राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर| कोरोना महामारी के बीच लोगों को हर जगह और हमेशा मास्क पहने रहने के संदेश के साथ निर्मित म्यूजिक वीडियो 'समझो भारतवासी' के निर्माताओं का कहना है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा समर्थित यह वीडियो अपने उद्देश्य को पाने में सफल रहा है। डेविड एंड गोलियथ फिल्म्स का यह म्यूजिक वीडियो भारत के लोगों को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के उपायों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। वीडियो के माध्यम से भारतवासियों को कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया गया है और यही कारण है कि इसके रिलीज से अब तक 12 लाख के करीब लोग इसे देख चुके हैं।
वीडियो भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा समर्थित है। इसमें जो संदेश है, उसके मुताबिक 'समझो भारतवासी' म्यूजिक वीडियो हमें बाजार में, कार्यालय में, बस में, पार्टी में, ढाबे पर सुरक्षित रहने का आग्रह करता है। वीडियो में यह बताया गया है कि अगर सावधानी नहीं बरती जाए तो नहीं हैं, तो लोग वायरस को परिवार या दोस्तों तक प्रसारित कर सकते हैं।
त्रिदेव चौधरी और अनुषा विश्वनाथन अभिनीत म्यूजिक वीडियो, 'समझो भारतवासी' लाल भाटिया द्वारा परिकल्पित और रचनात्मक रूप से निर्मित तथा इमरान जकी द्वारा निर्मित है।
वीडियो का संगीत बिक्रम घोष ने तैयार किया है और और विक्रम घोष, ईमान चक्रवर्ती, उज्जैनी मुखर्जी तथा सोवन गांगुली ने इसमे अपनी आवाज दी है। गाने एमके सिंह ने लिखे हैं। वीडियो की कहानी, स्क्रिप्ट और निर्देशन जोयदीप सेन द्वारा तैयार किया गया है।
बैंकर से लेखक, बिजनस मैन से फिल्म निर्माता बने लाल भाटिया अब सामाजिक सरोकारों से जुड़कर अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। इन सबके अलावा भाटिया बुटीक वाइन, ऑलिव्स, ऑलिव ऑयल के निर्माता हैं। केवल इन्विटेशन द्वारा बेचे जाने वाली वाइन, जैतून और जैतून का तेल डेविड और गोलियथ के नाम से मार्केट किया जाता है और सिसिली (इटली) में उत्पादित किया जाता है।
अपनी पुस्तक इंडिकटिंग गोलियथ की वजह से काफी लोकप्रिय हुए लाल जानते हैं कि किस तरह अवसर को बढ़ाया जा सकता है और मुसीबत को अवसर में बदला जा सकता है। यही कारण है कि वह सामाजिक सरोकारों से जुड़ा वीडियो 'समझो भारतवासी' लेकर आए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर| भारत के 990 वनडे मैचों के इतिहास में टी.नटारजन देश के लिए खेलने वाले 11वें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। नटराजन बुधवार को कैनबरा में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे सीरीज के तीसरे और अंतिम वनडे मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण कर रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन का नटराजन को यह ईनाम मिला है।
भारत के लिए अभी तक नटराजन को मिलाकर कुल 11 बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं खेले हैं।
इनमें करसन घावरी, रुद्र प्रताप सिंह (1986), राशिद पटेल, जहीर खान, आशीष नेहरा, इरफान पठान, रूद्र प्रताप सिंह (2005-11), जयदेव उनादकट, बरिंदर सिंह सरन, खलील अहमद बाकी अन्य बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं जो भारत के लिए खेले हैं।
घावरी, जहीर, इरफान, नेहरा और आरपी सिंह (2005-11) उन गेंदबाजों में हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमाई।
इन सबमें जहीर खान, आशीष नेहरा, कसरन घावरी, इरफान पठान और आरपी सिंह (2005-11) ही विशेष चमक दिखा सके। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 2 दिसम्बर| तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में बुधवार को एक बोरवेल लॉरी के साथ एक कार की टक्कर में एक ही परिवार के 6 सदस्य मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। हादसा हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर हैदराबाद-बीजापुर राजमार्ग पर चेवेल्ला मंडल में मलकापुर गेट के पास हुआ।
पुलिस के मुताबिक, सभी पीड़ित हैदराबाद के ताड़बुन इलाके के रहने वाले एक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे कर्नाटक के गुर्मित्कल जा रहे थे।
पुलिस ने कहा कि इनोवा वाहन जिसमें एक ही परिवार के 11 सदस्य थे, ने वाहन को ओवरटेक करने की कोशिस की लेकिन इस प्रक्रिया में विपरीत दिशा से आ रहे बोरवेल वाहन से टकरा गए।
मौके पर पहुंची पुलिस ने वाहन में बुरी तरह से फंसे शवों को नकिाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
मृतकों की पहचान आसिफ खान (50), नाजिया बेगम (45), सानिया (18), अर्शा (28), नाजिया बानू (36) और छह साल की एक लड़की के रूप में की गई।
पांच अन्य घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए हैदराबाद के एक अस्पताल में भेज दिया गया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए चेवेल्ला के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
दुर्घटना के कारण हैदराबाद-बीजापुर राजमार्ग पर दो किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम हो गया। पुलिस ने बाद में सड़क को साफ करने के लिए मलबा हटाया।
पुलिस के अनुसार, हैदराबाद का परिवार नाजिया बेगम के इलाज के लिए गुर्मित्कल जा रहा था, जिसे लकवा का दौरा पड़ा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तेज रफ्तार और कोहरे दोनों वाहनों के बीच टक्कर का कारण हो सकता है। (आईएएनएस)
कश्मीर में लंबे समय से चल रहे जानलेवा संघर्ष के बीच एक और मुसीबत चुपचाप इलाके के निवासियों के जीवन पर गहरा असर डाल रही है. कश्मीर के बदलते स्वरूप के बीच बीते सालों में वहां इंसानों और वन्य पशुओं के बीच संघर्ष बढ़ गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में वादी में जंगली जानवरों के हमले में 67 लोग मारे गए हैं और 940 लोग घायल हो गए हैं. इस मुसीबत के केंद्र में है हिमालय का काला भालू. विशेषज्ञों का कहना है कि मृतकों और घायलों में से 80 प्रतिशत लोगों की हालत के लिए जिम्मेदार काले भालू ही हैं.
अगस्त में, मंजूर अहमद दर जब अपने सब्जियों के खेत में काम कर रहे थे तब वहां एक काला भालू उन पर टूट पड़ा. हमले में उनके सर पर गहरी चोट आई और वो अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है. पिछले साल 50-वर्षीय खानाबदोश शौकत अहमद खताना ने श्रीनगर के बाहर ही हरवान इलाके में एक काले भालू के हमले से अपने छोटे भाई को बचाते बचाते अपनी जान गंवा दी थी. उनका भाई भी उस हमले में घायल हो गया था.
पहाड़ों और मैदानों के बीच बसे कश्मीर में जमीन के इस्तेमाल को लेकर काफी तेज बदलाव आए हैं. बड़े बड़े धान के खेतों को मुख्य रूप से सेब के बगीचों में बदल दिया गया है. दलदली जमीन और जंगलों के आस पास नए मोहल्ले बस गए हैं. वन-कटाई और जलवायु परिवर्तन ने परेशानियों को बढ़ा दिया है.
यह संघर्ष इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि जानवरों की तस्करी के लगभग रुक जाने से वन्य जीवों की आबादी भी बढ़ी है.
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वजह से वन्य पशु भोजन और आश्रय की तलाश में इंसानी इलाकों की तरफ आ रहे हैं, जिससे हमलों की संख्या काफी बढ़ गई है. कश्मीर के प्रमुख वाइल्ड लाइफ वार्डेन राशीद नक्श कहते हैं, "जानवरों ने भी इस बदलाव के साथ मेल बिठा लिया है. और दिलचस्प बात यह है कि उन्हें अब बगीचों में और जंगलों की तलहटी में उन स्थानों पर आसानी से भोजन और आश्रय मिल जाता है जहां लोगों ने बस्तियां बसा ली हैं."
नकश ने बताया कि पहले काले भालू सर्दियों में अमूमन सीतनिद्रा में चले जाते थे, लेकिन अब वो "गहरी, कड़ी सर्दियों में भी सक्रिय रहते हैं और पूरे साल शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं." यह संघर्ष इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि जानवरों की तस्करी के लगभग रुक जाने से वन्य जीवों की आबादी भी बढ़ी है. तस्करी के रुकने का कारण वादी के तनाव ग्रस्त हालात और जंगल में भारतीय सेना के जवानों की मौजूदगी है.
सेना के शिविरों के किचन से फेंका गया खाना भी भालुओं के लिए भोजन का आसान स्त्रोत है. पहाड़ी इलाके में इन पशुओं ने अपने रहने के प्राकृतिक स्थान भी खो दिए हैं क्योंकि अब वहां हजारों किलोमीटर तक कंटीली तारें बिछी हुई हैं जिनके इर्द गिर्द हजारों सैनिक गश्त लगाते हैं.
सीके/एए (एपी)
नई दिल्ली, 2 दिसंबर| किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र से संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए कहा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सरकार से बिना किसी देरी के सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, "किसानों ने दिल्ली को घेर लिया है, अर्थव्यवस्था आधिकारिक तौर पर मंदी में है .. सरकार को बिना देरी किए संसद का शीतकालीन सत्र जल्द से जल्द आयोजित करने की जरूरत है।"
कांग्रेस की मांग केंद्र सरकार और 32 किसान यूनियन नेताओं के बीच वार्ता के एक दिन बाद आई। चौथे दौर की वार्ता गुरुवार को होगी।
तिवारी ने यह भी कहा कि बढ़ते कोविड मामलों और चीनी अतिक्रमण के मद्देनजर सत्र बुलाया जाना जरूरी है।
उन्होंने ट्वीट किया, "चीन का हमारी जमीन के 1000 वर्ग किलोमीटर से अधिक इलाके में अतिक्रमण जारी है, कोविड के मामले 8 महीने में 1.38 लाख मौतों के साथ के साथ 95 लाख तक पहुंच गए हैं।"
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को भारत में कुल कोरोना मामलों की संख्या 94,62,809 हो चुकी है जबकि 1,37,621 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं।
सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ टीका वितरण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 2 दिसम्बर| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने मंगलवार को बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (बीआईएफएफ) के 13वें संस्करण का आयोजन करने के लिए अनौपचारिक रूप से स्वीकृति दे दी। मंगलवार को, कर्नाटक चलनचित्रा अकादमी के अध्यक्ष सुनील पुराणिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने येदियुरप्पा से मुलाकात की और उन्हें शहर में आयोजित होने वाले बीआईएफएफ के 13वें संस्करण की तैयारियों से अवगत कराया।
यहां मुख्यमंत्री के साथ अपनी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पुराणिक ने कहा कि अकादमी ने बीआईएफएफ के 13वें संस्करण को फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च 2021 के पहले सप्ताह में आयोजित करना प्रस्तावित किया है।
अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीआईएफएफ को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए अकादमी पिछले 10 वर्षों से अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही है।
उन्होंने कहा, "दुनिया भर में होने वाले 5,000 फिल्म समारोहों में से अब तक केवल 45 को ही अंतर्राष्ट्रीय मान्यता दी गई है। अगर हम बीआईएफएफ के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर लेते हैं तो यह बेंगलुरु के लिए एक और उपलब्धि होगी।" (आईएएनएस)
आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश), 2 दिसम्बर| उत्तर प्रदेश में खाकी वर्दी को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। एक पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ छेड़खानी कर रहा था और जब उसकी इस हरकत का एक शख्स ने विरोध किया तो उसने उसे गोली मार दी। घायल व्यक्ति किशनलाल को इलाज के लिए वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आरोपी पुलिसकर्मी की पहचान सर्वेश के रूप में हुई है, जो वर्तमान में गोंडा जिले में तैनात है।
यह घटना मंगलवार को कमालपुर गांव में घटी, जब नशे में धुत पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर महिलाओं के साथ छेड़खानी की।
महिलाएं गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रही थीं। पुलिसकर्मी और उसके दोस्त सड़क पर शराब पी रहे थे और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जब किशनलाल ने आपत्ति की, तो झगड़ा शुरू हो गया। विवाद हिंसक हो गया और पुलिसकर्मी ने किशनलाल को गोली मार दी।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने पुलिसकर्मी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर | किसानों के जिस प्रतिनिधिमंडल को केंद्र सरकार से वार्ता के लिए मंगलवार को बुलाया गया था उसमें स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव शामिल नहीं थे. कहा जा रहा है कि सरकार नहीं चाहती थी कि किसी राजनीतिक व्यक्ति को इसमें शामिल किया जाए.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ किसान नेताओं के मुताबिक़ योगेंद्र यादव को प्रतिनिधिमंडल से बाहर वास्तव में पंजाब के कुछ यूनियनों के कारण रखा गया.
सोमवार की रात कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक पत्र जारी कर मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शाम तीन बजे किसान यूनियनों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि 13 नवंबर को जो वार्ता में शामिल हुए थे उन्हें ही दोबारा वार्ता के लिए बुलाया गया है. पिछले महीने केवल पंजाब के किसान यूनियनों को वार्ता के लिए बुलाया गया था.
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार केवल पंजाब के नेताओं को सीनियर ब्यूरोक्रेट्स से फ़ोन गए थे और बीजेपी नेता पिछले कुछ दिनों से अनाधिकारिक रूप से फ़ोन पर वार्ता कर रहे हैं.
हालाँकि मंगलवार को पंजाब के किसान यूनियनों ने फ़ैसला किया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अखिल भारत प्रदर्शन हो रहा है और वार्ता में सभी को शामिल किया जाए.
इस मोर्चे की समन्वय समिति सात सदस्यीय है जिसमें पंजाब के तीन नेता और योगेंद्र यादव के अलावा भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चौधरी, राष्ट्रीय किसान महासंघ के शिव कुमार काकाजी के साथ ऑल इंडिया किसान सभा के हन्नान मोल्लाह हैं.
योगेंद्र यादव ने द हिन्दू से कहा, ''अमित शाह ने ख़ुद पंजाब के नेताओं से बात की और कहा कि योगेंद्र यादव को शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि वो एक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं. पंजाब के नेता मुझे बाहर किए जाने के आधार पर वार्ता का बहिष्कार करने के लिए तैयार थे लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं वार्ता से अलग रहना चाहता हूं.''
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार कुछ किसान समूह और नेताओं ने योगेंद्र यादव का हवाला देते हुए कहा कि शुरुआत में उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बॉर्डर से बुराड़ी मैदान में शिफ़्ट होने का आग्रह किया था.
इससे लोग योगेंद्र यादव से नाराज़ हो गए. इसके अलावा इस बात से भी नाराज़गी थी कि योगेंद्र यादव और कुछ अन्य राष्ट्रीय नेताओं के आसपास मीडिया की मौजूदगी ज़्यादा थी जबकि उन्होंने मुट्ठी भर प्रदर्शनकारियों को ही लामबंद किया था.
दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार ने केवल पंजाब के यूनियनों से वार्ता करने की बात कही ताकि दिखाया जा सके कि केवल एक राज्य से राजनीति से प्रेरित होकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. मंगलवार को जो वार्ता हुई है उसमें दूसरे राज्य के लोग भी शामिल थे. (bbc)
नई दिल्ली, 2 दिसंबर | किसान संगठनों के साथ मंगलवार को हुई बैठक में भले ही कोई हल न निकला हो, मगर सरकार ने किसान नेताओं से संबंधित प्रावधानों पर लिखित आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। इसकी रिपोर्ट बुधवार तक किसान प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराना है। इस पर अगले दिन तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे से चर्चा होगी। सरकार का कहना है कि इससे जरूरी मुद्दों पर सही तरह से बातचीत करने में आसानी रहेगी। सरकार का कहना है कि पहले किसान संगठन नए बने कानूनों को लेकर अपने मुद्दे की सही तरह से पहचान कर लें। लिखित में अपने सुझावों का पुलिंदा तैयार करें, ताकि तीन दिसंबर को होने वाली चौथे राउंड की बैठक में आसानी हो। मंगलवार को विज्ञान भवन और कृषि मंत्रालय में हुई बैठक के बेनतीजा रहने के कारण अब सरकार और किसान संगठनों की नजरें तीन दिसंबर को होने वाली बैठक पर टिकी हैं।
यहां के विज्ञान भवन में मंगलवार को शाम साढ़े तीन बजे से पंजाब-हरियाणा के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बातचीत की। केंद्रीय मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए अधिनियमों के लाभ किसान संगठनों को बताए। हालांकि किसान प्रतिनिधियों ने कानूनों को किसान हितों के विपरीत बताया। कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने किसानों के मुद्दों पर आगे चर्चा के लिए एक छोटी विशेषज्ञ समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि आपसी सहमति से उन्हें हल किया जा सके, पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सभी प्रतिनिधि आगे की चर्चा के दौर में भाग लेंगे और सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।
विज्ञान भवन की बैठक के बाद, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि, राकेश टिकैत के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश से कृषि भवन में मिले। इन प्रतिनिधियों से भी अगले दौर की चर्चा तीन दिसंबर को होगी। फिलहाल सरकार ने 2 दिसंबर तक लिखित में सुझाव मांगे हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 दिसंबर | केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार की देर शाम कहा कि किसान संगठनों के साथ बातचीत काफी सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। अगले दौर की वार्ता 3 दिसंबर को होगी। किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने यहां के विज्ञान भवन में 1 दिसंबर 2020 को पंजाब-हरियाणा के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। केंद्रीय मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए अधिनियमों के लाभ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को समझाएं। साथ ही नए अधिनियमों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मंत्री तोमर ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के लिए कृषि-विकास हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहा है। विचार-विमर्श के दौरान, कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने किसानों के मुद्दों पर आगे चर्चा के लिए एक छोटी विशेषज्ञ समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि आपसी सहमति से उन्हें हल किया जा सके, पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सभी प्रतिनिधि आगे की चर्चा के दौर में भाग लेंगे और सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।
बातचीत के दौरान, अधिनियमों से संबंधित विशिष्ट मुद्दों की पहचान करने और सरकार के साथ इन्हें 2 दिसंबर तक साझा करने के लिए सरकार की ओर से किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को सुझाव दिया गया है। इन मुद्दों पर 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होने वाली चौथे दौर की बैठक के दौरान आगे की चर्चा की जाएगी।
मंत्रियों ने यह आश्वासन भी दिया कि भारत सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के कल्याण के लिए चर्चा करने को सदैव तैयार है।
विज्ञान भवन की बैठक के बाद, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि राकेश टिकैत के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री तोमर, पीयूष गोयल एवं सोम प्रकाश से कृषि भवन में मिले। यह बैठक भी बहुत ही अच्छे माहौल में हुई जिसमें बहुत सार्थक, सारगर्भित व उपलब्धिपूर्ण चर्चा रही। इन प्रतिनिधियों से भी अगले दौर की चर्चा होगी, जिसके पहले 2 दिसंबर तक लिखित में सुझाव मांगे गए हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 दिसंबर | केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार की देर शाम कहा कि किसान संगठनों के साथ बातचीत काफी सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। अगले दौर की वार्ता 3 दिसंबर को होगी। किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने यहां के विज्ञान भवन में 1 दिसंबर 2020 को पंजाब-हरियाणा के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। केंद्रीय मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए अधिनियमों के लाभ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को समझाएं। साथ ही नए अधिनियमों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मंत्री तोमर ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के लिए कृषि-विकास हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहा है। विचार-विमर्श के दौरान, कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने किसानों के मुद्दों पर आगे चर्चा के लिए एक छोटी विशेषज्ञ समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि आपसी सहमति से उन्हें हल किया जा सके, पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि सभी प्रतिनिधि आगे की चर्चा के दौर में भाग लेंगे और सरकार के साथ इस मामले को सुलझाने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।
बातचीत के दौरान, अधिनियमों से संबंधित विशिष्ट मुद्दों की पहचान करने और सरकार के साथ इन्हें 2 दिसंबर तक साझा करने के लिए सरकार की ओर से किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को सुझाव दिया गया है। इन मुद्दों पर 3 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होने वाली चौथे दौर की बैठक के दौरान आगे की चर्चा की जाएगी।
मंत्रियों ने यह आश्वासन भी दिया कि भारत सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के कल्याण के लिए चर्चा करने को सदैव तैयार है।
विज्ञान भवन की बैठक के बाद, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि राकेश टिकैत के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री तोमर, पीयूष गोयल एवं सोम प्रकाश से कृषि भवन में मिले। यह बैठक भी बहुत ही अच्छे माहौल में हुई जिसमें बहुत सार्थक, सारगर्भित व उपलब्धिपूर्ण चर्चा रही। इन प्रतिनिधियों से भी अगले दौर की चर्चा होगी, जिसके पहले 2 दिसंबर तक लिखित में सुझाव मांगे गए हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 दिसंबर | आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच मंगलवार को हुई दो बार की बैठक असफल रही। पहली बैठक विज्ञान भवन में करीब साढ़े तीन घंटे चली तो दूसरी बैठक कृषि मंत्रालय में करीब एक घंटे तक हुई। दूसरी बैठक में उन किसान प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो पहली बैठक में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, दोनों बैठकें बेनतीजा रहीं। अब तीन दिसंबर को दोपहर 12 बजे चौथे दौर की बैठक होगी। सरकार ने बैठक में कमेटी बनाने का ऑफर दिया था। मगर किसान नेताओं ने यह ऑफर ठुकरा दिया। उधर, सरकार का कहना है कि बैठक सकारात्मक रही है। अब आगे तीन दिसंबर को चौथे राउंड की बैठक में हल निकलने की उम्मीद है।
विज्ञान भवन की बैठक में शामिल भारतीय किसान यूनियन एकता के सरदार चंदा सिहं ने आईएएनएस को बताया कि तीनों कानूनों को लेकर सरकार का अड़ियल रुख सामने आया। किसान झुकने वाले नहीं है। सरकार बात तो करना चाहती है, लेकिन मुद्दों को सुलझाना नहीं चाहती। अब तीन दिसंबर की बैठक पर हमारी नजर टिकी है।
भारतीय किसान यूनियन पंजाब के महासचिव बलवंत सिंह ने आईएएनएस को बताया कि बैठक में सरकार का रुख सहयोगात्मक नहीं दिखा। सरकार ने किसान नेताओं के साथ मिलकर मुद्दों पर विचार के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही थी। लेकिन कमेटियों का हाल किसी से छुपा नहीं है। कमेटी के जरिए मुद्दे को सरकार लटकाना चाहती थी। इसलिए हमने कमेटी की बात नहीं मानी। अब आगे तीन दिसंबर को बात होगी।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, पीयूष गोयल, केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ हुई बैठक में मौजूद रहे पंजाब किसान संगठन के नेता करनैल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि बैठक बेनतीजा निकलने से किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। तीनों कृषि कानून कारपोरेट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। तीनों कानून को सरकार वापस लेगी, तभी किसान मानेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ लगातार वार्ता जारी रहेगी।
बता दें कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शाम साढ़े तीन बजे से पहली बैठक शुरू हुई, जिसमें 32 किसान प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वहीं बाद में कृषि मंत्रालय में भी बैठक हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि राकेश टिकैत के नेतृत्व में कुछ किसान नेताओं ने भाग लिया।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर | वैक्सीन परीक्षण के दौरान स्वयंसेवकों के साथ होने वाली दो कथित प्रतिकूल घटनाओं की रिपोटिर्ंग के मद्देनजर, वैक्सीन लेने के लिए लोगों में भय और संकोच बढ़ रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार का कोविड-19 वैक्सीन को प्रत्येक व्यक्ति को देने का कोई इरादा नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "वैक्सीन हिचकिचाहट एक अंतर्निहित मुद्दा है, जिसका प्रतिकूल घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। आबादी का एक वर्ग सोचता है कि इसे टीकाकरण की आवश्यकता नहीं है।"
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक (डीजी) प्रो. बलराम भार्गव ने भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि पहले जनसंख्या के एक बड़े पैमाने पर टीकाकरण करके वायरस की श्रृंखला को तोड़ा जाए।
उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य वायरस की श्रृंखला को तोड़ना है। अगर हम थोड़ी आबादी (क्रिटिकल मास) को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में कामयाब रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत न पड़े।"
हालाकि उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन की प्रभावकारिता एक मुद्दा है, क्योंकि यह कुछ व्यक्तियों पर इसका 60 प्रतिशत प्रभाव हो सकता है जबकि दूसरों में यह 70 प्रतिशत प्रभावकारी भी हो सकती है।
हालांकि भूषण ने कहा कि वैक्सीन के बारे में लोगों के बीच आशंकाओं को दूर करना केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "यह राज्यों और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वे लोगों को दुष्प्रचार से बचाव के लिए वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में शिक्षित करें।"
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी बताया कि सरकार टीका प्रशासन के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार कर रही है, जो अगले दो सप्ताह के भीतर सामने आ सकता है। भूषण ने कहा, "दिशानिर्देशों में वर्णित मुद्दों में से एक टीका सुरक्षा के पहलू से संबंधित है। हमारा उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि किसी व्यक्ति को और बड़े स्तर पर वैक्सीन लेने का क्या प्रभाव और लाभ होगा।"
इस बीच भार्गव ने इस बात पर जोर दिया कि हमें मास्क का उपयोग जारी रखना होगा, क्योंकि यह वायरस की श्रृंखला को तोड़ने में प्रभावी है।
--आईएएनएस
रांची, 1 दिसंबर| झारखंड में मंगलवार को एक नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। पुलिस ने बताया कि नक्सली उदेश गंझू उर्फ सुकुल ने चतरा जिले में पुलिस अधीक्षक ऋषभ झा के सामने एक अर्ध-स्वचालित राइफल और 150 कारतूसों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।
आत्मसमर्पण करने वाला उदेश नक्सली संगठन तृतीया प्रस्तुति कमिटी का सब-जोनल कमांडर रहा है। वह चतरा और पलामू जिलों में आठ आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है।
उदेश का पुनर्वास राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत किया जाएगा। (आईएएनएस)
गांधीनगर, 1 दिसंबर | गुजरात से भाजपा के राज्यसभा सदस्य अभय भारद्वाज का मंगलवार को चेन्नई के एक अस्पताल में कोरोनोवायरस के संक्रमण से निधन हो गया। भारद्वाज के निधन के बाद गुजरात ने एक सप्ताह के भीतर अपने दो राज्यसभा सदस्यों को खो दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता और कोषाध्यक्ष अहमद पटेल का 26 नवंबर को निधन हो गया था।
राजकोट के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पेशे से वकील भारद्वाज को जुलाई में संसद के ऊपरी सदन के लिए चुना गया था।
कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद भारद्वाज को शुरुआत में राजकोट अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उन्हें चेन्नई के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताते हुए कहा, "श्री अभय भारद्वाज जी एक प्रतिष्ठित वकील थे और सेवा करने वाले समाज में सबसे आगे थे। यह दुख की बात है कि हमने एक उज्जवल और आनंदमय इंसान को खो दिया है, जो हमेशा राष्ट्रीय विकास के बारे में सोचते थे। उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं। शांति।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसम्बर | न्यूजीलैंड दौरे पर गई पाकिस्तान क्रिकेट टीम के तीन और सदस्य दूसरे राउंड के टेस्ट के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए हैं। इससे अब न्यूजीलैंड में कोरोना संक्रमित खिलाड़ियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। खिलाड़ियों का एक और टेस्ट होना बाकी है।
न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, " टेस्ट के ताजा राउंड में क्राइस्टचर्च में पाकिस्तान के कुल 46 सदस्यों का टेस्ट किया गया, जिनका टेस्ट नेगेटिव आया है। तीन मामले की अभी भी जांच जारी है और इनमें से एक का रिजल्ट लंबित है।"
मंत्रालय ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान टीम की ट्रेनिंग पर तब तक प्रतिबंध जारी रहेगी जब तक कि स्वास्थ्य अधिकारी इजाजत न दे दे।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम 24 नवंबर को न्यूजीलैंड पहुंची थी और दौरे के तीसरे दिन उनका टेस्ट हुआ था, जिसमें सात खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए थे।
पाकिस्तान टीम अभी 14 दिन के क्वारंटाइन में है और उसके खिलाड़ियों का तीसरा टेस्ट रविवार को होगा।(आईएएनएस)
शहडोल/भोपाल, 1 दिसंबर | मध्य प्रदेश इन दिनों जबरिया धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कानून बनाने के प्रयासों के कारण खासा चर्चाओं में है। इसी बीच, शहडोल जिले में एक हिंदू महिला से शादी करने के बाद धर्म परिवर्तन का दवाब डालने का मामला सामने आया है। आरोपी मुस्लिम युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शहडोल जिले के धनपुरी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) भरत दुबे ने बताया, इस क्षेत्र की एक हिंदू महिला ने मुस्लिम युवक इरशाद से विवाह किया था। युवती और युवक बीते दो सालों से साथ रह रहे थे। युवती ने आरोप लगाया कि पति धर्म में बदलाव का दवाब बना रहा है साथ ही इस्लाम की संस्कृति अपनाने, उर्दू सीखने और अरबी पढ़ने को लेकर उसका शोषण कर रहा है।
दुबे के अनुसार पीड़ित महिला की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और जेल भेज दिया गया है। बताया गया है कि आरोपी के खिलाफ मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रय अधिनियम 1968 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार आगामी विधानसभा सत्र में धर्मांतरण और लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के मकसद से मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्रय विधेयक-2020 लाने की तैयारी में है। इस नए अधिनियम में जोर जबरदस्ती से धर्मांतरण कराने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान हेागा।
इससे पहले भोपाल में भी एक महिला ने अपने पति पर जबरिया धर्म परिवर्तन कराने और अपनी पहचान छुपाकर शादी करने का आरेाप लगाया था। इसकी शिकायत गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से की थी। इस पर मिश्रा ने कहा था भोपाल की एक युवती ने डरा-धमकाकर शादी करने और धर्मांतरण के लिए विवश किए जाने की शिकायत की है। पीड़ित युवती की फरियाद सुनने के बाद डीआईजी भोपाल को मामले की गंभीरता से जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसम्बर | दिल्ली सरकार का मानना है कि दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे किसान आंदोलन से दिल्ली में किसी तरह की परेशानी नहीं है। दिल्ली सरकार के मुताबिक किसान आंदोलन से दिल्ली के लोग किसी प्रकार की दिक्कत महसूस नहीं कर रहे हैं। साथ ही किसान आंदोलन से दिल्ली वालों की रोजमर्रा कि जिंदगी में कोई व्यवधान नहीं पड़ा है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने किसान आंदोलन के कारण दिल्ली और दिल्ली वालों को हो रही किसी भी परेशानी से इनकार किया है। इस विषय पर उन्होंने कहा, "हमें पहले उन किसानों का सोचना चाहिए जो 500 किलोमीटर दूर अपने घरों से चलकर अपनी बात और परेशानी बताने यहां आए हैं। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द किसानों की परेशानियों पर ध्यान देना चाहिए और उनसे बात कर के कृषि कानूनों में बदलाव या उनकी जो भी परेशानी है, उसे दूर करना चाहिए।"
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के अपने सभी 62 विधायकों से कहा है कि वे प्रदर्शनकारी किसानों की मदद करें। इन्हें, दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हजारों किसानों की सेवा करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक किसानों के लिए खाने, मेडिकल, पानी और टॉयलेट आदि सभी जरूरतों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य के अलावा गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे ने सतेंद्र जैन किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए इस आंदोलन को न रोके जाने की बात कही है। इससे पहले सतेंद्र जैन ने पुलिस की उस अपील को ठुकरा दिया था, जिसमें दिल्ली के स्टेडियमों को किसानों की अस्थाई जेल बनाने की मांग की गई थी।
किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, "किसानों का यह शांतिपूर्वक आंदोलन है और इसे नहीं रोकना चाहिए। किसानों की जायज मांगे हैं और यह उनके हक की लड़ाई है। केंद्र सरकार को इस आवाज को सुनना चाहिए। अगर वह दिल्ली आना चाहते हैं, तो उनको दिल्ली आने देना चाहिए।"
वहीं दिल्ली के 9 स्टेडियमों को किसानों की अस्थायी जेल बनाने के दिल्ली पुलिस के आवेदन को स्वास्थ्य मंत्री पहले ही ठुकरा चुके हैं। उन्होंने कहा, "पुलिस का प्रपोजल 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने का था, जिसको हमारी दिल्ली सरकार ने मना कर दिया। हमने कहा कि जब कोई शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखना चाहता है तो उसे जेल में नहीं डालना चाहिए।"
सतेंद्र जैन ने कहा कि किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं, यही लोग हमारे लिए सब्जी उगाते हैं, अनाज पैदा करते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा किसानों को दिए गए समर्थन के तहत आम आदमी पार्टी के कई विधायक बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में किसानों के लिए खाने-पीने, सोने, पेयजल, साफ-सफाई, टॉयलेट आदि की व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं।(आईएएनएस)
मुंबई, 1 दिसंबर | केंद्र की ओर से हाल ही में पारित किए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो की कथित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंगलवार को कहा कि टड्रो को भारत के आतंरिक मामले का इस्तेमाल कर राजनीति नहीं करनी चाहिए। प्रियंका चतुर्वेदी ने टड्रो को जवाब देते हुए कहा कि भारत का आतंरिक मामला किसी अन्य राष्ट्र की राजनीति के लिए चारा नहीं है।
राज्यसभा सदस्य चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, "प्रिय जस्टिन टड्रो, आपकी चिंता की कद्र करती हूं, लेकिन भारत का आतंरिक मामला किसी अन्य राष्ट्र की राजनीति के लिए चारा नहीं है। कृपया दूसरे देशों के प्रति सम्मान प्रकट करने का शिष्टाचार निभाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अनुरोध करती हूं कि इस मुद्दे को दूसरे देशों द्वारा अपनी राय दिए जाने से पहले ही सुलझा लें।"
इससे पहले टड्रो ने गुरुपर्व के अवसर पर एक वीडियो जारी कर कहा था, "भारत में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की खबरों का संज्ञान न लूं तो इसे मामले को नजरअंदाज करना माना जाएगा। स्थिति चिंताजनक है और हम सब परिवारों और दोस्तों के बारे में परेशान हैं।"
उन्होंने कहा था, "मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं, कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के समर्थन में है। हम संवाद के महत्व में विश्वास करते हैं और इसीलिए हमने भारतीय अधिकारियों को अपनी चिंता से अवगत कराया है।"
भारत में किसान इस साल सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमाओं पर कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नए कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | पंजाब से आए किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को विज्ञान भवन में 3 घंटे से अधिक बातचीत हुई। हालांकि बातचीत समाप्त होने के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है। किसान नेताओं के मुताबिक फिलहाल यह बातचीत बेनतीजा रही है। किसान नेताओं का कहना है की बातचीत का अगला दौर अब गुरुवार को शुरू होगा। किसान नेता सरदार चंदा सिंह ने कहा, "खेती कानून के विषय पर बात करने के लिए कृषि मंत्री, रेल मंत्री व अन्य लोग मौजूद थे।"
हमारा आंदोलन जारी रहेगा
"सरकार के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही है। कृषि मंत्री ने हमसे कहा कि एक छोटी कमेटी बना दो। सरकार उस छोटी कमेटी से इस सब विषयों पर बात करेगी, लेकिन हमें सरकार का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है, अब सरकार से अगली बातचीत गुरुवार को होगी।"
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक समाप्त होने के उपरांत कहा, "भारत सरकार ने मंगलवार को किसानों के साथ तीसरे दौर की वार्ता संपन्न की। एक दूसरे के प्रति काफी समझ बनी है। हम लोगों ने यह तय किया है कि अब परसों यानी गुरुवार को वार्ता का अगला चरण शुरू होगा। गुरुवार को किसान अपना इश्यू लेकर आएंगे और फिर चर्चा की जाएगी।"
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा, "सामान्य तौर पर हम सब लोग चाहते थे की एक समिति बने, लेकिन उनका (किसानों) का कहना यह था कि सभी लोग एक साथ मिलकर बात करेंगे। हम किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि वह आंदोलन स्थगित करें और बातचीत करें, लेकिन यह निर्णय किसानों पर निर्भर करता है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | प्रमुख एयरलाइन स्पाइसजेट ने 5 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से अपने घरेलू नेटवर्क पर 20 नई उड़ानें शुरू करने की योजना बनाई है। इसकी जानकारी कंपनी ने मंगलवार को दी। कंपनी ने अपने नवीनतम घरेलू विमानों को रांची से जोड़ने की घोषणा की।
स्पाइसजेट ने झारखंड की राजधानी को दिल्ली और मुंबई के प्रमुख महानगरों से जोड़ने वाली नॉन-स्टॉप उड़ानें शुरू की हैं। एयरलाइन दिल्ली-रांची-दिल्ली सेक्टर और मुंबई-रांची-मुंबई सेक्टर पर दैनिक उड़ानें संचालित करेगी।
इसके अलावा, स्पाइसजेट महाराष्ट्र के एक प्रमुख तीर्थस्थल शिर्डी को दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के साथ नई दैनिक गैर-स्टॉप उड़ानों से जोड़ेगी।
"एयरलाइन ने अहमदाबाद को जोड़ने वाली नई उड़ानों की मेजबानी भी पेश की है। ये उड़ानें अहमदाबाद-जम्मू-अहमदाबाद, अहमदाबाद-गुवाहाटी-अहमदाबाद और अहमदाबाद-कोच्चि-अहमदाबाद सेक्टरों में संचालित होंगी।"
"जबकि अहमदाबाद और कोच्चि के बीच उड़ानें दैनिक रूप से संचालित होंगी, अहमदाबाद-जम्मू-अहमदाबाद सेक्टर पर उड़ानें रविवार को छोड़कर सभी दिनों में चलेंगी जबकि अहमदाबाद-गुवाहाटी-अहमदाबाद में उड़ानें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को संचालित होंगी।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 1 दिसंबर | शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक मंगलवार को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के ऑनलाइन दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। निशंक ने कहा, "पूरी दुनिया में एक बार फिर से कोविड महामारी को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं। लेकिन सरकार महामारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। कोविड-19 की कठिन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन अध्यापन के माध्यम से छात्रों के पाठ्यक्रम पूरा करवाए। अंतिम सेमेस्टर के लगभग 48 हजार छात्रों की परीक्षा व्यक्तिगत उपस्थिति के साथ संपन्न करवाई गई। फिलहाल, परीक्षा परिणाम भी घोषित हो गए है और 2020-2021 सत्र की कक्षाएं भी ऑनलाइन मोड में चल रही हैं। नई कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया भी ऑनलाइन मोड में चल रही है और भविष्य के सत्रों के लिए यह एक बेहतर प्रशिक्षण का अवसर है।"
शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि विश्वविद्यालय 40 शोध परियोजनाओं और 26 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एमओयू के माध्यम से शोध के क्षेत्र में नए आयामों को स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। शोधारित प्रकाशनों, समृद्ध पुस्तकालय, नवाचार के कार्य, सामाजिक दायिžवों के निर्वहन एवं श्रेष्ठ क्रियाकलापों के माध्यम से विश्वविद्यालय निरंतर शैक्षणिक लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा, शोध, नवाचार एवं सामुदायिक विकास के लिए भी विश्वविद्यालय प्रयास करते हुए 21वीं शताब्दी के ज्ञान युग की संकल्पना को साकार करेगा।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' का नारा बुलंद किया है और उसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड शिक्षा के माध्यम से इस दिशा में वोकल फॉर लोकल, एक भारत-श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने का प्रयास करेंगा।
निशंक ने कहा, "उत्तराखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में नए संस्कारों की पीढ़ियां बनाई हैं। अपने स्थापना के 47वें वर्ष में प्रवेश करते हुए इस विश्वविद्यालय ने कठिन चुनातियों के बीच भी प्रगति की अपनी यात्रा निरंतर बनाये रखी है। आज ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र उत्तराखंड उत्तरोतर आगे बढ़ रहा है।"
शिक्षा मंत्री निशंक ने विश्वविद्यालय में नीति आयोग, नई दिल्ली द्वारा भारतीय हिमालयन केंद्रीय विश्वविद्यालय कंसोर्टियम (कउवउ) की स्थापना को लेकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि कंसोर्टियम पर्वतीय क्षेत्रों में महिला श्रमिकों के आर्थिक प्रभावों सही मूल्यांकन में भूमिका निभाएगा। हिमालयी राज्यों की कृषि-पारिस्थितिकी, किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन का विकास, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन नियंत्रण हेतु रोजगार के अवसरों का सृजन में भी अपनी महžवपूर्ण भूमिका निभाएगा।(आईएएनएस)
गाजीपुर बॉर्डर, 1 दिसम्बर | कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसान विरोध कर लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आए किसान जमे हुए हैं। ऐसे में राकेश टिकैत विज्ञान भवन में हो रही बैठक के लिए रवाना हो गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश और पीयूष गोयल के साथ किसानों की विज्ञान भवन में 3 बजे से बातचीत हो रही है। साथ ही 7 बजे की बैठक में भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को बुलाया गया है। इसमें राकेश टिकैत, कर्म सिंह पड्डा जो की भारतीय किसान यूनियन के उत्तराखंड अध्यक्ष हैं। रतन मान हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष, धर्मेंद्र मालिक राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, युद्धवीर सिंह और वीरेंद्र डागर शामिल होंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आईएएनएस को बताया, "हम यहां से 7 बजे की बैठक के लिए निकल रहे हैं। ये दूसरी बैठक है, इससे पहले उन्होंने पंजाब के किसान नेताओं से बात की है। अब उत्तराखंड, यूपी और हरियाणा के किसान नेताओं से बात करेंगे।"
जानकारी के अनुसार इस बैठक में 7 व्यक्तियों का डेलिगेशन शामिल होगा। गाजीपुर बॉर्डर से जा रहे डेलिगेशन को पुलिस सुरक्षा में विज्ञान भवन ले जाया गया है।
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम पर किसान नेताओं को एक विस्तृत जानकारी दे रही है।
दरअसल केंद्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं। जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है।(आईएएनएस)
भोपाल 1 दिसंबर | केंद्र सरकार के किसानों को लेकर लाए गए तीन कानूनों के विरोध में देशव्यापी आंदोलन चल रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव ने राज्य सरकार से आगामी विधानसभा सत्र में इन कानूनों के खिलाफ संकल्प लाकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की मांग की है। यादव का कहना है कि, "केंद्र सरकार द्वारा तीन कानून लाए गए हैं, वह किसान विरोधी हैं, इसीलिए देशव्यापी आंदोलन चल रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसान पुत्र कहते हैं, उन्हें इन काले कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए। साथ ही आगामी विधानसभा सत्र में संकल्प पारित करके केंद्र सरकार से इन काले कानूनों को वापस लेने की अपील करनी चाहिए।"
यादव का कहना है कि, "मुख्यमंत्री को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों के हित की बात करना चाहिए। राज्य के किसान भी इन कानूनों के खिलाफ हैं।(आईएएनएस)
चेन्नई, 1 दिसंबर | कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया ने मंगलवार को कहा कि कोविडशील्ड वैक्सीन को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए तब तक जारी नहीं किया जाएगा, जब तक कि यह इम्युनोजेनिक और सुरक्षित साबित न हो जाए। कंपनी ने यह भी कहा कि गंभीर प्रतिकूल घटना (एसएई), जो कथित तौर पर शहर आधारित स्वयंसेवक के साथ हुई, वह वैक्सीन से प्रेरित नहीं है।
सीरम संस्थान ने इससे पहले कहा कि वह उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले स्वयंसेवक पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की मानहानि का दावा करेगा। कंपनी ने कहा कि उसे स्वयंसेवक की चिकित्सा स्थिति को लेकर सहानुभूति है और यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
कंपनी ने कहा, "हालांकि, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि सभी अपेक्षित विनियामक और नैतिक प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन और सख्ती से किया गया।"
बता दें कि हाल ही में एक वॉलंटियर ने इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट होने का दावा कर सभी को चौंका दिया था।
वॉलंटियर के कोवीशील्ड वैक्सीन से गंभीर साइड-इफेक्ट होने के दावे के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ने मंगलवार को बयान जारी किया। सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि चेन्नई के वॉलंटियर के साथ कोई हादसा नहीं हुआ और ट्रायल में सभी प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन किया गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट के अनुसार, प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) और एथिक्स कमेटी ने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल में उसकी स्थिति के साथ कोई संबंध नहीं है।
कंपनी ने कहा, "हमने घटना से संबंधित सभी रिपोर्ट और डेटा डीसीजीआई (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) को सौंपे हैं। यह केवल उन सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को क्लीयर करने के बाद है, जिन्हें हमने परीक्षण के साथ जारी रखा।"
कंपनी ने कहा कि टीकाकरण के बारे में जटिलताओं और मौजूदा गलत धारणाओं को ध्यान में रखते हुए कानूनी नोटिस भेजा गया है, ताकि कंपनी की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखा जा सके।
शहर के 40 वर्षीय स्वयंसेवक, जो एक व्यावसायिक सलाहकार के रूप में काम करते हैं, उन्होंने सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार की गई कोविशील्ड का डोज लेने पर गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य जटिलताओं की बात कही थी।
स्वयंसेवक के अधिवक्ताओं के अनुसार, उनके मुवक्किल को 29 सितंबर को टीका लगाया गया था, जिसके बाद उसे गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हुईं। इसके बाद इसके कारण की जांच करने और परीक्षणों को रोकने के बजाय सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य ने चुप्पी साधे रखी।
अधिवक्ता एन.जी.आर. प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, "हमें सीरम इंस्टीट्यूट सहित विभिन्न पक्षों को भेजे गए कानूनी नोटिस के लिए अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। हमने सीरम इंस्टीट्यूट के बारे में आई खबरें पढ़ी हैं। हमने पाया कि हमारे मुवक्किल को 100 करोड़ रुपये से अधिक का मामले दायर करने की धमकी दी जा रही है।" (आईएएनएस)