनें बल्कि इनमें से कुछ कंपनियों की दिशा तय करने में भी भागीदारी करें. एक समय आता है कि जब एक्टिव एक्टिंग करियर ढलने लगता है और ये सारे निवेश उनके काम आएंगे. आलिया जैसी बेहतरीन एक्ट्रेस के लिए ये बड़ी दूरदर्शिता वाला कदम है. ये उन्हें लंबे तक रेलेवेंट बनाकर रखेगा. और ये भी सुनिश्चित करेगा कि वो कई सारे क्षेत्रों में ख़ुद को स्थापित कर पाएं."
आज के दौर में जहां किसी सेलिब्रिटी को सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता के लिए भी आंका जाता है, वहां भी आलिया की ज़बरदस्त मौजूदगी है. इंस्टाग्राम पर आलिया के कम से कम 6 करोड़ 95 लाख फॉलोयर हैं, ट्विटर पर 2 करोड़ 15 लाख फॉलोयर हैं और फ़ेसबुक पर 84 लाख.
ये भी पढ़ें: बॉलीवुड ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने का फ़ार्मूला ढूँढ लिया है?
स्टीरियोटाइप तोड़ती आलिया
हालांकि आलिया सोशल मीडिया पर अपने प्रोडक्ट्स से ज़्यादा अपनी फ़िल्मों से जुड़ी पोस्ट या अपनी निजी ज़िंदगी के पल ही शेयर करती हैं.
सोशल मीडिया की इस आभासी दुनिया पर आलिया एक अलग तरह का इमोनशनल कोशेंट लेकर आती हैं. अपनी प्रेग्नेंसी की ख़बर भी आलिया ने अपने फ़ैन्स के साथ सीधे सोशल मीडिया पर शेयर की.
29 साल की आलिया जो अपने करियर के ऊरूज़ पर हैं, उन्होंने 2022 में रणबीर कपूर से शादी की. अब वे जल्द ही मां भी बनने जा रही हैं. इस तरह हिंदी फ़िल्म हीरोइन से जुड़े स्टीरियोटाइप को आलिया, कटरीना, अनुष्का और दीपिका जैसी अभिनेत्रियां अपने-अपने तरीके से तोड़ रही हैं.
फ़िल्मी दुनिया में ज़्यादातर पुरुष प्रोड्यूसरों का ही दबदबा रहा है. आलिया ने न सिर्फ़ उस सीमा में प्रवेश किया है बल्कि अपनी पहली फ़िल्म 'डार्लिंग्स' में घरेलू हिंसा जैसे विषय को चुना और किसी मेनस्ट्रीम हीरो को न लेकर एक अलग तरह की दिलेरी दिखाई है.
बॉलीवुड में लगातार नई सीमाएं लांघती आलिया अब हॉलीवुड तक पहुंच चुकी हैं. आलिया ने हाल ही में हॉलीवुड की फ़िल्म 'हार्ट ऑफ़ स्टोन' की शूटिंग पूरी की है. इस फ़िल्म में उनके साथ गॉल गैडट ने काम किया है जो दुनिया भर में 'वंडर वुमेन' के रोल के लिए बहुत ही मशहूर हैं.
कभी आलिया पर बनते थे ढेरों चुटकुले
2013 में 'कॉफी विद करण' टीवी शो के बाद सोशल मीडिया पर आलिया का इतना मज़ाक उड़ाया गया कि वो मीम आर्टिस्ट की पसंदीदा बन गई और उनकी डफ़र वाली छवि बन गई या बना दी गई.
शो में उन्होंने भारत के राष्ट्रपति का नाम ग़लत बताया था. उसके बाद से इंटरनेट पर आलिया भट्ट जोक्स की भरमार आ गई.
टीवी शो आपकी अदालत में आलिया ने बताया कि शुरुआती दिनों में विदेशों में कई लोग उन्हें उनकी फ़िल्मों के लिए बल्कि आलिया मीम्स से जानते थे.
करण जौहर के ज़रिए मिले परफेक्ट लॉन्चपैड के बाद उन पर नेपोटिज़्म के इल्ज़ाम भी लगे कि उन्हें इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए तो संघर्ष करना ही नहीं पड़ा.
जैसा कि अभिनेता सिंद्धात चतुर्वेदी ने अनन्या पांडे के जवाब में एक इंटरव्यू में कहा था.
अन्यया का कहना था, "क्योंकि मेरे पिता एक एक्टर हैं मैं हाथ में आने वाले मौक़े को न नहीं कहने वाली. मेरे पिता धर्मा प्रोडक्शन की फ़िल्म में कभी नहीं रहे, उन्हें कभी 'कॉफ़ी विद करण' के लिए नहीं बुलाया गया. इसलिए हमारे लिए उतना आसान नहीं है जितना लोग समझते हैं. सबका अपना संघर्ष होता है".
इसके जवाब में सिद्धांत ने कहा था, "फ़र्क ये है कि जहां हमारे सपने पूरे होते हैं वहां इनका स्ट्रग्ल शुरु होता है."
फ़िल्म इंडस्ट्री की दलहीज़ पर आकर खड़े होने में आलिया को वाकई कुछ ख़ास मशक्क्त न करनी पड़ी हो लेकिन इसके आगे की रेस में वो इतना तेज़ दौड़ी हैं कि इन सब बातों से परे उन्होंने ख़ुद को लगातार निखारा है.
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक पहुंच
फ़िल्म विशेषज्ञ श्रीनिवास रामाचंद्रन कहते हैं, सिनेमा को समझने के लिए आलिया ने लगातार मेहनत की है.
वो कहते हैं कि आलिया ने करण जौहर के पहले शो में अजीबोगरीब जवाब दिए थे, लेकिन अब उनके जवाब पहले से बेहतर हैं.
वो कहते हैं, "अपने आप को बदला और सुधारा है आलिया ने. आपकी ग़लतियों से सीखना और सुधार लाना आपको कॉम्पिटिटिव बनाता है जो आलिया ने किया है. शुरुआती दौर में आलिया की ख़ूब ट्रोलिंग हुई. लेकिन अच्छा है कि ये ट्रोलिंग उनके करियर में पहले ही हो गया. आलिया अच्छी स्टूडेंट साबित हुईं हैं. बचपन से ही उनका पता था कि वो क्या करना चाहती हैं. शुरु में जो ख़ामियां थीं, आलिया ने उस पर काम किया है. ये बात तय है कि आलिया अब स्टार है. 'गंगूबाई काठियावाड़ी' उनके लिए डिफ़ाइनिंग पल रहा है. अब वो हॉलीवुड तक पहुंच चुकी है."
10 साल में बॉलीवुड में एक नौसिखिए स्टार किड से लेकर एक बिज़नसवुमन से लेकर हॉलीवुड तक का सफ़र आलिया ने तय किया है.
श्रीनिवास रामाचंद्रन कहते हैं, "ये सच है कि फ़िल्मों में किसी स्टार की किस्मत हर शुक्रवार को बॉक्स ऑफ़िस पर बदल जाती है. जो आज सुपरस्टार 'है' वो 'था' में बदल जाता है. पर फ़िलहाल तो आलिया जादुई छड़ी वाली उस लड़की की तरह हैं जो शिखर पर बैठी हैं और लगातार नए प्रयोग कर रही हैं."
वो कहते हैं, "पता नहीं ये सब करते हुए आलिया पूरी तरह आश्वस्त रही होंगी या नहीं, उनकी ज़िंदगी में भी केओस मचा होगा, विफलता को लेकर वो कभी आशंकित हुई होंगी या उन्हें डर लगा होगा."
अगर डर लगा भी होगा तो शायद 'सड़क-2' के अपने इस डायलॉग की तरह वो आगे बढ़ गई होंगी जहां वो कहती हैं- "असली हिम्मत वो होती है जो डर के बावजूद जुटानी पड़ती है."
वैसे ख़ुद को आलिया केवल दो शब्दों में बयां करती है जैसा कि उनके सोशल मीडिया पर लिखा है- "ब्यूटीफ़ुली केओटिक." (bbc.com/hindi)
मुंबई, 8 सितंबर। अभिनेत्री दीप्ति नवल और कल्कि कोचलिन की फिल्म ‘गोल्डफिश’ को 27वें बूसन अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (बीआईएफएफ) में दिखाया जाएगा।
पुषन कृपलानी द्वारा निर्देशित फिल्म को महोत्सव के 'ए विंडो ऑन एशियन सिनेमा' खंड में दिखाया जाएगा। यह महोत्सव पांच से 14 अक्टूबर तक चलेगा।
इस फिल्म में दीप्ति नवल और कोचलिन मां बेटी की भूमिका में हैं और यह स्मृति और पहचान के विषयों से संबंधित है।
नवल ने कहा कि जब निर्माताओं ने उन्हें इस फिल्म की पेशकश की तो उन्होंने हां कहने में जरा भी देर नहीं की क्योंकि उन्हें इसकी कहानी बहुत पसंद आई।
70 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि वह बीआईएफएफ में फिल्म का चयन होने से बहुत उत्साहित हैं और उन्हें यकीन है कि दर्शक फिल्म की कहानी को पसंद करेंगे।
कृपलानी ने कहा कि फिल्म पहचान के विचार को टटोलती है। (भाषा)
मुंबई, 7 सितंबर | सिंगर नीति मोहन 'सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स' में गायक-संगीतकार शंकर महादेवन और अनु मलिक के साथ जजों के पैनल में नजर आएंगी। कई रियलिटी शो में जज और गेस्ट के रूप में नजर आ चुकी नीति मोहन पहली बार सिंगिंग रियलिटी शो में युवा प्रतिभाओं को जज करेंगी।
इसको लेकर नीति मोहन कहती हैं, "मैं देश भर के सुपर प्रतिभाशाली लिटिल चैंप्स से मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि वे इतनी कम उम्र में अपने गायन कौशल से सभी को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से बच्चों से बहुत प्यार करती हूं, मैं चाहती हूं कि हर बच्चे को अपनी छिपी क्षमता को अनलॉक करने के लिए प्रोत्साहित करें।"
गायिका ने 2012 की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से 'इश्क वाला लव' के गायन के साथ बहुत लोकप्रियता हासिल की और उसी वर्ष उन्हें 'जब तक है जान' से उनके ट्रैक 'जिया रे' के लिए भी सराहना मिली।
वह 'मेरी जान', 'नैनोवाले ने', 'तूने मारी एंट्रीयां' और कई अन्य गानों के लिए भी जानी जाती हैं।
42 वर्षीय गायिका अपने आगामी प्रोजेक्ट और शो में जज के रूप में दिखाई देने को लेकर उत्साहित हैं।
नीति मोहन का कहना है कि, "शो बच्चों को जीवन भर का अनुभव प्रदान करेगा। मैं शंकर जी और अनु जी के साथ निर्णायक पैनल साझा करने के लिए भी बहुत उत्साहित हूं क्योंकि मुझे यकीन है कि यह मजेदार होगा, मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।"
शो के पिछले सीजन को हिमेश रेशमिया, अलका याज्ञनिक और जावेद अली ने जज किया था।
'सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स' जल्द ही जी टीवी पर प्रसारित होगा। (आईएएनएस)|
बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट मंगलवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर की सांध्य पूजा में शामिल नहीं हो सकी. हिन्दूवादी संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के कारण इन्हें अपनी योजना टालनी पड़ी.
रणबीर और आलिया की फ़िल्म ब्रह्मास्त्र इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रहा है. रिलीज होने से पहले दोनों आशीर्वाद लेने महाकाल पहुँचे थे लेकिन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रणबीर और आलिया का विरोध किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस मामले की पुष्टि करते हुए महाकाल पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए उन्हें लाठी-डंडों का इस्तेमाल करना पड़ा.
प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से पीटीआई ने बताया कि पुलिस की सख़्ती के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने रणबीर-आलिया को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया.
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसे ही दर्शन के लिए पहुँचे, तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 'जय श्रीराम' के नारे लगाने शुरू कर दिए.
बजरंग दल के नेता अंकित चौबे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम उन्हें पवित्र महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन नहीं करने देंगे क्योंकि कुछ दिन पहले ही रणबीर कपूर ने कहा था कि उन्हें नॉन-वेज में मटन, चिकन और बीफ़ ख़ाना पसंद है."
उन्होंने दावा किया, "यहां तक कि आलिया ने भी कहा था कि जिन लोगों को उनकी फ़िल्म 'ब्रह्मास्त्र' देखनी है वो देखें, जिन्हें नहीं देखनी वो न देखें."
हालांकि, मंदिर के पुजारी ने पीटीआई को बताया कि ब्रह्मास्त्र फ़िल्म के निर्देशक अयान मुखर्जी ने दर्शन किए. पुलिस अधिकारी ने कहा कि वो हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 353 के तहत सख़्त कार्रवाई करेंगे. (bbc.com/hindi)
मुंबई, 6 सितंबर | ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के महिला कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) फाइनल में जीतने के बाद बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख और उनके बेटे आर्यन खान ने शानदार जश्न मनाया। शाहरुख खान इस टीम के सह-मालिक हैं। शाहरुख ने अपना उत्साह व्यक्त करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और टीम को बधाई दी।
उन्होंने लिखा, "हर जीत खास होती है.. लेकिन किसी भी तरह ट्रिनबागो नाइट राइडर्स महिला दस्ते के लिए यह जीत सबसे खास है। लड़कियों आप सभी बहुत सुंदर और अद्भुत हैं। याय!!"
शाहरुख के बड़े बेटे आर्यन ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, "पहली महिला सीपीएल टूनार्मेंट और पहली जीत हासिल हो चुकी है। बधाई हो महिलाओं! उम्मीद है कि और भी बहुत कुछ आएगा ..।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को ट्रिबंगो नाइट राइडर्स ने बाबरबोस रॉयल्स को 10 रनों से हराकर महिला कैरेबियन प्रीमियर लीग जीत ली।
वर्कफ्रंट की बात करें तो, शाहरुख चार साल बाद 'पठान' के साथ सिल्वर स्क्रीन पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें उनकी 'चेन्नई एक्सप्रेस' की सह-कलाकार दीपिका पादुकोण और अभिनेता जॉन अब्राहम भी हैं।
(आईएएनएस)|
मुंबई, 6 सितंबर | आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी, जिन्होंने जुलाई में घोषणा की थी कि वह सुष्मिता सेन को डेट कर रहे हैं, ने इंस्टाग्राम पर अपना बायो बदल दिया है, जिससे अभिनेत्री और पूर्व ब्यूटी क्वीन के साथ उनके अलग होने की अटकलें तेज हो गई हैं। करीब एक महीने पहले ललित मोदी ने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर सुष्मिता के साथ कई तस्वीरें शेयर की थी।
इस फोटो को शेयर करने के साथ साथ एक कैप्शन लिखते हुए ललित मोदी ने अपनी ट्रिप और सुष्मिता के साथ अपने रिश्ते को लेकर बात की थी।
इसके बाद उन्होंने अपना परिचय इस प्रकार बदल दिया, "आखिरकार अपने साथी के साथ एक नया जीवन शुरू। मेरा प्यार सुष्मिता।"
उन्होंने अभिनेत्री के साथ एक प्रोफाइल फोटो भी लगाई थी।
हालांकि, उन्होंने अब अपना बायो बदल दिया है और सुष्मिता का नाम उससे हटा दिया है। इसमें लिखा है, "संस्थापक आईपीएलटी20, इंडियन प्रीमियर लीग।"
लेकिन उन्होंने अपने इंस्टाग्राम से सुष्मिता की तस्वीरें नहीं हटाई हैं। (आईएएनएस)|
पिछले 15 साल से ज़्यादा समय से टीवी पर सक्रिय रहने वाली अभिनेत्री देबिना बनर्जी घर-घर में एक जाना पहचाना नाम हैं.
अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही छोटे पर्दे की 'सीता' बनकर वो सुर्खियों में आई थीं, इसी सीरियल में 'राम' बने गुरमीत चौधरी से साल 2011 में उन्होंने शादी की थी.
इस साल अप्रैल में वो पहली बार मां बनी थी, उनकी बेटी का नाम लियाना है. देबिना अब दूसरी बार मां बनने जा रही हैं, इससे पहले काफी लंबे इंतज़ार के बाद वो मां बन सकी थीं.
अब जब वो दूसरी बार कुछ महीने बाद ही मां बनने जा रही हैं तो कई लोग इस पर हैरानी भी जता रहे हैं और कई बार देबिना बनर्जी को बिना मांगी सलाह भी मिल जाती है.
देबिना की 'मदरहुड' की कहानी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा है. शादी के क़रीब एक दशक के बाद मां बनने से पहले देबिना को समाज, परिवार, दोस्तों समेत कई की अपेक्षा का दबाव झेलना पड़ा था.
सेहत की वजह से भी उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अब जब वो एक बच्ची की मां हैं और दूसरी बार मां बनने जा रही हैं तो अपने अनुभव को खुलकर साझा करती हैं.
ऐसे में बीबीसी हिन्दी के लिए नयनदीप रक्षित ने उनसे ख़ास बातचीत की है.
'मां बनने का फैसला बेहद ख़ास'
देबिना कहती हैं कि बचपन से ही सिखाया जाता है कि ये चीज़ मत करो लेकिन कभी ये नहीं बताया जाता है कि अगर कुछ चीज़ें वक्त पर नहीं करेंगे तो क्या-क्या हो सकता है.
करियर गढ़ने के लिए कोलकाता से मुंबई आईं देबिना कहती हैं कि मुंबई आने पर उनकी पहली प्राथमिकता करियर थी.
वो कहती हैं, ''करियर के रास्ते में जब आप गैप लेते हैं तो फिर ये सोचना पड़ता है कि फिर कहां से शुरू करें. हम ऐसा सोचते हैं कि जिस गति से आज काम कर रहे हैं (मां बनने से पहले) उस गति से फिर काम कर पाएंगे या नहीं. मेरी जेनेरेशन ने तो कुछ हद तक इस सोच से छुटकारा पा लिया है. इससे पहले तो ऐसा सोचा जाता था कि शादी हो गई तो करियर ख़त्म है.''
वो मां बनने के फैसले को लेकर कहती हैं, ''जब मैंने सोचा कि हमें फैमिली स्टार्ट करनी है तो शुरू में कोशिश की तो सफल नहीं रही फिर मैंने सोचा कि डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डॉक्टर के पास जाकर मुझे लगा कि मैं अपने शरीर के बारे में कितना कम जानती हूं''
देबिना बताती हैं कि मां बनने में आ रही शुरुआती दिक्कतों के बाद जब उन्होंने डॉक्टर से सलाह ली तो उन्हें पता चला कि उन्हें कई दिक्कतें हैं, ऐसी दिक्कतें जिनके बारे में उन्हें पता भी नहीं था. देबिना कहती हैं कि वो खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत समझती थीं और इसके बाद भी जब समस्याएं सामने आईं तो वो सोचने को मजबूर हो गईं.
देबिना कहती हैं, ''पहले मुझे लगता था कि मैं बहुत पावरफुल हूं, मैं मानसिक तौर पर बहुत मजबूत हूं, मैं अच्छा खाना खाती हूं, इसके बावजूद मुझे इतनी दिक्कतें क्यों हैं? मैंने तो कई चीजों के नाम भी नहीं सुने थे जैसे- एंडोमेट्रियोसिस, एडिनोमायोसिस. ये एक ऐसी स्थिति है जिसका कोई इलाज नहीं है और इसी के साथ जीना होता है.''
देबिना ये मानती हैं कि कई महिलाएं अब भी अपने शरीर को अच्छी तरह से जान नहीं सकी हैं. एक उदाहरण देते हुए वो कहती हैं, ''पीरियड का जो दर्द है वो आधे से ज़्यादा लोगों को सामान्य लगता है, मुझे शुरू में दर्द नहीं होता था बाद में होने लगा. बाद में मुझे पता चला कि शायद ये दर्द उस वजह से होने लगा जब मुझे एंडोमेट्रियोसिस, एडिनोमायोसिस जैसी दिक्कतें हुईं.''
बता दें कि माहवारी के दौरान मामूली दर्द होना आम बात है. लेकिन हद से ज़्यादा दर्द होना नॉर्मल नहीं है. फिर ये एक तरह की बीमारी है जिसे एंडोमेट्रियोसिस कहते हैं.
असल में माहवारी से पहले बच्चेदानी के पास ख़ून जमा होता है जो कि फ़र्टिलिटी पीरियड के दौरान स्पर्म नहीं मिलने की सूरत में शरीर से बाहर निकल जाता है. कई बार ये ब्लड टिशू बच्चेदानी के साथ-साथ फैलोपियन ट्यूब, आंत, कोख आदि में जमा हो जाते हैं. कुछ ख़ास मामलों में तो ये फेफड़ों, आंखों, दिमाग़ और रीढ़ की हड्डी तक में पाए गए हैं. तिल्ली ही शरीर का ऐसा भाग है, जहां आज तक ये ब्लड टिशू नहीं पाए गए हैं.
एंडोमेट्रियोसिस होने पर माहवारी के दौरान ख़ून बहुत ज़्यादा आता है, पीरियड शुरू होने से पहले कमज़ोरी और थकान होने लगती है, रीढ़ की हड्डी के निचले भाग और कूल्हे की हड्डी में दर्द होता है.
बार-बार कोशिश और इसका असर
देबिना और गुरमीत ने क़रीब 7 साल पहले परिवार के बारे में सोचा था. 6 साल पहले वो डॉक्टर के पास गईं. देबिना का कहना है कि 6 साल के इस लंबे वक्त में उन्होंने कम से कम 4-5 आईयूआई साइकिल की कोशिश की और 3 बार आईवीएफ कराया, चौथी बार में वो सफल हो सकीं.
देबिना कहती हैं, ''एक और अहम बात है परिवार, दोस्तों, फैंस और ट्रोल्स का दबाव. जब सब कुछ इकट्ठा आ जाता है तो तनाव होने लगता है. इसलिए कंसेप्शन के बहुत सारे तरीके देश-विदेश में शुरू हुए हैं, मैंने कई तरीकों से कोशिश की है.''
इतनी कोशिशों के बाद भी मां बनने में सफलता नहीं मिलती है तो इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है, देबिना का ऐसा मानना है. उनका कहना है, ''एक-एक दिन इंतजार करना होता है.''
देबिना मानती हैं कि ऐसी स्थिति में परिवार और पार्टनर का सहयोग सबसे अहम चीज़ है. वो बताती हैं कि मां बनने में जो भी दिक्कतें आईं उसे शुरू में उन्होंने सिर्फ अपने पति और मां से ही साझा किया.
देबिना कहती हैं, ''गुरमीत खुद व्यस्त रहते थे और कहते थे, तुम भी इतना मत सोचो. ये अहसास जो आपके पार्टनर देते हैं, वो काफी अहम होता है. लेकिन इतना सपोर्टिंग पार्टनर होने के बाद भी मैं मां और गुरमीत के सामने रो पड़ती थी. लेकिन सार्वजनिक तौर पर मैं कभी भी इसे जाहिर नहीं करती थी.''
मातृत्व का अहसास
देबिना मां बनने को बेहद अनूठा अहसास बताती हैं. वो कहती हैं कि जब उन्हें पता चला कि वो प्रेग्नेंट हुई हैं तो उन्हें भरोसा ही नहीं हुआ.
देबिना कहती हैं, ''ऐसा लग रहा था कि भगवान मुझे पहले से ही संकेत दे रहे थे. लेकिन हम दोनों ने सेलिब्रेट करने में संयम बनाए रखा, क्योंकि हमें पहले कई बार नाकामी हासिल हुई थी, तो हम सब पड़ाव देख लेना चाहते थे. इसलिए जो सामान्य गर्भधारण में होता है कि प्रेग्नेंसी का पता चलते ही जश्न शुरू हो जाता है, वैसा नहीं हुआ. हम खुश तो थे लेकिन हमें थोड़ा वक्त देना था. करीब 3-4 महीने के बाद जब हम पूरी तरह आश्वस्त हुए तब जाकर हम संतुष्ट हुए.''
ट्रोलिंग को कैसे देखती हैं देबिना?
देबिना बनर्जी को अक्सर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है. वो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं.
देबिना का कहना है, ''लियाना के पैदा होते ही लोगों को जजमेंट शुरू हो चुका था. मैंने लियाना को गोदी में लेकर वीडियो बनाया था, तो लोगों ने कहा कि आपको बच्चा पकड़ने नहीं आता. मैं मां हूं, क्या मुझे अपना बच्चा पकड़ने नहीं आएगा.''
देबिना को ये भी सुनना पड़ा है कि एक बच्ची पैदा होने के बाद इतने कम समय के अंदर दूसरा बच्चा पैदा होने पर वो दोनों का खयाल कैसे रख सकेंगी.
इसके जवाब में वो कहती हैं, ''लियाना को कम प्यार मिलेगा, ऐसा क्यों होगा? जिनके जुड़वा बच्चे होते हैं तो क्या वो किसी को कम प्यार देते हैं. मां के लिए दो बच्चे अलग-अलग होते ही नहीं हैं.'' (bbc.com/hindi)
मुंबई, 5 सितम्बर | दिग्गज विज्ञापन फिल्म निर्माता और निर्देशक आर. बाल्की द्वारा निर्देशित फिल्म 'चुप' का ट्रेलर सोमवार को जारी किया गया। फिल्म के ट्रेलर में एक ऐसे आर्टिस्ट की कहानी दिखाई गई है जो खतरनाक सीरियल किलर बन जाता है।
इस सीरियल किलर की खास बात यह है कि यह किलर सिर्फ फिल्म क्रिटिक्स को टारगेट करता है। इसके मारने का स्टाइल भी एकदम हटकर है। यह सीरियल किलर पुरानी फिल्मों के जरिए अपने टारगेट को ढूंढता है और फिर उसी स्टाइल से उसे मारता है। मारने के बाद यह सीरियल किलर बॉडी पर अपना मार्क 'स्टार' छोड़ देता है।
सनी देओल और दुलकर सलमान के अलावा इस फिल्म में पूजा भट्ट और श्रेया धनवंतरी अहम भूमिका में नजर आएंगी।
फिल्म की पटकथा आर. बाल्की ने लिखी है और इसका निर्देशन भी आर. बाल्की ही कर रहे हैं। इस फिल्म को गौरी शिंदे, होप फिल्ममेकर्स और पेन स्टूडियोज संयुक्त रूप से प्रोड्यूस करेंगे। यह फिल्म इसी महीने 23 सितंबर को रिलीज होगी।
फिल्म के बारे में बात करते हुए बाल्की ने कहा, मेरे पास कहानी के लिए यह विचार बहुत पहले से था और मुझे नहीं पता कि मैंने इसे लिखने और इसे स्क्रीन पर लाने में इतना समय क्यों लगाया।
ट्रेलर रिलीज पर सनी ने एक बयान में कहा, "यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक दिलचस्प शूटिंग थी। इस कहानी के लिए बाल्की की सोच इतनी स्पष्ट थी कि शूटिंग के दौरान फिल्म की खास गति थी।" (आईएएनएस)|
मुंबई, 5 सितम्बर | शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को अभिनेत्री जान्हवी कपूर ने याद किया कि कैसे वह अपनी छोटी बहन खुशी के साथ हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर 'टाइटैनिक' के 'टीचर-टीचर' की भूमिका निभाती थीं और ²श्यों को अभिनय करती थीं। मोज मंच पर एक बातचीत के दौरान, जान्हवी ने खुशी के साथ अपने बचपन के दिनों को याद किया, आइसक्रीम के लिए अपने अटूट प्यार का खुलासा किया और कई और मजेदार किस्से साझा किए।
यह पूछे जाने पर कि जान्हवी कपूर शिक्षक दिवस कैसे मनाती हैं, अभिनेत्री ने कहा, "एक बच्चे के रूप में, मेरे कमरे में एक बड़ी सफेद दीवार थी, और मैं उस सप्ताह स्कूल में जो कुछ भी सीखती थी, मैं खुशी को बैठाती थी। और उसके साथ 'टीचर-टीचर' खेलती थी। सफेद दीवार मेरा सफेद बोर्ड हुआ करता था।"
अभिनय के मोर्चे पर, जान्हवी वर्तमान में 'बावल' की शूटिंग कर रही हैं, जिसमें वरुण धवन भी हैं। इसका निर्माण साजिद नाडियाडवाला ने नाडियाडवाला ग्रैंडसन के बैनर तले किया गया है। यह फिल्म नितेश तिवारी द्वारा निर्देशित है और 7 अप्रैल, 2023 को स्क्रीन पर आएगी।
टाइगर बेबी फिल्म्स के बैनर तले बनी जोया अख्तर के निर्देशन में बनी फिल्म 'द आर्चीज' से खुशी अपने अभिनय की शुरूआत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। फिल्म स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर 2023 में रिलीज होने वाली है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 5 सितंबर | दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उपहार सिनेमा त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की याचिका पर रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल, गोपाल अंसल और अन्य को नोटिस जारी किया। याचिका मेंअंसल बंधुओं की समय से पहले रिहाई का विरोध किया गया है। निचली अदालत के आदेश के अनुसार, उपहार सिनेमा में आग त्रासदी से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में जेल की सजा भुगतने के बाद अंसल बंधुओं को रिहा कर दिया गया था।
कहा गया कि ट्रायल कोर्ट सबूतों से छेड़छाड़ पर विचार करने में विफल रहा जो प्रकृति में बेहद गंभीर है और संपूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावित करता है।
न्यायमूर्ति आशा मेनन की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि अभियोजन पक्ष याचिका का समर्थन करता है और पूर्व के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगा। मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी।
19 जुलाई को जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने उन्हें रिहा करने का आदेश देते हुए अपील में उनके एक तर्क में उनकी वृद्धावस्था पर ध्यान दिया। हालांकि, अदालत ने कहा कि 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना अनामत रहेगा।
पिछली सुनवाई के दौरान उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की याचिकाकर्ता और अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति - उपहार सिनेमा त्रासदी में अपने बच्चों को खोने वाले व्यक्तियों का एक समूह, अदालत में टूट गया।
इससे पहले, एवीयूटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि उपहार मामले में अंतिम वांछित परिणाम केवल दस्तावेजों और अदालती रिकॉर्ड से छेड़छाड़ तक ही सीमित नहीं था। इस मामले में सुशील अंसल, गोपाल अंसल और एच.एस. पंवार मुख्य आरोपी हैं।
8 नवंबर 2021 को पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने सबूतों से छेड़छाड़ मामले में दोनों पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा अंसल को सात साल कैद की सजा सुनाई थी।
दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म 'बॉर्डर' की स्क्रीनिंग के दौरान आग लग गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे। (आईएएनएस)|
मुंबई, 4 सितम्बर। तारक मेहता का उल्टा चश्मा में दिशा वकानी की जगह दयाबेन का किरदार निभाने वाली टेलीविजन अभिनेत्री काजल पिसल ने अपने गणपति विसर्जन और घर पर मूर्ति बनाने की उनकी इच्छा के बारे में भी बताया। वह कहती हैं, पर्यावरण के अनुकूल बप्पा बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और मैं भक्तों से उसे ही लाने का अनुरोध करती हूं। चूंकि राल या प्लास्टर आफ पेरिस से बनी सभी गणपति मूर्तियां पानी में नहीं घुलती हैं।
आखिरी बार टीवी शो सिर्फ तुम'ॉ में नजर आए पिसल घर पर ही बप्पा की मूर्ति बनाना चाहते हैं। पिसल ने उल्लेख किया, मैं अपना बप्पा खुद बनाना चाहती थी लेकिन मूर्ति बनाने की कला सीखने का समय नहीं मिल सका क्योंकि मैं लगातार शूटिंग कर रही थी। (आईएएनएस)