राष्ट्रीय
बुलंदशहर (उप्र), 9 दिसंबर| उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक शादी समारोह में सपना चौधरी का गीत बजाने को लेकर हुए झगड़े में कथित तौर पर एक युवक की पीट-पीटकरहत्या कर दी गई। घटना सोमवार की देर रात को कोतवाली पुलिस सर्कल में आने वाले बुलंदशहर के एक मैरिज हॉल में हुई। घायल युवक को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
खबरों के अनुसार, कुछ युवक एक शादी में नाच रहे थे तभी उन्होंने डीजे से सपना चौधरी का एक गाना बजाने की मांग की। जब डीजे ने मना कर दिया, तो वे हिंसक हो गए और इसके कारण 2 समूहों के बीच झड़प हो गई।
पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कथित आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस चश्मदीद गवाहों से भी बात कर रही है।
बुलंदशहर के एसपी संतोष कुमार सिंह ने दावा किया कि मृतक ने झड़प के दौरान हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी और उसे तभी दिल का दौरा पड़ गया। उन्होंने कहा, "पहली नजर में ऐसा लगता है कि उसकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। मामले की जांच की जा रही है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।"
शादी में एक चश्मदीद ने दावा किया कि लड़कों का एक समूह नशे में धुत था और उन्होंने सपना चौधरी का गाना बजाने की मांग की लेकिन डीजे ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा, "जैसे ही डीजे ने कहा कि उसके पास यह गाना नहीं है, युवक हिंसक हो गया। उसने डीजे और उसके साथ के समूह को पीटना शुरू कर दिया। पीड़ित को भी पीटा गया और फिर वह जमीन पर गिर गया।" (आईएएनएस)
श्रीनगर, 9 दिसंबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के तिकेन इलाके में बुधवार सुबह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद ये मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, पुलवामा के तिकेन इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा अपना काम कर रहे हैं। (आईएएनएस)
छतरपुर (मप्र), 9 दिसंबर| मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक दर्दनाक हादसा हो गया। यहां एक विवाह समारोह में हिस्सा लेने आए लोगों से भरी कार असंतुलित हेाकर कुएं में जा गिरी। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हेा गई है, जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पुालिस से मिली जानकारी के अनुसार, बीती रात महाराजपुर थाना क्षेत्र के दीवान के पुराव में एक वैवाहिक समारोह था, जिसमें हिस्सा लेने कुछ लोग कार से पहुंचे थे। कार को आयोजन स्थल पर सड़क किनारे पार्क किया जा रहा था तभी संतुलन बिगड़ा और वाहन कुएं में जा गिरा।
महाराजपुर थाने के प्रभारी जेड वाय खान ने बताया है कि इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई है वहीं तीन को सुरक्षित बचा लिया गया है।
बताया गया है कि कार के कुएं में गिरने के बाद स्थानीय लोगों ने ही राहत और बचाव कार्य शुरु कर दिया था, किसी तरह तीन लोगों को सुरक्षित निकाला गया। अन्य 6 लोगों की कार के भीतर ही मौत हो गई। (आईएएनएस)
गोरखपुर, 9 दिसंबर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य की बागडोर संभालने के बाद पूवार्ंचल के गन्ना किसानों को बस्ती के मुंडेरवा और गोरखपुर के पिपराइच में चीनी मिलों की सौगात दी थी। अब ये दोनों मिलें चीनी उत्पादन के क्षेत्र में एक नया सोपान जोड़ने जा रही हैं। इन मिलों में सल्फरलेस चीनी का उत्पादन होगा। उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की दोनों चीनी मिलों में सल्फरलेस शुगर प्लांट का उद्घाटन आज (बुधवार) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस दौरान प्रदेश के गन्ना विकास व चीनी मिल विभाग के मंत्री सुरेश राणा भी मौजूद रहेंगे।
पहली बार निगम क्षेत्र में सल्फरलेस चीनी का उत्पादन होने जा रहा है। सल्फरलेस चीनी के निर्यात की संभावनाएं अधिक होती हैं। इसके लिए पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों में करीब 25-25 करोड़ रुपये के अत्याधुनिक प्लांट लगाए गए हैं।
सूबे की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर-बस्ती मंडल के गन्ना किसानों को पिपराइच व मुंडेरवा चीनी मिलों की सौगात दी थी। इन दोनों ही चीनी मिलों में पेराई का लक्ष्य 65 लाख क्विंटल है, दोनों ही मिलों की 50-50 हजार क्विंटल गन्ना पेराई प्रतिदिन की क्षमता है।
सल्फरलेस चीनी बनाने के लिए पिपराइच व मुंडेरवा की चीनी मिलों में अत्याधुनिक टरबाइन लगाई गई है। इनके निर्माण पर तकरीबन 25-25 करोड़ रुपये की लागत आई है। नई टरबाइन में चीनी की सफाई के लिए कार्बन-डाई-ऑक्साइड का इस्तेमाल होगा। यह कार्बन डाई-ऑक्साइड चीनी मिलों को डिस्टिलरियों से मुफ्त मिल जाएगी।
चीनी उत्पादन की परम्परागत तकनीक में गन्ने के रस को साफ करने के लिए चूने के साथ ही सल्फर डाईऑक्साइड का इस्तेमाल होता है। चीनी बनने के बाद भी सल्फर का कुछ अंश इसमें रह जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इसकी वजह से विदेशों में सल्फरयुक्त चीनी प्रतिबंधित है। (आईएएनएस)|
श्रीनगर, 9 दिसंबर| दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। पुलिस ने कहा, पुलवामा में मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए हैं, ऑपरेशन जारी है।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद ये मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
इससे पहले पुलिस ने कहा था, पुलवामा के तिकेन इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा अपना काम कर रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर| कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी, बुधवार को 74 साल की हो गईं। उन्होंने किसान संकट और कोविड-19 महामारी के बीच अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत कार्यों में शामिल होने के लिए कहा है।
पार्टी के नेता जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। पार्टी नेता सलमान खुर्शीद ने सोशल मीडिया पर लिखा, "माननीया कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी को शुभकामनाएं। उनके लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना।"
सोनिया गांधी, जिनका जन्म 1946 में इतालवी शहर लूसियाना कोन्को में हुआ था, वह भारत की सबसे पुरानी पार्टी की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली अध्यक्ष हैं।
इतने वर्षों में उन्होंने उतार-चढ़ाव दोनों देखे हैं, लेकिन इस समय पार्टी के भीतर चीजें ठीक नहीं हैं क्योंकि आंतरिक विद्रोह कुछ समय से बढ़ रहा है और पार्टी सभी प्रकार के चुनावों में भाजपा के विजयी रथ को रोक नहीं पाई है।
जी 23, जो 23 सदस्यों का एक समूह है, और जिसने पार्टी में सुधारों के बारे में कड़ा पत्र लिखा था, वह भरोसा नहीं कर पा रहा है। बिहार चुनाव में हार के बाद इन लोगों ने फिर से अपनी चिंता जताई है।
कुछ समय पहले कोविड की वजह से सोनिया गांधी ने पार्टी का संकटमोचक समझे जाने वाले नेता अहमद पटेल को भी खो दिया। उनका निधन हो गया है।
जैसे-जैसे कांग्रेस असम, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु के महत्वपूर्ण राज्यों में चुनावी अभियान की तैयारी कर रही है वैसे-वैसे पार्टी अपने भीतर की अंदरूनी कलह से भी जूझ रही है।
पार्टी के पुराने नेता उनके बेटे राहुल गांधी की कार्यशैली के खिलाफ हैं और उनके फैसलों से खुश नहीं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से चल रहे उग्र किसानों के विरोध में, कांग्रेस का नेतृत्व पंजाब के मुख्यमंत्री कर रहे हैं, जो इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। राहुल गांधी अपने ट्रैक्टर यात्रा के दौरान शुरूआती बढ़त लेने के बावजूद अंतिम रूप से उपस्थिति दर्ज कराने में नाकामयाब रहे।
पार्टी जल्द ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराने जा रही है और अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर राहुल गांधी खड़े होते हैं तो वो निर्विरोध जीत जाएंगे लेकिन अगर वह उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो पद निर्विरोध नहीं जीता जा सकेगा।
जबकि सोनिया गांधी जिन्होंने 1998 में पार्टी का नेतृत्व संभाला था और 2004 में चुनी गई यूपीए की सरकार बनाई और 2014 तक देश की सबसे शक्तिशाली व्यक्ति थीं, तब से पार्टी लगातार दो आम चुनाव हार चुकी है।
पार्टी के सदस्य खुले तौर पर नामांकन संस्कृति के खिलाफ आ गए हैं और पार्टी में सुधार करने के लिए ब्लॉक से कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी स्तर तक चुनाव की मांग की है।
निलंबित पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने सोनिया के जन्मदिन के पहले एक लेख लिखा और ट्वीट किया, "यह विकास, परिवर्तन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।"
उन्होंने लिखा कि एक बार अचूक गांधी ब्रांड कमजोर हो गया है। यह अनुकूलन के लिए धीमा हो गया है। वे अब कांग्रेस की जादू की छड़ी नहीं हैं। वे इसके क्रिप्टोनाइट बन गए हैं। यह बदलाव का समय है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक में यह तय हुआ कि नए कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार अब किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजेगी। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना फैसला बताएंगे। यह जानकारी बैठक में शामिल हुए किसान नेताओं ने दी। गृहमंत्री ने किसान संगठनों से स्पष्ट कर दिया है कि नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे, हालांकि उन्होंने संशोधन पर विचार करने की बात कही है।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आईएएनएस को बताया कि सरकार ने नये कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है। बैठक की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "बैठक में यह तय हुआ कि कृषि कानून में संशोधनों के बिंदुओं को लेकर एक प्रस्ताव सरकार किसान संगठनों को भेजेगी जिस पर विचार करके वे अपने निर्णय बताएंग।"
उन्होंने कहा कि बुधवार को निर्धारित सरकार के साथ किसान संगठनों की अब कोई बैठक नहीं होगी, बल्कि सरकार अपने प्रस्ताव किसान संगठनों को भेजेगी।
ऑल इंडिया किसान सभा के हनन मुल्ला ने बताया कि कल सरकार और किसानों के बीच वार्ता नहीं होगी, बल्कि कल सरकार किसान नेताओं को अपना प्रस्ताव देगी जिसके बाद किसान नेता उस पर विचार करके अपने निर्णय देंगे।
उन्होंने बताया कि आज की बैठक में सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून वापस लेना संभव नहीं है। सरकार की तरफ से जो कुछ किया जा सकता है उस बारे में एक लिखित प्रस्ताव कल किसान नेताओं को सुबह दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर सभी किसान नेता प्रतिनिधि अपनी कमेटी में चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति तय होगी। मुल्ला का कहना था कि सरकार जब तक लिखित में कानून वापस लेने का आश्वासन नहीं देती तब तक अगली बैठक में आने का कोई प्रश्न नहीं उठता।
गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में आयोजित हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।
इस बैठक में लिए गए फैसले के बाद अब नए कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की नौ दिसंबर को निर्धारित छठे दौर की वार्ता नहीं होगी। बैठक में किसानों के 13 प्रतिनिधि पहुंचे हैं।
उधर, किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को देशव्यापी बंद शांतिपूर्ण रहा। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नये कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार ने उन्हें संशोधन करने का आश्वासन दिया है। किसान संगठनों सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रखने का आश्वासन दिया है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 9 दिसंबर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने मध्यप्रदेश में व्यापम की ओर से आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) 2009 और परिवहन कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (टीसीआरटी) 2012 परीक्षाओं से संबंधित अलग-अलग मामलों में दो पूरक आरोपपत्र दायर किए हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने यहां कहा कि पहले मामले में व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी -2009 परीक्षा से संबंधित उम्मीदवारों, माता-पिता या अभिभावकों और बिचौलियों सहित 126 आरोपियों के खिलाफ ग्वालियर की सीबीआई अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया गया है।
एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 21 अगस्त 2015 को मामला दर्ज किया था।
अधिकारी ने कहा, "सीबीआई ने जांच के दौरान, यह पाया गया कि 36 उम्मीदवारों ने बिचौलियों, माता-पिता की मदद से अपनी ओर से एमपीपीएमटी-2009 की लिखित परीक्षा में उपस्थित होने के लिए किसी और को बिठाया था। इसलिए उन्होंने अवैध रूप से परीक्षा उत्तीर्ण की और एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया।
सीबीआई ने लगभग 16 लाख छात्रों का डेटाबेस तैयार किया था, जिसमें विभिन्न कोचिंग कक्षाओं में पीएमटी के लिए कोचिंग ले रहे छात्रों, विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों, पंजीकृत डॉक्टरों आदि की आरोपी उम्मीदवारों के आवेदन में उपलब्ध आवेदक के फोटो की तुलना की।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने आरोपी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं पर उपलब्ध तस्वीरों और लिखावट पर भी विशेषज्ञों की राय ली।
इससे पहले, सीबीआई ने 28 जून 2016 को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
वहीं दूसरे मामले के तहत, सीबीआई ने टीसीआरटी-2012 की परीक्षा में ऐसे 18 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने अपने बदले किसी अन्य को परीक्षा में बिठाया। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उक्त मामला दर्ज किया था और व्यापम की ओर से आयोजित टीसीआरटी-2018 के कुछ उम्मीदवारों के ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में कथित हेरफेर से संबंधित जांच और डिजिटल डेटा से संबंधित जांच को सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक लिमिटेड की ओर से विकसित की जा रही 'कोवैक्सीन' के फरवरी 2021 के अंत तक आम जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध होने की संभावना है। एम्स में इसके नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) के प्रमुख जांचकर्ता (पीआई) डॉ. संजय रॉय ने मंगलवार को आईएएनएस को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "हम उम्मीद कर सकते हैं कि फरवरी तक सामान्य लोगों को वैक्सीन की खुराक मिलने लगेगी।"
रॉय ने यह भी कहा कि दो स्वदेशी वैक्सीन उम्मीदवार (कैंडिडेट), जो कि इसे विकसित करने में आगे है, उनकी वैक्सीन 2021 की पहली तिमाही के अंत से पहले बाजार में पहुंचने की उम्मीद है। भारत बायोटेक के अलावा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से विकसित की जा रही कोविशिल्ड भी सबसे आगे चल रही कंपनियों में से है और नैदानिक परीक्षण के तीसरे चरण में है। रॉय ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यह वैक्सीन भी 'कोवैक्सीन' के समय के आसपास ही सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
'कोवैक्सीन' ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश किया है। रॉय ने कहा कि 100 से अधिक स्वयंसेवक वैक्सीन उम्मीदवार की पहली खुराक प्राप्त कर चुके हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए 26,000 स्वयंसेवकों का लक्ष्य निर्धारित है। स्वयंसेवकों को 28 दिनों की अवधि में दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे। इस दौरान स्वयंसेवकों को कोवैक्सीन या प्लेसीबो या²च्छिक (रेंडमली) तौर पर दिया जाएगा। जांचकर्ताओं, प्रतिभागियों और कंपनी तक को यह जानकारी नहीं होगी कि कौन सी डोज किस समूह को दी गई है।
परीक्षण में नामांकन पात्रता के लिए सबसे कम आयु 18 वर्ष रखी गई है। जो स्वयंसेवक इस परीक्षण में भाग लेना चाहते हैं, उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
भारत बायोटेक ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के सामने आवेदन किया है। इससे पहले एसआईआई ने रविवार आपातकालीन उपयोग की मंजूरी लेने के लिए आवेदन किया था।
इन दोनों के अलावा अमेरिका स्थित फार्मा दिग्गज फाइजर इंक ने उसके द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए चार दिसंबर को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष आवेदन किया है।
--आईएएनएस
तिरुवनंतपुरम, 8 दिसंबर | केरल में बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस के 5,032 नए मामले सामने आए। यहां इस दौरान मंगलवार को 60,521 सैंपलों की जांच की गई। स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने यह जानकारी दी। एक बयान में, शैलजा ने यह भी कहा कि 4,735 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट निगेटिव पाया गया। यहां इस महामारी से रिकवर हुए लोगों की कुल संख्या 5,82,351 पर पहुंच गई, जबकि वर्तमान में राज्य में कोरोना के 59,732 सक्रिय मामले हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 8 दिसंबर | मंगलवार को किसानों के भारत बंद के चलते तमिलनाडु में सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ। होटल और दुकानें खुली रहीं। चेन्नई में, सार्वजनिक बसें चलती रहीं, जबकि होटल और दुकानें भी खुली रहीं। इसी प्रकार, सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों और बीमा कंपनियों ने हमेशा की तरह काम किया, हालांकि यूनियनों ने किसानों के बंद को समर्थन दिया।
खबरों के मुताबिक, इरोड में एक सब्जी मंडी और तिरुवरुर में कई दुकानें किसानों के समर्थन में बंद रहीं।
किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध सभाएं भी कीं। हालांकि किसी भी हालात से निपटने के लिए पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी थी।
भारत बंद का आह्वान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों द्वारा दिया गया था, जो सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में और उसके आसपास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। (आईएएनएस)
पणजी, 8 दिसंबर | दक्षिणी गोवा में आईएनएस हंसा नौसैनिक अड्डे के पास आवासीय क्षेत्र में एक निर्माण स्थल पर एक 33 वर्षीय नौसेना नाविक को मृत पाया गया है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। मृतक की पहचान राजेश कुमार कुशवाहा के रूप में हुई है।
बयान में कहा गया है, "यह शव नौसैनिक रिहायशी इलाके में निर्माणाधीन एक इमारत के आसपास पाया गया है। गोवा पुलिस नौसेना अधिकारियों की सहायता से इस मामले की जांच कर रही है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | कोविड -19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए सरकार ने 30 करोड़ भारतीयों को चिन्हित किया है, इसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की सूचना दी। मंत्रालय ने कहा कि, "राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने 30 करोड़ भारतीयों को पहले वैक्सीन शॉट्स देने की सिफारिश की है। आंकड़ों में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ आम लोगों को शामिल किया गया है, जो एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा तय किए गए हैं।
"स्वास्थ्य सेवाओं की सेटिंग में एक करोड़ हेल्थकेयर प्रदाताओं और श्रमिकों, दोनों सरकारी और निजी, राज्य और केंद्रीय पुलिस विभागों के 2 करोड़ कर्मियों, सशस्त्र बलों, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठनों, जिनमें आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक और नगरपालिका कार्यकर्ता, और 27 करोड़ से ऊपर लोग शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड -19 वैक्सीन के रोल-आउट की तैयारी कर रहा है। (आईएएनएस)
पटना, 8 दिसंबर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जन अधिकार पार्टी (जेएपी) और वाम दलों के समर्थकों ने किसानों की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के समर्थन में मंगलवार को पटना में व्यापक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसके अलावा बिहार के कई हिस्सों में कुछ गड़बड़ी और व्यवधान की भी खबरें सामने आईं। पटना में विपक्षी दलों के समर्थकों ने डाक बंगला चौक चौराहे को ब्लॉक कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया।
पप्पू यादव के नेतृत्व में जन अधिकार पार्टी (जाप) समर्थक विशेष रूप से आक्रामक दिख रहे थे। पार्टी समर्थक अपने सिर पर धान की फसल रखकर संसद की ओर से पारित तीन कृषि विधेयकों का विरोध करते नजर आए। इसके साथ ही वह अपने साथ पारंपरिक कृषि उपकरण भी लिए हुए थे।
यादव ने कहा कि राजग सरकार को तीन 'काले कानून' वापस लेने चाहिए और कृषि क्षेत्र पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए।
यादव ने कहा, "पहले दिन से ही हम तीन काले कानूनों को वापस लेने के अलावा एमएसपी पर गारंटी की मांग कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार केवल कॉर्पोरेट घरानों और बड़े कारोबारियों के हितों की बात करती है। वह किसानों के हित की परवाह नहीं करती है। इसके अलावा राजग के नेता उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी और राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। सरकार को हमारे अन्नदाताओं को अपमानित नहीं करना चाहिए।"
यादव ने कहा, "हमारी पार्टी ने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए 16 दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला किया है। 23 दिसंबर से हम ऐतिहासिक पश्चिम चंपारण जिले से एक किसान रैली शुरू करेंगे, जो बाद में पूरे राज्य में चलेगी।"
विरोध के दौरान, राजद और जेएपी के समर्थकों ने दो दर्जन से अधिक कारों के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहन चालकों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के विधायक सुदामा प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा, "राजग सरकार ने आम लोगों के कल्याण के लिए एक भी निर्णय नहीं लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की, जीएसटी लागू किया, रोड टैक्स में वृद्धि की, कॉर्पोरेट्स को लाभ देने के लिए रेलवे और अन्य चीजों का निजीकरण किया। अब वह कृषि क्षेत्र में निजीकरण के लिए तीन कृषि कानून लेकर आए हैं।"
वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा, "भारत की जीडीपी दर माइनस 23 प्रतिशत है। केवल कृषि क्षेत्र में जीडीपी विकास दर 3.5 प्रतिशत है। मोदी सरकार इस क्षेत्र को कॉपोर्रेट घरानों के हाथ में लाना चाहती है और किसानों को बंदी बनाना चाहती है।"
पटना के डाक बंगला चौक में राजग नेताओं के पोस्टर और बैनर भी फाड़ दिए गए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पोस्टर फाड़ने से बचने की पुलिस की अपील के बाद उनकी पुलिस कर्मियों के साथ मामूली झड़प भी हुई।
भारत बंद के दौरान बस संचालन में भी देरी हुई। अधिकांश बस ऑपरेटरों ने सुबह के संचालन को रद्द कर दिया। उन्होंने शाम को परिचालन शुरू करने का फैसला किया है।
पड़ोसी जहानाबाद जिले में राजद समर्थकों ने स्थानीय व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने ट्रकों और बसों के टायरों की हवा निकाल दी और टायर पंचर कर दिए, जिसके बाद पटना-गया एनएच 83 पर बड़ा ट्रैफिक जाम देखने को मिला। उनकी ड्राइवरों के साथ भी झड़प देखी गई और उन्होंने ड्राइवरों को आगे गाड़ी लेकर जाने से रोक दिया।
गया में जाप समर्थकों ने फ्लाईओवर पर रास्ता अवरुद्ध करने के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया।
आरा में राजद के समर्थकों ने रेलवे स्टेशन के पास एक कार के विंड शील्ड (आगे का शीशा) को तोड़ दिया। सीपीआई (माले) समर्थकों ने आरा-मोहनिया राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया।
सुपौल में, बंद समर्थकों ने ट्रेनों की आवाजाही बाधित कर दी, जिससे सुपौल-सहरसा मार्ग पर आवागमन में दो घंटे की देरी हो गई।
मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के समर्थकों ने मुजफ्फरपुर-दरभंगा राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे एनएच 57 पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला। (आईएएनएस)
लखनऊ, 8 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में निवेशकों को सभी सुविधाएं सुलभ कराई जाएं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिए नीति का सरलीकरण किया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में औद्योगिक निवेश का विशेष महत्व है। इसीलिए राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए उनको अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए। इससे जहां एक तरफ विकास होता है, तो दूसरी तरफ लोगों को रोजगार भी मिलता है। अत: प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए अधिकारी पूरी रुचि लेकर काम करें।
उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान भी आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए उन्हें प्रगतिशील खेती के लिए प्रेरित किया जाए। गोआश्रय स्थलों के संबंध में उन्होंने कहा कि इन्हें आय का केंद्र बनाया जाए। इसके लिए इन्हें सीएनजी उत्पादन, गोबर के दीप निर्माण और अन्य आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को शहरी क्षेत्रों में लागू की जा रही अमृत मिशन और स्मार्ट सिटी योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार के साथ-साथ दूरसंचार क्षेत्र के सभी हितधारकों को पांचवीं पीढ़ी 5जी प्रौद्योगिकी की समय पर लॉन्चिंग सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) को संबोधित करते हुए, मोदी ने भारत को दूरसंचार उपकरण, डिजाइन डेवलपमेंट और विनिर्माण के लिए वैश्विक हब बनाने के लिए एक साथ काम करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "आइए हम भारत को दूरसंचार उपकरण, डिजाइन, विकास और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए मिलकर काम करें।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मोबाइल तकनीक की वजह से है, जिससे लाखों भारतीयों को अरबों डॉलर का लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि मोबाइल तकनीक की वजह से सरकार महामारी के दौरान गरीबों और कमजोरों की जल्द मदद कर सकी।
प्रधानमंत्री ने उद्योग के प्रतिभागियों से कहा, "यह मोबाइल प्रौद्योगिकी के कारण ही है कि हम अरबों कैशलेस लेनदेन देख रहे हैं जो औपचारिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं। यह मोबाइल प्रौद्योगिकी के कारण ही है कि हम टोल बूथों पर सहज संपर्क रहित इंटरफेस कर पाएंगे।"
महामारी और लॉकडाउन के बीच, दूरसंचार और प्रौद्योगिकी के दिग्गजों की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि यह उद्योग और इसके नवाचारों के प्रयासों के कारण ही था कि दुनिया महामारी के दौरान भी काम कर रही थी, जिसमें कनेक्टिविटी, शिक्षा और व्यवसाय और अन्य संचालन शामिल थे। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 8 दिसंबर | केरल के कोल्लम जिले में मंगलवार की सुबह एक महिला चुनावकर्मी को इस लिए काम से हटा दिया गया क्योंकि उनके बारे में शिकायत मिली थी कि उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण के दौरान एक ऐसा मास्क पहन रखा था, जिसमें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का चुनाव चिन्ह बना हुआ था। महिला द्वारा अपने चेहरे से मास्क हटा दिए जाने के बाद भी कोल्लम जिले में कांग्रेस कमेटी के समर्थकों ने आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया।
राज्य चुनाव आयोग ने बाद में कोल्लम जिलाधिकारी को यह निर्देश दिया कि वह कोल्लम के पास जॉन्स काजू कारखाने में बूथ नंबर 1 पर महिला को उनकी ड्यूटी से निकाल दें।
तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा और इडुक्की जिलों में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम को 6 बजे समाप्त होगा। इसके नतीजे से 24,584 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
दूसरे चरण का मतदान 10 दिसंबर और आखिरी चरण का 14 दिसंबर को होगा।(आईएएनएस)
पणजी, 8 दिसंबर| देश भर के किसान संघों द्वारा मंगलवार को किए गए 'भारत बंद' के आह्वान का गोवा पर कोई असर नहीं पड़ा। यहां निजी और सरकारी दफ्तर, बाजार और सार्वजनिक परिवहन सभी सामान्य रूप से चालू रहे। गोवा सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य में कहीं भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। जबकि जहां लगभग सभी विपक्षी राजनीतिक दलों, जैसे कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, गोवा फॉरवर्ड, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 3 कृषि कानूनों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल में किसान संघों के आह्वान का समर्थन किया है।
हड़ताल का समर्थन करने वाले व्यापारी संघों के प्रमुख और राजनीतिक दलों के प्रमुख पणजी शहर के चौक पर इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने इन 'काले कानूनों' को पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा, "ये कानून किसानों को कॉपोर्रेट क्षेत्र के हाथों की कठपुतली बना देंगे।"
गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजई सरदेसाई ने कहा, "रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आपातकाल लागू करना पड़ा था जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए राजनीतिक कयामत बना। अब किसान भाजपा से लड़ने के लिए विपक्षी नेताओं को एक साथ आने का रास्ता दिखा रहे हैं।"
हालांकि भारत बंद का गोवा के बाजारों, दफ्तरों और सार्वजनिक परिवहन पर कोई असर नहीं पड़ा है। गोवा पुलिस ने कहा तटीय राज्य में कहीं भी हड़ताल से संबंधित कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।
सोमवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था कि हड़ताल का गोवा में 'कोई प्रभाव नहीं' पड़ेगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसम्बर| किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के बावजूद कृषि उत्पाद बेचने वाले दिल्ली के अधिकांश बाजार खुले रहे। सीधे-सीधे अनाज, खाद्यान्नों, दालों, मसालों आदि से जुड़े उत्तर भारत के सबसे बड़े बाजार 'खारी बावली' में भी इस बंद का कोई असर नहीं दिखा। दिल्ली के अन्य होलसेल बाजारों में भी अधिकांश दुकानें मंगलवार को अपने तय समय के मुताबिक खुलीं। पुरानी दिल्ली के खारी बावली के अलावा खारी बावली के समीप स्थित अनाज मार्केट, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, लाजपत राय मार्केट और भागीरथ पैलेस जैसे सभी बड़े बाजार मंगलवार को भी नियमित रूप से खोले गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी लोगों से इस बंद में शामिल होने की अपील की थी। लेकिन मुख्यमंत्री की अपील का भी यहां कहीं कोई असर नहीं दिखाई दिया।
खारी बावली में अनाज और मसालों का व्यवसाय करने वाले लाला हरिचरण अग्रवाल ने कहा, "मार्केट एसोसिएशन या फिर दुकानदारों की ओर से बाजार बंद का कोई आवाहन नहीं किया गया था। बाजार बंद रखने की सूचना या निवेदन भी किसी संगठन ने नहीं दिया। यहीं कारण है कि हम सभी ने यहां अपनी अपनी दुकानें खोली हैं।"
वहीं अनाज मार्केट के बड़े व्यवसायी तेजपाल अरोड़ा ने कहा, "भारत बंद में शामिल होने को लेकर किसी भी स्थानीय प्रतिनिधि या संगठन द्वारा हमसे कोई संपर्क नहीं किया गया। यह भी नहीं बताया गया कि कौन-कौन लोग इस बंद में शामिल हैं। इसलिए सभी दुकानदारों ने अन्य दिनों की तरह आज भी अपनी दुकानें खोली हैं।"
गौरतलब है कि यह दिल्ली के वह बाजार हैं जो किसानों और खेती से प्राप्त होने वाले उत्पाद बेचते हैं। खारी बावली में अनाज, दलहन, मसालों, खाने का तेल, दुग्ध उत्पाद जैसे खोया, मावा, देसी घी, ड्राई फ्रूट्स, मसालों आदि का थोक एवं खुदरा व्यापार होता है। यहां से प्रतिदिन कई ट्रक खाद्यान्न एवं मसाले देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जाते हैं। कृषि उत्पादों से जुड़े कारोबार के बावजूद इन बाजारों के व्यवसायियों ने स्वयं को भारत बंद से पूरी तरह अलग रखा है।
वहीं दवाओं के सबसे बड़े बाजार भागीरथ पैलेस में भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। सैकड़ों दुकानों वाला यह बाजार मंगलवार को पूरी तरह खुला रहा। इस दौरान कारोबार भी सामान्य दिनों की तरह बेरोक टोक होता रहा।
लालकिला के समीप स्थित एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक बाजार लाजपत राय मार्केट की भी यही स्थिति रही। यहां भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला। इसके अलावा चांदनी चौक का मुख्य बाजार भी सामान्य कार्य दिवसों की तरह खुला रहा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर| कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को सुलझाने की कोशिशों के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनके 3, कृष्ण मेनन मार्ग आवास पर मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच पंजाब और हरियाणा के आंदोलनरत किसानों के मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा हुई। नौ दिसंबर को छठे राउंड की बातचीत से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के बीच हुई मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, पंजाब के किसानों की ओर से शुरू हुए आंदोलन को हरियाणा के कई किसान संगठनों का व्यापक समर्थन मिल रहा है। यह अलग बात है कि राज्य के करीब एक लाख 20 हजार से अधिक किसानों ने बीते सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए इसे वापस न लेने की मांग की है। हरियाणा में कुछ संगठन आंदोलन के समर्थन में हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
पिछले 26 नवंबर से दिल्ली की सीमा पर चल रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन के कारण माल परिवहन से लेकर यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। आवश्यक वस्तुओं की दिल्ली में सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है। बातचीत से मामला सुलझाने की सभी कोशिशें अब तक असफल साबित हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि खट्टर ने मीटिंग के दौरान तोमर को इस आंदोलन को सुलझाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री राज्य के किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता की कड़ी भी बन सकते हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान अच्छे स्वास्थ्य की उम्मीद के साथ दीप प्रज्जवलित करने के आग्रह वाला किया गया ट्वीट, ट्विटर पर 'राजनीति में सबसे अधिक रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट' था। कंपनी ने मंगलवार को यह घोषणा की। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, मोदी ने नागरिकों से नौ मिनट के लिए सभी लाइट बंद करने और 5 अप्रैल को लैंप या टॉर्च या सेलफोन फ्लैश लाइट जलाने का आग्रह किया था।
बिजनेस में, सबसे ज्यादा रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट रतन टाटा का रहा, जिन्होंने कोविड-19 से प्रभावित समुदायों का सपोर्ट करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
शीर्ष उद्योगपति ने महामारी से प्रभावित समुदायों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कंपनी की ओर से 500 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की थी।
ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी ने कहा, "जिस तरह का यह साल रहा है, 2020 में ट्विटर पर कन्वर्सेशन अद्भुत था। इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई से लेकर, उत्सव के क्षणों में आनन्दित होना, उन समुदायों के लिए खड़े होना जो महामारी से प्रभावित हुए, शो, रुचियों और यादों के संबंध में बॉन्डिंग, भारत इस साल साथ में ट्विटर पर खबूसूरती से आया।"
यह वर्ष माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए आभार की भावना भी लाया।
डॉक्टर और शिक्षकों के प्रति विशेष सम्मान की भावना के साथ, विश्वभर में कृतज्ञता या आभार व्यक्त करने वाले ट्वीट्स में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कोविड-19 को छोड़कर प्रशंसकों ने सुशांत सिंह राजपूत और उनके करियर को श्रद्धांजलि दी और हाथरस में एक दलित युवती के कथित दुष्कर्म की निंदा की।
फरवरी में नेवेली में अपने प्रशंसकों के साथ अभिनेता विजय की सेल्फी सबसे ज्यादा रीट्वीट किए जाने वाला ट्वीट था, जिसका जश्न तमिल सितारों ने ट्विटर पर अपने समुदाय के साथ मनाया।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 दिसंबर| पराली जलाने की घटना बहुत कम होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली है और वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार दोपहर को 'गंभीर' श्रेणी के करीब पहुंच गया है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 36 में से 18 प्रदूषण निगरानी स्टेशन में वायु गुणवत्ता सूचकांक में गंभीर गिरावट देखी गई।
जहांगीरपुरी में सबसे अधिक हानिकारक हवा की गुणवत्ता 439 दर्ज की गई।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने संवेदनशील समूहों को घर से बाहर सभी शारीरिक गतिविधियों से बचने और घर के अंदर ही एक्टिविटी करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने दमा रोग से ग्रसित लोगों को खास ख्याल रखने की सलाह दी है।
केंद्र सरकार की एक एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने कहा कि हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बायोमास से सघन ठहराव की स्थिति से स्थानांतरित हो रहे हैं, जिससे लेयर हाइट की सीमा कम हो रही है और फॉग का निर्माण हो रहा है।
दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र -फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां क्रमश: 439 और 414 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की हवा की गुणवत्ता दर्ज की गई। (आईएएनएस)
लखनऊ, 8 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में किसानों के भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। भारत बंद के समर्थन में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह सड़कों पर उतरे हैं। सपा के कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज में रेलवे स्टेशन के आउटर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। राजधानी लखनऊ में सपा के एमएलसी भी धरने पर बैठे हैं। वहीं, भारत बंद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी दशा में कानून और शांति-व्यवस्था से समझौता न किया जाए।
राजधानी लखनऊ के हजरतगंज, लालबाग, अमीनाबाद, कैसर बाग समेत शहर के तमाम मार्केट अपने तय समय खुलने लगीं। वहीं विधानसभा के अंदर समाजवादी पार्टी के तीन एमएलसी मौन धारण करते हुए किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे। एमएलसी सुनील साजन, एमएलसी आनंद भदौरिया, आशु मलिक धरने पर बैठे हैं।
दुबग्गा गल्ला मंडी में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। दुबग्गा मंडी में रोजाना हजारों लोगों की भीड़ लगती थी। दुबग्गा गल्ला मंडी पूरी तरीके से बंद है। वहीं लखनऊ से सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी पूरी तरीके से खुली पाई गई। मंगलवार की सुबह गल्ला मंडी के आढ़तियों ने फल बेचे।
नवीन गल्ला मंडी के फ्रुट एंड वेलजिटेबल वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष रिंकू सोनकर ने कहा कि अगर मंडी न खुलती तो ये सारे सामान बर्बाद हो जाते और किसान खुद फल और सब्जियां लेकर आ रहा है। आज ही छह गाड़ियों में मटर आए जैसे रोज आते हैं।
फिलहाल लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में किसान संगठनों ने अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया। करीब एक दर्जन से ज्यादा किसान नेताओं को अलग-अलग जगहों पर नजरबंद कर दिया गया है और कुछ को हिरासत में रखा गया है। राजधानी लखनऊ में धारा 144 लगा दी गई है। वहीं डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने बताया लखनऊ ग्रामीण में भी धारा 144 बीती रात से लागू है।
उधर, आजमगढ़ पूर्व मंत्री सपा नेता बलराम यादव, दुर्गा यादव, संग्राम यादव और सपा के जिलाध्यक्ष नजरबन्द किए गए। सभी को घर मे ही रहने का प्रशासन ने फरमान सुनाया है। महराजगंज में सपा जिलाध्यक्ष आमीर हुसैन, आप जिलाध्यक्ष पशुपति नाथ गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश पाल समेत कुछ नेताओं को पुलिस ने उनके आवास से हिरासत में ले लिया। अलीगढ़ में भारत बंद को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट, जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए की गई बैरिकेडिंग।
वाराणसी में सपा कार्यकतार्ओं ने कलेक्ट्रेट के गेट पर ताला बंद कर प्रदर्शन किया। फिरोजाबाद में मंडी में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा। खुली रही मंडी, आते रहे सब्जी विक्रेता, फोर्स रहा तैनात।
जौनपुर में भारत बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। गली-कूचों में चाय-पान की दुकानें सुबह नौ बजे तक खुल गईं। कान्वेंट स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम रही।
गोरखपुर में प्रशासन की सख्ती के बावजूद बड़ी संख्या में सपाई सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं। सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को पुलिस ने सुबह ही उनके घर से हिरासत में ले लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से कहा कि आम जनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके पर्याप्त प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि किसानों के हित और उनके कल्याण की दिशा में केन्द्र एवं राज्य सरकार निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और प्रतिनिधियों से संवाद कर उन्हें नये कृषि कानूनों के प्राविधानों से अवगत कराते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करें। किसी भी दशा में कानून और शान्ति व्यवस्था से समझौता न किया जाए।
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चेन्नई, 8 दिसंबर| तमिलनाडु में मंगलवार को भारत बंद का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि काूननों के विरोध में किसानों द्वारा आहूत भारत बंद के बावजूद राज्य परिवहन की बसें चल रही हैं होटल और दुकानें खुली हुई हैं। तमिलनाडु की राजधानी में, सार्वजनिक परिवहन बसें चलती नजर आईं। होटल और दुकानें खुली हैं।
इसी तरह, सरकारी स्वामित्व वाले बैंक और बीमा कंपनियां हमेशा की तरह काम कर रही हैं हालांकि यूनियनों ने किसान बंद का समर्थन किया है।
ऑटो रिक्शा यूनियनों से जुड़े विपक्षी पार्टियों ने घोषणा की है कि वे बंद में हिस्सा लेंगे।
खबरों के मुताबिक, इरोड में एक सब्जी मंडी और तिरुवरुर में कई दुकानें भारत बंद के समर्थन में बंद रहीं।
किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा बढ़ा दी है।
पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के किसान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और भारत बंद का आह्वान किया है। (आईएएनएस)
अमरावती, 8 दिसंबर | केंद्र द्वारा पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध के मद्देनजर मंगलवार को किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में कांग्रेस और वामपंथी दल भी शामिल हुए हैं। अपने कैडरों के साथ कुछ नेताओं ने अपनी राजनीतिक पार्टी के झंडे लगाए, जबकि कांग्रेस समर्थकों ने अपने कानुवस (तौलिए) को पहनकर विजयवाड़ा बस स्टेशन के सामने प्रदर्शन किया।
शहर में वाम दल के एक नेता ने कहा, "उन्हें अपनी सभी कॉपोर्रेट नीतियों को वापस लेना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घुमा-फिरा कर बात कर रहे हैं। उनके इन तौर-तरीकों को नहीं माना जाएगा। अब काफी हो चुका है। उन्होंने पूंजीपतियों की भलाई को प्राथमिकता दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "62 लाख करोड़ रुपये के कृषि व्यवसाय को उस वक्त पूंजीपतियों को सौंपा गया, जब कोरोनोवायरस के कारण किसानों ने अपनी आजीविका खो दी है।"
किसानों द्वारा अपनी उपज को कहीं भी बेचे जाने में उन्हें सक्षम बनाए जाने की कथित सुविधा पर टिप्पणी करते हुए प्रदर्शनकारी नेता ने कहा कि विभिन्न राज्यों में किसानों को समान कीमतें नहीं मिल रही हैं।
उन्होंने मकई का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के मुकाबले आंध्र प्रदेश में इसकी कीमत काफी कम है।
इसी तरह से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण ने भी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।(आईएएनएस)