राष्ट्रीय
तिरुवनंतपुरम, 29 जुलाई | माकपा मुख्यालय पर बम से हुए हमले के एक महीने बाद भी केरल पुलिस मामले को सुलझाने और 'अपराधी' को खोजने में लगी हुई है। घटना 30 जून की आधी रात की है, जब माकपा मुख्यालय पर बम से हमला किया गया। लेफ्ट डेमोक्रे टिक फ्रंट के संयोजक और माकपा के शीर्ष नेता ई.पी. जयराजन ने हमले के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया।
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष और भाजपा हमलावरों का पता लगाने में असमर्थ होने को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की आलोचना कर रही है।
विपक्ष ने आशंका व्यक्त की है कि असली अपराधी का पता नहीं चलेगा क्योंकि उसमें कुछ माकपा कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं और यह हमला जानबूझकर विजयन और उनकी सरकार ने करवाया है, ताकि वर्तमान मुद्दों से लोगों का ध्यान भटक सके, जैसे सोने की तस्करी का मामला आदि।
कांग्रेस ने हमले वाले दिन माकपा कार्यालय के पास से पुलिस जीप के लापता होने पर भी सवाल उठाया है। पार्टी कार्यालय के सामने सुरक्षा की ²ष्टि से खड़ी एक पुलिस जीप उस दिन वहां नहीं थी।
पुलिस की क्राइम ब्रांच को अब इस मामले को सुलझाने का जिम्मा सौंपा गया है।
बम हमले के मामले के बाद पुलिस ने राजधानी में रात की चौकसी को बढ़ा दिया है और माकपा मुख्यालय की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 जुलाई | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद उन्हें ममता कैबिनेट में बनाए रखने पर सवाल उठाया। पश्चिम बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, "एसएससी घोटाले की जड़ इतनी गहरी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट को परेश अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी की अवैध नियुक्ति रद्द करनी पड़ी (उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है), जो ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में शिक्षा राज्य मंत्री हैं। उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया गया? क्या बताएंगी ममता बनर्जी?"
इससे पहले मालवीय ने कहा, "पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल, जो एसएससी घोटाले की बारीक जानकारी रखते हैं, उन्होंने हाल ही में एक कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बात रखी थी। उन्होंने बताया कि कई मुख्यमंत्रियों ने समान लेकिन बहुत छोटे भर्ती घोटालों के लिए कई साल जेल में बिताए हैं। इससे ममता बनर्जी को चिंता होनी चाहिए।"
ईडी ने एसएससी घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया है और उनके करीबी सहयोगी से करीब 50 करोड़ रुपये, कई किलोग्राम सोना और कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
गुरुवार को चटर्जी को राज्य कैबिनेट और तृणमूल कांग्रेस के पद से हटा दिया गया।
मालवीय ने कहा, बरामद नकदी ने टीएमसी सरकार के काले घेरे को उजागर कर दिया है। पार्थ चटर्जी से छुटकारा पाना इस बात की स्वीकारोक्ति है कि फंदा कस रहा है और ममता को पकड़ने में अभी कुछ समय बाकी है।
(आईएएनएस)
छपरा, 29 जुलाई | बिहार के सारण जिले के खैरा थाना क्षेत्र में एक पिता ने अपने ही 25 वर्षीय पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या का कारण प्रथम ²ष्ट्या पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि अफौर गांव निवासी बनारस साह उर्फ नागेंद्र साह ने पारिवारिक विवाद को लेकर गुरुवार की रात अपने पुत्र सोनू कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। पारिवारिक विवाद को लेकर पिता पुत्र के बीच देर रात में अचानक कहासुनी होने लगी। इसी बात पर पिता ने कट्टा से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
खैरा के थाना प्रभारी विजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि हत्या की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, नागेंद्र का अपनी ही पत्नी से विवाद चल रहा था और कहा जाता है कि मृतक अपनी मां का साथ देता था, जिससे पिता नाराज थे।
थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया है तथा पूरे मामले की सभी कोणों से जांच कर रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 28 जुलाई | दिवंगत भारतरत्न गायिका लता मंगेशकर को समर्पित लता चौक अयोध्या बाईपास रोड किनारे नयाघाट में बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास की समीक्षा करते हुए चौक के डिजाइन को अंतिम रूप दिया।
10 से 12 करोड़ रुपये के बजट से विकसित होने वाले चौक के डिजाइन को खुली प्रतियोगिता कराकर अंतिम रूप दिया गया है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने 13 विभिन्न राज्यों के श्रेष्ठ डिजाइनों को शॉर्टलिस्ट किया।
नगर आयुक्त विशाल सिंह अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा, "सभी शानदार प्रविष्टियों में से सर्वश्रेष्ठ तीन का चयन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया था। हमने मुख्यमंत्री के सामने सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियां प्रस्तुत कीं और उनकी प्रतिक्रिया मांगी। विजेता को यहां 2 लाख रुपये भी मिलेंगे।"
चौक के केंद्र में 'वीणा' (संगीत वाद्ययंत्र) की 10 मीटर ऊंची सफेद मूर्ति होगी। स्टेनलेस स्टील से बने 92 कमल के फूलों वाले तालाब में मंच होगा, जिस पर वीणा स्थापित की जाएगी।
लता मंगेशकर का इस साल फरवरी में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उनके नाम पर मंदिर शहर में एक चौक बनाने की योजना की घोषणा की थी।
संगीतमय स्वरों को दर्शाने के लिए तालाब में एक सर्कुलेटरी वॉकवे और सात संगीत स्तंभ होंगे, जहां लता मंगेशकर के गाए 'भजन' बजाए जाएंगे।
(आईएएनएस)
बेंगलुरू, 28 जुलाई | दक्षिण कन्नड़ जिले में भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य प्रवीण कुमार नेत्तरी की हत्या के खिलाफ भारी विरोध के बीच, कर्नाटक सरकार ने दोड्डाबल्लापुर में विधान सौध और जनोत्सव में अपनी पहली वर्षगांठ समारोह को रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार देर रात बेंगलुरु में अपने आरटी नगर स्थित आवास पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार और अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री की आपात बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, "मैंने मृत नेता के परिवार की दुर्दशा को देखते हुए निर्णय लिया। मेरी अंतरात्मा ने मुझे शोकग्रस्त मां और पत्नी को देखकर उत्सव के लिए आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। यह निर्णय किसी दबाव में नहीं लिया गया है।"
बोम्मई ने कहा कि समारोह स्थल पर वह एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रवीण की हत्या के बाद शहर में दर्द और तनाव है। देर रात तक पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, "मैं उन लाखों कार्यकर्ताओं से माफी मांगता हूं, जो बेंगलुरू के पड़ोसी शहर डोड्डाबल्लापुर में आयोजित विशाल सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार थे। यह आसपास के जिलों में पार्टी की ताकत को प्रदर्शित करने का एक मंच था, लेकिन मैंने समारोह को रद्द कर दिया है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पर शीर्ष अदालत के फैसले ने कई सवालों को अनसुलझा छोड़ दिया है और यह संतोष की बात है कि कुछ मुद्दों को बड़ी पीठ पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा, "माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों पर आज सुनाए गए फैसले का हमारे लोकतंत्र के लिए दूरगामी प्रभाव होगा, खासकर जब सरकारें राजनीतिक प्रतिशोध में लगी हुई हैं।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फैसले का एक विशिष्ट पहलू है, जिसे वह तुरंत संबोधित करना चाहेंगे: उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 में किए गए संशोधनों पर मोदी सरकार द्वारा धन विधेयक मार्ग के घोर दुरुपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 जुलाई, 2019 को उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया था, लेकिन बुधवार के फैसले में यह सवाल अनसुलझा है।"
"हालांकि, माननीय न्यायालय ने सहमति व्यक्त की है कि वे इस तथ्य से अवगत हैं कि यदि चुनौती के उस आधार को स्वीकार किया जाना है, तो यह मामले की जड़ तक जा सकता है और वित्त अधिनियम के तहत किए गए संशोधन असंवैधानिक या अप्रभावी हो जाएंगे। माननीय न्यायालय ने इन मामलों को एक बड़ी पीठ द्वारा तय करने के लिए छोड़ दिया है। यह कुछ संतुष्टि की बात है।"
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 की वैधता को बरकरार रखा, जो धन शोधन में शामिल व्यक्ति की गिरफ्तारी के तरीके को यह कहते हुए निर्धारित करता है कि अधिनियम में सुरक्षा उपाय प्रदान किए गए हैं और पूर्व शर्त पूरी की जानी है। गिरफ्तारी करने से पहले अधिकृत अधिकारी द्वारा समान रूप से कठोर और उच्च स्तर के हैं।
लखनऊ, 27 जुलाई | लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में एक परिवार के तीन सदस्यों ने कथित तौर पर जहर खा लिया, इस बात की जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी है। तीनों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मृतकों में सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंता शैलेंद्र कुमार, उनकी पत्नी गीता और 14 वर्षीय बेटी शामिल हैं।
पुलिस उपायुक्त, उत्तर, कासिम आब्दी ने कहा कि मृतक के घर से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है जिसमें चार लोगों के नामों का जिक्र है।
उन्होंने कहा, "हम नामित व्यक्तियों के बारे में और उनकी भूमिका का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण आत्महत्या हुई। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ भूमि विवाद और वित्तीय मुद्दे शामिल थे।"
जहां तीनों ने आत्महत्या की थी, वहां से नमूने लेने के लिए फोरेंसिक टीमों को भी बुलाया गया है।
अधिकारी ने कहा कि मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और परिवार के अन्य सदस्यों को भी सूचित किया जा रहा है।(आईएएनएस)
जयपुर, 27 जुलाई | नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए तीन बार बुलाए जाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश में आतंक फैला रखा है और सुप्रीम कोर्ट से इस ओर ध्यान देने और जल्द से जल्द फैसला लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "आज देश में ईडी का आतंक है। सुप्रीम कोर्ट को आगे आकर इस पर जल्द फैसला करना चाहिए। ईडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सैकड़ों एसएलपी लगे हुए हैं। देश में जो आतंक है, वह देश हित में नहीं है।"
गहलोत ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए सवाल उठाया कि वास्तव में ईडी के आधे प्रतिशत मामलों में भी सजा नहीं हुई है। इन मामलों की स्थिति क्या है?"
गहलोत ने कहा, "ईडी सीआरपीसी की प्रक्रिया का पालन नहीं करता है। पूछताछ करने, गिरफ्तारी करने और छापेमारी करने का इसका अपना तरीका है। यहां तक कि कई बार जहां आयकर विभाग के अधिकारियों को जाना चाहिए था, वहां ईडी पहुंच जाता है। इस ईडी को सीबीआई से अधिक शक्ति मिली है। सुप्रीम कोर्ट को आगे आना चाहिए और जल्द फैसला करना चाहिए।"
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, "ईडी का इस्तेमाल सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है। आपने महाराष्ट्र में देखा है। ईडी द्वारा सरकारें गिराई जा सकती हैं, लेकिन मंत्रिमंडल नहीं बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र में 28 दिनों से कैबिनेट का गठन नहीं हुआ है, राज्य को सिर्फ सीएम और डिप्टी सीएम चला रहे हैं। लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है?"
महंगाई और बेरोजगारी को प्रमुख ज्वलंत मुद्दे बताते हुए गहलोत ने कहा, "मंगलवार को एजेंडा बना कि कांग्रेस सोनिया गांधी को ईडी में पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर हंगामा कर रही है, जबकि महंगाई और बेरोजगारी पर चुप्पी साधे हुई है।"
उन्होंने कहा, "किसने कहा कि हम महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं? हमने जयपुर में महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। आज पूरा देश घबराया हुआ है, क्योंकि हमें संसद में महंगाई और बेरोजगारी पर बहस नहीं करने दी जा रही है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ एक अदालत में आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया।
इसमें आरोप लगाया गया है कि जैन के पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति है। अन्य आरोपियों के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं।
अदालत ने अभियोजन की शिकायत को स्वीकार कर लिया है। अगली तारीख पर होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत मामले पर संज्ञान ले सकती है।
जैन को 30 मई, 2022 को केंद्रीय एजेंसी द्वारा पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह इस मामले में फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी जमानत अर्जी पहले कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
ईडी ने 1 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री के दो सहयोगियों वैभव जैन और अंकुश जैन को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ पीसी अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) के साथ 13 (1) (ई) के तहत 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। यह आरोप लगाया गया है कि जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है।
सीबीआई ने जैन, उनकी पत्नी और अन्य आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है।
इससे पहले, ईडी ने 31 मार्च, 2022 को जैन के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | तृणमूल कांग्रेस , राष्ट्रवादी कांग्रेस और डीएमके ने बुधवार को लोक सभा में निलंबित किए गए कांग्रेस के चार सांसदों का मुद्दा उठाते हुए इनके निलंबन को वापस लेकर इन्हें सदन में बुलाने की मांग की। विपक्षी दलों की मांग पर सरकार की तरफ से यह कहा कि अगर स्पीकर इसके लिए तैयार हैं तो सरकार को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन क्या ये दल इस बात की गारंटी लेने के लिए तैयार हैं कि ये सांसद तख्तियां लेकर वेल में नहीं आएंगे, स्पीकर के मुहं पर तख्तियां नहीं लहरायेंगे। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया। 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होती ही राष्ट्रवादी कांग्रेस की नेता सुप्रिया सुले और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार यह कह चुकी है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, हम भी चर्चा चाहते हैं। कांग्रेस के निलंबित सांसदों को वापस बुलाकर चर्चा शुरू की जाए, अब कोई वेल में नहीं जाएगा। डीएमके सांसद ए राजा ने यह कहते हुए कांग्रेस सांसदों के निलंबन को वापस लेने की मांग की कि प्लेकार्ड लहराना इस सदन के लिए कोई नया नहीं है।
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा सरकार पहले दिन से चर्चा को तैयार है। अगर स्पीकर इसके लिए (निलंबन वापसी) तैयार हैं तो सरकार को कोई ऐतराज नहीं है लेकिन क्या ये दल इस बात की गारंटी लेने के लिए तैयार हैं कि ये सांसद तख्तियां लेकर वेल में नहीं आएंगे, स्पीकर के मुहं पर तख्तियां नहीं लहरायेंगे। उन्होंने कहा कि ये चारों निलंबित सांसद कांग्रेस के हैं, इस बात की गारंटी कौन लेगा कि ये निलंबन वापसी के बाद ये सांसद वेल में नहीं आएंगे, तख्तियां नहीं लहरायेंगे। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, लोक सभा में तख्तियां लहराने और वेल में आकर नारेबाजी करने के लिए 25 जुलाई को कांग्रेस के चार सांसदों -माणिक टैगोर,एस. ज्योतिमणि, टीएन प्रथापन और राम्या हरिदास को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह को बुधवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने और सभापति की अवहेलना करने के आरोप में राज्यसभा से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया।
संजय सिंह के साथ विपक्ष के 20 सदस्यों को उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया है।
राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। संजय सिंह को सदन में लगातार नारेबाजी करने और कागज फेंकने को लेकर निलंबित किया गया।
दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने संजय सिंह को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। जिसे पारित कर दिया गया।
निलंबन के बाद संजय सिंह के सदन से नहीं निकलने पर उपसभापति हरिवंश ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
जब राज्यसभा एक बार फिर से शुरू हुई, तो उपसभापति ने संजय सिंह से सदन छोड़ने का अनुरोध किया। लेकिन सिंह नहीं माने, जिसके बाद उपसभापति ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में 19 विपक्षी सदस्यों को राज्यसभा से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था।
19 सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के सात, द्रमुक के छह, टीआरएस के तीन, माकपा के दो और भाकपा का एक सदस्य शामिल है।
तृणमूल के निलंबित राज्यसभा सदस्यों में सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अबीर रंजन बिस्वास और नादियमल हक शामिल हैं।
द्रमुक के छह निलंबित सदस्यों में कनिमोझी एन.वी.एन. सोमू, एम. षणमुगम, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, एस. कल्याणसुंदरम, आर. गिरिराजन और एन.आर. एलंगो शामिल है।
अन्य निलंबित सदस्यों में टीआरएस के बी. लिंगैया यादव, रविचंद्र वद्दीराजू और दामोदर राव दिवाकोंडा, वी. शिवदासन और माकपा के ए.ए. रहीम और भाकपा के संदोश कुमार शामिल है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की पूछताछ तीन घंटे के बाद समाप्त हो गई। अभी तक उन्हें कोई नया समन जारी नहीं किया गया है। सूत्रों ने बताया कि कहा जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें फिर से जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा।
आज सुबह वह 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंची थीं, जो इस मामले में तीसरी बार पेशी थी।
उनके साथ उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा भी थीं, जो अपने साथ एक दवा का डिब्बा भी लेकर गई थीं।
मंगलवार को उनसे दो भागों में करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई थी।
ईडी की अतिरिक्त निदेशक मोनिका शर्मा की एक टीम ने उनका बयान दर्ज किया।
प्रियंका गांधी को ईडी कार्यालय के एक कमरे में उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी।
सूत्रों ने कहा है कि सोनिया गांधी से वही सवाल पूछे गए जो राहुल गांधी से उनके पांच दिवसीय पूछताछ के दौरान पूछे गए थे।(आईएएनएस)
आणंद (गुजरात), 27 जुलाई | गुजरात के धर्मज में एक शराब तस्कर की उस दौरान मौत हो गई, जब पुलिस उसके परिसरों पर छापेमारी कर रही थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उसकी मौत प्रताड़ना से हुई, मगर पुलिस ने आरोप का खंडन किया है। धर्मज ग्रामीण पुलिस के हेड कांस्टेबल महेश भोई ने आईएएनएस को बताया, "मंगलवार की शाम को मैंने और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने तलपड़ा गली स्थित विनोद देवीपूजक की शराब के ठेले पर छापा मारा, तभी अचानक शराब का धंधा करने वाला विनोद जमीन पर गिर पड़ा। उसके परिवार के सदस्य उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम किया जा रहा है और रिपोर्ट आने पर ही मौत के असली कारण का पता चलेगा।"
विनोद की मौत की खबर फैलने के बाद स्थानीय लोग सड़कों पर जमा हो गए और आरोप लगाया कि पुलिस प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हुई है।
धर्माज रेंज के पुलिस उपाधीक्षक डीएच देसाई ने आईएएनएस को बताया, "मृतक के पिता शिवभाई ने मुझे बताया है कि विनोद बीमार था, दिल की बीमारी से पीड़ित था, छापेमारी के दौरान पुलिस ने उस पर कोई अत्याचार नहीं किया था।"(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 27 जुलाई | कर्नाटक में 12 साल की रेप पीड़िता ने दावा किया है कि एक चर्च में उसका यौन उत्पीड़न किया गया है। पीड़िता ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। जिसके चलते पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, 8 आरोपियों में से 6 के खिलाफ मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि घटना 2010 में बेंगलुरु के विद्यारण्यपुरा इलाके में कावेरी लेआउट के चर्च में हुई थी। उस वक्त पीड़िता की उम्र महज 6 साल थी, तब पीड़िता को उसके माता-पिता काम पर जाने से पहले चर्च में छोड़ दिया करते थे और काम से लौटने के बाद वह वापस उसे ले जाया करते थे।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी साइमन पीटर ने अश्लील तस्वीरें दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
इन सब से परेशान पीड़िता ने चर्च में रहने वाले स्मॉएल डिसूजा को इस बारे में बताया। जिसके बाद उन्होंने आरोपी व्यक्ति को फटकार लगाई और पीड़िता को परेशान न करने की चेतावनी दी।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया है कि सैमुअल डिसूजा ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और लगभग 2 साल तक उसके साथ बलात्कार किया।
लगातार यौन प्रताड़ना के बाद पीड़िता डिप्रेशन में चली गई। उसने लगातार काउंसलिंग और इलाज के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कहा कि छह आरोपियों को बलात्कार की घटना के बारे में जानकारी थी, बावजूद इसके उन्होंने मामले को छिपाने की कोशिश की।
आरोपियों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोस्को) अधिनियम, सामूहिक बलात्कार और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई| दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की उस याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने 2018 के विवादास्पद ट्वीट मामले के संबंध में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी पुलिस हिरासत और उनके लैपटॉप की जांच की अनुमति दी गई थी। जुबैर प्राथमिकी में आरोप से परे होने के कारण पुलिस द्वारा जब्त किए गए उपकरण/लैपटॉप या दस्तावेज की बहाली की मांग कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने पुलिस को याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। अदालत ने फैक्ट-चेकर (तथ्य-जांचकर्ता) जुबैर को जवाब में प्रत्युत्तर और अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की आजादी भी दी।
1 जुलाई को, न्यायमूर्ति संजीव नरूला की अवकाश पीठ ने याचिका पर विचार करते हुए पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
पिछली सुनवाई में, जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अर्नेश कुमार दिशानिर्देशों के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया है और यह उनकी पत्रकारिता की स्वतंत्रता को भंग करने का एक प्रयास था और पुलिस ने उनका मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते जुबैर को उनके ट्वीट पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विभिन्न जिलों में दर्ज सभी छह प्राथमिकी के संबंध में जमानत दे दी थी और इन प्राथमिकी को दिल्ली प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया था।
शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस के सभी मामलों में जुबैर को जमानत देकर उनकी याचिका का निपटारा कर दिया और उन्हें मामलों को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी छूट दी। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसके निर्देश भविष्य के उन मामलों पर लागू होंगे, जो उन ट्वीट्स के आधार पर दर्ज किए गए थे, जो पिछली प्राथमिकी का हिस्सा थे।
पिछले महीने, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, पटियाला हाउस कोर्ट, स्निग्धा सरवरिया ने 2018 में माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर किए गए एक ट्वीट के संबंध में जुबैर को दिल्ली पुलिस को हिरासत में लेने की अनुमति दी थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया था।
मामले की फॉलो-अप कार्रवाई में, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने जुबैर से उनका लैपटॉप बरामद करने के लिए बेंगलुरु के लिए उड़ान भरी थी। पुलिस की ओर से वह लैपटॉप बरामद किया गया था, जिसका उपयोग जुबैर ने सोशल मीडिया साइटों पर विभिन्न सामग्री (कंटेंट) अपलोड करने के लिए किया था।
जुबैर पर उनके एक आपत्तिजनक ट्वीट के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को भड़काना या धर्म का अपमान करने का इरादा) के तहत आरोप लगाया गया था।
प्राथमिकी में कहा गया है, "इस तरह के पोस्ट का प्रसारण और प्रकाशन जानबूझकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने की मंशा के साथ शांति भंग करने के इरादे से किया गया है।"
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी जुबैर ने एक पुरानी हिंदी फिल्म के स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक होटल की तस्वीर दिखाई दे रही थी, जिसके बोर्ड पर 'हनीमून होटल' के बजाय 'हनुमान होटल' लिखा हुआ था। जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा था, "2014 से पहले: हनीमून होटल। 2014 के बाद: हनुमान होटल।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि वे जांच से क्यों भाग रही है।
सरकार द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग के कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए, ठाकुर ने पूछा कि क्या गांधी परिवार कानून से ऊपर है।
ठाकुर ने कहा, कांग्रेस जांच से क्यों भाग रही है? उन्हें क्या छुपाना है? बड़ा सवाल यह है कि क्या गांधी परिवार कानून से ऊपर है। गांधी परिवार के लिए अलग कानून होना चाहिए।
उन्होंने कहा, बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि वे भी एजेंसियों के प्रति जवाबदेह हैं। किसी भी अन्य भारतीय की तरह उन्हें भी जांच का सामना करना पड़ेगा।
ईडी द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में जांच के लिए बुलाए जाने के बाद कांग्रेस का आरोप है कि सरकार विपक्ष के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।(आईएएनएस)
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश), 27 जुलाई | उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक शख्स ने अपनी परिवार के सदस्यों को जहर देने की कोशिश की, जिसमें वह सभी बाल-बाल बच गए। बताया जा रहा है कि शख्स ने नशे की हालत में अपनी पत्नी और चार नाबालिग बच्चों को खाने में जहर दे दिया। जिसके बाद सभी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
आरोपी की पहचान 40 वर्षीय अर्जुन कश्यप के रूप में हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अर्जुन नशे की हालत में घर आया और पत्नी शकुंतला से शराब खरीदने के लिए पैसे देने को कहने लगा, लेकिन उसने मना कर दिया। जिसके चलते दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ।
अर्जुन घर से बाहर गया और कुछ मिनट बाद जहर लेकर लौटा। उसने इसे खाने में मिला दिया और परिवार को जबरन खाने के लिए मजबूर किया। पत्नी और बच्चों की हालत खराब देखकर पड़ोसियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टरों ने कहा कि सही समय पर अस्पताल में भर्ती होने के कारण उन्हें बचाया जा सका। गिरफ्तार किए गए अर्जुन ने पुलिस को बताया कि उसने गुस्से में आकर इतना बड़ा कदम उठाया।
सर्कल अधिकारी अनूप सिंह ने कहा, मामले की जांच चल रही है और पत्नी के होश में आने के बाद ही हम उसका बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेंगे। परिवार के सभी सदस्यों की हालत स्थिर है।(आईएएनएस)
जयपुर, 27 जुलाई | पश्चिम बंगाल निवासी भारतीय सेना के एक जवान शांतिमय राणा (24) को एक महिला एजेंट द्वारा हनीट्रैप में फंसाए जाने के बाद गोपनीय वीडियो और दस्तावेज साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी इंटेलिजेंस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया और पुष्टि की कि सेना के रणनीतिक महत्व के दस्तावेज उसके द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की एक महिला एजेंट के साथ साझा किए गए हैं।
खुफिया महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा राजस्थान में की जा रही जासूसी गतिविधियों पर ऑपरेशन सरहद के तहत सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। इस सर्विलांस के दौरान पता चला कि सेना का जवान शांतिमय राणा सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी खुफिया आकाओं के संपर्क में था।
इंटेलिजेंस-जयपुर की टीम ने जब जवान की गतिविधियों पर नजर रखी तो उसे हनी ट्रैप और पैसे के लालच में पाकिस्तान की महिला एजेंट के साथ सोशल मीडिया के जरिए सेना के रणनीतिक महत्व की जानकारी साझा करते हुए पाया गया। 25 जुलाई को शांति मोय राणा को हिरासत में लिया गया था।
मिश्रा ने बताया कि आरोपी जवान से विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने जयपुर स्थित संयुक्त जांच केंद्र में पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने कहा कि वह 2018 से भारतीय सेना में है और लंबे समय से व्हाट्सएप चैट और व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो कॉलिंग के जरिए महिला पाक एजेंटों के संपर्क में था।
मिश्रा ने आगे कहा कि गुरनूर कौर उर्फ अंकिता ने खुद को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली बताया और कहा कि वह वहां मिल्रिटी इंजीनियरिंग सर्विस में कार्यरत थी। एक अन्य लड़की ने निशा के रूप में अपना परिचय दिया और कहा कि वह मिल्रिटी नर्सिग सर्विस में काम करती है। उसने जवान को फुसलाकर सेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज और युद्ध अभ्यास का वीडियो मांगा और बदले में मोटी रकम देने का वादा किया।
आरोपी जवान ने अपनी रेजिमेंट के गोपनीय दस्तावेज और वीडियो पाकिस्तानी महिला एजेंटों को सोशल मीडिया के माध्यम से भेजे, जिसके बदले एक पाकिस्तानी महिला एजेंट ने उसके बैंक खाते में पैसे भेजे गए।
डीजी मिश्रा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ और मोबाइल फोन के तकनीकी विश्लेषण में तथ्यों की पुष्टि के बाद आरोपी के खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 27 जुलाई | भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल 21 जुलाई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। वह अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण राहुल वेस्टइंडीज के खिलाफ 29 जुलाई से शुरू होने वाली टी20 सीरीज से बाहर हो सकते हैं। बीसीसीआई द्वारा 26 जुलाई को अपने ट्विटर अकाउंट पर रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक जैसे अन्य खिलाड़ियों के साथ त्रिनिदाद का एक विडियो पोस्ट किया गया था। इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने पूछा था कि राहुल कहां हैं।
लेकिन ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राहुल जून के अंत में एक चोट की सर्जरी के लिए जर्मनी जाने के बाद से बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ठीक हो रहे हैं। वह वेस्टइंडीज का दौरा मिस करने के बाद अब अगस्त में जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे मैचों के लिए उपलब्ध होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया, "वह वेस्टइंडीज दौरे से पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे, हालांकि इस दौरान उन्होंने दो निगेटिव रिपोर्ट दी है। लेकिन अब वह वेस्टइंडीज दौरे की बजाय जिम्बाब्वे में वनडे सीरीज पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो विश्व कप सुपर लीग का हिस्सा हैं।"
वेस्टइंडीज दौरा खत्म होने के बाद भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में 18, 20 और 22 अगस्त को तीन वनडे मैच खेलने हैं। 2023 में होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप के लिए भारत मेजबान होने के आधार पर स्वचालित रूप से योग्य हो गया है।
25 मई को कोलकाता में आईपीएल 2022 एलिमिनेटर में शामिल होने के बाद से राहुल प्रतिस्पर्धी क्रिकेटिंग एक्शन से बाहर रहे हैं। उनकी टीम लखनऊ सुपर जायंट्स, ईडन गार्डन्स में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से 14 रन से हार गई। इसके बाद राहुल को जून में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर में पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए कप्तान के रूप में नामित किया गया था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई | आयकर विभाग टैक्स चोरी के आरोप में नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम के चार नामी प्राइवेट अस्पतालों में छापेमारी कर रहा है। आयकर विभाग ने अभी तक छापेमारी को लेकर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जिन अस्पतालों में छापेमारी की जा रही है, उनमें ओआरजी अस्पताल, एसएसबी अस्पताल, एकॉर्ड अस्पताल और सर्वोदय अस्पताल शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर 11 और 12 के अलावा फरीदाबाद और गुरुग्राम के अलग-अलग सेक्टरों में तलाशी अभियान जारी है।
प्रत्येक अस्पताल में आयकर विभाग की 14-15 सदस्यीय टीम मौजूद थी। वे इन अस्पतालों के पिछले तीन साल के लेन-देन की जांच कर रहे हैं।
कारोबारी सौदों से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
आयकर विभाग के अधिकारियों की सहायता के लिए, स्थानीय पुलिस स्टेशन की एक टीम भी अस्पतालों में मौजूद है।(आईएएनएस)
पणजी, 27 जुलाई | गोवा सरकार द्वारा 'इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने' की योजना को बंद करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जल्द ही अन्य योजनाओं को भी बंद कर देगी। कनकोलिम विधायक और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष यूरी अलेमाओ ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर तंज कसते हुए कहा, यह योजना 'शॉर्ट स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट' है, जिसने भाजपा सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी योजना वापस लेने के लिए प्रेरित किया है। यह सिर्फ एक शुरूआत है, शक्तिहीन 'डबल इंजन' सरकार जल्द ही कई अन्य योजनाओं को अनप्लग कर देगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने पिछले बजट में घोषणा की थी कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अलेमाओ ने सवाल किया, सरकार ने यह भी कहा था कि यह योजना 2025-2026 तक जारी रहेगी। बजट पेश करने के तीन महीने बाद ही क्या गलत हुआ।
उन्होंने कहा कि कई इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को अभी तक सरकार से सब्सिडी नहीं मिली है। सब्सिडी के लिए कुल बकाया राशि लगभग 13.50 करोड़ रुपए है।
गोवा की भाजपा सरकार ने राज्य को दिवालियापन में धकेल दिया है जिसके परिणामस्वरूप राज्य में वित्तीय आपातकाल लगा है।
अलेमाओ ने कहा, गलत प्राथमिकताओं और फिजूलखर्ची ने सरकारी खजाने को खाली कर दिया है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 जुलाई| 24 जुलाई को जम्मू में 'कारगिल विजय दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। पीओके जम्मू और कश्मीर का वह हिस्सा है जिस पर 1947 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। पीओके पर भारत सरकार की सुसंगत और सैद्धांतिक स्थिति, जैसा कि 22 फरवरी, 1994 को दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से पारित संसद प्रस्ताव में भी प्रतिपादित किया गया था, यह है कि संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे।
11 मार्च, 2022 को लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने जोर देकर कहा कि भारत ने 'पाकिस्तान से लगातार अपने अवैध और जबरन कब्जे के तहत सभी क्षेत्रों को खाली करने का आह्वान किया है।'
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने पीओके को वापस लेने के लिए भारत द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बारे में लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के दौरान, उत्तरदाताओं के विशाल बहुमत (83 प्रतिशत) ने जोर देकर कहा कि भारत के लिए पीओके को भारतीय क्षेत्र में जोड़ने का समय आ गया है।
हालांकि, केवल 17 प्रतिशत उत्तरदाता इस भावना से असहमत थे। पीओके को वापस लेना एक ऐसा मुद्दा है जो एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों दोनों के बहुमत की राय में एकमत को दर्शाता है। सर्वेक्षण के दौरान, 90 प्रतिशत एनडीए मतदाताओं और 77 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने कहा कि भौगोलिक और राजनीतिक रूप से पीओके को भारतीय क्षेत्र का हिस्सा बनाने का यही सही समय है।
सर्वेक्षण के दौरान, विभिन्न सामाजिक समूहों के अधिकांश उत्तरदाताओं ने समान विचार व्यक्त किए। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 85 अपर कास्ट हिंदू (यूसीएच), 84 फीसदी अनुसूचित जनजाति (एसटी), 82 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 77 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) और 75 फीसदी मुसलमानों ने कहा कि यह पीओके को भारत का हिस्सा बनाने का सही समय है। (आईएएनएस)
बेंगलुरू, 27 जुलाई| गिरफ्तार आतंकवादियों अख्तर हुसैन लश्कर और जुबा की गतिविधियों की जांच में देश में उनके नेटवर्क का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों ने पाया है कि दोनों आतंकी संदिग्ध अल-कायदा में शामिल होने और भारत में हिंदुओं से बदला लेने के लिए आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार थे। सूत्रों ने यह जानकारी बुधवार को दी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि अख्तर हुसैन और जुबा 'मुस्लिम भाईचारे के हित' में आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार थे। दोनों ने दावा किया कि भारत में मुसलमानों के साथ तीसरे दर्जे का नागरिक जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी (एनआईए) जल्द ही संदिग्ध संदिग्धों से पूछताछ करेगी और जांच अपने हाथ में लेगी।
संदिग्ध आतंकी स्नैपचैट मल्टीमीडिया इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन पर अल-कायदा के सदस्यों के संपर्क में थे। आरोपी व्यक्तियों ने सऊदी अरब और अफगानिस्तान में संपर्क स्थापित करने की कोशिश की। वे टेलीग्राम पर मुस्लिम युवाओं को संगठित करने और तोड़फोड़ गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करने का भी प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कर्नाटक में हिजाब संकट को लेकर भी अपना गुस्सा निकाला था।
पुलिस ने अख्तर हुसैन लश्कर की जड़ों को असम के तेलतीकर गांव तक ट्रैक किया। उन्होंने अधिकारियों की सतर्कता से बचने के लिए एहतियात के तौर पर बेंगलुरू में अपना घर चार बार बदला था। आरोपितों ने जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को बेंगलुरू के संवेदनशील और व्यावसायिक स्थानों की जानकारी भी साझा की।
आतंकी ने अपने आवास में हिंदू संत स्वामी विवेकानंद की फोटो लगाई थी। पुलिस ने जिहाद और फांसी पर किताबें बरामद की हैं। पुलिस ने और डेटा हासिल करने के लिए उसके तीन मोबाइल एफएसएल को भेजे हैं।
अधिकारियों ने चैट से अल-कायदा के साथ बातचीत के 15 पेज जब्त किए। वह अल-कायदा आतंकी संगठन में शामिल होने और प्रशिक्षित होने के लिए अफगानिस्तान जाने के लिए पूरी तरह तैयार था। (आईएएनएस)
पणजी, 27 जुलाई | गोवा में कथित भूमि घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को अमृत गोवेकर नामक व्यक्ति को जाली दस्तावेज तैयार करने और संपत्ति के स्वामित्व अधिकारों को स्थानांतरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने ये जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक, अपराध शाखा, निधि वलसन ने आईएएनएस को बताया कि मुंबई निवासी नील फ्रांसिस और फ्लोरेंस फ्रांसिस की शिकायत मिलने पर मामले की जांच की गई और आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।
शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि आरोपी, अमृत गोवेकर और उसके साथियों ने बेईमानी से जाली दस्तावेज तैयार किए और धोखा देने के इरादे से, अधिकारियों के सामने असली रूप में पेश किया और संपत्ति के स्वामित्व अधिकारों को स्थानांतरित करने में सफल रहे।
आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि 25 जुलाई को गिरफ्तार आरोपी सुनील कुमार को जेएमएफसी मापुसा के समक्ष पेश किया गया और उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी और पुलिस हिरासत में भेज दिया।(आईएएनएस)
वलसाड (गुजरात), 27 जुलाई | गुजरात के वलसाड जिले में शराबबंदी का उल्लंघन करने के आरोप में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और तीन कांस्टेबल समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वलसाड पुलिस ने मंगलवार रात ग्रामीण क्षेत्र में आयोजित एक शराब पार्टी में छापेमारी की और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वलसाड जिले के पुलिस अधीक्षक राजदीप सिंह जाला ने आईएएनएस को बताया, "हमें सूचना मिली थी कि वलसाड ग्रामीण थाना क्षेत्र के अतुल इलाके में शराब पार्टी चल रही है। एक टीम ने मौके पर छापा मारा और पुलिस सब इंस्पेक्टर समेत 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें कांस्टेबल भी शामिल थे।"
जाला ने कहा कि उन पर निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में यह तीसरी बड़ी छापेमारी है। पहले छापेमारी में 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, दूसरे में 28 और अब 19 लोगों को।
सनी बावस्कर के जन्मदिन के उपलक्ष्य में शराब पार्टी का आयोजन किया गया था।
वलसाड ग्रामीण पुलिस स्टेशन अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए पुलिस कर्मियों में नाना पोंधा पुलिस स्टेशन के पुलिस सब इंस्पेक्टर आर जे गामित, कपराडा पुलिस स्टेशन में कार्यरत कांस्टेबल नितिन भीखाभाई, वलसाड ग्रामीण पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल जयेंद्र जेठवा और पुलिस मोटर परिवहन विभाग के ड्राइवर कमलेश शामिल है।
सूरत रेंज के महानिरीक्षक एस पांडियन राजकुमार ने कहा, "निषेध अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए चारों के खिलाफ प्रारंभिक विभागीय जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"(आईएएनएस)