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नयी दिल्ली, 14 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के मौके पर देश के बंटवारे के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।"
केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाए जाने की 2021 में घोषणा की थी। यह दिन 1947 में भारत के विभाजन के दौरान लोगों की पीड़ा और कष्टों का स्मरण कराता है। (भाषा)
-अपूर्व गर्ग
बंगाली दुर्गा पूजा में जब भोग बँटता है तो कतार लग जाती है. प्रसाद के तौर के अलावा लोग इसके स्वाद के भी दीवाने होते हैं .
ये भोग खिचड़ी का होता है . मेरे एक मित्र जो वेज खाने के शौक़ीन नहीं हैं वो सिर्फ़ प्रसाद के तौर पर लाइन में लगते हैं तो कई ऐसे हैं जो इसके स्वाद के भी दीवाने हैं .
शायद हज़ारों लोगों के लिए जिस ढंग से बनती है वो स्वाद घर की खिचड़ी के स्वाद से कहीं अलग होता है .
पूजा का माहौल ही अलग होता है . भोग खिचड़ी खाते -मिलते लोग जिस तरह 'घी -खिचड़ी' होते हैं , उसकी बात ही क्या .
हमारी एक ऑन्टी ऐसी शानदार खिचड़ी बनाती थीं कि मसाले और घी की महक़ के बाद लोग सीधे खाने को उतावले हो जाते .
देर होती तो सब चीखते क्या बीरबल की खिचड़ी पक रही और बनते ही जब लोग टूटते तो वो उस कहावत की याद
दिलातीं 'खीरां आई खिचड़ी अर टिल्लो आयो टच्च यानि जब खिचड़ी पक गयी तो टिल्ला खाने के लिए झट से आ गया '
ख़ैर , खिचड़ी को लेकर बहुत बातें हैं , कहावतें हैं , विप्लव है ..बल्कि 'खिचड़ी विप्लव ' का इतिहास ही है !
वैसे बाबा नागार्जुन जब हमारे घर आये थे उससे पहले उनका 'खिचड़ी विप्लव देखा मैंने ' आ चुका था , उन्हें जो पसंद था , वो खिलाया वो खिचड़ी नहीं थी ..
कुछ खिचड़ी नापसंद भी होते हैं . खिचड़ी नाम सुनते ही उनका मुँह करेले सा हो जाता है और गला अंदर तक नीम .
सुनिए , राहुल सांकृत्यायन को खिचड़ी बचपन से ही पसंद न थी . बाल्यावस्था के बाद जब भी राहुल जी घर छोड़ कर
भागे तो शायद नापसंदगी के बावजूद खिचड़ी भी उनके साथ -साथ चलती रही .
जब वे हरिद्वार से सीधे बद्रीनाथ के रास्ते पर थे तो थक जाने पर उनके बचपन केसाठी यागेश कहते -'' भैया बना न लें .'' राहुल जी कहते सुनते ही मेरे तन -बदन में आग लग जाती .बालपन के शत्रुभोजनों में खिचड़ी का स्थान अभी ज्यों का त्यों था और वे यागेश को डाँट देते .कहते ' यागेश मुझे चिढ़ाने के लिए वैसा नहीं कहते हैं .खिचड़ी बनने में कम मेहनत और जल्दी होती है -इसी ख्याल से उनका यह प्रस्ताव होता ..'
ऐसे ही राहुल जी जब दक्षिण में तिरुमीशी के मठ में थे उनसे रात को कहा गया 'चलो ,गोष्ठी में , पुंगल प्रसाद ग्रहण करने .
राहुल जी लिखते हैं -'' गोष्ठी से तो मैंने अंदाज़ लगा लिया - कई आदमियों का एक जगह एकत्रित होना . किन्तु पुंगल सुनकर मुझे ख़्याल आया कोई महार्घ पकवान होगा ...
खिड़की झरोखा न रहने के कारण दिन में भी अँधेरा रहता था ...मधुर स्वर में कोई मुरली बजा रहा था . पुजारी पीतल के बर्तनों से निकाल -निकाल कर हाथ में चार -पांच आंवले के बराबर कोई चीज डालता जा रहा था .....मेरे हाथ में भी 'पुंगल' पड़ा . बड़े उत्साह के साथ मुँह में डाला , देखा तो खिचड़ी -हाँ वही खिचड़ी जिस खिचड़ी के खाने की बात कहने पर यागेश को कितनी ही बार बात सुननी पड़ती थी.
मैंने धीरे से हरिनारायणचारी की ओर घूम कर कहा -'खिचड़ी ! यही पुंगल !!!वहां से लौटते वक़्त हरिनारायण जी ने एक घटना सुनाई -
'बलिया जिले के नए बने दो अचारी बाप-बेटे तीरथ करने दक्षिणापथ आये .
इसी तरह गोष्ठी में वो भी बड़े उत्साह के साथ पुंगलप्रसाद के लिए बैठे . आपकी तरह हाथ के पुंगल को मुँह में डाला , तो लड़का चिल्ला उठा -'अरे खिचड़ी है ,हे बाबूजी , ससुर ने पुंगल कह के जाति ले ली .''
लातेहार (झारखंड), 14 अगस्त। झारखंड के लातेहार जिले में भूमि विवाद को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) (भाकपा-माले) की जिला समिति के एक सदस्य की कथित रूप से हत्या कर दी गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि राज्य की राजधानी रांची से लगभग 130 किलोमीटर दूर जालिमा गांव में एक भूखंड को लेकर नंददेव सिंह (45) की कथित तौर पर उनके रिश्तेदारों ने हत्या कर दी।
मनिका थाने के प्रभारी भान प्रताप ने कहा, ‘‘घटना रविवार को हुई। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’’
भाकपा (माले) के सदस्य अजय यादव ने कहा कि नंददेव पार्टी की जिला समिति के सदस्य थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं।’’ (भाषा)
सियोल, 14 अगस्त। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने देश के प्रमुख युद्ध सामग्री कारखानों का दौरा किया और मिसाइलों एवं अन्य हथियारों के उत्पादन में भारी वृद्धि करने का आदेश दिया। देश के सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
किम के यह आदेश देने से कुछ ही दिन पहले दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने वार्षिक सैन्य अभ्यास शुरू किए थे, जिन्हें उत्तर कोरिया अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है।
किम का देश में हथियारों के उत्पादन को प्रोत्साहन देना इस बात की पृष्ठभूमि में भी अहम है कि अमेरिका के अधिकारियों को लगता है कि रूसी रक्षा मंत्री ने यूक्रेन के साथ जारी उसके युद्ध के लिए रूस को और हथियार बेचने के संबंध में उत्तर कोरिया से हाल में बात की थी।
‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि किम ने शुक्रवार और शनिवार को सामरिक मिसाइलों, सचल प्रक्षेपण मंचों, बख्तरबंद वाहनों और तोपखाने के गोले बनाने वाली फैक्टरियों का दौरा किया।
केसीएनए ने कहा कि किम ने मिसाइल फैक्टरी का भी दौरा किया और इस दौरान उन्होंने उत्पादन क्षमता को ‘‘अत्यधित बढ़ावा देने’’ का लक्ष्य रखा ताकि फैक्टरी अग्रिम सैन्य इकाइयों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर मिसाइलों का उत्पादन कर सके।
रिपोर्ट के अनुसार, किम ने कहा, ‘‘युद्ध की तैयारियों का स्तर युद्ध सामग्री उद्योग के विकास पर निर्भर करता है और यह फैक्टरी (उत्तर) कोरियाई पीपुल्स आर्मी की युद्ध संबंधी तैयारियों को तेज करने में एक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाती है।’’
इसमें कहा गया है कि किम ने अन्य कारखानों के दौरे में आधुनिक मिसाइल लॉन्च ट्रकों के निर्माण का आह्वान किया।
केसीएनए ने कहा कि किम ने एक नया लड़ाकू बख्तरबंद वाहन भी चलाया।
एपी सिम्मी गोला गोला 1408 0839 सियोल (एपी)
हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले में बादल फटने से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है.
इसमें सात लोगों की मौत हुई है और तीन लोग ग़ायब है. प्रशासन का कहना है कि एक मंदिर में हुए भूस्खलन में कई लोग फंसे हुए हैं.
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भूस्खलन से एक मंदिर ढह गया, जिससे आसपास की इमारतों को ख़तरा पैदा हो गया. कई लोग फंसे.
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “सोलन ज़िले की धवला उप-तहसील के गांव जादोन में बादल फटने की दुखद घटना में 7 लोगों की मौत की ख़बर से बेहद दुखी हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएँ .इस कठिन समय में हम आपके दर्द और दुःख में हम साथ हैं. हमने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. ”
हिमाचल में सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे. सीएम ने कहा है कि वो हर ज़िले के कलेक्टर के साथ लगातार संपर्क में हैं.
इससे पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के आठ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के करीब ठाणे के म्युनिसिपल अस्पताल में एक ही रात में 17 मरीजों की मौत की ख़बर सामने आई है.
मरीज़ों की मौत की वजह अपर्याप्त सुविधाओं और मरीज़ों की संख्या में अचानक हुई बढ़ोतरी को बताया जा रहा है.
रिपोर्टों के अनुसार ठाणे में कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में एक ही रात में 17 मरीज़ों की मौत हुई है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बीते 48 घटों में अस्पताल में कुल 18 मौतें हुई हैं.
अस्पताल ने क्या कहा?
ठाणे के म्युनिसिपल कमिश्नर अभिजीत बांगर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि अस्पताल में 48 घंटों में 18 मौतें हुई हैं और इस मामले में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को जानकारी दी है.
उन्होंने बताया, "अस्पताल में बीते 48 घंटों में 18 मौतें हुई हैं. मरने वाले मरीज़ों का यहां इलाज चल रहा था. इनमें से कुछ का किडनी की गंभीर बीमारी के लिए, निमोनिया के लिए, केरोसीन की वजह से हुई परेशानी, सड़क हादसे और अन्य बीमारी के लिए इलाज हो रहा था."
"मैंने मुख्यमंत्री को इस घटना के बारे में ख़बर दी है. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो ये पता लगाएगी कि मरीज़ों को उचित इलाज मिल रहा था या नहीं."
इससे पहले अस्पताल के अधीक्षक ने मीडिया से बात करते हुए मौतों के साथ-साथ अस्पताल में मौजूदा सुविधाओं के बारे में भी बताया था.
उन्होंने कहा था, "रात में मरने वालों में पांच मरीज़ बुखार से पीड़ित थे, उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ थी. उनके फेफड़े ज़ख्मी हो गये थे. एक मरीज़ में प्लेटलेट्स की संख्या 6000 थी. एक मरीज़ ने केरोसिन पी लिया था. एक और अनाम मरीज़ के सिर में चोट थी. एक को मस्तिष्क आघात हुआ था. चार मरीज़ों में मल्टीऑर्गन फेल्योर था."
अस्पताल में मौजूद सुविधाओं के बारे में उन्होंने कहा, "अस्पताल में कुल 500 बेड हैं. हालांकि हमने स्थिति देखते हुए यहां 600 मरीज़ों को भर्ती किया था. कई ग़रीब आदिवासी यहां आते हैं जो आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे होते हैं. हम उन्हें भी भर्ती करते हैं और उनका इलाज करते हैं."
"हमारे पास अस्पताल में 124 डॉक्टर और क़रीब 150 रेजिडेंट डॉक्टर हैं. 500 बेड के हिसाब से देखा जाए तो इतने डॉक्टर पर्याप्त हैं. लेकिन अधिक मरीज़ आने से हम पर लोड बढ़ गया. दरअसल, अस्पताल में ज़्यादा मरीजों के लिए जगह नहीं है. इतने मरीज पहले कभी नहीं आये थे, अचानक इनकी संख्या बढ़ गई."
मौतों को लेकर उठ रहे सवाल
इस खबर के बाद राजनीतिक दलों के नेता अस्पताल पहुंचे और प्रशासन से जवाब मांगा है.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ठाणे नेता अविनाश जाधव और शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट के ज़िला प्रमुख केदार दिघे अपने कार्यकर्ताओं के साथ अस्पताल पहुंचे. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से सवाल पूछे. इस दौरान अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टरों के साथ उनकी कहासुनी होने की भी ख़बर है.
ठाणे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री जीतेंद्र अवध भी अस्पताल पहुंचे.
उन्होंने इस बारे में 13 अगस्त को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.
उन्होंने लिखा, "आज सुबह उठते ही पत्रकारों का फ़ोन आया कि कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 17 मरीज़ों की मौत हो गई है. बहुत बुरी खबर थी. लेकिन मुझे नहीं लगता कि ठाणे नगर निगम प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा. अगर दो दिन पहले के मामले को गंभीरता से लिया गया होता तो आज ये नौबत नहीं आती."
जीतेंद्र अवध ने मांग की कि इस पूरे मामले की ज़िम्मेदारी लेते हुए पूरे अस्पताल का ऑडिट किया जाए और इसके नतीजों के बारे में जानकारी दी जाए.
पांच मौतों के बाद भी प्रशासन नहीं जागा- शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी इस मामले पर नाराज़गी ज़ाहिर की है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "ठाणे नगर निगम के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में कल रात एक दिल दहला देने वाली घटना हुई."
उन्होंने लिखा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कुछ दिनों में यहां पांच मरीजों की मौत की घटना के बाद भी प्रशासन नहीं जागा. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं."
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इस मामले में सरकार को दोषी ठहराया.
उन्होंने कहा, "शासन उनके दरवाजे पर है- ये दावा करने वाले मुख्यमंत्री के दरवाज़े पर ही स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. अस्पतालों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं, डॉक्टर नहीं है, कर्मचारी नहीं है इसलिए मरीज़ों के इलाज में साफ तौर पर कमियां हैं. इसकी परेशानी आम लोगों को झेलनी पड़ती है. सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए."
कार्रवाई करेंगे, रिपोर्ट का इंतज़ार - तानाजी सावंत
घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा, "यह अस्पताल मेरे विभाग के अंतर्गत नहीं आता है. पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत पांच मौतें हुईं और अब शहरी विकास विभाग के अंतर्गत अस्पतालों में मौतें हुईं. मैं इन मौतों के मामले में रिपोर्ट मांगूंगा और फिर उचित कार्रवाई करूंगा."
उन्होंने कहा, "इस मामले में तत्काल एक समिति गठित की गई है और रिपोर्ट मांगी गई है. दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी."
इस मामले में दूसरी पार्टियों के आरोपों पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस समय राजनीतिक टिप्पणी करना सही है."
तीन दिन पहले, यानी 13 अगस्त को इसी अस्पताल में एक ही दिन में पांच लोगों की मौत हो गई थी.
उस वक्त यहां से विधायक जीतेंद्र अवध और अन्य दलों ने अस्पताल जाकर विरोध प्रदर्शन किया था.
उस वक्त उन्होंने आरोप लगाया था, कि "यह अस्पताल ग़रीबों को धोखा दे रहा है, उन्हें लूट रहा है. लोगों के बिल बढ़ते जा रहे हैं, डॉक्टर समय पर काम पर नहीं आ रहे हैं."
ये घटना मुख्यमंत्री एननाथ शिंदे ने गृहक्षेत्र ठाणे में घट है, जिस कारण इसे लेकर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है.
मौजूदा वक्त में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल ठाणे नगर निगम के अंतर्गत आता है. इस नगर निगम पर कई वर्षों से शिवसेना का कब्ज़ा है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी ठाणे में शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने ठाणे में सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी थी. इसके अलावा यहां एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का भी बनाया जा रहा है.
इन सबके बीच अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या अस्पताल में आने वाले मरीज़ों की अनदेखी की जा रही है. (bbc.com/hindi)
चंडीगढ़, 14 अगस्त। पंजाब के पठानकोट जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कार्रवाई में एक पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया। बीएसएफ के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ जवानों ने पठानकोट के सिंबल सकोल गांव के निकट देर रात करीब साढ़े 12 बजे कुछ संदिग्ध गतिविधियां होती देखीं।
उन्होंने बताया कि बीएसएफ जवानों ने घुसपैठिए से रुकने को कहा, लेकिन वह नहीं माना और उसने आगे बढ़ना जारी रखा।
उन्होंने बताया कि बलों ने खतरे को भांपकर गोलीबारी की, जिसमें घुसपैठिए की मौके पर ही मौत हो गई।
इससे पहले 11 अगस्त को बीएसएफ की कार्रवाई में तरन तारन जिले में भी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी घुसपैठिया मारा गया था। (भाषा)
"हर घर तिरंगा" अभियान रविवार को हरियाणा के नूंह ज़िले में शुरू किया गया.
31 जुलाई को नूंह में सांप्रदायिक हिंसा शुरू हुई थी जो गुड़गांव, सोहना और आसपास के इलाके में फैल गई थी.
इस बीच उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत ज़िले के सभी घरों के साथ-साथ प्रतिष्ठानों पर भी तिरंगा फहराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि रविवार को इंद्री ब्लॉक के हिलालपुर गांव में लोगों ने यात्रा निकाली. यह अभियान 15 अगस्त तक ज़िले में जारी रहेगा.
प्रशासन ने कहा है कि 14 और 15 अगस्त को नूंह में कर्फ्यू में ढील दी जाएगी.
खड़गटा ने कहा, "दोनों दिन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक लोगों को आवाजाही की अनुमति होगी."
रविवार को हरियाणा के पलवल में विश्व हिंदू परिषद ने एक महापंचायत की और आह्वान किया कि “नूंह में अधूरी रह गई यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा.”
नूंह में हुई हिंसा और पलवल की महापंचायत
31 जुलाई से शुरू हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हुई है. इसमें एक इमाम, दो होमगार्ड शामिल हैं.
रविवार को पलवल में एक महापंचायत हुई जिसमें विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि मेवात में जो यात्रा अधूरी रह गई थी, उसे जल्द पूरा किया जाएगा.
महापंचायत में ये भी कहा गया कि लोगों को ‘आत्म रक्षा’ के लिए हथियार बांटे जाएं. (bbc.com/hindi)
चेकिंग के दौरान आईजी डांगी, एसएसपी अग्रवाल ने भी लिया जायजा
रायपुर, 14 अगस्त। बीती रात राजधानी पुलिस ने शहर के 8 स्थानों पर ट्रैफिक पॉइंट लगाकर सभी वाहनों की सघन चेकिंग की।इस दौरान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में ब्रेथ एनालाईजार से जांच कर अब तक 30 से अधिक वाहन चालकों पर धारा 185 एमवी एक्ट की कार्यवाही की गई । चेकिंग के दौरान संदिग्ध वाहनों/व्यक्तियों को चिन्हकित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने सम्बंधित थाना को निर्देशित किया गया है। इस दौरान नियम विरुद्ध चल रहे लगभग 100 से अधिक वाहनों पर चलानी कार्यवाही कर समन्स शुल्क वसूले गए हैं। साथ ही कुछ ओवरलोड व पटाखा साइलेंसर वाले बुलेट पर अग्रिम कार्रवाई के लिए न्यायालय में पेश किये जाने प्रकरण तैयार किया गया है।कार्रवाई लगातार जारी है।
चंडीगढ़, 14 अगस्त। पंजाब के जालंधर जिले में 60 से 70 फुट गहरी खाई में 24 घंटे से भी अधिक समय से फंसे 55 वर्षीय मजूदर को बचाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शनिवार शाम दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के दौरान करतारपुर-कपूरथला रोड पर बसरामपुर गांव के पास हुई।
उन्होंने बताया कि सुरेश और पवन नाम के दो मजदूर खाई में फंसी एक बोरिंग मशीन को निकालने के लिए उसमें घुसे थे।
अधिकारियों के मुताबिक, पवन तो बाहर निकलने में कामयाब रहा, लेकिन रेत ढह जाने से सुरेश फंस गया।
चंडीगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी विपिन शर्मा ने बताया कि काम में अनुभव रखने वाले दोनों मजदूरों को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया था और सुरेश को बचाने के प्रयास जारी हैं।
शर्मा के अनुसार, दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे परियोजना के तहत एक खंभा खड़ा करने के लिए खाई खोदी गई थी।
अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के जींद के रहने वाले सुरेश को बचाने के लिए जिला प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक संयुक्त अभियान जारी है।
बचाव कार्य के लिए मिट्टी खोदने वाली मशीनों को काम पर लगाया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, घटनास्थल पर एक चिकित्सा टीम और एक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है।
उन्होंने बताया कि जालंधर के अतिरिक्त उपायुक्त (शहरी विकास) जसबीर सिंह बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं।
कैबिनेट मंत्री बलकार सिंह ने शनिवार रात घटनास्थल का दौरा किया। (भाषा)
मुंबई, 14 अगस्त। दक्षिण मुंबई के तारदेव में रविवार को तीन लुटेरों द्वारा एक फ्लैट में बुजुर्ग दंपति के मुंह पर कथित तौर पर टेप लगाकर और उनके हाथ बांधकर लूट को अंजाम देने का मामला सामने आया है। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना यूसुफ मंजिल इमारत में हुई और इसमें 70 वर्षीय महिला की मौत हो गई है, जबकि उसका पति घायल है।
अधिकारी के मुताबिक, घटना के समय पीड़ित सुरेखा अग्रवाल और उनके 75 वर्षीय पति मदन मोहन अग्रवाल फ्लैट में अकेले थे।
तारदेव पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया, ‘‘जब दंपति सुबह करीब छह बजे सैर के लिए अपने फ्लैट से बाहर निकल रहे थे, तभी तीन लुटेरे वहां पहुंचे। उन्होंने दंपति के मुंह पर टेप लगा दिया और उनके हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद वे सोने के आभूषण, घड़ियां और नकदी लेकर फरार हो गए।’’
अधिकारी के अनुसार, आरोपियों के वहां से चले जाने के बाद पति किसी तरह फ्लैट के दरवाजे तक पहुंचा और अलार्म बटन दबाया, जिसके बाद हाउसिंग सोसाइटी से कोई उनकी मदद के लिए पहुंचा।
अधिकारी ने बताया कि तब तक महिला बेहोश हो गई थी, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। (भाषा)
लखनऊ, 14 अगस्त। राजधानी लखनऊ में राजभवन के नजदीक साढ़े चार महीने की गर्भवती एक महिला ने रविवार को सड़क किनारे अपने बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टरों का कहना है कि भ्रूण को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिस पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी नेता शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा भी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना राज भवन के गेट संख्या 13 के पास हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रमुख सचिव को जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवार ने सरकारी एंबुलेंस नहीं मंगाई थी।
पाठक ने कहा, ‘‘मैंने टेलीविजन चैनलों पर महिला के पति की बाइट भी देखी और उन्होंने कहीं भी यह नहीं कहा कि उन्होंने एम्बुलेंस मांगी थी। सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप यह भी पता लगाएं, प्रथम दृष्टया प्रभावित परिवार ने एम्बुलेंस के लिए फोन नहीं किया। जब घटना हुई तो एक राहगीर ने फोन किया और 20 मिनट में एम्बुलेंस वहां पहुंच गई।’’ भ्रूण को वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में उसे लखनऊ के बैकुंठ धाम में दफना दिया गया। उपमुख्यमंत्री भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल अस्पताल के प्रसव कक्ष में तैनात एक डॉक्टर ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि घटना के बाद प्रसूता रूपा सोनी की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जांच की गई।
डॉक्टर ने कहा, ‘‘दिन की शुरुआत में रूपा दर्द महसूस होने पर यहां के श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल गई थीं और उसे एक इंजेक्शन लगाया गया था। वह घर चली गईं लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।’’ डॉक्टर ने कहा, ‘‘यहां रास्ते में उसने राजभवन के बाहर अपरिपक्व बच्चे को जन्म दिया। बच्चा मृत लाया गया था।’’ उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि महिला ने अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं बल्कि रिक्शा लेने का फैसला किया और राजभवन के बाहर कुछ राहगीरों ने एम्बुलेंस को बुलाया।
उन्होंने कहा, ‘‘एम्बुलेंस 20 मिनट में आ गई। परिवार ने शुरू में एम्बुलेंस की मांग नहीं की और रिक्शा ले लिया।’’ पाठक ने कहा,‘‘ एम्बुलेंस के प्रतिक्रिया समय में देरी की जांच के आदेश दिए गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि थोड़ी भी ढिलाई पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में पत्रकारों से बात करते हुए पाठक ने कहा, ‘‘यह समय से पहले प्रसव होने का मामला था और उसने (राजभवन के बाहर प्रसव के लिए) एक दाई को बुलाया था। हम महिला की पूरी देखभाल करेंगे और उसकी दवाओं का खर्च भी वहन करेंगे।’’ वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर निवेदिता कर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सोनी की हालत स्थिर है।
उन्होंने कहा, ‘‘मरीज एक एम्बुलेंस में यहां आई थी। उसे कुछ महिला कांस्टेबल लायी थीं। जब महिला आई, तो हम तुरंत उसे प्रसव कक्ष में ले गए। भ्रूण, जो कि साढ़े चार से पांच महीने का था उसकी मौत हो चुकी थी। हमने प्रसूता की देखभाल की और उसकी हालत अब स्थिर हैं।" उधर, सपा नेता अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने दावा किया कि यह घटना एम्बुलेंस की "अनुपलब्धता" के कारण हुई।
अखिलेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में कहा, ‘‘एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने… फिर भी एंबुलेंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा। मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे ‘हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोज़र ज़रूरी है, जनता के लिए एंबुलेंस नहीं।’’ सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था ‘‘वेंटिलेटर सपोर्ट’’ पर है उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राजभवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।’’ (भाषा)
वेस्टइंडीज़ की टीम ने भारत के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टी20 सीरीज़ के आख़िरी मुक़ाबले को आठ विकेट से जीतने के साथ सीरीज़ को 3-2 से अपने नाम कर लिया.
वेस्टइंडीज़ टीम को पांचवें टी20 मैच में भारतीय टीम ने 166 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे उन्होंने 18 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया.
टीम की तरफ से ब्रैंडन किंग ने नाबाद 85 रनों की पारी खेली.वहीं निकोलस ने 47 रनों की पारी देखने को मिली.166 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज़ की टीम की शुरुआत इस मुकाबले में अच्छी नहीं रही.
टीम का अपना पहला विकेट सिर्फ़ 12 रन के स्कोर पर गिरा. इसके बाद बल्लेबाज़ी करने उतरे निकोलस पूरन ने पिछली 2 पारियों के मुकाबले इस मैच में बेहतर शुरुआत की.
पूरन ने आते ही पहले अर्शदीप सिंह के ओवर में छक्का लगाया, वहीं इसके बाद हार्दिक पांड्या के ओवर में लगातार 2 छक्के लगाने के साथ स्कोर को तेज़ी के साथ आगे बढ़ाना शुरू किया.
पूरन और किंग ने मिलकर पहले 6 ओवर में टीम का स्कोर 1 विकेट के नुकसान पर 61 रनों तक पहुंचा दिया. 47 रन पर तिलक वर्मा की गेंद पर पूरन आउट हो गए.
निकोलस पूरन के पवेलियन लौटने के बाद ब्रैंडन किंग का साथ देने मैदान पर उतरे शाई होप. ब्रैंडन किंग ने मैदान पर तेज़ी के साथ रन बनाने का सिलसिला जारी रखा और टीम को 18 ओवरों में लक्ष्य तक पहुंचा दिया. (bbc.com/hindi)
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी, हालांकि कुछ "शुभचिंतक" उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो बीजेपी के साथ चले जाएं.
महाराष्ट्र के सोलापुर में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ कोई भी जुड़ाव एनसीपी की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है.
उन्होंने कहा, “एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरी पार्टी (एनसीपी) बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई भी जुड़ाव एनसीपी की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता.”
पवार ने ये भी कहा कि कुछ "शुभचिंतक" उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो बीजेपी के साथ चले जाएं लेकिन वह कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
"हममें से कुछ (अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी समूह) ने एक अलग रुख अपनाया है. हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है.”
शनिवार को पुणे में अपने भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ उनकी “गुप्त” बैठक के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, “मैं आपको एक तथ्य बताना चाहता हूं कि वह मेरे भतीजे हैं. भतीजे से मिलने में क्या बुराई है? यदि परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.” (bbc.com/hindi)
रायपुर, 13 अगस्त। संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा द्वारा आज संपूर्ण भारतवर्ष में वननेस वन कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण का आयोजन किया गया इसके तहत आज रायपुर के खमतराई के मुक्ति धाम में पहले साफ़ सफ़ाई की गई उसके बाद बीस पोधों को रोपित किया गया जिन्हें आज से तीन वर्ष तक संत निरंकारी मिशन की शाखा रायपुर के सेवादारों द्वारा सींचा जाएगा खाद पानी दिया जाएगा । संत निरंकारी मिशन सन् 2005 से इस अभियान को प्रमुखता के साथ चला रहा है। जिसके तहत अब तक लाखों पौधे वृक्ष का रूप धारण कर चुके हैं ।
वृक्षारोपण कार्यक्रम की अध्यक्षता ज़ोनल इंचार्ज आदरणीय गुरूबख़्श सिंह कालरा ने की । इसमें 200से अधिक की संख्या में उपस्थित सेवादल के भाइयों बहनों एवं बच्चों ने उत्साह के साथ इस सेवा कार्य में अपना योगदान दिया।
वृक्षारोपण अभियान का मूल उद्देश्य है किं जिस धरती पर हम निवास कर रहे है इसे सुंदर छोड़ के जाना है।
बोल और सुन नहीं पाने वाली शैल की हुई खूब प्रशंसा
रायपुर, 13 अगस्त। नवजीवन मूक बधिर स्कूल की छात्रा शैल सिदार भले ही सुन और बोल नहीं सकती, लेकिन वह अपनी भावनाओं को बहुत ही कलात्मकता के साथ कैनवास में उकेर सकती है। अपनी सुंदर अभिव्यक्ति को आज भी उन्होंने कुछ इस तरह उकेरा कि देखने वालों ने शैल की बहुत सराहना की। 10वीं की छात्रा शैल ने राज्यसभा में नेताप्रतिपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे की बहुत ही खूबसूरत तस्वीर बनाई थीं। कार्यक्रम में शैल ने मुख्य अतिथि श्री खरगे को जब यह तस्वीर दी तो उन्होंने भी शैल सिदार की प्रशंसा की और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित अन्य अतिथियों ने शैल के साथ सामूहिक फ़ोटो भी खिंचवाई। शैल सिदार रंगोली भी बहुत बढ़िया बनाती है।
चुनाव निरस्त करने व चुनाव तिथि आगे बढ़ाने की मांग
रायपुर, 13 अगस्त। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में आज चुनाव रखा गया था। 1365 मकान वाले इस कॉलोनी के लोग जब मतदान के लिए मतदान स्थल पहुंचे तो उन्हें मताधिकार से वंचित कर दिया गया। चुनाव अधिकारी विपिन कुमार बारिक द्वारा यह बताया गया कि जो सदस्य हैं वही वोट डाल सकते हैं भीड़ ने जब पूछा की कितने सदस्य हैं तो अधिकारी ने बताया कि सिर्फ 44 लोग हैं इस बात पर कॉलोनी के लोग भड़क गए उनका कहना था कि हम इस कॉलोनी में 10 साल से रह रहे हैं हमसे सभी तरह का टैक्स लिया जाता है उसके बावजूद हमें चुनावी प्रक्रिया से अलग क्यों रखा गया है।
लोगों का कहना था कि चुनाव के संबंध में उन्हें एक अखबार के छोटे से क्लासिफाइड एड के माध्यम से जानकारी हुई किंतु उसमें चुनावी प्रक्रिया के बारे में कुछ भी विस्तार से नहीं बताया गया था। इसलिए कॉलोनी के सभी लोग सीधे वोट डालने मताधिकार का प्रयोग करने मतदान स्थल पहुंच गए। लोगों का कहना था, कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया बारे में कोई जान फर्जीवाड़े की गई है। इसलिए हम इस चुनाव को नहीं मानते हैं, और आपसे निवेदन करते है कि इस चुनाव को निरस्त कर चुनाव की तिथि आगे बढ़ाई जाए। किंतु चुनाव अधिकारी ने इस बात से सीधे इंकार करते हुए कहा कि मैं बिना विधि सलाहकार के सलाह के निरस्त नहीं कर सकता और अभी वो छुट्टी पर है।
कालोनी के लोगों ने जब कहा आप इस चुनाव के परिणाम को घोषित मत करिए। लोगो के आवेदन पर भी चुनाव अधिकारी साइन करने से इंकार कर दिया। पुलिस के बीच बचाव के बाद उन्होंने आवेदन की कॉपी पर हस्ताक्षर किया और कहा कि आप लोग सीधे कोर्ट ले जाइए। भीड़ के हटते ही समय से पूर्व (तीन बजे) ही चुनाव परिणाम घोषित कर दिया गया। जबकि चुनाव परिणाम 5 बजे घोषित किया जाना था।
इस आम चुनाव में कॉलोनी के रहवासियों को पहले से ही फर्जीवाड़ की आशंका थी। इसलिए उन्होनें 13 जुलाई 2023 को रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाऐं, छत्तीसगढ़ को आवेदन दिया था। जिसमें उन्होंने मांग किया था कि रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाऐं, छत्तीसगढ़ अपने नियमों के तहत इस चुनाव में सभी लोगों को जोड़कर निष्पक्ष मतदान करवाएं। भीड़ ने जब इस पत्र का हवाला दिया तो चुनाव अधिकारी ने सीधे इंकार कर दिया। कॉलोनी वासियों को जब वोट देने के अधिकार से जब वंचित रखा गया तब आक्रोशित भीड़ ने कहा कि हम यहां पिछले 10 सालों से रह रहे हैं और हमें वोट देने नहीं दिया जा रहा है। हम इस चुनाव को नहीं मानते हैं यह चुनाव फर्जी हैं वोट नहीं तो टैक्स नहीं।
लॉडेरहिल (अमेरिका), 13 अगस्त।भारतीय बल्लेबाज रविवार को यहां पांचवें और निर्णायक टी20 अंतरराष्ट्रीय में वेस्टइंडीज के खिलाफ जूझते नजर आये लेकिन सूर्यकुमार यादव की 61 रन की बदौलत टीम ने नौ विकेट पर 165 रन बनाये।
सूर्यकुमार के अलावा भारत के लिए तिलक वर्मा ने 27 रन का योगदान दिया।
वेस्टइंडीज की ओर से रोमारियो शेफर्ड ने चार जबकि अकील हुसैन और जेसन होल्डर ने दो दो विकेट झटके। रोस्टन चेस को एक विकेट मिला। (भाषा)
मुंबई, 13 अगस्त ।शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच एक दिन पहले पुणे में हुई ‘गुप्त’ बैठक को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि राकांपा प्रमुख ने अपने भतीजे को यहां 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया होगा।
राकांपा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री की मुलाकात शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर हुई।
क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर जारी वीडियो में शरद पवार कोरेगांव पार्क इलाके में स्थित कारोबारी के आवास पर अपराह्न करीब एक बजे पहुंचते और शाम लगभग पांच बजे वहां से रवाना होते दिखाई देते हैं। पवार की रवानगी के करीब दो घंटे बाद शाम 6:45 बजे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार कार में परिसर से निकलते दिखाई देते हैं और इस दौरान वह कैमरे से बचते नजर आते हैं ।
राकांपा के आठ विधायकों के साथ अजित पवार दो जुलाई को प्रदेश की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे राकांपा का विभाजन हो गया था। इस सरकार में भारतीय जनता पार्टी प्रमुख घटक है।
राउत ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिंदे सरकार में कोई खुश नहीं है। लोग इस सरकार से दुखी हैं, यहां तक कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार भी नाखुश हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ और नरेन्द्र मोदी मुलाकात कर सकते हैं, तो (शरद एवं अजित) पवार आपस में क्यों नहीं मिल सकते। मजाक के अलावा, उम्मीद है कि शरद पवार कुछ दिन में अपना रुख साफ कर देंगे। पवार ने शायद अजित पवार को (महा विकास अघाड़ी में) वापस आने के लिए कहा होगा, जैसा उन्होंने (2019 में फडणवीस और अजित के क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के रूप में) सुबह-सुबह शपथग्रहण के बाद किया था। राजनीति में कुछ भी हो सकता है।’’
इस बीच, सोलापुर जिले में शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के साथ उनकी मुलाकात गुप्त नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे भतीजे हैं और मैं परिवार का सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं।’’
राकांपा संस्थापक ने यह भी कहा, ‘‘कुछ शुभचिंतक मुझे मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं भाजपा के साथ कभी नहीं जाऊंगा।’’
राउत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ही शिवसेना के साथ गठबंधन को तोड़ा था।
उन्होंने दावा किया, ‘‘गठबंधन को नवीनीकृत करने के लिए अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, जिसके बाद फडणवीस ने घोषणा की थी कि अगर (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सत्ता में वापसी होती है तो पचास-पचास प्रतिशत की सत्ता साझेदारी होगी, लेकिन भाजपा अपनी बात से मुकर गई।’’
राउत ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे 2019 में मुख्यमंत्री बनते लेकिन भाजपा उन्हें शीर्ष पद पर बिठाने की इच्छुक नहीं थी।
उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले साल जून में शिवसेना से अलग होने के बाद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।
इस बीच, एक प्रश्न के उत्तर में राउत ने दावा किया, ‘‘अगर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा (2024 के लोकसभा चुनाव में) वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए लोकसभा क्षेत्र से निकलना मुश्किल होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि प्रियंका जीतेंगी।’’
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा कि पूरा देश 2024 में राहुल गांधी के साथ खड़ा होगा। राउत ने दावा किया कि अमेठी, वाराणसी और रायबरेली सीट पर बदलाव होगा। इन तीन सीटों से क्रमश: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी सांसद हैं । (भाषा)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव ने आरोप लगाया किबेमेतरा जिला के बिरनपुर में भुनेश्वर साहू की हत्या मामले पर पीड़ित परिवार को सरकार से न्याय चाहिए। लेकिन यह सरकार मामले में लीपापोती कर रही है।
मीडिया से चर्चा में साव ने कहा कि भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू आज हमारे बीच हैं, उनके पिता का केवल यही कहना है कि मुझे सरकार से कुछ नहीं चाहिए। मेरे बेटे की निर्दयतापूर्वक हत्या हुई है। बेटे के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
अरुण साव ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस कांग्रेस की सरकार ने आम जनता से धोखा किया है। लेकिन अब बेटे के मौत से दुखी पिता जो सरकार से न्याय की मांग कर रही है। उसके साथ भी इस सरकार ने धोखाधड़ी की है।
बताया जा रहा है कि धोखे से SDM और तहसीलदार ने स्व. भुनेश्वर साहू के पिता से कागज पर हस्ताक्षर ले लिया। इन्होंने सरकार की धनराशि लेने से मना कर दिया था। सरकार के द्वारा दी जा रही नौकरी लेने से मना कर दिया था। इनका कहना है मैं सरकार से कुछ नहीं चाहता हूं केवल न्याय चाहता हूं।
अभी एसडीएम और तहसीलदार ने धोखे से एक पंचनामा बनाया, जिसमें लिखा है मैं ईश्वर साहू सरकार के द्वारा दी जा रही राशि और नौकरी लेना चाहता हूं।
अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी सरकार ने जिहादियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
ईश्वर साहू ने कहा नौकरी नहीं, न्याय चाहिए..
स्व. भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। सरकार के कहने पर SDM, तहसीलदार और सरपंच ने मिलकर फर्जी पंचनामा में उनका हस्ताक्षर किया है। ईश्वर ने बताया कि उन्होंने पहले हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था लेकिन अन्य किसी योजना, सरकारी लाभ, गांव की सफाई जैसे मुद्दों का बहाना बनाकर उनसे हस्ताक्षर लिया गया है। इस पंचनामा के संबंध में जानकारी उन्हें गांव के अन्य लोगों के माध्यम से प्राप्त हुई।
ईश्वर साहू ने कहा कि सरकार से मुझे नौकरी और धनराशि नहीं चाहिए। मेरे बेटे की निर्ममता से हत्या की गई है। उन अपराधियों को सजा मिले। यही उनकी मांग है। साहू ने कहा कि सरकार ने उनके भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। उन्हें बस न्याय चाहिए।उन्होंने कहा आज भी उनके परिवार को धमकी मिलती रहती है लेकिन कोई कुछ नही करता ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 अगस्त। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कुमारी देवी चौबे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, साजा, बेमेतरा के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन एवं बालक तथा बालिका छात्रावास का लोकार्पण कल 14 अगस्त को दोपहर 1 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करकमलों द्वारा किया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ताम्रध्वज साहू, मंत्री कृषि एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी, गृह, जेल, लोक निर्माण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन विभाग करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में रविन्द्र चौबे, मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, पशुधन विकास, मछली पालन, जल संसाधन, आयाकट, स्कूल शिक्षा सहकारिता विभाग, गुरूदयाल सिंह बंजारे, संसदीय सचिव, आशीष छाबड़ा, विधायक बेमेतरा, डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त, डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर बंशीलाल पटेल, अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी, बेमेतरा, श्री संतोष वर्मा, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, साजा, जितेन्द्र उपाध्याय, अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, थानखम्हरिया, दिनेश वर्मा, अध्यक्ष जनपद पंचायत, साजा, श्रीमती अनुसुईया पोषण सोनकर, सदस्य जनपद पंचायत, साजा, श्रीमती दुर्गेश पारस साहू, सरपंच, ग्राम पंचायत मोहगांव, साजा, श्रीमती इन्द्राणी सुखीराम सोनकर, सरपंच, ग्राम पंचायत मौहभाठा, साजा भी मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में स्थापित कृषि महाविद्यालय, साजा के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन का निर्माण छत्तीसगढ़ शासन की वित्तीय सहायता से किया गया है। इस भवन के निर्माण में कुल 5 करोड़ 25 लाख रूपये की लागत आई है।
महाविद्यालय के बालक तथा बालिका छात्रावास भवनों का निर्माण भी छत्तीसगढ़ शासन की वित्तीय सहायता से किया गया है, जिसके निर्माण में कुल 2 करोड़ 28 लाख रूपये की लागत आई है। इन छात्रावास भवनों में कुल 20-20 कमरे हैं, जिनमें प्रति छात्रावास कुल 60 विद्यार्थियों की रहने की क्षमता है। छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग द्वारा मोहगांव (साजा) जिला बेमेतरा में स्थापित कृषि महाविद्यालय में बी.एस.सी. (कृषि) 4 वर्षीय पाठ्यक्रम उपाधि की शिक्षा दी जाती है। इस महाविद्यालय में 60 सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। वर्तमान में महाविद्यालय में कुल 185 छात्र अध्ययनरत हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कृषि महाविद्यालय, साजा का नामकरण साजा की पूर्व विधायक स्वर्गीय श्रीमती कुमारी देवी चौबे के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। कृषि महाविद्यालय भवन के प्रांगण में स्वर्गीय श्रीमती कुमारी देवी चौबे की प्रतिमा स्थापित की गई है जिसका अनावरण भी अतिथियों द्वारा किया जाएगा।
नई दिल्ली, 13 अगस्त। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के ट्विटर हैंडलर्स के ख़िलाफ़ इंदौर पुलिस के एफ़आईआर पर 'इंडिया' गंठबंधन के नेता सांसद मनोज झा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, "मुक़दमा क्यों किया गया जेल में डाल दें... इसका मतलब तो यही है कि आप कुछ भी कह सकते हैं. कल प्रधानमंत्री कहते हैं कि दरभंगा में एम्स खुल गया. वहां नींव तक नहीं पड़ी है. दूसरी बात यह कि अगर उनसे सवाल पूछ लिए जाए तो एफ़आईआर हो जाती है."
उन्होंने कहा, "अगर व्यक्ति किसी सदन का सदस्य है तो उसकी सदस्यता चली जाती है. लोकतंत्र की आड़ में यह खतरनाक खेल हो रहा है कि अपने विरोधियों के ईडी, आईटी से सीबीआई से लेकर अब इस तरह के मुक़दमों से प्रताड़ित करने की राजनीति शुरू कर रहे हैं. ये आपके लिए अच्छा संकेत नहीं है."
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, "यदि आपको देश की सबसे भ्रष्ट सरकार के बारे में जानकारी चाहिए, तो आपको मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को खोजना पड़ेगा."
"इस सरकार ने व्यापम घोटाला किया, ई-टेंडर घोटाला किया, डंपर घोटाला किया, कारम डैम घोटाला किया, पटवारी भर्ती घोटाला किया, महाकाल लोक घोटाला किया और हर बार घोटाला करने के बाद ये लोग साफ मुकर जाते हैं."
डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि आईपीसी की धारा 469, 500 और 501 के तहत एफ़आईआर दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया, "मानहानी और फ़र्जी पत्र के ज़रिए मानहानी करने की धाराएं लगाई गई हैं. इसमें आरोपी के रूप में ज्ञानेंद्र अवस्थी का नाम है. उनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है कि इस नाम के व्यक्ति हैं भी या नहीं. उसके अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, कमलनाथ, अरुण यादव, जयराम रमेश और शोभा ओझा का नाम शामिल किया गया है, जिनके ट्विटर हैंडल से ये ख़बरें चलाई गई थीं. उनके ट्वीटर हैंडल के उपयोगकर्ता के रूप में उनको भी शामिल किया गया है."
उन्होंने बताया, ये जमानती धाराएं हैं. लेकिन इन सभी लोगों को नोटिस भेजा जाएगा और पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. इसमें दोनों स्तर पर जांच की जाएगी ये जो संगठन है जिसके नाम से पत्र मुख्य न्यायाधीश को लिखा गया है इसकी प्रमाणिकता क्या है. यह कोई संगठन है भी या नहीं यह पता किया जाएगा और जिस व्यक्ति ने ये पत्र लिखा है उसके बारे में पता किया जाएगा और इन लोगों (कांग्रेस नेताओं) से ये पूछा जाएगा कि इन्होंने इसे शेयर करने से पहले इसका सत्यापन क्यों नहीं किया."
जिन नेताओं पर एफ़आईआर किया गया है उनमें से एक शोभा ओझा हैं. उन्होंने कहा, राज्य में चल रहे भ्रष्टाचार से सभी अवगत हैं. वो (बीजेपी) पार्टी के उन लोगों पर निशाना साध रहे हैं जो देश की आज़ादी के लिए लड़े. उन्हें एफ़आईआर करने दें हम इसके ख़िलाफ़ लड़ेंगे और राज्य की जनता भ्रष्ट लोगों को राज्य से बाहर फेंक देगी."
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट से विवाद खड़ा हुआ
प्रियंका गांधी के ट्विटर हैंडल से शुक्रवार (11 अगस्त 2023) की शाम एक ट्वीट किया था.
इसमें सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट का हवाला देते हुए अख़बार की एक ख़बर को ट्वीट करते हुए लिखा गया था, "मध्य प्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है. कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी. मध्य प्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है. कर्नाटक की जनता ने 40% कमीशन वाली सरकार को बाहर किया, अब मध्य प्रदेश की जनता 50% कमीशन वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाएगी."
बीजेपी हमलावर, मांगे सबूत
इस मामले में बीजेपी के नेताओं ने प्रियंका गांधी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने प्रियंका गांधी के आरोपों को लेकर सबूत मांगे थे. उन्होंने कहा था कि प्रियंका जी सबूत दें, अन्यथा हमारे पास कार्रवाई करने के सभी विकल्प खुले हैं.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि प्रियंका गांधी को हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस को लेटर लिखने वाले उस शख़्स या ठेकेदार का नाम बताना चाहिए जिसका ज़िक्र उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में किया है.
वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि उनकी पार्टी यह साबित कर देगी कि भाजपा सरकार भ्रष्ट है. उन्होंने कहा, "भाजपा को वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए, लेकिन सत्तारूढ़ दल राजनीतिक आतंक पैदा कर रहा है. यह असंवैधानिक तरीके अपना रहा है. हम साबित कर देंगे कि सरकार भ्रष्ट है." (bbc.com/hindi)
उमंग पोद्दार
नई दिल्ली, 13 अगस्त। भारत सरकार ने रिटायर्ड नौकरशाहों की पेंशन रोकने या रद्द करने के सारे अधिकार अपने पास ले लिए हैं.
जुलाई के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार ने ऑल इंडिया सर्विसेज़ (डेथ-कम-रिटायरमेंट बेनेफ़िट्स) रूल्स 1958 में संशोधन किया है.
नए संशोधन के अनुसार, अगर रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और आईएफ़एस अधिकारी किसी “गंभीर अपराध” में सज़ा पाते हैं या “कदाचार के गंभीर मामले” में दोषी पाए जाते हैं तो उनकी पेंशन को केंद्र सरकार रोक या रद्द कर सकती है.
ये तीन सरकारी सेवाएं ऐसी हैं जिनकी देश में सबसे अधिक मांग है और इसकी प्रतिष्ठा है. ये कहा जा सकता है कि सैलरी सुरक्षा और पेंशन उसकी प्रमुख वजह है.
आईएएस, आईपीएस और आईएफ़एस अधिकारियों की पोस्टिंग अलग-अलग राज्यों में होती है जहां वे अपना अच्छा ख़ासा समय सेवा में व्यतीत करते हैं. उन्हें उनके राज्य के काडर से पहचाना जाता है.
पहले का नियम था कि अगर केंद्र सरकार किसी व्यक्ति पर कार्रवाई शुरू करना चाहती है तो उसे उस राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए होती थी (रिटायर्ड अफ़सर जहां का काडर होता था), इसके बाद ही केंद्र सरकार अफ़सर की पेंशन को रोकने का फ़ैसला ले सकती थी.
हालांकि, संशोधन के बाद, केंद्र सरकार बिना राज्य सरकार की मंज़ूरी के ही अफ़सर के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकती है.
नियमों में इस संशोधन को लेकर उन कई रिटायर्ड नौकरशाहों ने सरकार की आलोचना की है, जो अक्सर सरकार की कार्रवाईयों और नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं.
25 जुलाई को नागरिक अधिकार संस्था कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप से जुड़े 94 पूर्व नौकरशाहों ने एक सार्वजनिक बयान पर हस्ताक्षर कर सरकार से इस संशोधन को वापस लेने की मांग की.
उन्हें डर है कि ये नया संशोधन अस्पष्ट है और इसका इस्तेमाल रिटायर्ड सिविल सेवा के अफ़सरों की पेंशन पर तलवार लटका कर उनके “सार्वजनिक रूप से बोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के लिए किया जा सकता है.”
नए नियम में क्या कहा गया है?
नए नियम कहते हैं कि अगर किसी रिटायर्ड अफ़सर को कोर्ट ने एक गंभीर अपराध में सज़ा सुनाई है तो उस पर उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी.
इसके अनुसार, अगर एक अफ़सर को कोई सज़ा नहीं हुई है लेकिन केंद्र सरकार "मानती" है कि "प्रथम दृष्टया अफ़सर गंभीर कदाचार के दोषी हैं" तो सरकार उन्हें नोटिस देने बाद उनकी पेंशन को बंद कर सकती है.
अफ़सर को नोटिस का जवाब देने का अधिकार होगा.
इन मामलों में सरकार का निर्णय अंतिम माना जाएगा.
किन अपराधों पर हो सकती है कार्रवाई?
नए नियमों में विस्तार से नहीं बताया गया है कि किस तरह के अपराध पेंशन बंद करने की वजह बन सकते हैं.
इसमें जिन “गंभीर अपराधों” का ज़िक्र किया गया है उनमें संवेदनशील सरकारी सूचनाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले ऑफ़िशियल सीक्रेट एक्ट,1923 के तहत आने वाले अपराध भी शामिल हैं. लेकिन इसमें अन्य अपराधों को भी शामिल किया जा सकता है.
गंभीर कदाचार में उन सूचनाओं को उजागर करना शामिल है जो भारत के सार्वजनिक हित या सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं.
क़ानून संशोधन में खुफ़िया या सुरक्षा से संबंधित विभागों- मसलन इंटेलिजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य- में काम करने वाले रिटायर्ड नौकरशाहों पर अतिरिक्त ज़िम्मेदारी डालता है.
इनसे जुड़े अधिकारी अपने विभाग से संबंधित ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित नहीं कर सकते या कोई संवेदनशील सूचना ज़ाहिर नहीं सर सकते, जो भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करे. ऐसा करना “गंभीर कदाचार” माना जाएगा. इसके लिए उन्हें अपने विभाग के मुखिया से अनुमति लेनी होगी.
नौकरशाहों का क्या कहना है?
कई रिटायर्ड नौकरशाहों ने इस संशोधन की टाइमिंग और बदलाव की ज़रूरत पर सवाल उठाए हैं.
रिटायर्ड आईएएस अफ़सर और एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने पूछा है, “अभी क्यों? सिविल सेवा 75 सालों से है.”
उन्होंने कहा, “ये सरकार की आलोचना करने वाले सिविल सेवा अधिकारियों की ज़ुबान बंद करने वाला असर पैदा करेगा.”
आंध्र प्रदेश के पूर्व स्पेशल चीफ़ सेक्रेटरी और डेवलपमेंट कमिश्नर पीवी रमेश ने कहा “राज्य सरकारें रिटायर्ड अफ़सरों को बचा नहीं रही हैं. अगर ऐसा होता तब इस संशोधन को स्वीकार किया जाता.”
रिटायर्ड अफ़सर जूलियो रिबेरो ने कहा कि नए नियम ये संदेश हैं कि एक अफ़सर को “ज़ुबान बंद रखनी चाहिए और दब्बू बने रहना चाहिए.”
कॉन्स्टीट्यूशन कंडक्ट ग्रुप ने लिखा कि संशोधन को “जानबूझ कर अस्पष्ट” रखा गया और “इसीलिए केंद्र सरकार ने ऐसे किसी भी पेंशनधारी को परेशान करने और उस पर मुकदमा चलाने के लिए अपने पास असीमित अधिकार रख लिए हैं जो उसकी पसंद का नहीं है, ये चाहे लेख हो, इंटरव्यू हो, किसी प्रदर्शन मार्च या सेमिनार या किसी भी तरह की आलोचना में शामिल होने का मामला हो.”
पीवी रमेश के अनुसार, ये संशोधन मौजूदा बैच के अधिकारियों को भी “संदेश” देगा कि “सतर्क रहें क्योंकि आपको भी पेंशन से हाथ धोना पड़ सकता है.”
कई अफ़सरों ने कहा कि उन्होंने पुराने नियम के तहत रिटायर्ड नौकरशाहों की पेंशन रोकने की बात कभी नहीं सुनी थी.
रिबेरो कहते हैं, “लेकिन सरकार अगर इन संशोधनों को पेंशन रोकने के लिए इस्तेमाल करती है तो ये भी हो सकता है.”
नौकरशाहों के अधिकार कितने होंगे प्रभावित?
कुछ रिटायर्ड नौकरशाहों का कहना है कि ये संशोधन उनके बोलने के बुनियादी अधिकार को प्रभावित करते हैं.
कुछ अन्य का कहना है कि सरकारी मसले पर उन्हें, अपनी विशेषज्ञता के आधार पर विचार रखने की आज़ादी होनी चाहिए.
हर्ष मंदर ने कहा, “आपके पास ऐसे लोग हैं जो शीर्ष स्तर पर सरकार का हिस्सा रहे हैं और आप उनके कामकाज से परिचित हैं.”
पीवी रमेश का कहना है कि पूरे कार्यकाल के दौरान दी गई सेवा के एवज़ में पेंशन अफ़सर का अधिकार है और इसलिए इसे सरकार की मर्जी के आधार पर रोका नहीं जा सकता.
कई नौकरशाह ये भी कहते हैं कि ये संशोधन भारत के संघीय ढांचे को भी प्रभावित करता है.
कॉन्स्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने लिखा है कि सिविल सेवा में दोहरे नियंत्रण की परिकल्पना है क्योंकि अधिकारी किसी विशेष राज्य के काडर होते हैं लेकिन उन्हें विशेष नियुक्ति पर केंद्र सरकार के साथ काम करने के लिए भेजा जाता है.
साल 2021 में सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवाओं के लिए पेंशन में इसी तरह के संशोधन पास किया था. केंद्रीय सिविल सेवाओं में आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा), कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज सेवाएं आती हैं.
इसमें कहा गया था कि इंटेलिजेंस या सुरक्षा से संबंधित विभागों में काम कर चुके अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित सामग्री या ऐसी संवेदनशील सूचनाएं जो भारत की सुरक्षा को नुक़सान पहुंचा सकती हैं, प्रकाशित करने से पहले विभाग से अनुमति लेनी होगी.
नियमों में इन बदलावों की भी ये कहते हुए आलोचना की गई थी कि ये रिटायर्ड नौकरशाहों की बोलने की आज़ादी को प्रभावित करते हैं.
कॉन्स्टीट्यूशन कंडक्ट ग्रुप के अनुसार, कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन की सरकार ने 2008 में ये संशोधन लाने की कोशिश की थी लेकिन नौकरशाहों की ओर से विरोध होने के बाद उसने ऐसा नहीं किया. (bbc.com/hindi)
स्मृति ईरानी पर बड़ा हमला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 13 अगस्त। सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आदिवासियों की जमीन अडानी को देने के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कोल ब्लाक के लिए जमीन भारत सरकार ने आबंटित की थी। भूपेश ने कहा कि रमन सिंह से पूछना चाहिए कि किसके कहने पर अडानी को जमीन दी गई थी।
सीएम बघेल ने कहा कि स्मृति ईरानी का स्मृति लोप हो गया है। उन्हें राहुल फोबिया हो गया है। सीएम ने आगे कहा कि ईडी के सबसे ज्यादा छापे छत्तीसगढ़ में पड़े हैं।
सीएम ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई, और कहा कि पहले डबल इंजन की सरकार थी तब 10 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का निर्णय लिया गया था। हमने न्याय यात्रा निकाली तो भाजपा सरकार ने 15 क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि पहले कमीशन खोरों की सरकार थी। 36 हजार करोड़ का चावल घोटाला हुआ था। छह हजार करोड़ का शौचालय घोटाला किया गया। उन्होंने आरोप लगाए कि चावल के पैसे भी खा गए।
सीएम ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने पौने 2 लाख करोड़ के आसपास की राशि डायरेक्ट ट्रांसफर हुई है। कोई बीच का आदमी नहीं है, हमने लोगों की जेब में सीधे पैसे डाले। इस साल हमने 107 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदे। तीसरे दिन खाते में पैसे पहुंच जाते हैं। यह किसानों की सरकार है। इस साल 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ खरीदेंगे। हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। 23 लाख, 30 लाख, 36 लाख टन धान की हमने नीलामी की थी।
उन्होंने कहा कि कर्जमाफी, धान खरीदी का वादा हमने निभाया। विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में हमने वादा निभाया। कर्ज माफी और धान खरीदी का जो वादा हमने किया था, उसे निभाया है। सात दिन बाद 20 अगस्त को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अगली किश्त किसानों के खातों में आएगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में इकलौता राज्य है जहां मजदूरों को भी 7 हजार रुपए की सालाना सहायता राशि दी जा रही। तेरह लाख परिवार से हम तेंदूपत्ता 4000 रुपए प्रति मानक बोरा खरीद रहे हैं। हमारे प्रदेश में किसान बढक़े अब 26 लाख हो गए हैं। हमने 1 लाख 22 हजार बेरोजगारों को 112 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया।
पूरे देश में गोबर कहीं नहीं खरीदा जाता लेकिन हमारे छत्तीसगढ़ में हम 2 रुपए प्रति किलो में गोबर खरीद रहे हैं। 42 लाख परिवारों को हम बिजली बिल हाफ योजना का लाभ दे रहे हैं। 3800 करोड़ रुपए का लाभ मिला है। हमारी सरकार में छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई वर्ग नही जिसको जिसकों हमने फायदा नही पहुँचाया है, सब को फायदा.....मजदूरों से लेकर किसानों को सीधा पैसा पहुंच रहा है। अब हम हर ब्लॉक में जैतखाम बनाएंगे। ग्राम पंचायत के माध्यम से सरपंच इसका निर्माण करवाएंगे। हम सभी को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। ऐसा कोई समाज नहीं है जो यह कह सके कि सरकार ने हमें जमीन नहीं दी है, या जमीन में भवन निर्माण के लिए पैसे नहीं दिए है। हमने छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों और समाज के संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया है।।छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को आज एक नई पहचान मिली है। रामायण महोत्सव, राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव, युवा महोत्सव जैसे आयोजन हम कर रहे है।
सीएम ने कहा कि खेती किसानी की तरफ लोग लौट रहे हैं। 12 लाख से बढक़र अब 26 लाख किसान प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जुड़े हैं। धान के साथ अन्य फसलों को भी योजना के दायरे में लाया गया है। छत्तीसगढ़ इकलौता प्रदेश है जहां गोबर खरीदी की जा रही है। किसान, मजदूर, गरीब, महिला, युवा सभी वर्गों के उत्थान का कार्य हमारी सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों और समाज के संरक्षण और उन्हें आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। प्रथम महिला सांसद मिनीमाता का निर्वाचन क्षेत्र जांजगीर-चांपा रहा है। हम यहां 25 एकड़ में मेडिकल कॉलेज बना रहे हैं, इस मेडिकल कॉलेज का नाम मिनीमाता के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों, मज़दूरों कर्मचारियों सभी के हित मे कार्य किया। बघेल ने कहा 5 साल पूर्व किसानों की हालत खराब थी भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी का बोलबाला था। हमने किसानों की स्थिति को मजबूत बनाया। बिना किसी बिचौलियों के किसानों के खाते में पैसा सीधे अंतरित किया जा रहा है। हमने 107 लाख मैट्रिक टन धान किसानो से खरीदा है। हमने किसानों से कर्जा माफी का वादा किया था और उस वादे को निभाया। पूर्व सरकार में बेरोजगारी भत्ता केवल 300 रूपये मिलता था हमने 1 लाख 22 हजार बेरोजगारो को 112 करोड़ रुपए दिए। 42 लाख परिवारों को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिल रहा है।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने आम जनता को अधिकार संपन्न बनाने का कार्य किया। सांस्कृतिक क्षेत्र में भी हमारी सरकार ने देवगुड़ी योजना, राम वन गमन पर्यटन परिपथ आदि योजनाओं के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का कार्य कर रही है