राष्ट्रीय
भोपाल, 10 दिसंबर | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर तल्ख हो चले हैं और अब यह नजर भी आ रहे हैं। नीमच के पुलिस अधीक्षक और कटनी के जिलाधिकारी के कामकाज से असंतुष्ट मुख्यमंत्री ने दोनों ही अधिकारियों को हटा दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टर्स-कमिश्नर्स, पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक कान्फ्रेंस में साफ किया था कि राज्य में पदस्थापना मेरिट के आधार पर होगा। रात होते-होते नीमच के पुलिस अधीक्षक मनोज राय को हटा दिया है और उनके स्थान पर इंदौर के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा को पदस्थ किया गया है ।
इसी तरह कटनी के जिलाधिकारी शशिभूषण सिंह को हटा दिया है। सिंह के स्थान पर किसे पदस्थ किया गया है अभी यह तय नहीं हुआ है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 दिसंबर | भले ही दुनिया कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए कई वैक्सीन पर तेजी से चल रही प्रगति को चीयर्स कर रही है, लेकिन संक्रमितों के लिए असरकारक दवा को लेकर वैज्ञानिक अभी भी शोध में जुटे हुए हैं। अब वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसी दवा ढूंढ ली है, जो किसी भी व्यक्ति के शरीर में मौजूद कोरोनावायरस को महज 24 घंटे में खत्म करने में सक्षम है। इस दवा को मोल्नूपीराविर नाम दिया गया है। इसे फार्मास्यूटिकल कंपनी मार्क और रिजबैंक एक साथ मिलकर बना रहे हैं। यह दवा सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के खिलाफ अपने दूसरे/तीसरे नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) में है।
अमेरिका में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का इलाज एक नई एंटी वायरल दवा मोल्नूपीराविर से किया जा सकता है। दावा किया गया है कि यह दवा इतनी प्रभावी है कि 24 घंटे के भीतर वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है।
जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रिचर्ड प्लेंपर के नेतृत्व में समूह ने मूल रूप से पता लगाया कि दवा इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ शक्तिशाली है।
अध्ययन के लेखक रिचर्ड प्लेंपर के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए गटकी जाने वाली दवाई के तौर पर यह पहली दवा है और कोरोना के इलाज में यह गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, "क्योंकि यह दवा सामान्य रूप से ही निगल कर खाई जाने वाली है, इसलिए इसके लाभ भी अन्य से तीन गुना तेजी से देखने को मिलते हैं। मरीज के लक्षणों को देखते हुए यह दवा इस्तेमाल में लाई जा सकती है।"
उन्होंने कहा कि मुंह से ली जाने वाली इस दवा का प्रदर्शन अच्छा है और यह तेजी से सार्स-सीओवी-2 ट्रांसमिशन को ब्लॉक करने का काम करती है।
बड़े पैमाने पर टीकाकरण उपलब्ध होने तक कोविड-19 का व्यापक सामुदायिक प्रसारण बाधित करना कोविड-19 के प्रबंधन के लिए सर्वोपरि है और यह महामारी के भयावह परिणामों को कम करता है।
प्लेंपर ने कहा कि शुरुआती शोध में इस दवा को इंफ्लूएंजा जैसे जानलेवा फ्लू को खत्म करने में असरदार पाया गया था, जिसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस पर शोध किया गया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने कुछ जानवरों को पहले कोरोना से संक्रमित किया और उसके बाद जैसे ही उन जानवरों ने नाक से वायरस को छोड़ना शुरू किया, उन्हें तुरंत मोल्नूपीराविर दवा दी गई।
मोल्नूपीराविर दवा देने के बाद संक्रमित जानवरों को स्वस्थ जानवरों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया, ताकि यह देखा जा सके कि उनमें संक्रमण फैलता है या नहीं।
इस अध्ययन के सह लेखक जोसफ वुल्फ ने बताया कि शोध के दौरान यह पाया गया कि संक्रमित जानवरों से स्वस्थ जानवरों में संक्रमण नहीं फैला। उनका कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल अगर संक्रमित मरीजों पर किया जाता है तो महज 24 घंटे में ही मरीज के शरीर से संक्रमण खत्म हो जाएगा।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) जल्द ही दवा के लिए मानव नैदानिक परीक्षण करने पर निर्णय लेगा।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को रेफरेंडम 2020 (सिख फॉर जस्टिस) के बैनर तले एक सोची-समझी साजिश के तहत अलगाववादी अभियान शुरू करने के आरोप में 16 विदेशी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। एनआईए ने खालिस्तान के निर्माण के लिए एक अलगाववादी साजिश की अपनी जांच के सिलसिले में यह आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने जिन लोगों के नाम चार्जशीट में शामिल किए हैं, उनमें न्यूयॉर्क स्थित गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरदीप सिंह निज्जर, परमजीत सिंह उर्फ पम्मा, अवतार सिंह पन्नू, गुरप्रीत सिंह बागी, हरप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह, अमरदीप सिंह पुरेवाल, जे. एस. धालीवाल, दुपिंदरजीत सिंह, कुलवंत सिंह, हरजाप सिंह, सरबजीत सिंह, जतिंदर सिंह ग्रेवाल, कुलवंत सिंह मोताथा और हिम्मत सिंह का नाम शामिल है।
अधिकारी ने कहा कि 16 नामजद आरोपी सिख फॉर जस्टिस के सदस्य हैं, जिसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 'गैरकानूनी संगठन' के रूप में घोषित किया गया है।
ये सभी खालिस्तानी आरोपी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि सिख फॉर जस्टिस ने ह्यूमन राइट्स एडवोकेसी ग्रुप की आड़ में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे विभिन्न बाहरी देशों में अपने कार्यालयों को स्थापित किया है।
सिख फॉर जस्टिस को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है और इसकी मंशा भारत में अशांति फैलाकर इसके टुकड़े करने की कोशिश की है।
असल में ये पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानियों की साजिश का एक बड़ा हिस्सा है। बता दें कि सिख फॉर जस्टिस सोशल मीडिया, फोन कॉल, फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब, वेबसाइट के जरिये प्रोपेगैंडा फैलाने में लगा हुआ है। अधिकारी ने कहा कि ये लोग शांति और सद्भाव में खलल डालना और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के काम में लिप्त हैं।
एनआईए अधिकारी ने आगे कहा कि एसएफजे भारत के खिलाफ विद्रोह फैलाने के लिए भारतीय सेना में सिख कर्मियों को उकसाकर भारत की सुरक्षा को कम करने का प्रयास कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, "एसएफजे कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और खुले तौर पर भारत से कश्मीर के अलगाव के लिए समर्थन देने की कोशिश कर रहा है।"
अधिकारी ने कहा, "एनआईए और अन्य एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए डोजियर के आधार पर, एसएफजे के मुख्य संरक्षक गुरपतवंत सिंह पन्नू, हरदीप सिंह निज्जर और परमजीत सिंह को पहले ही यूएपीए अधिनियम के तहत 'आतंकवादी' के रूप में नामित किया जा चुका है।"
जांच के दौरान एनआईए ने पंजाब के अमृतसर में आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और पंजाब के जालंधर में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की अचल संपत्तियों की पहचान की है।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
--आईएएनएस
पटना, 10 दिसंबर | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में एक और कार्यकाल के लिए पद संभाला है, लेकिन राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनके लिए एक चुनौती बना हुआ है। बुधवार सुबह दरभंगा में एक ज्वैलरी शॉप पर छह हथियारबंद लोगों ने धावा बोल दिया और 5 करोड़ रुपये से अधिक के गहने लूट ले गए।
पीड़ित सुनील लाठ ने दावा किया कि लुटेरों ने नकदी के साथ 10 किलो से अधिक वजन का सोना लूट लिया। शहर की सबसे बड़ी आभूषण दुकान खोलने के कुछ ही समय बाद, सुबह 10.30 बजे लुटेरों ने दुकान पर हमला कर दिया।
यह दुकान भाजपा विधायक संजय सरावगी के निवास से सिर्फ दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित है।
हथियारबंद लुटेरों ने बंदूक दिखाकर कर्मचारियों को धमकी दी और 10 मिनट से भी कम समय में अपराध को अंजाम दिया और हवा में फायरिंग के बाद अपराध स्थल से भाग गए।
दरभंगा रेंज के आईजी अजिताभ कुमार और एसपी बाबू राम जांच के लिए मौके पर पहुंचे थे।
बाबू राम ने आईएएनएस को बताया, "हम आभूषण और नकदी के मूल्य का विश्लेषण करने और आरोपियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखने की प्रक्रिया में हैं।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 दिसंबर | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत कोविड रिकवरी चरण के दौरान रोजगार के नए अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने चालू वित्तवर्ष के लिए 1,584 करोड़ रुपये और पूरी योजना अवधि-2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी है।
इस योजना के तहत केंद्र 1 अक्टूबर, 2020 को या उसके बाद लगे नए कर्मचारियों के संबंध में दो साल और 30 जून, 2021 तक सब्सिडी देगा।
सरकार दो साल तक 1,000 कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारियों के संबंध में ईपीएफ के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारियों के योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ताओं के योगदान यानी 24 प्रतिशत वेतन का भुगतान करेगी।
इसके अलावा, केंद्र दो साल के लिए 1,000 से अधिक कर्मचारी को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारियों के संबंध में ईपीएफ अंशदान के कर्मचारियों के हिस्से, मजदूरी का 12 प्रतिशत भुगतान करेगा ।
15,000 रुपये से कम की मासिक मजदूरी लेने वाला कर्मचारी जो 1 अक्टूबर, 2020 से पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पंजीकृत किसी भी प्रतिष्ठान में काम नहीं कर रहा था और 1 अक्टूबर, 2020 से पहले एक सार्वभौमिक खाता संख्या या ईपीएफ सदस्य खाता संख्या नहीं था, लाभ के लिए पात्र होगा।
--आईएएनएस
रोहित वैद
नई दिल्ली, 9 दिसम्बर | राष्ट्रीय राजधानी के आईजीआई एयरपोर्ट ने भारत की ओर से कोविड-19 महामारी के खिलाफ आगामी कार्रवाई के लिए कमर कस ली है।
जीएमआर की ओर से संचालित हवाई अड्डा, जिसने पिछले कई महीनों में पीपीई किट की आपूर्ति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वह अब कोविड-19 वैक्सीन के साथ तापमान नियंत्रित कार्गो को संभालने की तैयारी कर रहा है।
आईजीआई एयरपोर्ट अब कोरोनावायरस महामारी से निजात दिलाने के लिए पुणे और हैदराबाद स्थित दवा निमार्ताओं की ओर से तैयार की जा रही वैक्सीन के परिवहन में बड़ी भूमिका अदा करने वाला है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, "इस महामारी के खिलाफ दूसरे चरण की लड़ाई के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पूरी तरह से तैयार है। जैसे ही वैक्सीन लॉन्च होगी, उसकी हैंडलिंग और उसे वितरित करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एयरपोर्ट तैयार है।"
दरअसल जब वैक्सीन आमजन के टीकाकरण के लिए तैयार हो जाएगी, तब देश के विभिन्न हिस्सों में उसकी सप्लाई को लेकर बड़े स्तर पर उचित परिवहन की जरूरत होगी। इसके साथ ही वैक्सीन के भंडारण और वितरण के लिए मानव और भौतिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता भी पड़ेगी।
नतीजतन, दिल्ली हवाई अड्डे ने अपने संसाधनों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। इसने पूरे आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क के हितधारकों के साथ एक समन्वय सुविधा स्थापित की और यहां तक कि अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करके अभ्यास भी किया जा रहा है।
वर्तमान में हवाई अड्डे की सुविधाएं माल के परिवहन को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। इसके अलावा वैक्सीन को एक निर्धारित तापमान पर रखकर एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाने की जरूरत पड़ेगी और उसके लिहाज से भी एयरपोर्ट तैयार है।
सिर्फ दिल्ली या उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि दिल्ली का यह हवाई अड्डा लगभग 70 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए इन वैक्सीन के परिवहन में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अधिकारी इसे लेकर सजग हैं और कोविड-19 टीकों के कुशल और सुरक्षित संचालन के लिए विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हम हवाई अड्डे से और आने वाले टीकों की आवाजाही के लिए एजेंसियों के साथ मिलकर प्रक्रियाएं शुरू कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कार्गो टर्मिनल के चौबीसों घंटे परिचालन के लिए प्रावधान किए जा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्बाध आपूर्ति और कुशल संचालन जैसी सेवाएं चौबीसों घंटे उपलब्ध हों।"
अधिकारी ने कहा कि इससे पहले दिल्ली हवाई अड्डे ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश के पहले चरण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब यह दूसरे चरण यानी वैक्सीन के परिवहन को लेकर भी एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए फिर से तैयार है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे। अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नया संसद भवन वर्ष 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नये भारत की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप होगा। यह अगले सौ साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा। ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए।
मंत्रालय के मुताबिक, नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा। सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है। नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा। डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।
नए संसद भवन के निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल होगा। नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि तथा दृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी। भूकंप के तेज झटके भी इमारत झेल लेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे। इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल होंगे। केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, सहित लगभग 200 लोग लाइव वेबकास्ट के जरिये भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने पर जोर दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार से लड़ते हुए देश की सेवा करने वाली भ्रष्टाचार- रोधी एजेंसियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में 'अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस' के अवसर पर बोलते हुए डोभाल ने यह भी कहा कि आर्थिक रूप से वैश्वीकृत दुनिया ने कैसे अपराध में नए मोर्चे को जन्म दिया है। डोभाल ने विशेष रूप से आर्थिक अपराधों से निपटने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
इस दौरान एनएसए ने 34 सीबीआई अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान किए और उन्हें बधाई दी।
उन्होंने अधिकारियों से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए जांच में बेहतर पेशेवर क्षमता के लिए प्रयास करने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी उपस्थित रहे।
डोभाल, भल्ला और सीबीआई प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला ने विदेश स्थित साक्ष्य और आपराधिक खुफिया जानकारी के संग्रह के लिए औपचारिक और अनौपचारिक सहायता चैनलों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में जांचकर्ताओं की सहायता के लिए एक पुस्तिका 'हैंडबुक ऑन इन्वेस्टिगेशन अब्रॉड' भी जारी की।
इस अवसर पर शुक्ला ने कहा कि सीबीआई की विश्वसनीयता स्थापना के बाद से संगठन द्वारा किए गए लगातार उत्कृष्ट कार्य का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि एक प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में अपनी भूमिका से अलग, सीबीआई निवारक सतर्कता के संबंध में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी निभा रही है।
शुक्ला ने सीबीआई की ओर से देश में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग नेटवर्क से जुड़कर समन्वय कायम करने की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। (आईएएनएस)
भोपाल, 9 दिसंबर | मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व के ब्यौहारी वन परिक्षेत्र के ग्राम बोचरों में शौच के लिए गए आठ साल के रोहित पनिका पर बाघ शावक ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बाघ के हमले में मारे गए बच्चे को पार्क विकास निधि से चार लाख रुपरु की आर्थिक मदद दी गई है। बताया गया है कि सोमवार को शौच के लिए खेत में गए रोहित पर मादा शावक बाघ ने हमला कर दिया। इस हमले में रोहित की मौत हो गई। संजय टाइगर रिजर्व सीधी एवं उत्तर वनमंडल शहडोल के अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और बालक के शव की खोज लिया। दूसरे दिन सुबह हाथियों की मदद से बालक का शव बरामद किया गया। मृतक बालक के परिजन को पार्क विकास निधि से 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है।
संजय टाइगर रिजर्व सीधी के संचालक विंसेंट रहीम ने बताया है कि वन, राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों के समक्ष परिजनों द्वारा मृत बालक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके पहले 19 नवंबर को भी इस क्षेत्र में बाघ ने हमला किया था। दो घटनाओं के बाद मानव जीवन एवं बाघ की सुरक्षा के उद्देश्य से एक मादा बाघ शावक को रेस्क्यू कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बने बाड़े में रखने का निर्णय लिया गया है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 9 दिसंबर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को सांस की समस्या के बाद बुधवार दोपहर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, 76 वर्षीय भट्टाचार्य को सांस लेने में कठिनाई हुई और बुधवार दोपहर यह समस्या ज्यादा बढ़ गई। वह उम्र संबंधी बीमारी के अलावा क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित हैं।
माकपा के राज्य सचिव सूर्य कांता मिश्रा ने कहा, "कॉमरेड बुद्धदेव भट्टाचार्य को वुडलैंड में उनकी सांस संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।"
अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि भट्टाचार्य का इलाज शुरू हो गया है। अस्पताल के फ्लू-क्लिनिक में अनुभवी नेता के आवश्यक टेस्ट किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती कराए जाने से चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामन कर रही हूं। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 9 दिसंबर | तेलंगाना के हैदराबाद में बुधवार को 64 देशों के राजदूतों ने यहां के भारत बायोटेक और बॉयोलॉजिकल ई फैसिलिटी का दौरा किया, जहां कोरोनावायरस के लिए टीके विकसित किए जा रहे हैं। एयर इंडिया के एक विशेष विमान से हैदराबाद पहुंचने के बाद, एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और ओशिनिया के राजदूत और उच्चायुक्त दोनों कंपनियों का दौरा करने के लिए शहर के बाहरी इलाके जीनोम वैली पहुंचे।
विदेश मिशन के प्रमुखों की यात्रा का बंदोबस्त विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा किया गया था और यह टीकों के निर्माण और वितरण के लिए साझेदारी विकसित करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा था।
पिछले महीने, राजनयिकों को देश में चल रहे टीकों के परीक्षणों पर और खुराक बनाने और वितरित करने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई थी।
अधिकारियों ने कहा कि राजनयिकों को दो बैचों में बांटा गया था और उन्होंने टीकों के निर्माण के लिए विकसित फैसिलिटी को देखने के लिए दोनों कंपनियों का दौरा किया।
दोनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने दूतों को टीके के विकास में अब तक हुई प्रगति और टीकों को नियामकों से मंजूरी मिलने के बाद दोनों कंपनियों की लॉन्चिंग योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
भारत बायोटेक में, प्रतिनिधिमंडल को अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला द्वारा कंपनी के टीका विकास कार्यक्रम के बारे में बताया गया।
प्रतिनिधियों को भारत बायोटेक की शोध प्रक्रिया, विनिर्माण क्षमताओं आदि के बारे में बताया गया।
राजदूतों ने कंपनी के राष्ट्रीय और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व के काम की सराहना की।
भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन को भारत बायोटेक द्वारा इंजियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है। इस स्वदेशी टीके को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) बायो-कन्टेनमेंट फैसिलिटी में विकसित और निर्मित किया गया है।
वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल नवंबर में शुरू हुआ, जिसमें पूरे भारत से 26,000 स्वयंसेवक शामिल थे।
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने विदेशी दूतों को संबोधित करते हुए कहा, "कोवैक्सीन का विकास और क्लीनिकल इवैल्यूशन भारत में नोवल वैक्सीनोलॉजी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कोवैक्सीन ने सप्लाई और इंट्रोडक्शन के लिए दुनियाभर के कई देशों का ध्यान खींचा है।"
बॉयोलॉजिकल ई ने पिछले महीने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीदीसीआई) से अनुमोदन के बाद भारत में अपने कोविड-19 सबयूनिट वैक्सीन कैंडिडेट का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था।
तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने भी राजनयिकों को संबोधित किया और राज्य की क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में जबरदस्त प्रगति हासिल की है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में फार्मा क्षेत्र का कंबाइंड वैल्यू लगभग 50 अरब डॉलर है। हैदराबाद न केवल भारत का, बल्कि पूरे विश्व का वैक्सीन हब है, जिसमें पूरे वैक्सीन के 33 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन हैदराबाद में किया जाता है।
प्रमुख सचिव उद्योग और आईटी, जयेश रंजन ने भी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया और राजनयिकों को राज्य की निवेश क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि हैदराबाद फार्मा सिटी एक-दो महीने में ऑपरेशनल हो जाएगा। इसी तरह 500 एकड़ में आउटर रिंग रोड के पास एक मेडिकल डिवाइस पार्क बनाया जा रहा है। (आईएएनएस)
रांची, 9 दिसंबर | एक दिल दहलाने वाले घटनाक्रम में, झारखंड के दुमका जिले में पति की मौजूदगी में 17 लोगों ने कथित रूप से एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, जिसके बाद बुधवार को इस सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। मंगलवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक इलाके में यह अपराध हुआ, जब पांच बच्चों की मां अपने पति के साथ मेले से घर लौट रही थी।
आरोपियों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। बदमाश दोनों पर हावी हो गए और महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
अपराध की जानकारी मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थाने पहुंचे। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक अभियान चलाया है। महिला को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। (आईएएनएस)
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि भारत में 'कड़े' सुधार को लागू करना बहुत मुश्किल है.
भारत समेत तीसरी दुनिया के देशों में आर्थिक नीतियों को 'कॉर्पोरेट फ्रेंडली' बनाने की प्रक्रिया को रिफॉर्म यानी सुधार नाम दिया जाता है. या फिर नीतियों को 'उदार' बनाने की बात कही जाती है.
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत में लोकतंत्र कुछ ज़्यादा ही है लेकिन मोदी सरकार सभी सेक्टरों में सुधार को लेकर साहस और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोल, श्रम और कृषि क्षेत्र में सुधार को लेकर साहस दिखाया है.
भारत के किसानों का एक बड़ा तबका जब मोदी सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए विरोध कर रहा है, ऐसे में नीति आयोग के सीईओ ने कहा है कि भारत में कुछ ज़्यादा ही लोकतंत्र है.
अमिताभ कांत ने मोदी सरकार के कृषि क़ानून का भी बचाव किया और कहा कि इससे किसानों को विकल्प मिलेगा.
अमिताभ कांत स्वराज पत्रिका की ओर से आयोजित 'आत्मनिर्भर भारत की राह' विषय पर एक ऑन लाइन इवेंट में बोल रहे थे. अमिताभ कांत ने कहा कि इन सुधारों की ज़रूरत है ताकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीन से मुक़ाबला किया जा सके.
अमिताभ कांत से पूछा गया कि अगर कोविड 19 महामारी में भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का मौक़ा दिया है तो ऐसी कोशिश तो पहले भी की गई थी. इस पर नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ''भारत में कड़े सुधारों को लागू करना बहुत मुश्किल है. हमारे यहां लोकतंत्र कुछ ज़्यादा ही है. पहली बार कोई सरकार हर सेक्टर में सुधारों को लेकर साहस और प्रतिबद्धता दिखा रही है. कोल, कृषि और श्रम सेक्टर में सुधार किए गए हैं. ये बहुत ही मुश्किल रिफ़ॉर्म हैं. इन्हें लागू करने के लिए गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धता की ज़रूरत होती है.''
अमिताभ कांत यह कहना कि भारत में लोकतंत्र कुछ ज़्यादा ही है विवादों में घिर गया.
सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर अमिताभ कांत पर निशाना साधा है. प्रशांत भूषण ने लिखा है, ''आलोचना के बाद अमिताभ कांत ने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद मीडिया में भी स्टोरी डिलीटी कर दी गई लेकिन वीडियो डिलीट करना भूल गए.'' प्रशांत भूषण ने अमिताभ कांत की कही बातों के उस हिस्से का वीडियो भी पोस्ट किया है.
विवाद के बाद अमिताभ कांत ने भी ट्विटर पर स्पष्टीकरण जारी किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मैंने जो कहा है वो ये बिल्कुल नहीं है. मैं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर बोल रहा था.''
हाई कोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने अमिताभ कांत की आलोचना करते हुए ट्वीट किया है, ''जो सरकारी पदों पर हैं उन्हें सार्वजनिक रूप से बोलते वक़्त अपने शब्दों के लेकर सावधान रहना चाहिए. ज़्यादा लोकतंत्र होने का मतलब क्या है?''
हाल ही में स्वीडन स्थित एक संस्था 'वी- डेम इंस्टीट्यूट' ने अपनी रिपोर्ट में संकेत दिए हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक कहे जाने वाले भारत में लोकतंत्र कमज़ोर पड़ रहा है,
वी- डेम इंस्टीट्यूट की '2020 की लोकतंत्र रिपोर्ट' केवल भारत के बारे में नहीं है. इस रिपोर्ट में दुनियाभर के कई देश शामिल हैं, जिनके बारे में ये रिपोर्ट दावा करती है कि वहाँ लोकतंत्र कमज़ोर पड़ता जा रहा है.
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली स्वीडन के गोटेनबर्ग विश्वविद्यालय से जुड़ी संस्था वी- डेम इंस्टीट्यूट के अधिकारी कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र की बिगड़ती स्थिति की उन्हें चिंता है. रिपोर्ट में 'उदार लोकतंत्र सूचकांक' में भारत को 179 देशों में 90वाँ स्थान दिया गया है और डेनमार्क को पहला.
भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका 70वें स्थान पर है जबकि नेपाल 72वें नंबर पर है. इस सूची में भारत से नीचे पाकिस्तान 126वें नंबर पर है और बांग्लादेश 154वें स्थान पर.
इस रिपोर्ट में भारत पर अलग से कोई चैप्टर नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है कि मीडिया, सिविल सोसाइटी और मोदी सरकार में विपक्ष के विरोध की जगह कम होती जा रही है, जिसके कारण लोकतंत्र के रूप में भारत अपना स्थान खोने की क़गार पर है.
भारत
मार्च 2019 में भारत के जाने-माने चिंतक प्रताप भानु मेहता ने अपने एक लेख में कहा था, ''मुझे ऐसा लग रहा है कि हमारे लोकतंत्र के साथ कुछ ऐसा हो रहा है जो लोकतांत्रिक आत्मा को ख़त्म कर रहा है. हम गुस्से से उबलते दिल, छोटे दिमाग और संकीर्ण आत्मा वाले राष्ट्र के तौर पर निर्मित होते जा रहे हैं.''
उन्होंने कहा था, ''कुछ मायने में लोकतंत्र आजादी, उत्सव का नाम है, ऐसी व्यवस्था में लोग कहां जाएंगे इसे जानना महत्वपूर्ण होता है न कि पीछे कहां से आएं हैं. इस लोकतंत्र में हम क्या खोते जा रहे हैं, इस पर एक नज़र डाल लेते हैं. आप में से कितने लोग नेशनलिस्ट हैं. हाथ ऊपर कीजिए. जिन लोगों ने हाथ ऊपर किए हैं उनमें से कितने लोगों के पास सर्टिफिकेट है, ये दिखाने के लिए आप नेशनलिस्ट हैं. यानी हमारी नेशनलिज्म हमसे ले ली गई है.'' (bbc.com)
कोलकाता, 9 दिसंबर | भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के नेताओं से मिलने और पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए बुधवार को राज्य की अपनी दो दिवसीय यात्रा पर हैं। भाजपा प्रमुख यहां नौ पार्टी कार्यालयों का उद्घाटन करेंगे और बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बभनीपुर में भाजपा के 'और नोई अन्याय' के मिशन पर एक कम्युनिटी आउटरीच कार्यक्रम में भाग लेंगे।
नड्डा यहां प्रसिद्ध कालीघाट स्थित काली मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे और स्लम कम्युनिटी के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे।
भाजपा प्रमुख पार्टी के आधार के साथ-साथ बूथ स्तर के संगठनों को मजबूत करने के लिए लक्षित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि नड्डा दोपहर में कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे। एयरपोर्ट पर 'ढाकियों' (बंगाल के ढोल) के साथ भाजपा प्रमुख का भव्य स्वागत करने की व्यवस्था की गई है।
गुरुवार को नड्डा डायमंड हार्बर में दक्षिण 24-परगना के रेडियो स्टेशन के मैदान में भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने वाले हैं। सूत्रों ने कहा कि वह रामकृष्ण आश्रम में भी प्रार्थना करेंगे। (आईएएनएस)
मुंबई, 9 दिसंबर | नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने मुंबई में लगभग 2.50 करोड़ रुपये की 'मलाना क्रीम' हैश (गांजे का एक शुद्धमत प्रकार) जब्त किया है। बुधवार को आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह छापोमारी बुधवार सुबह की गई और मलाना क्रीम के एक सप्लायर रेगेल महाकाल को पहले हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
एनसीबी द्वारा ड्रग्स को लेकर की जा रही जांच के दौरान महाकाल का नाम सामने आया था, जिसके बाद अंधेरी-पश्चिम इलाकों में बुधवार देर रात छापे मारे गए।
इस नए छापे को 14 जून को बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद सामने आए बॉलीवुड-ड्रग माफिया एंगल की जांच से जोड़ा जा रहा है। इसकी जांच के दौरान 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इसमें 50 से अधिक लोग शामिल हैं। इनमें बॉलीवुड हस्तियों, अभिनेताओं, अभिनेत्रियों, कुछ विदेशी, ड्रग सप्लायर्स और पेडलर्स आदि शामिल हैं।
एनसीबी के रडार पर आए लोगों में रिया चक्रवर्ती, उसका भाई शोविक चक्रवर्ती, अर्जुन रामपाल, भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया शामिल हैं।
मलाना क्रीम हैश की कीमत स्थानीय रूप से 4,000/प्रति 10 ग्राम से शुरू होती है, लेकिन वैश्विक बाजारों में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। (आईएएनएस)
मुजफ्फरनगर (उप्र) 9 दिसंबर | उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद मुजफ्फरनगर जिले में उनके घर पर निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। सिंह एक वकील भी थे। उनके बाद परिवार में अब 3 बेटे बचे हैं। वे 1974 में भारतीय क्रांति दल के टिकट पर खतौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। 1977 में उन्हें जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में फिर से उसी सीट से चुना गया और उत्तर प्रदेश में राम नरेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया था। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 9 दिसंबर | जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक बार फिर आरोप लगाया कि उन्हें एक पखवाड़े से कम समय के भीतर तीसरी बार गैरकानूनी तरीके से नजरबंद किया गया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि उन पर प्रतिबंध लगाए गए थे जबकि भाजपा के मंत्रियों को जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में प्रचार करने की अनुमति थी।
मुफ्ती ने ट्वीट किया, "अवैध रूप से एक पखवाड़े से कम समय के भीतर तीसरी बार नजरबंद किया गया।"
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, "अगर मेरी गतिविधियों पर 'सुरक्षा चिंताओं' के कारण अंकुश लगाया जाता है, तो भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों को कश्मीर में स्वतंत्र रूप से प्रचार करने की अनुमति क्यों दी जाती है, जबकि मुझे डीडीसी चुनावों की परिणति तक प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया है?"
मंगलवार को मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें श्रीनगर में गुपकार रोड पर उनके आवास पर नजरबंदी में रखा गया है, वह मध्य कश्मीर के बडगाम जिले से निकाले गए परिवारों से मिलने के लिए जाने वाली थीं लेकिन नहीं जा सकी थीं। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 9 दिसंबर | दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच जारी मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने ये जानकारी दी और कहा कि सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस ने कहा, एक और अज्ञात आतंकवादी मारा गया। इस तरह पुलवामा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए हैं, सर्च ऑपरेशन जारी है।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके में घेरा डालने और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद बुधवार सुबह मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षा बल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, वे भारी मात्रा में फायरिंग की चपेट में आ गए जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 9 दिसंबर | मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, "मैं सेंट्रल विस्टा के भव्य प्रोजेक्ट के लिए आधारशिला रखने के अवसर पर गर्व के साथ आपसे जुड़ता हूं।"
यह कहते हुए कि सेंट्रल विस्टा लंबे समय से विलंबित है, सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा संसद अपर्याप्त है और हमारे औपनिवेशिक अतीत से भी जुड़ा हुआ है।
राव का मानना है कि नई सेंट्रल विस्टा परियोजना पुनरुत्थान, आत्मविश्वास और मजबूत भारत के आत्मसम्मान, प्रतिष्ठा और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होगी। उन्होंने प्रतिष्ठित और राष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण परियोजना के शीघ्र पूरा होने की कामना की।
प्रधानमंत्री गुरुवार को नए भवन के लिए शिलान्यास करेंगे। समारोह में सभी दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा जो शारीरिक रूप से या वर्चुअल मोड के माध्यम से मौजूद होंगे। (आईएएनएस)
कोच्चि, 9 दिसंबर | त्रिशूर जिले के अथिरापल्ली में बेहद लोकप्रिय पर्यटन स्थल के पास रहने वाले केरल के एक परिवार को बुधवार सुबह एक अप्रत्याशित मेहमान का सामना पड़ा, जो कोई और नहीं एक मगरमच्छ था। अभी भी सदमे से बाहर न आ पाए घर के मालिक ने कहा, "सबसे पहले मेरी पत्नी ने बरामदे में सोफे के पास पड़े मगरमच्छ को देखा था।"
उन्होंने आगे कहा, "वह चौंक गई और चिल्लाने लगी। पत्नी की आवाज सुन मैं भी भागते हुए आया और उसे देखा। हमने तुरंत वन कर्मचारियों को सूचना दी, वह हमारे घर पहुंचे। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार मगरमच्छ को पकड़ लिया गया और उसे चलाकुडी नदी में ले जाकर छोड़ दिया गया।"
अथिरापल्ली फॉल्स केरल का सबसे बड़ा झरना है और जिस घर में मगरमच्छ घुसा था वह नदी के किनारे से मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर था।
अथिरापल्ली फॉल्स का नाम 'भारत का नियाग्रा' भी है और यह राज्य के सबसे भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 दिसंबर | दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने बुधवार सुबह फिर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मूवमेंट को बाधित किया जा रहा है। पार्टी ने पुलिस और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास का मेन गेट पुलिस ने बंद कर दिया है। पार्टी के मुताबिक मुख्यमंत्री बाहर निकलने के लिए इसी गेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आवास का यह गेट पुलिस ने बंद कर रखा है। वहीं दिल्ली भाजपा के नेता हरीश खुराना ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीएम हाउस से अपनी गाड़ी में सवार होकर बाहर जाते हुए दिखाई दें रहे हैं। खुराना ने कहा कि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मुख्यमंत्री की आवाजाही को पुलिस द्वारा प्रतिबंधित या प्रभावित नहीं किया जा रहा।
आप विधायक व दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपको बता रहा हूं कि अभी भी केंद्र के इशारे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मूवमेंट को बाधित किया हुआ है। मुख्यमंत्री निवास का मेन गेट अभी भी बंद है।
इसके जवाब में भाजपा नेता हरीश खुराना ने मुख्यमंत्री केजरीवाल का एक वीडियो जारी कर दिया। इसमें सीएम अपने घर से बाहर जा रहे हैं। खुराना ने प्रश्न किया कि अगर मुख्यमंत्री की मूवमेंट बाधित है तो फिर यह कौन जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि चाहे कितनी भी पुलिस और एजेंसियां मुख्यमंत्री निवास पर लगा लो और दबाव बना लो, हम आपको किसानों को बंदी बनाने के लिए स्टेडियम को जेल बनाने की परमिशन बिल्कुल नहीं देंगे।
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाउस अरेस्ट किया गया ताकि वो किसानों के भारत बंद में शामिल न हो सके।
राघव चड्ढा ने कहा, एक तरह से अघोषित आपातकाल का माहौल बनाया हुआ है। ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि हमने स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति नहीं दी।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक मंगलवार को भारत बंद के दौरान उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। मंगलवार रात मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा कि वह घर से बाहर निकल कर किसानों के बीच जाना चाहते थे लेकिन उन्हें नहीं जाने दिया गया।
वहीं पुलिस का कहना था कि मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया, न ही उनकी मूवमेंट को किसी भी प्रकार से बाधित किया गया। (आईएएनएस)
भोपाल, 9 दिसंबर | मप्र में पति-पत्नी का सच्चा प्रेम सामने आया है। यहां एक पति कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनना चाहता था, उसने अपनी यह इच्छा पत्नी के सामने जाहिर की तो वह भी वॉलेंटियर बनने को तैयार हो गई। फिर क्या था दोनों लगभग दो सौ किलोमीटर का सफर तय कर इंदौर से भोपाल जा पहुंचे और उन्होंने वैक्सीन का टीका लगवाया। इंदौर के मनोज राय और उनकी पत्नी पूजा के वैक्सीन ट्रायल के वॉलेंटियर बनने की कहानी रोचक है। राजधानी में कोवैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण चल रहा है। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में यह टीका लगाया जा रहा है। मनेाज खुद वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हुए है। उनका भोपाल आना जाना होता रहता है।
मनेाज बताते है कि भोपाल प्रवास के दौरान पिछले सप्ताह अधिकारियों से मिला। तब मन में विचार आया कि जब वैक्सीनेशन के काम से जुड़े हैं तो क्यों न वैक्सीन लगवाया जाए, नया अनुभव भी हेागा। टीका लगवाने के लिए आठ दिसंबर को आने के लिए कहा गया। जब पत्नी पूजा से अनुमति मांगी तो उसने भी टीका लगवाने की इच्छा जाहिर की, फिर दोनों भोपाल आ पहुंचे।
मनोज के इस फैसले से माता-पिता कांतिलाल राय और सोनाबाई भी खुश हुए और कहा कि देशहित में काम जरुर करना चाहिए।
मनोज बताते है कि मंगलवार को वे अपनी पत्नी के साथ इंदौर से पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल पहुंचे और तमाम चिकित्सकीय औपचारिकताओं के बाद कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया।
संभवत राज्य का यह पहला ऐसा जोड़ा है जिसने कोरोना वैक्सीन लगवाया है। राजधानी भोपाल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसके लिए वॉलेंटियर की कमी देखी जा रही है और लोगों से वॉलेंटियर बनने की अपील भी की जा रही है। पिछले दिनों राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कोरोना वॉलेंटियर बनने की इच्छा जताई थी मगर फिट न होने पर वे ऐसा नहीं कर पाए। इसकी वजह यह थी कि उनके परिवार के सदस्य केारोना पॉजिटिव पाए गए थे। नियम है कि जिसके परिवार में किसी को कोरोना होता है तो वह वॉलेंटियर नहीं बन सकता। (आईएएनएस)
-रेहान फ़ज़ल
9 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी का जन्मदिन है. इस दिन सुबह से ही ट्विटर पर सोनिया गांधी की चर्चा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके सेहतमंद और दीर्घायु होने की कामना की है.
सोनिया गांधी के जन्मदिन पर एक बार फिर से पढ़िए पिछले साल राजीव गांधी पर आई अश्विनी भटनागर की किताब 'लोटस इयर्स' पर आधारित विवेचना.
बात मई 1981 की है. राजीव गाँधी अमेठी से लोकसभा के लिए उपचुनाव लड़ने वाले थे. वो अपने चुनाव क्षेत्र में घूम रहे थे.
कुछ घंटों बाद उन्हें लखनऊ से दिल्ली की फ़्लाइट पकड़नी थी. लेकिन तभी ख़बर आई कि 20 किलोमीटर दूर तिलोई में 30-40 झुग्गियों में आग लग गई है.
उन्होंने लखनऊ जाने की बजाय अपनी कार का रुख़ तिलोई की तरफ़ मोड़ दिया.
वहाँ उन्होंने जल गई झुग्गियों में रहने वालों को दिलासा दिया. इस बीच उनके पीछे खड़े संजय सिंह उनके कान में फुसफुसाते रहे, "सर आपकी फ़्लाइट मिस हो जाएगी."
लेकिन राजीव ने लोगों से बात करना जारी रखा. जब वो सबसे मिल चुके तो उन्होंने संजय सिंह से मुस्करा कर पूछा, यहाँ से लखनऊ पहुंचने में कितना समय लगेगा?
'द लोटस इयर्स - पॉलिटिकल लाइफ़ इन इंडिया इन द टाइम ऑफ़ राजीव गांधी' के लेखक अश्विनी भटनागर बताते हैं, "संजय सिंह ने जवाब दिया, कम से कम दो घंटे. लेकिन अगर आप स्टीयरिंग संभालें तो हम एक घंटे 40 मिनट में वहाँ होंगे. राजीव ने गाड़ी में बैठते ही कहा, उन तक ख़बर पहुंचा दीजिए कि हम एक घंटे, 15 मिनट में अमौसी हवाई अड्डे पहुंच जाएंगे. राजीव की कार इस तरह चली जैसे स्पेस शटल चलता है. तय समय से पहले राजीव हवाई अड्डे पर थे."
फ़्लाइट के दौरान पूरा नाम बताने की मनाही
लेकिन तेज़ गति से कार चलाने के शौकीन राजीव बहुत ही अनुशासित ढंग से विमान चलाते थे. शुरू में वो डकोटा चलाते थे लेकिन बाद में वो बोइंग उड़ाने लगे थे.
जब भी वो पायलट की सीट पर होते थे, कॉकपिट से सिर्फ़ अपना पहला नाम बता कर यात्रियों का स्वागत करते थे.
उनके कैप्टंस को भी निर्देश थे कि फ़्लाइट के दौरान कभी भी उनका पूरा नाम न बताया जाए.
उस ज़माने में उन्हें पायलट के रूप में 5000 रुपये तन्ख़्वाह में मिलते थे जो एक अच्छा वेतन माना जाता था.
सोनिया के पास बैठने के लिए रिश्वत
जब राजीव गांधी इंजीनियरिंग का ट्राइपोस कोर्स करने कैंब्रिज गए तो वहाँ 1965 में उनकी मुलाक़ात इटली में पैदा हुई सोनिया गाँधी से हुई और देखते ही उन्हें उनसे प्यार हो गया.
वो दोनों एक ग्रीक रेस्तराँ में जाया करते थे.
अश्विनी भटनागर बताते हैं, "राजीव ने रेस्तराँ के मालिक चार्ल्स एन्टनी को मनाया कि वो उन्हें सोनिया की बग़ल वाली मेज़ पर बिठा दें. एक अच्छे ग्रीक व्यापारी की तरह चार्ल्स ने उनसे इस काम के लिए दोगुने पैसे वसूले."
"बाद में उन्होंने राजीव गाँधी पर सिमी गरेवाल की बनाई फ़िल्म में कहा कि 'मैंने पहले किसी को इतने अधिक प्यार में नहीं देखा.' जब राजीव कैंब्रिज में पढ़ते थे तो अपना ख़र्चा चलाने के लिए वो आइसक्रीम बेचा करते थे और सोनिया से मिलने साइकल पर जाया करते थे. हालांकि उनके पास एक पुरानी फ़ोक्सवैगन हुआ करती थी जिसके पेट्रोल का ख़र्चा उनके दोस्त 'शेयर' करते थे."
नैपकिन पर सोनिया के लिए लिखी कविता
राजीव और सोनिया की कैंब्रिज की मुलाक़ातों का ज़िक्र मशहूर पत्रकार रशीद किदवई ने सोनिया पर लिखी जीवनी में भी किया है.
रशीद क़िदवई बताते हैं, "वर्सिटी रेस्तराँ में रोज़ कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों का जमावड़ा लगता था. वो सब बियर पिया करते थे. उनमें से राजीव अकेले थे जो बियर को हाथ भी नहीं लगाते थे. तभी सोनिया की नज़र उस लंबे, काली आँखों और मोहक मुस्कान वाले मासूम लड़के पर पड़ी."
"दोनों तरफ़ आकर्षण बराबर का था. राजीव ने पहली बार एक नैपकिन पर उनके सौंदर्य पर एक कविता लिखकर एक वेटर के ज़रिए सोनिया की तरफ़ भिजवाई थी. सोनिया उसे पाकर थोड़ी असहज हुई थीं लेकिन राजीव के एक जर्मन दोस्त ने, जो सोनिया को भी जानते थे, एक संदेशवाहक की भूमिका को बख़ूबी निभाया."
रशीद क़िदवई आगे बताते हैं, "दिलचस्प बात ये है कि राजीव ने आख़िर तक सोनिया को नहीं बताया कि वो भारत की प्रधानमंत्री के बेटे हैं. बहुत समय बाद एक अख़बार में इंदिरा गांधी की तस्वीर छपी. तब राजीव गाँधी ने सोनिया से कहा कि ये उनकी माँ की तस्वीर है."
"तब कैंब्रिज में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने उन्हें बताया कि इंदिरा भारत की प्रधानमंत्री हैं. तब जाकर सोनिया को पहली बार पता चला कि वो कितने महत्वपूर्ण शख़्स से इश्क फ़रमा रही हैं."
महमूद और राजीव गांधी की मुलाकात
राजीव गांधी की अमिताभ बच्चन से तब से दोस्ती थी जब वो चार साल के हुआ करते थे. अमिताभ जब मुंबई में स्ट्रगल कर रहे थे तो एक बार राजीव गाँधी उनसे मिलने मुंबई गए. अमिताभ उन्हें हास्य कलाकार महमूद से मिलवाने ले गए.
रशीद क़िदवई बताते हैं, "उस ज़माने में महमूद को कॉम्पोज़ गोलियाँ खाने की आदत थी और वो हमेशा सुरूर में रहते थे. अमिताभ ने उनसे राजीव का परिचय करवाया लेकिन वो नशे में होने की वजह से समझ नहीं पाए कि उनको किससे मिलवाया जा रहा है."
"उन्होंने 5000 रुपये निकाले और अपने भाई अनवर से कहा कि इसे राजीव को दे दें. अनवर ने पूछा कि आप इन्हें क्यों पैसे दे रहे हैं? महमूद बोले कि अमिताभ के साथ जो शख़्स आए हैं, वो उनसे ज़्यादा गोरे और स्मार्ट हैं. एक दिन वो ज़रूर इंटरनेशनल स्टार बनेंगे. ये 5000 रुपये मेरी अगली फ़िल्म के लिए साइनिंग अमाउंट है."
"अनवर ने ज़ोर का ठहाका लगाया और राजीव का फिर से परिचय करवाते हुए कहा कि ये स्टार-विस्टार नहीं, इंदिरा गांधी के बेटे हैं. महमूद ने तुरंत अपने 5000 रुपये वापस ले लिए और राजीव से माफ़ी माँगी. लेकिन भविष्य में राजीव वाकई स्टार बने, फ़िल्म के क्षेत्र में नहीं ,लेकिन राजनीति के क्षेत्र में ज़रूर."
विमान में पता चला इंदिरा गाँधी की हत्या का
संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में मौत के बाद राजीव इंदिरा गाँधी की मदद के लिए राजनीति में आए. लेकिन कुछ समय बाद ही इंदिरा गाँधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी. उस समय राजीव गांधी पश्चिम बंगाल में थे. वायु सेना के जिस विमान से राजीव गांधी दिल्ली लौटे थे, उसमें बाद में दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वालीं शीला दीक्षित भी उनके साथ थीं.
शीला दीक्षित ने बीबीसी को बताया था, "जैसे ही विमान ने उड़ान भरी राजीव कॉकपिट में पायलट के पास चले गए थे. वहाँ से वापस आने के बाद उन्होंने हमें विमान के पिछले हिस्से में बुलाकर कहा कि इंदिरा जी नहीं रहीं. फिर उन्होंने हमसे पूछा कि ऐसा स्थिति में क्या किया जाता है?"
"प्रणव मुखर्जी ने जवाब दिया कि पहले से ये परंपरा रही है कि जो सबसे वरिष्ठ मंत्री होता है उसे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई जाती है और बाद में प्रधानमंत्री का चुनाव होता है. लेकिन मेरे ससुर उमाशंकर दीक्षित ने कहा कि वो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने का जोखिम नहीं लेंगे और राजीव को ही प्रधानमंत्री बनाएंगे."
प्रणव मुखर्जी की सलाह उनके ख़िलाफ़ गई
मैंने शीला दीक्षित से पूछा था कि क्या प्रणव मुखर्जी का सबसे वरिष्ठ मंत्री को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने का ज़िक्र उनके ख़िलाफ़ गया?
शीला दीक्षित का जवाब था, "हाँ, थोड़ा बहुत तो ख़िलाफ़ गया क्योंकि जब राजीव जीतकर आए तो उन्होंने प्रणव को अपने मंत्रिमंडल में नहीं लिया जबकि वो इंदिरा के कैबिनेट में नंबर दो हुआ करते थे. कुछ दिनों बाद प्रणव ने पार्टी को भी छोड़ दिया. सबसे सीनियर मंत्री वहीं थे."
"लेकिन मैं नहीं समझती कि उन्होंने अपनी उम्मीदवारी मज़बूत करने के लिए वो बात कही थी. वो तो सिर्फ़ पुराने उदाहरण बता रहे थे लेकिन उनके विरोधियों ने उसे बिल्कुल दूसरे रूप में राजीव के सामने पेश किया."
मालदीव के राष्ट्रपति को बचाया
प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी ने टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में बहुत काम किया. दलबदल कानून, 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार और भारत को एक क्षेत्रीय शक्ति बनाने में राजीव की बहुत बड़ी भूमिका रही.
अश्वनी भटनागर बताते हैं, "शपथ लेते ही उन्होंने तेज़ी से फ़ैसले लिए चाहे वो शिक्षा के क्षेत्र में हों, प्रदूषण के क्षेत्र में हों, राजनीतिक व्यवस्था को साफ़ करने के क्षेत्र में हों या फिर कांग्रेस शताब्दी समारोह में उनका भाषण रहा हो. इस सबसे लोगों को एक तरह का सुखद आश्चर्य हुआ."
"आज लोग सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं, राजीव ने 1988 में 4000 किलोमीटर दूर मालदीव में स्ट्राइक किया था जब 10 घंटे के नोटिस पर आगरा से 3000 सैनिक एयर लिफ़्ट किए गए थे. वहाँ के राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ बग़ावत हो चुकी थी और वो छिपे छिपे घूम रहे थे. उन्होंने न सिर्फ़ उनकी सत्ता में वापसी करवाई बल्कि उनका विरोध करने वालों को गिरफ़्तार भी करवाया."
सैम पित्रोदा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था, "वी क्लिक्ड. मैं उन्हें बहुत पसंद करता था. वो हमसे बहुत प्रेम से बात करते थे. हमारी बात समझते थे. उनसे हमारी दोस्ती हो गई. उन्होंने हमारी मुहिम को राजनीतिक इच्छा शक्ति प्रदान की. सी डॉट का विचार हमारा और राजीव का था. उसके लिए हमें 400 इंजीनयर और जगह चाहिए थी."
"हमने बेंगलुरु में हार्डवेयर डिज़ाइन करना शुरू किया और यहाँ दिल्ली में सॉफ़्टवेयर. जब यहाँ कहीं जगह नहीं मिली तो राजीव ने हमें एशियाड विलेज में भेजा. वो जगह तो बहुत अच्छी थी, लेकिन वहाँ एयरकंडीशनिंग नहीं थी. इसके बिना सॉफ़्टवेयर का काम तो नहीं हो सकता था. अकबर होटल में जगह खाली थी. हमने वहाँ दो फ़्लोर ले लिए."
"वहाँ कोई फ़र्नीचर नहीं था. इसलिए हम लोगों ने छह महीने तक खटिया पर बैठ कर काम किया. हमने युवा लोगों की सेवाएं ली. उनको ट्रेन किया. फिर पता लगा कि महिलाएं कम हैं तो हमने महिलाओं की भी भर्ती की इस मिशन के लिए."
नौकरशाहों से बेहतर फ़ाइल वर्क
राजीव गांधी के साथ काम करने वाले पूर्व कैबिनेट और रक्षा सचिव नरेश चंद्रा उन्हें बहुत अच्छा प्रशासक मानते थे, जबकि उनका पहले प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था.
नरेश चंद्रा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था, "राजीव गांधी बहुत युवा थे और आश्चर्यजनक रूप से मेहनती थे. वो फ़ाइलें बहुत ग़ौर से पढ़ते थे और उनकी ड्राफ़्टिंग नौकरशाहों से बेहतर हुआ करती थी. मैं समझता हूँ कि अगर वो दोबारा सत्ता में आते तो और अच्छा करते."
देर रात तक जागते थे राजीव
राजीव सुबह जल्दी उठते थे और देर रात तक काम किया करते थे. एक बार वो एक बैठक में भाग लेने हैदराबाद गए. उस समय एनटी रामाराव आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे.
राजीव को नज़दीक से जानने वाले और बाद में मुख्य सूचना आयुक्त और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बने वजाहत हबीबुल्लाह याद करते हैं, "एनटी रामाराव के साथ तेलुगू गंगा पर बैठक हो रही थी. रामा राव बहुत जल्दी करीब आठ बजे सो जाते थे, ताकि वो सुबह 3 बजे उठ सकें. ये बैठक रात के करीब 10 बजे रखी गई थी."
"उस समय एनटीआर और भारत सरकार के बीच इस परियोजना को ले कर गहरे मतभेद थे. उस समय एनटीआर की आँखें नींद से मुंदी जा रही थीं. जैसे ही राजीव उनसे पूछते थे, इस बारे में आपकी क्या राय है? एनटीआर मुंदी आँखों में ही बोलते थे, 'आई डू नॉट अग्री.' ये कह कर वो फिर ऊँघने लगते थे."
"ये बैठक क़रीब रात 11 बजे ख़त्म हुई. तब राव साहब ने बहुत तहज़ीब से राजीव गांधी से कहा 'सर इस मीटिंग के लिए इतनी देर तक जागने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.' राजीव ने कहा, अरे भी तो कुछ भी समय नहीं हुआ है. अभी तो सोने से पहले मुझे बहुत काम करना है. फिर वो तेज़ी से सीढ़ियाँ चढ़ते हुए राज भवन के अपने बेड रूम में चले गए."
राजीव गाँधी गृह सचिव को उनके घर छोड़ने पर अड़े
इसी तरह की एक घटना 1985 में हुई थी. राजीव गांधी ने गृह सचिव राम प्रधान को देर रात फ़ोन मिलाया. उस समय प्रधान गहरी नींद सो रहे थे. उनकी पत्नी ने फ़ोन उठाया. राजीव बोले, "क्या प्रधान जी सो रहे हैं. मैं राजीव गांधी बोल रहा हूं." उनकी पत्नी ने तुरंत उन्हें जगा दिया. राजीव ने पूछा, "आप मेरे घर से कितनी दूर रहते हैं?"
प्रधान ने बताया कि वह 2एबी, पंडारा रोड पर हैं. राजीव बोले, "मैं आपको अपनी कार भेज रहा हूं. आप जितनी जल्दी हो, यहां आ जाइए." उस समय राजीव के पास पंजाब के राज्यपाल सिद्धार्थ शंकर राय कुछ प्रस्तावों के साथ आए हुए थे.
चूंकि राय उसी रात वापस चंडीगढ़ जाना चाहते थे, इसलिए राजीव ने गृह सचिव को इतनी रात गए तलब किया था. दो घंटे तक ये लोग मंत्रणा करते रहे. रात दो बजे जब सब बाहर आए तो राजीव ने राम प्रधान से कहा कि वह उनकी कार में बैठें. प्रधान समझे कि प्रधानमंत्री उन्हें गेट तक ड्रॉप करना चाहते हैं.
लेकिन राजीव ने गेट से बाहर कार निकाल कर अचानक बाईं तरफ टर्न लिया और प्रधान से पूछा, "मैं आपसे पूछना भूल गया कि पंडारा रोड किस तरफ़ है." अब तक प्रधान समझ चुके थे कि राजीव क्या करना चाहते हैं. उन्होंने राजीव का स्टीयरिंग पकड़ लिया और कहा, "सर अगर आप वापस नहीं मुड़ेंगे तो मैं चलती कार से कूद जाऊंगा."
प्रधान ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने उनसे वादा किया था कि वह इस तरह के जोख़िम नहीं उठाएंगे. बड़ी मुश्किल से राजीव गांधी ने कार रोकी और जब तक गृह सचिव दूसरी कार में नहीं बैठ गए, वहीं खड़े रहे.
लक्षद्वीप में घायल व्हेल को बचाया
कुछ समय बाद राजीव एक बैठक के लिए लक्षद्वीप गए जहाँ वजाहत हबीबुल्लाह प्रशासक हुआ करते थे.
हबीबुल्लाह याद करते हैं, "राजीव हैलीपैड की तरफ़ जा रहे थे. हम उनके साथ जीप में बैठे हुए थे. तभी किसी ने दिखाया कि वहाँ व्हेल मछलियाँ पानी में फँस गई हैं. वहाँ लगून्स थे. वहाँ पानी कम होने वो काफ़ी उथले हो जाते हैं. व्हेल्स पानी के साथ आ तो गई थीं लेकिन वापस नहीं जा पा रही थीं और वहीं छप-छप कर रही थीं."
"राजीव ने गाड़ी रुकवाई और अपने जूते पायजामा पहने-पहने ही पानी में उतर गए. मैं सूट पहने हुए था. मैं भी कूदता-फाँदता राजीव के पीछे पहुंचा. राजीव के साथ कई दूसरे लोग भी पानी में पहुंच गए. उन्होंने उन लोगों की मदद से व्हेल को उठाया और वापस उस जगह छोड़ दिया जहाँ पानी अधिक था."
बोफ़ोर्स में नाम आने से हुआ सबसे अधिक नुक़सान
राजीव का शायद पहला ग़लत क़दम शाहबानो के सुप्रीम कोर्ट के पैसले के बाद संसद में नया कानून बनाना था. बोफ़ोर्स दलाली मामले में उनका नाम आने पर उनकी छवि इतनी ख़राब हुई कि वो 1989 का चुनाव हार गए.
अश्विनी भटनागर बताते हैं, "झूठ की राजनीति बोफ़ोर्स से शुरू हुई थी. उस चुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बहुत बड़ा झूठ बोला. एक चुनाव रैली में उन्होंने बहुत नाटकीय ढ़ंग से अपने कुर्ते जेब से एक पर्चा निकाल कर हवा में लहराकर कहा, 'इसमें राजीव गांधी के स्विस बैंक खाते का नंबर है जिसमें बोफ़ोर्स से मिली दलाली को जमा किया गया है.' उन्होंने ये दिखावा किया कि वो उसे पढ़ने जा रहे हैं लेकिन फिर वो रुक गए."
"उस समय भारत के लोगों में उनकी विश्वसनीयता इतनी अधिक थी कि लोगों ने यक़ीन कर लिया कि वो जो कुछ कह रहे हैं, सही कह रहे हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि बोफ़ोर्स तो एक तरफ़ हो गया और 'राजीव गाँधी चोर है' का नारा गली-गली गूँजने लगा. किसी को अभी तक पता नहीं कि वास्तविकता क्या है. बोफ़ोर्स में निकला क्या?"
"अदालत ने तो सबको बरी कर दिया. आज तक ये सिद्ध नहीं हो पाया कि कितने पैसे दिए गए और किसको दिए गए और दिए भी गए कि नहीं दिए गए. जो ख़राब तोप लाने का आरोप वीपी सिंह ने लगाया था, वो भी पूरी तरह ख़ारिज हो गया कारगिल युद्ध में, क्योंकि कारगिल को जिताने में बोफ़ोर्स तोपों की बहुत बड़ी भूमिका रही." (bbc.com)
कृषि बिलों के विरोध में किसानों के अभूतपूर्व आंदोलन की एक बड़ी खासियत है - इसमें पंजाब के तमाम छोटे-बड़े कलाकारों, गायकों, गीतकारों की भागीदारी. उनकी आवाज ने आंदोलन को नई गूंज से भर दिया है.
डायचेवेले पर शिवप्रसाद जोशी का लिखा
दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए किसानों के विरोध आंदोलन की कई विशेषताएं देखी जा रही हैं और इसके कई सबक भी हैं. अपनी पूरी बुनावट में यह आंदोलन अगर स्थिर, टिकाऊ, दीर्घजीवी और संघर्ष चेतना से लैस नजर आता है, तो इसकी वजह किसानों की जीवटता, पैनी समझ और जिद ही नहीं, उन्हें अपने समाज और मिट्टी से मिल रहा समर्थन भी है. अवॉर्ड वापसी के 2015 के दौर से बहुत आगे का तत्व इस आंदोलन में देखा जा रहा है, जहां पार्टी लाइनें भी धुंधली पड़ गई हैं. बीजेपी का समर्थन करते रहने वाले प्रकाश सिंह बादल जैसे नेता को देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान लौटाना पड़ रहा है, तो विभिन्न खेलों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने मेडल और सम्मान विरोधस्वरूप वापस कर रहे हैं.
सीएए विरोधी आंदोलन की जीवटता काम आई
पंजाब के अधिकांश बुद्धिजीवियों और संस्कृतिकर्मियों के अलावा अधिवक्ताओं, गीतकारों, गायकों, लोक कलाकारों और अभिनेताओं ने भी इस आंदोलन को अपनी आवाज दी है. बढ़ चढ़कर छात्र, नौकरीपेशा युवा, शिक्षक से लेकर आईटी पेशेवर तक इस किसान आंदोलन में अपने ढंग का सहयोग कर रहे हैं. मजदूर, ड्राइवर, क्लीनर, मैकेनिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे साधारण कामगार भी सड़कों पर मदद के लिए उतर आए हैं.
इस आंदोलन में अभी कुछ समय पहले के सीएए विरोधी आंदोलन की झलक भी देखी जा सकती. इसकी ऊर्जा देखकर यही लगता है कि उस आंदोलन से भी इसे अपने लिए कुछ सूत्र जरूर मिले हैं और प्रतिरोध की चेतना का विस्तार ही हुआ है. सबसे बड़ा सूत्र एक अघोषित, नैसर्गिक एकजुटता का है. समर्थन के लिए कोई किसी के पास नहीं जा रहा है, बल्कि लोग, शख्सियतें, कलाकार और संगठन चले आ रहे हैं और किसानों को समर्थन दे रहे हैं. विपक्षी राजनीतिक दलों को भी इस आंदोलन को समर्थन देना पड़ा है. जानकारों का मानना है कि आंदोलन की अनदेखी करना किसी के लिए भी कठिन हो रहा है, यह बात सरकार और उसके नुमायंदे भी जानते हैं.
आंदोलन की धार बने गीतों का रहा है इतिहास
आंदोलन को नए तेवर और ताप देने वाली नई रंगत बख्शी है पंजाब के गायकों और गीतकारों ने. इन कलाकारों ने तमाम मीडिया में यही कहा कि यह वक्त मिट्टी का कर्ज चुकाने का है और वे इसमें कोताही नहीं कर सकते थे. 1907 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पंजाब में जनांदोलन का आह्वान करते हुए आंदोलनकारी बांके दयाल ने एक जनगीत लिखा था, "पगड़ी संभाल जट्टा, पगड़ी संभाल ओए.” बताया जाता है कि 1857 की लड़ाई की 50वीं सालगिरह पर रचे गए इस गीत को उस दौर में इसे गाने वालों में भगत सिंह के पिता और चाचा भी शामिल थे.
पंजाबी अस्मिता और आत्मसम्मान का प्रतीक बन गया यह गीत आज भी पंजाब के आंदोलनकारियों की जबान पर रहता है और इधर किसान आंदोलन में अलग अलग आवाजों में इसकी गूंज फिर सुनाई देने लगी है. और इसी गीत की ऐतिहासिकता और लोकस्मृति में इसकी उपस्थिति ने भी किसान आंदोलन में अपनी अपनी भूमिका निभाने के लिए कलाकारों, गीतकारों और गायकों को प्रेरित किया है. इस तरह न सिर्फ यह रचना का जुड़ाव है, बल्कि पंजाबी लोकसंस्कृति और हक की लड़ाई की परंपरा से उनकी एक जीवंत अभिन्नता भी है.
अधिकांश गायकों, गीतकारों, कलाकारों, अभिनेताओं, कॉमेडियनों का खेत, खेती और पिंड यानी गांव से किसी न किसी रूप में नाता रहा है. पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने आंदोलन का मजाक उड़ाने, फेक न्यूज फैलाने और आंदोलन को बुरा-भला कहने वालों को न सिर्फ ट्विटर आदि सोशल मीडिया पर आड़े हाथ लिया, बल्कि आंदोलित किसानों के बीच भी पहुंचे. मशहूर गायक हरभजन मान और मीका सिंह भी सोशल मीडिया पर किसानों के पक्ष में सक्रिय देखे गए हैं. गायक हरभजन मान ने पंजाब सरकार का सम्मान लौटा दिया. इस बीच प्रसिद्ध पंजाबी कवि सुरजीत पातर ने भी पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की है. पंजाबी संगीतकार सिद्धु मूसवाला, बब्बु मान, जस बाजवा, हिम्मत संधु, आर नैत, अनमोल गगन आंदोलन के आधार पर गीतों को संगीतबद्ध कर रहे हैं.
ऐन आंदोलन के बीच से निकल रहे हैं गीत
कुछ कलाकार तो किसानों के साथ सड़क पर डट गए हैं. किसान परिवार के कंवर ग्रेवाल एक युवा गायक हैं और उनका गीत "फसलां दे फैसले किसान करांगा” हिट हो चुका है. द वायर वेबसाइट से उन्होंने कहा कि "पंजाब का कलाकार कहीं भी चला जाए अपनी जड़ों को कभी भूल ही नहीं सकता क्योंकि उसकी कला उसी मिट्टी से निकली है.” बीर सिंह भी युवा गायक हैं और उनके गाने खूब धमाल मचा रहे हैं. आंदोलन पर उनका गाना है - "मिट्टी दे पुत्तरों.” इन जोशीले गायकों में हर्फ चीमा, जैजी बी, रंजीत बावा जैसे गायकों का नाम भी है और निकी निक जैसे एक्टिविस्ट गायकों का भी. और आज के ये गायक अपने पूर्वज कवियों और शायरों और सूफी संतों की पंक्तियां भी याद कर रहे हैं. पंजाब के योद्धाओं का इतिहास भी आंदोलन में जोश की एक नई फिजा बना रहा है.
कलाकारों का मानना है कि पिछले तीन चार महीनों में पंजाब का 90 प्रतिशत संगीत किसानों और उनके संघर्ष पर केंद्रित है. पंजाब के समाज में एक खास बात आत्मसम्मान को लेकर बहुत अधिक संवेदनशीलता का होना है. कृषि कानूनों के विरोध के बीच आंदोलनकारियों को खालिस्तानी, देशद्रोही, भ्रमित आदि के आरोपों ने पंजाबी कलाकारों और बुद्धिजीवियों को व्यथित और विचलित किया है. जानेमाने गायक जसबीर जस्सी के मीडिया में प्रकाशित एक बयान में इस आंदोलन की संघर्षचेतना को समझा जा सकता है - "आज पंजाब को पंजाब की तरह देखा जा रहा है. न कोई हिंदू न मुस्लिम न सिख न गरीब न अमीर. सब लोग साथ आए हैं.”
आतंकवादी नहीं किसान
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली की सीमाओं पर ही रोक दिया. राशन-पानी ले कर आए किसानों ने वही डेरा जमाया और आंदोलन छेड़ दिया. पुलिस के डंडे, ठंडे पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों के अलावा किसान प्रदर्शनकारियों ने जाहिल, आढ़तियों के एजेंट और आतंकवादी होने तक के आरोपों का सामना किया.
वकील, खिलाड़ी, लेखक भी पीछे नहीं रहे
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दोनों राज्यों के अधिवक्ताओं ने तो सॉलिडेरिटी विद फार्मर्स (किसानों के साथ एकजुटता) के बैनर तले चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया और आंदोलनकारियों के मुकदमे मुफ्त में लड़ने का ऐलान भी किया. किसानों के प्रति अपनी सद्भावना जताते हुए खिलाड़ियों ने भी अपने अर्जुन अवॉर्ड, पद्म सम्मान लौटाने का ऐलान किया है. हॉकी के पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी और अर्जुन अवॉर्ड विजेता सज्जन सिंह चीमा, पद्मश्री से सम्मानित और कुश्ती के पूर्व चैंपियन करतार सिंह, हॉकी के पूर्व खिलाड़ी गुरमैल सिंह, अपने दौर में गोल्डन गर्ल कहलाने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान राजबीर कौर ने प्रेस कांफ्रेंस की.
अन्य पूर्व खिलाड़ियों में पूर्व राष्ट्रीय बॉक्सिंग कोच गुरबख्श सिंह संधु हैं जिनके कार्यकाल में भारत ने अपना पहला ओलंपिक मेडल जीता था. पद्मश्री मुक्केबाज कौर सिंह और अर्जुन अवॉर्ड विजेता बॉक्सर जयपाल सिंह, कबड्डी खिलाड़ी हरदीप सिंह और भारोत्तोलन के तारा सिंह ने भी अपने सम्मान लौटाने का ऐलान किया है. पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपना खेल रत्न अवॉर्ड लौटाने की चेतावनी दी है. खबरों के मुताबिक पंजाब के जानेमाने कवि मोहनजीत, कहानीकार जसविंदर सिंह और नाटककार स्वराजबीर सिंह ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए हैं. हालांकि कई पंजाबी साहित्यकार 2015 में अपने अवॉर्ड लौटा चुके हैं जब देश भर में कलबुर्गी, पानसरे और गौरी लंकेश जैसे बुद्धिजीवियों की हत्या का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था.
विडंबना को दूर करे की लड़ाई
इस आंदोलन से यह भी पता चलता है कि कश्मीर की सुहावनी वादियों की स्टीरियोटाइपिंग की तरह ही जिस तरह मुख्यधारा के हिंदी या भाषाई सिनेमा में या पॉप म्यूजिक में पंजाब की स्टीरियोटाइपिंग की जाती है- नाच गाना, मस्ती, हरियाली, लहलहाती फसल आदि लेकिन हरीतिमा के इस मोहक और आकर्षक आवरण के पीछे किसान का अटूट श्रम और खून पसीना भी है- ये बहुत कम दिखाया जाता है. बेरोजगारी, जातिगत भेदभाव, ड्रग्स की लत जैसी समस्याओं के साथ साथ एक विलासी, उन्मुक्त, नशाखोर, स्वच्छंद और सितारा संस्कृति के नवनिर्मित संकटों से उपजी अपनी अंतर्निहित विडंबनाओं और आरोपों से जूझते आ रहे पंजाब को उसके गांवों ने एक नई हौसलाकुन रोशनी दिखाई है. किसान एक गहरी समझदारी के साथ उन समस्याओं की ओर इंगित कर रहे हैं जो अंततः उनकी अपनी नहीं, इस देश और नई पीढ़ी के लिए विकराल बन सकती हैं. यह एक तरह की याददिहानी है जो आंदोलन के प्रखर गीतों में ही नहीं, उनके जरिए इतिहास में भी दर्ज हो रही है.
नई दिल्ली, 9 दिसंबर| नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बुधवार को 14वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के पक्ष में है। किसानों के मसले को लेकर सरकार के साथ पहले से तय आज (बुधवार) की वार्ता टल गई है। किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अगले दौर की बातचीत नौ दिसंबर को तय हुई थी। लेकिन इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद यह वार्ता टल गई है।
किसान नेताओं ने बताया कि किसानों के मसले को लेकर बुधवार को अब कोई बैठक नहीं होगी। उन्होंने बताया कि गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में यह तय हुआ कि नये कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर किसान संगठनों को सरकार की ओर से बुधवार को एक प्रस्ताव भेजी जाएगी। इसमें उन बिंदुओं का जिक्र होगा जिस पर सरकार कानून में संशोधन कर सकती है। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना निर्णय बताएंगे। इसलिए फिलहाल अब कोई बैठक नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है और कहा गया है कि इन कानूनों में सिर्फ संशोधनों पर विचार किया जा सकता है।
गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में हुई थी। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बैठक में किसानों के 13 नेताओंका एक प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।
उधर, किसान संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को देशव्यापी बंद शांतिपूर्ण रहा। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने बीते सितंबर महीने में कृषि से जुड़े तीन कानून लागू किए जिनमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के मकसद से लागू किए गए तीन नए कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि इन कानूनों का लाभ किसानों के बजाए कॉरपोरट को होगा, जबकि सरकार का कहना है कि ये तीनों कानून किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लाए गए हैं। हालांकि सरकार किसान नेताओं के सुझावों के अनुसार, इनमें संशोधन करने को तैयार है। (आईएएनएस)