अंतरराष्ट्रीय
मॉस्को, 13 मार्च। रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात को कहा कि उसकी सेना और सुरक्षा बलों ने रूस के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए हमले को नाकाम करते हुए 234 लड़ाकों को मार गिराया है।
मंत्रालय ने एक बयान में हमले के लिए ‘‘कीव शासन’’ और ‘‘यूक्रेन के आतंकवादी संगठनों’ को जिम्मेदार ठहराया। उसने जोर देकर कहा कि रूसी सेना और सीमा बल हमलावरों को रोकने और सीमा पार से होने वाले हमलों को नाकाम करने में सक्षम हैं।
बयान में यह भी कहा गया है कि हमलावरों के सात टैंक और पांच बख्तरबंद वाहनों को तबाह कर दिया गया।
मंगलवार सुबह सीमा पर हुई लड़ाई के बारे में कोई खास सूचना नहीं है।
युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में सीमा पार से छिटपुट हमले होते रहे हैं लेकिन दोनों पक्षों की ओर से अलग-अलग दावे किए जाने के कारण स्थिति हमेशा भ्रामक रही है।
अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को यूक्रेन के ड्रोन ने रूस के अंदर दो तेल प्रतिष्ठानों पर हमला किया,वहीं यूक्रेन के रूसी विरोधियों ने दावा किया है कि सशस्त्र बलों ने रूस के सीमावर्ती क्षेत्र में घुसपैठ की है।
कीव के अधिकारियों का कहना है कि ये सैनिक यूक्रेन के लिए लड़ने वाले रूसी स्वयंसेवक हैं और उन्होंने सीमा पार करने का दावा किया है।
‘फ्रीडम ऑफ रशिया लीजन’, ‘रशियन वालंटियर कॉर्प्स’ और ‘साइबेरियन बटालियन’ ने सोशल मीडिया पर बयान और वीडियो जारी कर रूसी क्षेत्र में होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि वे "रूस को पुतिन की तानाशाही से मुक्त कराना चाहते हैं।"
एपी नोमान शोभना शोभना 1303 0907 मॉस्को (एपी)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 13 मार्च। अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में काम किया है और दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध बेहद मजबूत हैं।
‘कांग्रेसनल इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष खन्ना ने ‘पीटीआई’ से बातचीत में कहा,‘‘ ये (भारत-अमेरिका संबंध) रक्षा, आर्थिक क्षेत्र, कृत्रिम मेधा (एआई) पर सहयोग, वैकल्पिक ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में काफी मजबूत हैं।’’
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत ने पिछले 10 वर्ष में काफी प्रगति की है।
खन्ना ने कहा, ‘‘भारी आर्थिक विकास, बड़ी महत्वाकांक्षाएं...। यकीनन चुनौतियां भी हैं। आय असमानता की चुनौतियां हैं। हालांकि यहां अमेरिका में भी हमारे सामने यह चुनौती है। यह सुनिश्चित करने की चुनौतियां कि यह एक जीवंत, बहुलवादी समाज बना रहे, लेकिन आपको इस बात का अंदाजा है कि भारत की महत्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी हैं।’’
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने कहा कि उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) का विरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उसका (सीएए) विरोध करता हूं। आव्रजन को लेकर मेरा दृष्टिकोण हमेशा ही बहुलवाद की ओर रहा है।’’
खन्ना ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने इस संबंध को मजबूत करने के लिए काफी काम किया है।
खन्ना ने कहा,‘‘ मुझे लगता है कि राष्ट्रपति बाइडन ने इसे मजबूत किया है। वह हमारी अर्थव्यवस्था के महत्व को समझते हैं। अमेरिकी विनिर्माण, अमेरिकी उत्पादों का भारत एक बड़ा खरीदार है। वह हमारी रक्षा, नौसेना व रक्षा प्रौद्योगिकी के संदर्भ में रणनीतिक संबंधों को समझते हैं।’’(भाषा)
यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख ने दावा किया है कि ग़ज़ा युद्ध में 'भुखमरी को एक हथियार' की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
जोसफ़ बोरेल ने यहां ज़रूरत भर सहायता ना पहुंचने को "मानव निर्मित" संकट बताया.
बेहद ज़रूरी खाद्य सामग्री लेकर एक स्पेनिश जहाज साइप्रस से ग़ज़ा के लिए रवाना हुआ है लेकिन संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यह सहायता सड़क मार्ग से भेजी जाने वाली मदद की ज़गह नहीं ले सकता.
वहीं दूसरी तरह इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अब दक्षिणी ग़ज़ा में ज़मीनी हमले शुरू करेंगे.
अब तक सेंट्रल ग़ज़ा और उत्तरी ग़ज़ा से आम लोगों को दक्षिणी ग़ज़ा जाने के लिए कहा गया था. ऐसे में ग़ज़ा की आबादी का बड़ा हिस्सा रफ़ा सीमा के पास रह रहा है. इसे अब तक सुरक्षित हिस्सा माना जा रहा था.
सड़क मार्ग ग़ज़ा में सहायता भेजने का सबसे सही तरीका है. लेकिन सहायता पहुंचाने वाली संस्थाओं का कहना है कि इसराइल ने इस पर पाबंदी लगायी है, जिसका मतलब है कि जो मदद पहुंच सकती है उसका बहुत छोटा हिस्सा ही अभी पहुंच पा रहा है.
अभी मदद समुद्री रास्ते और हवाई मार्ग से पहुंचाया रहा है.
इसराइल का कहना है कि ग़ज़ा में खाने की कमी के लिए उसे ज़िम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है क्योंकि उसने दो रास्ते मदद पहुंचाने के लिए खोले हैं.
मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए, बोरेल ने कहा कि इस क्षेत्र में बढ़ते मानवीय संकट का कारण सड़क से मदद ना भेज पाना है.
उन्होंने कहा- “ये आबादी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं. मानवीय सहायता ग़ज़ा में पहुंचनी चाहिए और यूरोपीय संघ इसे मुमकिन बनाने के लिए जिनता हो सकता है उतना काम कर रहा है. ” (bbc.com/hindi)
उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत स्थित लैंगफै़ैंग में बुधवार सुबह एक धमाका हुआ.
इस घटना का एक वीडियो चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
वीडियो में धुएं का बड़ा गुबार नज़र आ रहा है, कई गाड़िया क्षतिग्रस्त दिख रही हैं और मलबे सड़क पर फैले हुए हैं.
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार एक रेस्टोरेंट में ये धमाका हुआ. ये रेस्टोरेंट एक रेज़िडेंशियल इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर था.
जो लोग इस हमले में घायल हुए हैं उन्हें अस्पताल भेजा गया है. हालांकि हताहतों की संख्या का अब तक पता नहीं चल सका है.
माना जा रहा है कि ये धमाका गैस सिलेंडर के फटने से हुआ.
चीन के सरकारी न्यूज़ चैनल ने भी इस दुर्घटना का वीडियो जारी किया है. (bbc.com/hindi)
संग्राहक भाई-बहनों को 240 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय की संभावना, चरण पादुका योजना फिर
रायपुर, 12 मार्च। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि तेंदूपत्ता 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज कोंडागांव स्थित विकास नगर स्टेडियम में आयोजित ’जंगल जतरा 2024’ महासम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मोदी जी की एक और गारंटी पूरी हो गई है। ’तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन 2024’ से यह दर प्रभावशील होगी। बस्तर संभाग की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों और संग्राहक सदस्यों के बीच उपस्थित होकर गर्व हो रहा है, क्योंकि इस कार्यक्रम के माध्यम से मोदी जी की एक और गारंटी को हम पूरा करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी जी ने कहा था कि यदि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनी तो हम तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रुपए मानक बोरा कर देंगे। आज इस सम्मेलन में मैं इस योजना के शुभारंभ की घोषणा करता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर 5500 रुपए प्रति मानक बोरा होगी। साथ ही हम चरण पादुका योजना को फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी से 12 लाख 50 हजार संग्राहक परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। संग्रहण दर में बढ़ोतरी से संग्राहक भाई-बहनों को 240 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहक भाई-बहनों के लिए हमारी सरकार नयी सामाजिक सुरक्षा योजना प्रारंभ कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मोदी सरकार गांव, गरीब, आदिवासी, किसानों, महिलाओं और युवाओं की चिंता करने वाली सरकार है। छत्तीसगढ़ में भी हमारी सरकार को उन्होंने यही निर्देश दिया है। उन्होंने जो गारंटियां दी थी, वह छत्तीसगढ़ की समृद्धि और खुशहाली की गारंटियां हैं। हम एक-एक करके उनकी हर गारंटी को पूरा कर रहे हैं। हमारा मुख्य फोकस बस्तर और सरगुजा संभाग पर है। इन दोनों संभागों में असीम संभावना होते हुए भी विकास नहीं हो पाया। वन, उर्वरा भूमि, नदी-नालों और खनिज संपदा से भरपूर होने के बाद भी इन संभागों के निवासियों का जीवन संवर नहीं पाया। हमारी सरकार ने विकास की जो रणनीति बनाई है, उसमें स्थानीय संपदा का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में 65 तरह की लघु वनोपजों का संग्रहण होता है, जिसमें इमली, महुआ, अमचूर आदि का निर्यात भी किया जाता है। इनका ज्यादा से ज्यादा प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन स्थानीय स्तर पर ही हो, इस दिशा में हम ठोस प्रयास करेंगे। यहां पर भरपूर मात्रा में कोदो-कुटकी-रागी की उपज होती है। आज इन मोटे अनाजों की दुनिया में बहुत मांग है। इन मोटे अनाजों के भी स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन की व्यवस्था की जाएगी। मोटे अनाज के उत्पादक किसान भाई-बहनों को सरकार की ओर से पूरा प्रोत्साहन और सहयोग दिया जाएगा। बस्तर और सरगुजा संभाग में सिंचित रकबे का अधिक से अधिक विस्तार किया जाएगा, ताकि इन संभागों में भी दो फसली रकबा बढा़या जा सके।
बस्तर के विकास में सबसे बड़ा अवरोध माओवादी आतंक है। यहां जो सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा रहे हैं, वह विकास के कैंप भी हैं। इन कैंपों के माध्यम से बस्तर के लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ विकास भी किया जाएगा। हाल ही में हमने नियद नेल्लानार योजना शुरू की है। इस योजना में सुरक्षा कैंपों के 05 किलोमीटर के दायरे में सभी गांवों का समग्र विकास किया जाएगा। वहां के निवासियों के 25 से ज्यादा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही सरकार की 32 व्यक्तिमूलक योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। इस योजना में गांवों की अधोसंरचना का विकास किया जाएगा। सभी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास दिए जाएंगे। सभी परिवारों का राशन कार्ड बनाया जाएगा, सभी परिवारों को मुफ्त चावल, नमक, गुड़ और शक्कर दिया जाएगा। सभी परिवारों का वन अधिकार पट्टा बनाया जाएगा। साल में चार गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। सभी परिवारों को मुफ्त बिजली दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत गांवों में आंगनवाड़ी सामुदायिक भवन, उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक शाला का निर्माण किया जाएगा। किसानों को सिंचाई के लिए बोरवेल सहित सिंचाई पंप दिए जाएंगे। गांवों हैंडपंप, सोलर पंप की स्थापना की जाएगी। हर गांव में खेल का मैदान बनाया जाएगा। बस्तर की संस्कृति में देवगुड़ियों और मड़ई मेलों का बड़ा महत्व है। देवगुड़ियों के संरक्षण के साथ-साथ हमारी सरकार मड़ई-मेलों का भी संरक्षण कर रही है। बस्तर दशहरा के लिए पहले केवल 25 लाख रुपए मिला करते थे, अब हमने इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया है। चित्रकोट मेला के लिए दी जाने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई है। इसी तरह दंतेवाड़ा की फागुन मड़ई के लिए भी 10 लाख रुपए दिए जाने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है।
कोंडागांव जिले के 9 गांवों में सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ग्रामीणों को मिला भूमि का खसरा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में कोंडागांव जिले के 9 असर्वेक्षित गांवों का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ग्रामीणों को खसरों का वितरण किया जा रहा है। सर्वेक्षण के अभाव में ये ग्रामीण अनेक शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित थे। अब इन्हें भी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। अब ये ग्रामीण भी खेती-किसानी संबंधी, सिंचाई संबंधी, सौर ऊर्जा संबंधी, पशुपालन और मछली पालन संबंधी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। वे व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण भी ले पाएंगे।
सामुदायिक निवेश कोष, संकुल स्तरीय संगठन को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत अनुदान स्वरूप 15 संकुल संगठनों की 1055 स्व सहायता समूहों को 6 करोड़ 33 लाख रुपए की सामुदायिक निवेश कोष राशि प्रदान की जा रही है, जिससे 11 हजार सदस्य गायपालन, बकरीपालन, शुकरपालन, मछलीपालन, कपडे की दुकान, फैंसी स्टोर एवं अन्य आजीविका गतिविधि कर अपना अपना सामाजिक एवं आर्थिक स्थित को मजबूत कर पाएंगे। आज यहां इसके साथ ही 1200 से अधिक वन अधिकार पत्र, प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति तथा बीमा योजना के तहत परिवारजनों को सहायता राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर नक्सल पीड़ितों को शासकीय पदों पर नियुक्ति का आदेश पत्र भी प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ शासन की सबका साथ सबका विकास के ध्येय वाक्य के साथ यह जनकल्याणकारी कार्य निरंतर किए जा रहे हैं। आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि शासन के इन प्रयासों से सभी के जीवन में प्रगति की नई रोशनी आएगी।
इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेण्डी, जगदलपुर विधायक किरण देव, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी और कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने भी जंगल जतरा 2024 महासम्मेलन को संबोधित किया।
मुल्तान, 12 मार्च पाकिस्तान के मुल्तान शहर में मंगलवार तड़के एक तीन मंजिला आवासीय इमारत ढह गई, जिससे नौ लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी रिजवान कादिर ने कहा कि ढही हुई इमारत का मलबा आसपास के घरों पर भी गिरा, जिससे कई लोग घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं।
पाकिस्तान में इमारतों का ढहना आम बात है क्योंकि यहां इमारतों का निर्माण सस्ती निर्माण सामग्री से किया जाता है और लागत में कटौती के लिए सुरक्षा दिशानिर्देशों की अनदेखी की जाती है।
जून 2020 में देश के सबसे बड़े शहर कराची में एक इमारत गिरने से 22 लोगों की मौत हो गई थी। (एपी)
बीजिंग, 12 मार्च । रूसी संघ के सेंट्रल बैंक की वेबसाइट पर जारी नवीनतम रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल जनवरी में रूसी निर्यात और आयात निपटान में आरएमबी की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में रूस के निर्यात निपटान में आरएमबी की हिस्सेदारी बढ़कर 40.8% हो गई, और आयात निपटान में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 38.5% हो गई, यानी की 13.2 अरब अमेरिकी डॉलर और 9.1 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि इस साल फरवरी में, चीनी अवकाश के कारण, रूसी विदेशी मुद्रा बाजार के लेनदेन में आरएमबी की हिस्सेदारी में गिरावट आई। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 12 मार्च । अमेरिका के इलिनोइस राज्य की राजधानी स्प्रिंगफील्ड से लगभग 91 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में रशविल में एक हाईवे पर एक स्कूल बस के ट्रक से टकरा जाने से तीन बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई।
एक प्रेस ब्रीफिंग में इलिनोइस राज्य पुलिस ने कहा कि दुर्घटना सोमवार सुबह 11:30 बजे के आसपास हुई जब यूएस रूट नंबर 24 पर पूर्व की ओर जा रही स्कूल बस पश्चिम की ओर से आने वाली लेन में घुस गई और एक ट्रक से टकरा गई।
टक्कर के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई। स्कूल बस में सवार ड्राइवर और उसके तीन बच्चे सहित ट्रक के ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद, मंगलवार और बुधवार को स्कूल बंद कर दिया गया।
दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रह है।
(आईएएनएस)
गाजा, 12 मार्च । गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान बीते दिनों हिरासत में लिए गए फिलिस्तीनियों को इजराइल ने रिहा कर दिया है।
अधिकारी ने सोमवार को इस संदर्भ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, "फिलिस्तीनियों को दक्षिणी गाजा पट्टी में केरेम शालोम क्रॉसिंग से रिहा किया गया।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में दावा किया गया है कि रिहा किए गए व्यक्तियों के शरीर पर यातना के निशान देखे गए हैं।
स्थानीय सूत्रों और फिलिस्तीनी मानवाधिकार संगठनों ने बताया कि इजरायली सेना ने ऑपरेशन के दौरान दर्जनों फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें अज्ञात स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था।
(आईएएनएस)
अदन (यमन), 12 मार्च । यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) ने यमन के तट से गुजर रहे एक मर्चेंट शिप के आसपास विस्फोट की रिपोर्ट मिलने के बाद चेतावनी जारी की है।
सोमवार को जारी यूकेएमटीओ की रिपोर्ट के अनुसार, जहाज के मालिक ने यमन के बंदरगाह शहर सलीफ़ से लगभग 71 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एक विस्फोट की आवाज़ सुनने की सूचना दी।
हालांकि, जहाज और चालक दल सुरक्षित बताए जा रहे हैं। विस्फोट का कारण फिलहाल अज्ञात है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्र में सक्रिय अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
अभी तक किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
नवंबर के बाद से हूथी ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में मर्चेंट को तेजी से निशाना बनाया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह गाजा में इजरायली हमलों के प्रतिशोध में है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने जनवरी के मध्य में यमन में हूथी ठिकानों के खिलाफ हवाई और मिसाइल हमले शुरू किए। हालांकि, विद्रोहियों की क्षमताओं को रोकने या कम करने के बजाय इन हमलों ने हूथी बलों को और अधिक भड़काने के लिए प्रेरित किया है।
(आईएएनएस)
दुनिया भर में 70 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं. गाजा में यह स्थिति और विकट है, जिसकी सबसे अधिक तपिश बच्चे झेल रहे हैं. लेकिन इंसान का शरीर ऐसा है कि वह खानपान के बिना भी कुछ समय तक हमें जिंदा रख सकता है.
डॉयचे वैले पर क्लेयर रोठ की रिपोर्ट-
गाजा पट्टी में लोग भुखमरी और कुपोषण की समस्या से जूझ रहे हैं. यह फलस्तीनी क्षेत्र इस्राएल-हमास युद्ध छिड़ने के बाद से ही चर्चा के केंद्र में बना हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयेसस के अनुसार, "कुपोषण की स्थिति भयावह स्तर पर" पहुंच गई है. इसके चलते कम से कम 10 बच्चों की मौत हुई है. वहीं, हमास द्वारा संचालित फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बीच भोजन और पानी की कमी के चलते 15 बच्चों की मौत हो गई. उत्तरी गाजा में लगभग तीन लाख लोग भोजन और स्वच्छ पेयजल की कमी से जूझ रहे हैं.
लंबे समय तक भूख की स्थिति शरीर के लिए भारी बोझ सिद्ध होती है, लेकिन हमारे विकास की प्रक्रिया ने मानव शरीर को इस प्रकार विकसित किया है कि आवश्यकता पड़ने पर वह कुछ हफ्तों के लिए बिना भोजन के जीवित रह सके. हालांकि यह हर किसी के लिए कारगर नहीं होता. इसमें कई और पहलू भी प्रभावी भूमिका निभाते हैं. जैसे, यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. ऐसी स्थिति में भोजन की कमी से इतर भी किसी व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना और कमजोर हो जाती है.
चलिए, हम उन प्रक्रियाओं की पड़ताल करते हैं कि भूख और पोषण की कमी की स्थिति में हमारा शरीर अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कैसे प्रयास करता है.
वजूद बचाए रखने के लिए बना है शारीरिक ढांचा
मस्तिष्क के भीतर हाइपोथैलेमस नाम का हिस्सा होता है. भूख की अनुभूति कराने में इसकी अहम भूमिका होती है. रक्त में शर्करा यानी शुगर के स्तर में गिरावट आते ही यह सक्रिय हो जाता है. सबसे पहले हाइपोथैलेमस किडनी की एड्रिनल ग्रंथियों को तनाव उत्पन्न करने वाला हार्मोन एड्रिनेलिन स्रावित करने का निर्देश देता है. यह हमें भोजन की खोज में उन्मुख करता है. लेकिन यदि हम भोजन तलाशने में असफल रहते हैं तो मस्तिष्क वैकल्पिक योजना यानी प्लान बी पर काम करता है. इसके तहत वह शरीर के अन्य हिस्सों में ग्लूकोज की तलाश करता है.
मस्तिष्क को अपने संचालन के लिए शुगर के एक स्वरूप ग्लूकोज की आवश्यकता है होती है, जिसे ब्लड शुगर भी कहा जाता है. किसी व्यक्ति के कुल वजन के दो प्रतिशत हिस्सा ही ग्लूकोज के रूप में होता है, लेकिन उसमें आधा केवल मस्तिष्क ही उपयोग करता है. इस आवश्यक शुगर की प्राप्ति के लिए मस्तिष्क शरीर को सुनियोजित रूप से निर्देशित करता है, जिसमें इंसुलिन स्राव को रोकने का संकेत होता है. इससे शरीर की मांसपेशियों को ग्लूकोज की आपूर्ति रुक जाती है और उनके बजाय मस्तिष्क उसका उपयोग करता है.
भयंकर भूख के दौरान शरीर का प्रत्येक अंग अपने मूल आकार की तुलना में घटकर आधा रह जाता है. यह तब तक उस स्थिति में रह सकता है जब तक वह खराब न हो जाए और व्यक्ति की मृत्यु हो जाए. मस्तिष्क इसमें इकलौता अपवाद है, जो ग्लूकोज संरक्षित रखने की अपनी क्षमता के चलते अधिकतम 4 प्रतिशत तक सिकुड़ सकता है.
शरीर के अन्य हिस्से ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रोटीन का रुख करते हैं. यह मांसपेशियों की कीमत पर होता है, जिनमें व्यापक रूप से प्रोटीन होता है. मुख्यतः प्रोटीन के स्वरूप वाले एमीनो एसिड को शरीर ग्लूकोज में परिवर्तित करता है.
क्या आप अत्यधिक भूख को भांप सकते हैं?
करीब आठ से दस दिनों के बाद शरीर अपना मेटाबॉलिज्म यानी उपापचय प्रणाली को ऊर्जा की किफायत से खर्च करने वाली स्थिति में ढाल लेता है. जानवरों की सुषुप्तावस्था की तरह हृदय की गति, रक्तचाप और शरीर का तापमान जैसी आवश्यक शारीरिक गतिविधियां न्यूनतम स्तर पर चले जाते हैं. सीमित भोजन की स्थिति में शरीर यही सबसे बेहतर काम करता है.
शरीर फैटी एसिड्स को तथाकथित कीटोन बॉडीज में रूपांतरित कर वसा के भंडार का उपयोग करना शुरू कर देता है. कीटोन बॉडीज ऊर्जा की अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत होती हैं. ये इकलौती ऐसी यौगिक संरचनाएं यानी कंपाउंड्स हैं, जिनका उपयोग मस्तिष्क ग्लूकोज के साथ भी कर सकता है.
लेकिन जब ये फैटी एसिड कीटोन बॉडीज में रूपांतरित होते हैं तो इस प्रक्रिया से नेल पॉलिश जैसी गंथ निकल सकती है. यह इसलिए होता है, क्योंकि एसिटोन उन कीटोन बॉडीज में से होते हैं, जो किडनी और सांसके माध्यम से उत्सर्जित होते हैं.
भूख का सिलसिला जितना लंबा खिंचता है, हालात उतने ही खराब होते जाते है. मसलन, त्वचा की अवरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है और सूजन यानी इनफ्लेमेशन बढ़ने लगती है.
भूख से क्यों बेहाल हो जाते हैं अंग
धीरे-धीरे शरीर अपने सभी अहम अंगों को मस्तिष्क के भोजन में रूपांतरित कर देता है. कुछ समय के बाद व्यक्ति केवल त्वचा एवं हड्डियों का ढांचा मात्र बनकर रह जाता है और अंग निष्क्रिय होकर दम तोड़ने लगते हैं. अक्सर सबसे पहले दिल जवाब दे जाता है.
कोई व्यक्ति कितनी लंबी अवधि तक भूख से जूझकर जिंदा रह सकता है, यह इसी बात पर निर्भर करता है कि मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया किस प्रकार खुद को नए सिरे से संयोजित कर मस्तिष्क को कम ग्लूकोज पर निर्भरता के लिए तैयार करने में सक्षम होती है. ऊपर भी इसका उल्लेख किया गया है. इससे महत्वपूर्ण अंगों में प्रोटीन भंडारण के बचे रहने की संभावना कायम रहती है.
यह सब सुचारु रूप से चल सके, उसके लिए शरीर को भूख के आरंभिक संकेत अवश्य देने चाहिए, जो इंसुलिन के स्राव को रोक सकें. हालांकि यह तरीका हमेशा काम नहीं करता. उदाहरण के तौर पर मलेरिया, एचआईवी/एड्स या किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे लोगों के रक्त में कई इनफ्लेमेशनरी तत्व उपस्थित रहते हैं, जिससे पैंक्रियाज भूख संबंधी मेटाबॉलिज्म को बाधित कर निरंतर इंसुलिन रिलीज करना जारी रखेगी.
शरीर पर भूख का दीर्घकालिक प्रभाव
लोग भुखमरी से उबर जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों को इसके दूरगामी शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक प्रभाव झेलने पड़ते हैं. इसमें अंगों को पहुंची ऐसी क्षति भी शामिल है, जिसकी पूर्ति संभव न हो. अंग निष्क्रियता भी हो सकती है. प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रभावित होने के साथ ही हड्डियों का ढांचा बिगड़ सकता है.
भुखमरी-इंसुलिन, कार्टिसोल और थाइरॉयड जैसे हार्मोंस भी प्रभावित कर सकती है. भुखमरी से जूझने वाले लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के पनपने की आशंका भी कहीं अधिक होती है. भुखमरी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर देती है, जिससे शरीर हैजा, खसरा और मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों के लिहाज से बहुत नाजुक हो जाता है.
मां से बच्चे में हस्तांतरित होती है भुखमरी
कुपोषित गर्भवती महिलाओं में भुखमरी के नकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों में भी हस्तांतरित हो सकते हैं. अमेरिका के पेंसिनवेलिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने 2022 में एक अध्ययन किया. यह अध्ययन उन लोगों पर किया गया जो द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति पर डच हंगर इंडेक्स की चपेट में आए थे, जिसमें बच्चों पर भुखमरी के दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन किया गया.
सभी आयुवर्गों के अध्ययन में यह सामने आया कि गर्भाशय में कुपोषण के सर्वाधिक नकारात्मक दीर्घकालिक दुष्प्रभाव होते हैं. ऐसी परिस्थितियों में पैदा हुए बच्चों में डायबिटीज, हृदय संबंधी बीमारियों और कालांतर में मोटापे के साथ ही मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के साथ ही सुनने में दिक्कत के मामले सामने आए.
भुखमरी के मनोवैज्ञानिक प्रभाव
1940 के दशक के मध्य में शोधकर्ताओं ने भुखमरी की फिजियोलॉजी को समझने का एक ऐसा प्रयोग किया जो आज के समय में अकल्पनीय होगा. अमेरिकी वैज्ञानिक एंसेल कीज ने यह अध्ययन किया था. इसमें शामिल 36 प्रतिभागियों को तीन महीनों तक आवश्यकता से आधी कैलोरी वाली भोजन सामग्री प्रदान की गई. निरंतर भूख के मनोवैज्ञानिक प्रभाव विशेष रूप से स्पष्ट हो गए. कई प्रतिभागी इस अध्ययन से पीछे हट गए या उनमें उदासीनता घर कर गई.
भूख बाकी सभी पहलुओं पर हावी हो गई. उनकी दिलचस्पी केवल खाने पीने से जुड़ी वस्तुओं में थी. कुछ लोग तो नरभक्षी बनने से जुड़े सपने भी देखे. हालांकि, उनकी इंद्रियां खासी तेज हो गईं. उनकी सूंघने और सुनने की क्षमता पहले की तुलना में बेहतर हो गई.
(यह लेख मूल रूप से जर्मन में प्रकाशित हुआ)
इंडोनेशिया की एक एयरलाइंस बाटिक एयर के दोनों पायलट बीच उड़ान में ही सो गए. इंडोनेशियाई सरकार अब इस चौंकाने वाली घटना की जांच में लगी है.
बाटिक एयर का ये विमान 25 जनवरी को राजधानी जकार्ता से सुलावेसी की उड़ान पर था. 28 मिनट तक ये विमान इसी तरह उड़ता रहा. बताया जा रहा है दोनों पायलटों में से एक अपने नवजात जुड़वां बच्चों की देखरेख के काम से थक गया था.
इस वजह से ड्यूटी के दौरान उसे नींद आ गई थी. दोनों पायलटों के सो जाने की वजह से विमान थोड़ी देर तक रास्ता भटक गया लेकिन आखिरकार इसे सुरक्षित उतारने में कामयाबी मिल गई.
इसमें सवार सभी 153 पैसेंजर सुरक्षित थे. इस लापरवाही के आरोप में दोनों पायलटों को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है.
परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि 32 वर्षीय पायलट ने विमान उड़ने के बाद अपने सह-पायलट से आधे घंटे तक इसका नियंत्रण रखने को कहा. मुख्य पायलट ने कहा कि उसे थोड़ी देर आराम चाहिए. लेकिन थोड़ी देर बाद को-पायलट भी सो गया. (bbc.com/hindi)
अल-क़ायदा की यमन शाखा ने अपने नेता ख़ालिद बतारफ़ी की मौत की ख़बर दी है. हालांकि उनकी मौत किन हालात में हुई इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है.
अरब प्रायद्वीप में अल-क़ायदा (एक्यूएपी) के एक वीडियो में दिख रहा है कि बतारफ़ी का शव कफ़न में लिपटा है. उनके शरीर पर संगठन का बैनर लिपटा है. संगठन से जुड़े एक सीनियर सदस्य ने हालांकि ये नहीं बताया कि उनकी मौत कैसे हुई है.
लेकिन उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे पता चलता है कि वो अपने पूर्ववर्ती की तरह नहीं मारे गए.
बतारफ़ी उम्र के चौथे दशक में थे और सऊदी अरब के नागरिक थे. वो 2020 में एक्यूएपी के नेता बने. अमेरिका ने उन्हें 2018 में 'ग्लोबल टेररिस्ट' की सूची में डाल दिया था. उन पर पचास लाख डॉलर का ईनाम रखा गया था.
एक्यूएपी के मीडिया आउटलेट की सोशल मीडिया पोस्ट में संगठन के अधिकारी अबु खुबैब अल-सुडानी एक बयान पढ़ते दिख रहे हैं, जिसमें बतारफ़ी की मौत की सूचना दी जा रही है. इसमें ये नहीं कहा गया कि किसी ने उन पर हमला कर उन्हें मार डाला है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान की नई सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है.
सोमवार को शहबाज़ शरीफ़ सरकार की 19 सदस्यीय कैबिनेट ने शपथ ली. इसी के साथ देश का नया विदेश मंत्री पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के नेता इशाक़ डार को बनाया गया है.
डार पाकिस्तान के वित्त मंत्री रह चुके हैं. देश में गहराते आर्थिक संकट के बीच उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है.
पीएमएल-एन की सरकार में मुख्य सहयोगी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था.
पिछली शहबाज़ शरीफ़ सरकार में पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी विदेश मंत्री थे.
73 साल के डार पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और काफ़ी सधे हुए नेता है. वो नवाज़ शरीफ़ के रिश्तेदार भी हैं और क़रीबी भी.
डार चार बार देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं. माना जा रहा है किदेश की कूटनीति में अर्थशास्त्र की भूमिका को प्रभावी बनाने के इरादे से उन्हें ये मंत्रालय दिया गया है.पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और डील करने की कोशिश कर रहा है ऐसे में डार का इस पद पर आना अहम है.
पाकिस्तान की कोशिश है कि अधिक से अधिक विदेशों से धन जुटाया जा सके ताकि देश आर्थिक संकट से निपट सके.
रॉयटर्स से बात करते हुए डार ने कहा था, “आर्थिक कूटनीति आज के समय की मांग है.” (bbc.com/hindi)
बीजिंग, 11 मार्च । 14वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का दूसरा अधिवेशन सुचारू रूप से विभिन्न कार्य पूरा कर सोमवार की दोपहर के बाद पेइचिंग जन वृहद भवन में समाप्त हुआ।
शी चिनफिंग समेत चीनी नेतागण इसमें उपस्थित हुए। महासभा में सरकारी कार्य रिपोर्ट, एनपीसी की स्थाई समिति की कार्य रिपोर्ट, सर्वोच्च जन न्यायालय की कार्य रिपोर्ट, सर्वोच्च जन प्रोक्यूरेटोरेट की कार्य रिपोर्ट की पुष्टि की गयी और वर्ष 2024 राष्ट्रीय आर्थिक व सामाजिक योजना तथा वर्ष 2024 केंद्रीय बजट को मंज़ूरी दी गयी।
महासभा में मतदान से संशोधित राज्य परिषद का संगठित कानून भी पारित किया गया। नये कानून में स्पष्ट किया गया कि राज्य परिषद प्रशासनिक निगरानी तंत्र संपूर्ण बनाकर प्रशासनिक अधिकारों के संचालन के नियंत्रण और निगरानी को मज़बूत करता है। नये कानून में राज्य परिषद के सदस्यों के प्रति अनुशासन की मांग भी संपूर्ण बनायी गयी। (आईएएनएस)
बीजिंग, 11 मार्च । चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने सोमवार को नियमित प्रेस वार्ता में दक्षिण चीन सागर के तेल और गैस के विकास पर संबंधित सवाल के जवाब में बताया कि दक्षिण चीन सागर का सवाल चीन और आसियान के कुछ देशों के बीच का मुद्दा है।
चीन प्रत्यक्ष रूप से संबंधित देशों के साथ वार्ता कर समाधान करने पर कायम रहता है, जिसमें संसाधन के विकास समेत समुद्र संबंधी मतभेद शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि संबंधित देशों को दक्षिण सागर में संसाधन का विकास करने में चीन की प्रभुसत्ता और समुद्री हितों पर नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और बाहरी देशों को इस मामले में नहीं लाना चाहिए।
उन्होंने बल दिया कि बाहरी देशों को दक्षिण चीन सागर मामले में लाने से घटनाक्रम और अधिक जटिल होगा। (आईएएनएस)
बीजिंग, 11 मार्च । चीन में दो सत्रों के आयोजन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। चीन में इस साल के सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में एनपीसी और सीपीपीसीसी में अहम मुद्दों पर चर्चा की गयी। इनमें चीन के शीर्ष नेताओं के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों और वर्गों के प्रतिनिधियों ने अपनी राय और सुझाव रखे।
इन सम्मेलनों से एक बात स्पष्ट हो गयी है कि चीन वैश्विक मंदी और युद्ध के संकट के बीच एक अग्रणी शक्ति के रूप में आगे बढ़कर काम कर रहा है। जानकार कहते हैं कि चीन ने जिस तरह से कोरोना महामारी के बाद की स्थिति को संभाला है, वह काबिले तारीफ़ है। आने वाले दिनों में भी चीन विभिन्न वैश्विक संकटों के समाधान में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
हमने देखा कि चीन ने एनपीसी के दौरान आधुनिकीकरण और तकनीकी प्रगति पर ज़ोर दिया, जिसका उद्देश्य चीनी नागरिकों के जीवन को बेहतर से बेहतर बनाना है, क्योंकि तकनीकी विकास और औद्योगिक प्रगति आज के वक्त की मांग है, चीन सरकार और चीनी नेता इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं।
गौरतलब है कि चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग द्वारा एनपीसी के सम्मुख प्रस्तुत वार्षिक सरकारी कार्य रिपोर्ट ने चीनी खुलेपन और वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। रिपोर्ट में सिर्फ सामान्य विकास दर की ही बात नहीं की गयी है, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले विकास पर भी जोर दिया गया है। वहीं, देश के भीतर डिमांड बढ़ाने पर फोकस किया गया है। जबकि, उपभोग और निवेश के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर चीन का जोर होगा।
जाहिर है कि चीन आधुनिक औद्योगिक प्रणाली के निर्माण को व्यापक ढंग से बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों के विकास में तेजी लाने के लिए काम करेगा। स्पष्ट है कि चीन नवाचार और हरित विकास पर अपना ध्यान केंदित किए हुए है, जिस तरह से दुनिया जलवायु परिवर्तन की चुनौती से जूझ रही है, ऐसे में चीन की पहल और कोशिश सराहनीय है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा पेश की गयी "नई गुणवत्ता उत्पादक शक्तियों" की अवधारणा को स्वागत योग्य कदम माना गया है। 10 मार्च को चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन यानी सीपीपीसीसी का समापन हो गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पिछले कई दशकों से यह सीपीसी के नेतृत्व में एक अहम भूमिका निभा रही है।
साथ ही चीन में स्थिर राजनीतिक व्यवस्था का अन्य देशों पर असर दिखता है क्योंकि चीन एक बड़ी आर्थिक शक्ति वाला देश है, जो संकट के मौकों पर मदद का हाथ बढ़ाता है। कहा जा सकता है कि चीन के दो सत्रों ने चुनौती भरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक और मजबूत संदेश दिया है, जिससे विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में चीन की जिम्मेदारी का पता चलता है, जो बार-बार खुलेपन और समन्वय पर जोर दे रहा है। (आईएएनएस)
बीजिंग, 11 मार्च । हाल ही में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के न्यिंग-ची शहर द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से मिली खबर के अनुसार, 21वां न्यिंग-ची आड़ू फूल पर्यटन संस्कृति महोत्सव 31 मार्च को उद्घाटित होगा, जो एक माह तक चलेगा।
बताया गया है कि मौजूदा आड़ू फूल महोत्सव के न्यिंग-ची शहर में प्रमुख स्थल और 7 काउंटियों में शाखा स्थल स्थापित किए जाएंगे। इस दौरान "आड़ू फूल सपनों की तलाश" शीर्षक कार्निवल सहित तीन विषयगत गतिविधियों और "वसंत में आड़ू फूल का भोज" सहित 22 शाखा गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
साथ ही, तिब्बती चिकित्सा अनुभव, स्व- ड्राइविंग शिविर, कला सह-निर्माण जैसे कई अनुभव गतिविधियों, आड़ू फूल संगीत सभा, आड़ू फूल परेड आदि स्थानीय विशेषताओं वाली गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा।
यह भी बताया गया है कि महोत्सव के दौरान, तिब्बत विशेषताओं और न्यिंग-ची विशेषताओं वाली सांस्कृतिक पर्यटन व्यावसायिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा, जिनका उद्देश्य न्यिंग-ची शहर के सांस्कृतिक और पर्यटन उद्योगों के विकास की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार करना है।
आड़ू फूल महोत्सव के दौरान, "भोजन, आवास, परिवहन, यात्रा, खरीदारी, मनोरंजन" आदि पहलुओं में आगंतुकों की सेवा पूरी तरह से सुनिश्चित की जाएगी। (आईएएनएस)
बीजिंग, 11 मार्च । 14वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) के प्रतिनिधि के रूप में ल्यू छिंग च्यांगसू प्रांत के औद्योगिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष, शांगहाई यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा प्रौद्योगिकी नवाचार अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष और यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र के निदेशक हैं।
साल 2023 में आयोजित दो सत्रों के दौरान, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने च्यांगसू प्रांतीय एनपीसी प्रतिनिधिमंडल की बैठक में हिस्सा लिया, उस समय ल्यू छिंग ने राष्ट्रपति के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की थी।
इस वर्ष दो सत्रों के दौरान, शी चिनफिंग ने एक बार फिर च्यांगसू प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में भाग लिया। उन्होंने फिर से नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता की बात की और खास तौर पर नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों की विस्तृत व्याख्या की। शी ने कहा कि हमें उच्च गुणवत्ता वाले विकास के प्राथमिक कार्य को दृढ़ता से समझना चाहिए और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों का विकास करना चाहिए।
राष्ट्रपति की बातों से ल्यू छिंग बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी का कहना है कि नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों से उच्च गुणवत्ता वाले विकास को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने खास तौर पर उल्लेख किया कि नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों का मतलब पारंपरिक उद्योगों को छोड़ना नहीं है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वर्गीकृत मार्गदर्शन प्रदान करना आवश्यक है।
अपने कार्य क्षेत्रों में नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों के विकास को कैसे लागू किया जाए, ल्यू छिंग को लगता है कि मौलिक अनुसंधान करने की क्षमता वाले अनुसंधान एवं विकास संस्थानों का निर्माण करना, वर्तमान उद्योग में मौजूद प्रमुख तकनीकी समस्याओं का अनुसंधान करना, विभिन्न प्रकार वाले भावी उद्योगों का बीजारोपण करना और कई प्रमुख परियोजनाओं का समर्थन करना आवश्यक है।
ल्यू छिंग ने कहा कि उनसे अक्सर कई विदेशी मित्रों द्वारा भी पूछा जाता है जो चीन की अर्थव्यवस्था के प्रति चिंतित हैं। वह हमेशा उन मित्रों को बताते हैं कि चीन के पास दुनिया की सबसे संपूर्ण विनिर्माण और औद्योगिक प्रणाली है। देश के पश्चिम और पूर्वोत्तर भागों में बहुत सारा बाज़ार स्थान और विकास स्थान है। साथ ही, चीन के सौर बैटरी और नव ऊर्जा वाहन जैसे 'मेड इन चाइना' वाले उत्पाद बहुत लागत प्रभावी हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी हैं।
ल्यू छिंग ने कहा कि वास्तव में नवाचार से आरंभ होकर नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों का विकास करना चाहिए और चीन में उच्च गुणवत्ता वाले औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना चाहिए। उन्हें विश्वास है कि इस तरह से चीन की आर्थिक विकास की संभावनाएं उज्ज्वल होंगी। (आईएएनएस)
लॉस एंजेलिस, 11 मार्च । फिल्म 'ओपेनहाइमर' में बेहतरीन अभिनय को लेकर हॉलीवुड स्टार सिलियन मर्फी ने ऑस्कर में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्होंनेे कहा कि वह यह सम्मान पाकर बेहद गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
मर्फी ने फिल्म में "परमाणु बम के जनक" जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर की भूमिका निभाई है। इस सम्मान के लिए उन्होंने अकादमी और नोलन को धन्यवाद दिया।
मर्फी ने कहा, ''पिछले 20 वर्षों में आपने मुझे जो यात्रा कराई है, वह सबसे रोमांचक, उत्साहजनक और रचनात्मक रूप से संतोषजनक रही है। मैं उससे कहीं अधिक आपका आभारी हूं।''
उन्होंनेे आगे कहा, ''ओपेनहाइमर' के हर एक कलाकार को बहुत-बहुत धन्यवाद, आप लोगों ने मुझे आगे बढ़ाया। मैं सचमुच आपका सम्मान करता हूं।''
एक्टर ने कहा, ''मेरे दोनों लड़के यहां बैठे हैं, मैं उनसे बेहद प्यार करता हूं। आज यहां खड़े होकर मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है। मैंने फिल्म में एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया है, जिसने परमाणु बम बनाया है।''
(आईएएनएस)
बेरूत, 11 मार्च । लेबनान के सैन्य सूत्रों ने मीडिया को बताया कि दक्षिणी लेबनान के हेब्बारिये गांव पर इजराइली हवाई हमले में इस्लामिक समूह की सैन्य शाखा अल-फज्र फोर्सेज के तीन सदस्य मारे गए और एक घायल हो गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने रविवार को बताया कि इजराइली युद्धक विमानों ने एक वाहन पर चार मिसाइलें दागीं। हमले में तीन व्यक्तियों की मौत हो गई और चौथा घायल हो गया।
नागरिक सुरक्षा इकाइयों और रेड क्रॉस के सदस्यों ने शवों और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
गौरतलब है कि सुन्नी सशस्त्र समूह अल-फज्र फोर्सेज ने हाल ही में दक्षिणी लेबनान से इजराइली सेना के खिलाफ कई सैन्य अभियान चलाए हैं।
(आईएएनएस)
लॉस एंजेलिस, 11 मार्च । क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म 'ओपेनहाइमर' ने 96वें अकादमी पुरस्कारों में अपना दबदबा कायम रखा। इसने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता सहित सात अवार्ड अपने नाम किए।
फिल्म के एक्टर सिलियन मर्फी ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा, "हमने उस शख्स के बारे में फिल्म बनाई जिसने परमाणु बम बनाया। अच्छा हो या खराब, हम सभी ओपेनहाइमर की दुनिया में रह रहे हैं।"
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतने वाले नोलन के लिए यह पहला ऑस्कर है। उन्हें पहले 'डनकर्क' के निर्देशन के लिए सात बार नामांकित किया गया था, साथ ही 'मेमेंटो' और 'इंसेप्शन' जैसी फिल्मों में उनके काम के लिए भी नामांकित किया गया था।
उन्होंने कहा, “मैं पेंटिंग या थिएटर में 100 साल बिताने की कल्पना करूंगा। हम नहीं जानते कि यह अविश्वसनीय यात्रा यहां से कहां जाएगी।"
एम्मा स्टोन ने 'पुअर थिंग्स' के लिए अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर जीता। उन्होंने अपने निर्देशक योर्गो लैंथिमोस को धन्यवाद दिया, जिनके साथ उन्होंने हाल ही में एक और फिल्म 'काइंड्स ऑफ काइंडनेस' बनाई है।
डेविन जॉय रैंडोल्फ को 'द होल्डओवर्स' में अपने बेटे की मौत से जूझ रही एक दुखी कैफेटेरिया मैनेजर की भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का अवार्ड दिया गया।
रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने सिलियन मर्फी अभिनीत 'ओपेनहाइमर' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीता। उन्होंने कहा: "एक छोटी सी बात, मुझे इस नौकरी की बहुत ज्यादा जरूरत थी।"
अभिनेता 1990 के दशक में नशीली दवाओं की लत से जूझ रहे थे। इसके बाद वापसी करने से पहले, उन्होंने अपने 40 साल के वकील टॉम हैनसेन को धन्यवाद दिया, “उनमें से आधा उन्होंने मेरा बीमा कराने और मुझे बाहर निकालने में खर्च किया। ”
सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर विजेता 'द जोन ऑफ इंटरेस्ट' के निर्देशक जोनाथन ग्लेज़र ने मध्य पूर्व में हिंसा के बारे में बात की और होलोकॉस्ट पर अपने व्यंग्यात्मक नज़र के संदेश के साथ समानताएं बनाने की बात कही।
'अमेरिकन फिक्शन' ने सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा का पुरस्कार जीता, जबकि 'एनाटॉमी ऑफ ए फ़ॉल' ने सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का पुरस्कार जीता।
'20 डेज़ इन मारियुपोल' को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री का अवार्ड मिला। इसके निर्देशक मस्टीस्लाव चेर्नोव ने रूस के आक्रमण की लागतों की ओर सबका ध्यान खींचा।
बिली इलिश ने अपने 'बार्बी' गीत 'व्हाट वाज़ आई मेड फॉर?' के लिए सर्वश्रेष्ठ गीत अर्जित करने के बाद 22 साल की उम्र में सबसे कम उम्र में दो बार ऑस्कर विजेता बनकर रिकॉर्ड तोड़ दिए।
जिमी किमेल चौथी बार ऑस्कर की मेजबानी के लिए लौटे। उन्होंने समारोह की शुरुआत 'बार्बी' फिल्म निर्माता ग्रेटा गेरविग की अकादमी उपेक्षा, कई नामांकित फिल्मों की अत्यधिक लंबाई और रॉबर्ट डी नीरो की बहुत छोटी प्रेमिका पर चुटकी ली।
(आईएएनएस)
यूक्रेन ने पोप फ्रांसिस की अपील को ख़ारिज कर दिया है.
पोप ने यूक्रेन से कहा था कि उसे रूस के साथ पिछले दो साल से जारी युद्ध ख़त्म करने के लिए बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने यूक्रेन से ये भी कहा था कि उसे 'सफ़ेद झंडा उठाने का साहस रखना चाहिए'.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफ़ेद झंडे को युद्धविराम करने या बातचीत के लिए इच्छुक होने या आत्मसमर्पण करने के संकेत के तौर पर माना जाता है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने पोप की अपील का जवाब देते हुए कहा है कि नीले और पीले रंग के देश के झंडे से अलग किसी अन्य झंडे को कभी नहीं उठाया जाएगा.
वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने भी पोप के बयान को ख़ारिज कर दिया है. रविवार की रात देश के लिए जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने पोप का नाम लिए युद्ध में यूक्रेन के चर्च और धर्मगुरुओं के योगदान की सराहना की.
ज़ेलेंस्की ने कहा, ''वे अग्रिम मोर्चों पर लोगों के जीवन और मानवता की रक्षा कर रहे हैं. दुआ, बातचीत और आशीर्वाद से लोगों की मदद कर रहे हैं. चर्च लोगों के साथ हैं, न कि ढाई हज़ार किलोमीटर दूर बैठकर उन पक्षों के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें एक पक्ष जीना चाहता है, वहीं दूसरा पक्ष आपको बर्बाद करना चाहता है.''
वहीं वेटिकन में यूक्रेन के राजदूत ने पोप के बयान की तुलना उन लोगों से की जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के साथ बातचीत करने की वकालत की थी.
पोप ने क्या कहा था
स्विट्जरलैंड के मीडिया संस्थान आरएसआई के साथ पोप का इंटरव्यू फरवरी में रिकॉर्ड किए गया था, जो 20 मार्च को प्रसारित होगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस इंटरव्यू में पोप ने कहा, "सबसे मज़बूत वो है, जिनकी हालात पर नज़र हो, जो लोगों के बारे में सोचे और सफ़ेद झंडे का उठाने का साहस रखे और बातचीत करे. जब आप पाते हैं कि आप हार गए हैं या चीजें ठीक नहीं चल रही हैं तो आपको बातचीत के लिए हिम्मत दिखानी चाहिए." (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 10 मार्च। आसिफ अली जरदारी ने रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। एक दिन पहले उन्हें भारी मतों के अंतर से देश के नये राष्ट्राध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने राष्ट्रपति भवन ‘ऐवान-ए-सदर’ में 68 वर्षीय जरदारी को पद की शपथ दिलाई।
जरदारी, डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे जो सितंबर 2023 में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद पांच महीने तक पद पर बने रहे।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना के तीनों अंगों के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी और राजनयिक उपस्थित थे।
सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने शनिवार को महमूद खान अचकजई को भारी मतों के अंतर से हराया, जिसके बाद उन्हें दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा समर्थित अचकजई सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के उम्मीदवार थे।
जरदारी ने अपने सहयोगी दलों - मुख्य रूप से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के समर्थन से संसद और सभी चार प्रांतीय विधानसभाओं में 411 वोट हासिल किए। उनके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अचकजई को 181 वोट मिले।
यह दूसरी बार है, जब जरदारी ने राष्ट्रपति चुनाव जीता है। इससे पहले, जरदारी वर्ष 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे थे। वह अगस्त 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य हैं।
वर्ष 1955 में जन्मे जरदारी का पालन-पोषण और शिक्षा कराची में हुई। उनकी शादी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनजीर भुट्टो से हुई थी। बेनजीर की दिसंबर, 2007 में हत्या कर दी गई थी। (भाषा)
बेरूत, 10 मार्च । लेबनानी सैन्य अधिकारियों के अनुसार, उसके देश के दक्षिण में गांव खारबेट सेल्म में इजराइली हवाई हमले में तीन नागरिकों की मौत हो गई और नौ घायल हो गए।
मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे। घायलों को टेब्निन सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने शनिवार को दक्षिणी लेबनान के नौ कस्बों और गांवों में 15 हवाई हमले किए। इस दौरान आठ मकान नष्ट हो गए और 28 अन्य क्षतिग्रस्त हो गए।
जवाबी कार्रवाई में, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने अल-मलिकियाह, ज़ेबदीन, अल-रामथा, हुनिन और अल-बगदादी सहित कई इजराइली सैन्य स्थलों पर हमले किए।
गौरतलब है कि लेबनान-इज़राइल सीमा पर पिछले साल 8 अक्टूबर को उस समय तनाव बढ़ गया, जब लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले के समर्थन में इज़राइल की ओर दर्जनों रॉकेट दागे। इसके जवाब में इज़राइल ने दक्षिणपूर्वी लेबनान में गोलाबारी की।
लेबनानी सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, हिजबुल्लाह और इज़राइल के बीच टकराव में अब तक लेबनानी पक्ष के 348 लोग मारे गए हैं। (आईएएनएस)