कारोबार
रायपुर, 17 फरवरी। रायपुर स्तित सुयश हॉस्पिटल,ऑपरेशन स्माइल एवं इंगा हेल्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में 26 मार्च से 31 मार्च 2023 को नि:शुल्क कटे होंठ व कटे तालु का ऑपरेशन का आयोजन किया जा रहा है।
हॉस्पिटल के डायरेक्टर्स डॉ नितिन गोयल, डॉ मनोज लाहोटी एवं डॉ विवेक केशरवानी जी द्वारा ये जानकारी दी गयी की सुयश हॉस्पिटल अपने सामाजिक द्वायित्व का निर्वाहन करते हुए 2018 से निरंतर इस प्रकार के ऑपरेशन का सफलतापूर्वक आयोजन करता आ रहा है।
मुख्य अस्पताल प्रबंधक शिजु सेबेस्टियन द्वारा बताया गया की इस वर्ष लगभग 150 बच्चों की संपूर्ण जांच एवं 50 से 60 बच्चो का सर्जरी करने का लक्ष्य रखा गया है, इस शिविर में भारत एवं रूस के प्रशिक्षित चिकित्सक अपनी सेवाएं देंगे तथा संपूर्ण इलाज का खर्च, आने जाने का खर्च,रहने खाने का खर्च संस्था द्वारा प्रदान किया जायेगा।
चेंबर ने केन्द्रीय वित्तमंत्री को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में भेजा सुझाव
रायपुर, 17 फरवरी। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 18 फरवरी 2023 को होने वाली
49वें जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक- औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी ।
इसी तारतम्य में आज चेम्बर द्वारा जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के सम्बंध में माननीया केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन को जीएसटी सरलीकरण के संबंध में सुझाव भेजा गया।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी जी ने बताया कि 18 फरवरी 2023 को होने वाली 49वें जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में चेंबर भवन में
विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमे जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए ।
कुछ व्यापारियों ने जीएसटी के जटिल प्रारूप को ही निरस्त करने की मांग की तथा जीएसटी के कारण व्यापार में बढ़ रहे लेखांकन खर्च सम्बन्धी परेशानियों को भी सामने रखा जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सुझावों में सूचीबद्ध किया।
प्रमुख सुझाव-विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए, त्ब्डसंबधित प्रावधान, इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने।
रायपुर, 17 फरवरी। आल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन ्रढ्ढष्टञ्जश्व के सौजन्य से कलिंगा विश्वविद्यालय के टेक्नोलॉजी संकाय के द्वारा एडवांस एप्रोचेस इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स विषय पर 14 एवं 15 फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जिसमें देश विदेश के गणित विषय के विद्वान,प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित थें।इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 85 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।इस सम्मेलन में स्वीकृत शोधपत्रों का प्रकाशन आईएसबीएन बुक के साथ-साथ स्कोपस और यूजीसी सूची में दर्ज जर्नल में किया जाएगा।
राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एम.के.वर्मा, कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर.श्रीधर, कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी,एनआईटी रायपुर के सह प्राध्यापक डॉ शारदा नंदन राव।
कलिंगा विश्वविद्यालय के टेक्निकल संकाय के अधिष्ठाता डॉ.सी.पी.जवाहर, छात्र कल्याण प्रकोष्ठ की अधिष्ठाता डॉ.आशा अंभईकर, सम्मेलन के संयोजक डॉ.शुभाशीष विश्वास और डॉ.जी.वी.वी.राव और प्राध्यापकों की उपस्थिति में माँ सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीपप्रज्वलन और माल्यार्पण से हुआ।
हैदराबाद, 17 फरवरी। राष्ट्रीय खनिक एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 10.66 मिलियन टन उत्पादन के साथ तीसरी तिमाही का अबतक का अपना सर्वश्रेष्ठ उत्पादन दर्ज किया।
एनएमडीसी ने 14.02.2023 को आयोजित अपनी बोर्ड बैठक में इस वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में 11,816 करोड़ रुपए के टर्न ओवर की सूचना दी। नौ महीनों में कंपनी का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 4351 करोड़ रुपए और नौ महीनों का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 3252 करोड़ रुपए है।
एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में लौह अयस्क का 10.66 मिलियन टन (एमएनटी) का उत्पादन किया और 9.58 मिलियन टन (एमएनटी) की बिक्री की। पहली तीन तिमाहियों के लिए संचयी उत्पादन और बिक्री के आंकड़े क्रमश: 26.69 मिलियन टन और 25.81 मिलियन टन रहे।
एनएमडीसी ने 3.75 रुपए प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश की घोषणा की। प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए श्री सुमित देब , अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने कहा, लौह और इस्पात उद्योग भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की रीढ़ है और इस वर्ष के केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर देने से घरेलू इस्पात की मांग में वृद्धि मजबूत होगी।
लौह अयस्क उत्पादन में वृद्धि और पुन: निवेश के लिए कंपनी की बढ़ती पूंजी के साथ एनएमडीसी मांग को पूरा करने के लिए तैयार है । मैं एनएमडीसी टीम को कंपनी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ तीसरी तिमाही के उत्पादन के लिए बधाई देता हूं।
रायपुर, 17 फरवरी। सुयश अस्पताल के हृदय रोग विभाग ने एक और कीर्तिमान स्थापित किया, दिल की नसों के अंदर अत्यधिक कैल्शियम जमा होने की वजह से जिन मरीजों को बायपास की सलाह दी जाती है ,उनका इलाज कैल्शियम तोडऩे की नई तकनीक रोटा प्रो पद्धति के इस्तेमाल से किया गया।
सुयश हॉस्पिटल के ह्रदय रोग विभाग के डॉ गौरव त्रिपाठी (एम डी ,डी एम ,कार्डियोलॉजी) द्वारा यह जानकारी दी गयी की छत्तीसगढ़ में पहली बार इस तकनीक के माध्यम से मरीज का इलाज किया गया, उन्होंने ये भी बताया की इस तकनीक के इस्तेमाल से कठिन से कठिन नसों की एंजियोप्लास्टी की जा सकती है। डॉ गौरव त्रिपाठी एवं उनकी टीम के द्वारा पूर्व में भी एडवांस तकनीक से मरीजों का इलाज किया गया है।
रायपुर, 17 फरवरी। मोटरसाइकिल और स्कूटर बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की 110 सीसी स्कटर-ज़ूम छत्तीसगढ़ की प्रथम डीलरशिप छत्तीसगढ़ हीरो में लॉन्च किया । हीरो मोटोकॉर्प स्कूटर की श्रेणी को फिर से परिभाषित कर रही है और इसने स्कूटर सेगमेंट में तकनीक से लैस अपने सफर के नए चरण को पेश किया है।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ हीरो के संचालक श्री सुभाष धुप्पड़ जी ने बताया कि हीरो ज़ूम की 110 सीसी श्रेणी में एक नया रूप और डिजाइन पेश किया गया है। इंडस्ट्री में पहली बार नए फीचर के रूप में हीरो इंटेलिजेंट कॉर्नरिंग लाइट (एचआईसीएल) और सेगमेंट में पहली बार नए फीचर्स, बड़े और चौड़े टायर और 110 सीसी सेगमेंट में तेज रफ्तार के साथ यह स्कूटर अपने ओनर्स को बेमिसाल गतिशालता के अनुभव की गारंटी देता है।
हीरो इंटेलिजेंट कॉर्नरिंग लाइटञ्जरू (एचआईसीएल) ने हीरो ज़ूम के साथ 110 सीसी सेगमेंट में अपना डेब्यू किया है। यह अपने ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। जब स्कूटर सवार टर्न ले रहा होता है या किसी संकरी जगह से गुजर रहा होता है तो एचआईसीएल अपनी बेजोड़, चमकदार और साफ प्रकाश से अंधेरे कोनों को भी जगमगा देता है।
रायपुर, 17 फरवरी। कैट ने बताया कि देश में अनेक बड़े विदेशी और देसी कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा की जा रही ऑनलाइन फ़ार्मेसी द्वारा ड्रग एवं कॉस्मैटिक क़ानून की लगातार अवहेलना करते हुए आपूर्ति की जा रही दवाइयों ने न केवल देश के करोड़ों थोक और खुदरा केमिस्टों के व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है बल्कि उपभोक्ता विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरे में डालते जा रहे हैं।
इस मुद्दे पर कन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया से इस महत्वपूर्ण मुद्दे को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेने का आग्रह किया है। इस विषय की गंभीरता को देखते हुए कैट ने मार्च के पहले सप्ताह में देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख केमिस्ट एसोसिएशनों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित करने का निर्णय लिया है।
सम्मेलन इस मुद्दे पर भविष्य की कार्रवाई तय करेगा और इस बीच कैट का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया और वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेगा और उन्हें देश में ई-फार्मेसियों के नियम एवं क़ानून के स्पष्ट उल्लंघन के बारे में अवगत कराएगा।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा की देश में दवाओं का निर्माण, आयात, बिक्री और वितरण औषधि और प्रसाधन सामग्री क़ानून और नियमों द्वारा नियंत्रित होता है।
इस अधिनियम के नियम कड़े हैं और न केवल प्रत्येक आयातक, निर्माता, विक्रेता या दवाओं के वितरक के लिए एक वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है, बल्कि यह भी अनिवार्य है कि सभी दवाओं को केवल एक पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा ही दिया जाए। हालांकि, ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस हमारे देश के कानून की खामियों का दुरुपयोग कर रहे हैं और बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाएं बेचकर और पंजीकृत फार्मासिस्ट के बिना दवाओं का वितरण करके निर्दोष भारतीय उपभोक्ताओं के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-फार्मेसी, टाटा 1एमजी, नेटमेड्स और अमेज़ॅन फार्मेसी जैसे ई-फार्मेसी मार्केटप्लेस इन घोर उल्लंघनों में सबसे आगे हैं और इन के मनमाने रवैये पर जल्द अंकुश लगना चाहिए।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि सरकार को केवल उन्हीं ई-फार्मेसियों को अनुमति देनी चाहिए जिनके पास ऐसी दवाएं हैं जिन्हें ई-फार्मेसी पर बेचने की अनुमति है और इसके अतिरिक्त सभी शेष ई-फार्मेसी को बंद करने के निर्देश देने चाहिए। साथ ही, किसी भी व्यक्ति को ई-फार्मेसी इकाई और उपभोक्ता के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए वेब पोर्टल स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि कोई नकली, मिलावटी या गलत ब्रांड वाली दवा उपभोक्ता तक पहुंचाई जाती है, तो फार्म इजी या नेटमेड जैसा बाज़ार हमेशा मध्यस्थ की दलील देकर छिप जाएगा जो कि वर्तमान ई-कॉमर्स व्यापार में भी एक व्यापक कदाचार है। एक इकाई जो पूरी तरह से इन्वेंट्री का मालिक है, उसे सभी परिस्थितियों में उत्तरदायी होना होगा।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि सभी दवाएं केवल पंजीकृत खुदरा फार्मेसी से वितरित की जाए हैं क्योंकि केवल एक पंजीकृत फार्मासिस्ट द्वारा उचित सत्यापन प्रक्रिया का पालन करने के बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि उपभोक्ताओं को ठीक वही मिले जो वे ऑर्डर करते हैं। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि सरकार को न्यूनतम 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाना चाहिए जो कि 10,00,000 रुपये तक हो सकता है ताकि फार्मेसी, नेटमेड्स, अमेज़ॅन फार्मेसी, टाटा 1 एमजी जैसे उल्लंघनकर्ताओं को उपयुक्त रूप से दंडित किया जा सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी। अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस के अवसर पर, प्रसिद्ध हेमेटोलॉजिस्ट और हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल, क्लिनिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.अनिकेत ठोके, एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश मिश्रा ने बच्चों में रक्त कैंसर के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित किया। 15 फरवरी, 2023 को रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बचपन के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और शुरुआती पहचान और उपचार के महत्व को बताना था। इस अवसर पर डॉ. गोयल, डॉ. ठोके, एवं डॉ. मिश्रा ने कैंसर ग्रसित बच्चों के अभिभावकों, कैंसर सर्वाइवर्स, एवं शहर के जागरूक नागरिकों को संबोधित करते हुए जागरूकता फैलाई।
डॉ. विकास गोयल ने बताया कि रक्त कैंसर, जिसे ल्यूकेमिया भी कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर है जो अस्थि मज्जा में रक्त बनाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है। प्रारंभिक निदान और उपचार से बचने की संभावना में काफी सुधार हो सकता है। उन्होंने साझा किया कि बच्चों में ल्यूकेमिया के लक्षणों में थकान, बार-बार संक्रमण, बुखार, आसानी से चोट लगना या खून बहना और हड्डी और जोड़ों में दर्द शामिल हो सकते हैं। बच्चों में ल्यूकेमिया के उपचार में आमतौर पर कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा और बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन शामिल होते हैं।
डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि बच्चों में बोन ट्यूमर भी चिंता का कारण हो सकता है। हड्डी के ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षणों में हड्डी में दर्द, प्रभावित क्षेत्र के पास सूजन या कोमलता, और असामान्य गांठ या लंप शामिल हो सकते हैं। बोन कैंसर वाले लगभग 90 प्रतिशत बच्चों का इलाज अंग-बचाने वाली और पुनर्निर्माण सर्जरी के साथ किया जा सकता है। बच्चों में हड्डी के ट्यूमर के लिए उपचार के विकल्प ट्यूमर के प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं और इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा या इन तरीकों का संयोजन शामिल हो सकता है।
डॉ. अनिकेत ठोके बताते हैं कि विल्म्स ट्यूमर एक प्रकार का किडनी कैंसर है जो बच्चों में होता है। विल्म के ट्यूमर के कुछ लक्षणों में पेट में दर्द, पेट में लंप या गांठ, बुखार और मूत्र में रक्त आना, शामिल हो सकते हैं। अगर इसका ट्रीटमेंट सही समय पर नहीं करवाया जाए, तो विल्म का ट्यूमर शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है और इलाज करना अधिक कठिन हो जाता है।
डॉ. गोयल, डॉ. ठोके और डॉ. मिश्रा ने सलाह दी कि यदि आप अपने बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण देखते हैं, तो जल्द से जल्द चेकअप करवाना व डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने आयोजकों को बचपन के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों और इस विनाशकारी बीमारी से प्रभावित बच्चों और परिवारों की देखभाल और सहायता प्रदान करने में हेल्थकेयर वर्कर्स की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी। बालको मेडिकल सेंटर ने बोनमेरो ट्रांसप्लांट पर सीएमई आयोजित की। हर साल की तरह इस वर्ष भी बालको मेडिकल सेंटर के द्वारा बीएमटी अपडेट 2023 का आयोजन 11 फरवरी को रायपुर के निजी होटल में किया गया।
इस सीएमई में टाटा मेमोरियल मुंबई से डॉन विन खत्री जो कि डिप्टी डायरेक्टर हैं। ञ्जरू॥ ्रष्टञ्जक्रश्वष्ट मुंबई में व डॉ सुब्रोदत्ता( ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ )
टीएमसी कोलकता से व डॉ. सचिन जैन (मॉलिकुलर ओंकोलॉजी) एक्सपर्ट व डॉदिब्येंदुडे (हिमोटोलॉजिस्ट) ने अपना अनुभव साझा किया व एक पेनल डिस्कसन का भी आयोजन किया गया जिसे डॉ. नीलेश जैन ने मॉडरेट किया। इस कार्यशाला में रायपुर की आईएपी व एपीआई एसोसिएशन का बहुत योगदान रहा।
डॉ.भावना सिरोही मेडिकल डायरेक्टर बालको मेडिकल सेंटर ने कार्यक्रम की शुरुआत की व बीएमसी के विजन मिशन के बारे में बताया व बताया कि अभी तक 35 बोन मेरो ट्रांसप्लांट हो चुके है व मरीजों को लाभ देने के लिए 5 बेड्स और बना रहे है तो बीएमटी यूनिट हो जाएगी व शीघ्र ही बीएमसी एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन जायेगा। आने समय में कैंसर का इलाज और भी सटीक व उत्कृष्ठ हो जायेगा और बालको मेडिकल सेंटर इसके लिए कार्यरत हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 फरवरी। शून्य से 14 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण कारण कैंसर आज लाइलाज नहीं रहा है समय रहते यदि इसका पता चल गया तो अन्य बीमारियों की तरह इसका भी निदान है।
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी आयु वर्ग के लागों को जकड़ लेती है फिर वह चाहे नवजात शिशु हो अथवा उम्रदराज व्यक्ति। शून्य से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों की जो अकस्मात मौत हो जाती है उसके प्रमुख कारणों में कैंसर 9 वें क्रम पर है जो बच्चों को लील लेता है।
चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई)संगठन बच्चों में कैंसर को लेकर पूरे विश्व में सतत जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करता और अलग-अलग थीम पर हर वर्ष 15 फरवरी को दुनिया भर में बचपन के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर से पीडि़त बच्चों और किशोरों, बचे लोगों और उनके परिवारों के लिए समर्थन व्यक्त करने के अभियान के साथ अंतर्राष्ट्रीय बचपन कैंसर दिवस (आईसीसीडी) मनाया जाता है। इस वर्ष चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई) की थीम है बेहतर उत्तरजीविता आपके हाथों से प्राप्त की जा सकती है।
चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई)संगठन के आंकड़ों पर यदि हम एक बारगी सोचें तो इस स्थिति से बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है बशर्ते सही समय पर उसका उपचार हो सके। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आज कैंसर के प्रति लोग जागरूक हुए हैं इसी जागरूकता की आवश्यकता हमें बच्चों के प्रति भी दिखानी होगी। चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई)संगठन जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विभिन्न मंचों से आवाज़ उठाता हैं और कैंसर से पीडि़त बच्चों और किशोरों, पीडि़तों और उनके परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों की समझ उनका आत्मविश्वास,उनका आत्मबल बढाऩे का प्रयास करते हैं। चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई)संगठन की सोच है कि सभी बच्चों और किशोरों को सर्वोत्तम संभव उपचार हो सके उसका अग्रिम लाभ उन्हें प्राप्त हो सके। संगठन ने प्रण किया हुआ है कि बचपन के कैंसर से प्रभावित बच्चों और परिवारों के लिए इलाज देखभाल में बदलाव और उनमें जीने की आशा जगाना चाहतें हैं फिर चाहे वह दुनिया में कहीं भी क्यूं न रहते हों?
चाइल्डहुड कैंसर इंटरनेशनल (सीसीआई)संगठन का कहना है कि विश्व में हर साल, 20 वर्ष से कम उम्र के 400,000 से अधिक बच्चों और किशोरों में कैंसर का निदान किया जाता है। जीवित रहने की दर क्षेत्र पर निर्भर करती है, अधिकांश उच्च आय वाले देशों में 80 प्रतिशत उत्तरजीविता है लेकिन निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 20 प्रतिशत कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वैश्विक बचपन के कैंसर के बोझ का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा भारत में है, हर साल लगभग 75,000 बच्चों में कैंसर का पता चलता है।
बच्चों और किशोरों में कैंसर वयस्कों में होने वाले कैंसर से जैविक रूप से बहुत अलग है। वयस्कों के विपरीत जहां ज्ञात जोखिम कारक जैसे धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, एचपीवी संक्रमण आदि से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, बचपन के कैंसर का कोई ज्ञात कारण नहीं होता है और आमतौर पर स्क्रीनिंग के माध्यम से इसे रोका या पहचाना नहीं जा सकता है।
हाल में किये गये अध्ययनों से पता चला है कि कैसे हमारी कोशिकाओं के अंदर डीएनए में कोई परिवर्तन या उत्परिवर्तन कैंसर कोशिकाओं के उत्पादन में योगदान कर सकता है। केवल 5-10 प्रतिशत बचपन के कैंसर आनुवंशिक कारकों के कारण होते हैं जो विरासत में मिले या प्राप्त किए जा सकते हैं। इनमें कैंसर में सबसे आम प्रकार ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, ब्रेन कैंसर, ठोस ट्यूमर जैसे न्यूरोब्लास्टोमा, विल्म्स ट्यूमर, हेपाटोब्लास्टोमा, रेटिनोब्लास्टोमा और हड्डी और कोमल ऊतक सार्कोमा जैसे इविंग्स और ओस्टियोसारकोमा हैं।
इस तरह के कैंसर का उपचार में कीमोथैरेपी, सर्जरी, रेडियोथेरेपी या दुर्दमता की प्रकृति और प्रस्तुति के चरण के आधार पर किया जाता है। इसके प्रमुख लक्षण है लंबे समय तक या बार-बार होने वाला बुखार, अस्पष्टीकृत वजन घटना, हड्डी और जोड़ों या पैरों में लगातार दर्द, गर्दन, पेट, छाती, गर्दन या श्रोणि में गांठ या द्रव्यमान, अत्यधिक चोट या रक्तस्राव, असामान्य पीलापन, लंबे समय तक थकान औरसुस्ती।
शून्य से 14 आयु समूह को बाल चिकित्सा आयु समूह माना जाता है। बचपन के कैंसर का सबसे अच्छा इलाज पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट वाले केंद्रों में किया जाता है, जो बच्चों में कैंसर प्रबंधन में विशेषज्ञ होते हैं। कीमोथेरेपी दवाओं और विकिरण के हानिकारक दुष्प्रभाव होते हैं, इसलिए सावधानीपूर्वक खुराक की गणना, दुष्प्रभावों की निगरानी, समय पर और उचित उपचार संशोधन की आवश्यकता होती है ताकि सर्वोत्तम प्राप्त उपचार परिणामों के साथ अल्पकालिक और दीर्घकालिक दुष्प्रभावों के जोखिम को संतुलित किया जा सके।
बाल्यावस्था कैंसर शीघ्र निदान, एक समर्पित टीम द्वारा बच्चों के अनुकूल वातावरण में उपचार की शीघ्र शुरुआत के साथ लागत प्रभावी हो सकता है। भारत में सभी कैंसर का 1.6 से 4.8प्रतिशत 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में देखा जाता है, जो प्रति वर्ष प्रति मिलियन बच्चों पर 38 से 124 की समग्र घटना देता है। भारत में कैंसर 5 से 14
नई दिल्ली, 15 फरवरी | भारती एयरटेल ने बुधवार को कहा कि उसकी 5जी सेवाएं अब पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों में शुरू हो गई हैं और मौजूदा डेटा प्लान तब तक काम करेंगे जब तक रोलआउट पूरा नहीं हो जाता। एयरटेल 5जी प्लस सेवाएं कोहिमा, दीमापुर, आइजोल, गंगटोक, सिलचर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया में उपलब्ध हैं।
एयरटेल 5जी प्लस पहले से ही गुवाहाटी, शिलॉन्ग, इंफाल, अगरतला और ईटानगर में लाइव है।
भारती एयरटेल में असम और पूर्वोत्तर राज्य के सीईओ, रजनीश वर्मा ने कहा, "इन शहरों में एयरटेल के ग्राहक अब अल्ट्राफास्ट नेटवर्क का अनुभव कर सकते हैं और मौजूदा 4जी स्पीड की तुलना में 20-30 गुना तेज गति का आनंद ले सकते हैं।"
एयरटेल 5जी प्लस सेवाएं ग्राहकों के लिए चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध होंगी क्योंकि कंपनी अपने नेटवर्क का निर्माण और रिलीज पूरा करना जारी रखे हुए है।
5जी-सक्षम डिवाइस वाले ग्राहक बिना किसी अतिरिक्त लागत के उच्च गति वाले एयरटेल 5जी प्लस नेटवर्क का आनंद ले सकेंगे, जब तक कि रिलीज अधिक व्यापक नहीं हो जाता।
एयरटेल ने कहा कि वह आने वाले समय में सभी शहरों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराकर अपने नेटवर्क का विस्तार करेगी।
कोई सिम बदलने की आवश्यकता नहीं है और मौजूदा एयरटेल 4जी सिम पहले से ही 5जी सक्षम है।
वर्मा ने कहा, "उत्तर-पूर्वी राज्यों से कनेक्टिविटी डिजिटल डिवाइड को पाटने और उन समुदायों को जोड़ने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।" (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 15 फरवरी | मेटा ने घोषणा की है कि वह फेसबुक के 'मैं इस विज्ञापन को क्यों देख रहा हूं?' टूल, उपयोगकर्ताओं को विज्ञापन देने के लिए मशीन लनिर्ंग मॉडल का उपयोग करने के तरीके के बारे में अधिक पारदर्शिता प्रदान करेगा। कंपनी ने मंगलवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, "टूल अब समझाएगा कि हमारी तकनीकों पर आपकी गतिविधि मशीन लनिर्ंग मॉडल को कैसे सूचित कर सकती है, जिसका उपयोग हम आपके द्वारा देखे जाने वाले विज्ञापनों को आकार देने और वितरित करने के लिए करते हैं।"
"मैं यह विज्ञापन क्यों देख रहा हूँ?" टूल लगभग एक दशक पहले बनाया गया था और तब से कंपनी ने इसमें सुधार किया है, जिससे इसका उपयोग करना और समझना आसान हो गया है।
कंपनी ने आगे उल्लेख किया कि टूल नए उदाहरण भी दिखाएगा, यह समझाते हुए कि कैसे इसके मशीन लर्निग मॉडल उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक विज्ञापन दिखाने के लिए विभिन्न विषयों को जोड़ते हैं।
मेटा ने कहा, "हम मशीन लनिर्ंग का उपयोग कैसे करते हैं, इसके बारे में पारदर्शी होना आवश्यक है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि लोग जानते हैं कि यह तकनीक हमारे विज्ञापन सिस्टम का एक हिस्सा है और वे जानते हैं कि यह किस प्रकार की जानकारी का उपयोग कर रहा है।"
इसमें कहा गया है, "विज्ञापन देने के लिए हमारे मशीन लनिर्ंग मॉडल कैसे काम करते हैं, इसके बारे में हमारी पारदर्शिता को आगे बढ़ाकर, हमारा उद्देश्य लोगों को अधिक सुरक्षित महसूस करने और हमारी जवाबदेही बढ़ाने में मदद करना है।" (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 15 फरवरी | टेक दिग्गज गूगल ने घोषणा की है कि वह प्राइवेसी सैंडबॉक्स बीटा को एंड्रॉइड 13 उपकरणों के एक छोटे प्रतिशत के लिए रिलीज कर रहा है, जिससे उपयोगकर्ताओं और डेवलपर्स को वास्तविक दुनिया में 'नए समाधान' का अनुभव और मूल्यांकन करने की अनुमति मिलती है। पिछले साल फरवरी में, कंपनी ने एंड्रॉइड पर प्राइवेसी सैंडबॉक्स को 'उपयोगकर्ता की प्राइवेसी के लिए बार बढ़ाने और मुफ्त कंटेंट और सेवाओं तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उद्योग-व्यापी पहल' के रूप में पेश किया।
गूगल ने मंगलवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, "अपने वेब प्रयासों के आधार पर, हम डिजिटल विज्ञापन के लिए ऐसे समाधान विकसित कर रहे हैं जो उपयोगकर्ता डेटा साझाकरण को सीमित करते हैं और क्रॉस-ऐप पहचानकर्ताओं पर भरोसा नहीं करते।"
जो डिवाइस बीटा के लिए चुने गए हैं, उन्हें इसकी सूचना देने वाला एक एंड्रॉइड नोटिफिकेशन प्राप्त होगा।
टेक दिग्गज ने कहा, "प्राइवेसी सैंडबॉक्स बीटा नए एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) प्रदान करता है जो कोर में प्राइवेसी के साथ डिजाइन किए गए हैं और उन पहचानकर्ताओं का उपयोग नहीं करते हैं जो आपकी गतिविधि को ऐप्स और वेबसाइटों पर ट्रैक कर सकते हैं।"
बीटा में भाग लेने वाले ऐप उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक विज्ञापन दिखाने और उनकी प्रभावशीलता को मापने के लिए एपीआई का उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, उपयोगकर्ता सेटिंग्स के गोपनीयता सैंडबॉक्स अनुभाग में नेविगेट कर अपनी बीटा भागीदारी को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे, जहां वे उन रुचियों को देख और प्रबंधित कर सकते हैं जिनका उपयोग एप्लिकेशन उन्हें प्रासंगिक विज्ञापन दिखाने के लिए कर सकते हैं।
कंपनी ने कहा, "प्राइवेसी सैंडबॉक्स के साथ हमारा लक्ष्य व्यवसायों को ऑनलाइन सफल होने के लिए उपकरण प्रदान करते हुए उपयोगकर्ता की गोपनीयता को बढ़ाना है।"
"हम इस यात्रा पर डेवलपर्स, मार्केटर्स और नियामकों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।" (आईएएनएस)
लंदन, 15 फरवरी | इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) की ओर बढ़ते कदम के तहत यूरोपीय संसद ने 2035 से ईयू में नई गैस और डीजल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है। नया कानून 2035 में नई कारों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए शून्य सीओ2 उत्सर्जन का मार्ग निर्धारित करता है।
आयोग 2025 तक यूरोपीय संघ के बाजार में बिकने वाली कारों और वैन के पूरे जीवन चक्र में सीओ2 उत्सर्जन पर डेटा का आकलन और रिपोर्ट करने के लिए एक पद्धति पेश करेगा।
यूरोपीय संसद के सदस्य के अनुसार, "यह विनियमन शून्य और कम उत्सर्जन वाले वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा। इसमें 2030 के लिए लक्ष्यों का एक महत्वाकांक्षी संशोधन और 2035 के लिए शून्य-उत्सर्जन लक्ष्य शामिल है, जो 2050 तक जलवायु तटस्थता तक पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण है।"
ह्यूटिमा ने कहा, शून्य-उत्सर्जन कारों को खरीदना और चलाना उपभोक्ताओं के लिए सस्ता हो जाएगा और सेकेंड-हैंड बाजार अधिक तेजी से उभरेगा। यह टिकाऊ ड्राइविंग को सभी के लिए सुलभ बनाएगा।
आयोग ने कहा, "एक कैलेंडर वर्ष (1,000 से 10,000 नई कारों या 1,000 से 22 000 नई वैन) में छोटे उत्पादन की मात्रा के लिए जिम्मेदार निर्माताओं को 2035 के अंत तक छूट दी जा सकती है।"
हर दो साल में, 2025 के अंत से आयोग शून्य-उत्सर्जन सड़क गतिशीलता की दिशा में प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए एक रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
कानून को पहली बार यूरोपीय संघ के देशों, यूरोपीय संसद और यूरोपीय आयोग के वार्ताकारों ने पिछले साल अक्टूबर में स्वीकार किया था।
वोक्सवैगन जैसे कई वाहन निर्माता पहले ही 2033 तक यूरोप में केवल ईवी का उत्पादन करने के लिए कह चुके हैं। (आईएएनएस)
जबरदस्त रिस्पांस, एक साथ 51 को मिली चाबी
रायपुर, 14 फरवरी। भारत के अग्रनिय 2 पहिया वाहन निर्माता होंडा मोटर साइकिल एण्ड स्कुटर इण्डिया के नये मॉडल एक्टिवा की भव्य लांचिग रायपुर के अंबुजा मॉल में की गई ।
इस अवसर पर कंपनी के वरिष्ट अधिकारीयों समेत रायपुर के अधिकृत विक्रेता वरूण होंण्डा, ग्रांड होंडा, जी.के.होंडा एंव सिटी होंडा के सभी संचालक अपने ग्राहक व पुरी टीम के साथ उपस्थित थे । विधायक श्री कुलदीप सिंह जुनेजा जी की उपस्थिति में लांचिग की गई।
इस विशेष अवसर पर कंपनी के वरिष्ट अधिकारी श्री प्रतिक प्रणव (छ.ग., सेल्स हेड ), श्री अरिजीत भट्टाचार्य ( छ.ग., सर्विस हेड ), के साथ श्री हर्ष पाठक (एरिया इंचार्ज सेल्स, रायपुर) और श्री नीरज ठक्कर (एरिया इंचार्ज सर्विस रायपुर ) के द्वारा स्कुटर की तकनीकी विशेषताओ की विस्तृत जानकारी दी गई । उन्होने बताया की अब स्टैंडर्ड, डिलक्स एंव वेरियेंट में उपलब्ध हैं। यह मॉडल 6 कॅलर में उपलब्ध हैं । इसमें Key Less, SmartFIND, SmartSAFE, SmartSTART, SmartUNLOCK, Alloy Wheel, Telescopic Suspension, Dual Lid, E&ternal Fuel Fill, Battery indicator Áñâð Smart Features उपलब्ध हैं, जो उच्च शक्ति और उच्च इंजन के साथ ही साथ बेहतर माइलेज भी देता हैं।
तथा इस अवसर पर 51 सम्माननीय ग्राहको को गाडी की डिलवरी मुख्य अतिथि माननीय विधायक जी द्वारा दी गई एंव 64 गाडीयो की स्श्चशह्ल बुकिंग की गई । ग्राहको के शानदार प्रतिक्रिया को देखते हुए इसकी बुकिंग रायपुर के चारो डीलरशिप में चालु कर दी गई है।
जिसमे स्टैंडर्ड वेरियंट का एक्स शोरूम मूल्य 75901 रू, डिलक्स वेरियेंट का एक्स शोरूम मूल्य 78401 रू और स्मार्ट वेरियेंट का एक्स शोरूम मूल्य 81902 रू हैं। सभी कलर्स तथा मॉडल्स में उपलब्ध हैं । ग्राहको के लिए न्यूनतम 4999/- डाउन पेमेंट पर गाडी खरीदने का सुनहरा अवसर है। तो आज ही आए और आकर्षक ऑफर के साथ अपनी मनपंसद घर ले लाए।
रायपुर, 14 फरवरी। कैट ने बताया कि 15 फरवरी दिन बुधवार को शाम 3:30 बजे कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यालय में कैट सी.जी. चैप्टर एवं लघु उद्योग भारती के संयुक्त तत्वाधान में उद्यमिता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश एमएसएमई प्रभारी श्री मोहम्मद अली हिरानी ने बताया कि 15 फरवरी दिन बुधवार को शाम 3:30 बजे कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यालय में कैट सी.जी. चैप्टर एवं लघु उद्योग भारती के संयुक्त तत्वाधान में उद्यमिता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा।
उपरोक्त कार्यशाला में श्री राजीव एस जी, संयुक्त निदेशक, एमएसएमई -डीएफओ, रायपुर, श्री उमेश प्रसाद जी, सहायक निदेशक, एमएसएमई -डीएफओ, रायपुर, सीए इकबाल फरिश्ता, श्री अर्जुन सिंह जी, वरिष्ठ प्रबंधक यूको बैंक, श्री अमर पारवानी जी, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिय़ा ट्रडर्स (कैट) विशेष रूप उपस्थ्ति रहेगें। एमएमएमई में जो नये प्रावधान आये है, जिसकी जानकारी अधिकारियो द्वारा दी जायेगी। सभी व्यापारियों से अनुरोध है, कि उपरोक्त कार्यशाला में जरूर पधारें ।
उद्यमिता जागरूकता कार्यशाला आयोजन मिटिंग में कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- मगेलाल मालू, परमानन्द जैन, वासु माखीजा, भरत जैन, महेन्द्र कुमार बागरोडिया, विजय गोयल, प्रीतपाल सिंह बग्गा, नरेश पाटनी, जयराम कुकरेजा, विजय जैन, अवनीत सिंह, दीपक विधानी एवं मोहन वर्ल्यानी आदि।
हाई टेंशन तार से चिपक गया था मासूम
रायपुर, 14 फरवरी। फल तोडऩे पेड़ पर चढ़े मासूम को हाई टेंशन तार ने अपनी चपेट में ले लिया, हादसे में मासूम बुरी तरह झुलस गया और इस दौरान उसकी श्वास नली बुरी तरह जल गई।
इस मासूम को महादेव घाट रोड रायपुरा चौक स्थित ओम हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने छाती की हड्डी और मास से नई श्वास नली बनाई गई है. ये ऑपरेशन बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ कमलेश अग्रवाल और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ निधिन बी द्वारा किया गया है.
महासमुंद जिले के सोनदादर के छुईहा पंचायत के रहने वाले मिथलेश ध्रुव के पिता ने बताया कि उनका बेटा कोई फल तोडऩे दोस्तों के साथ गया था. 15 वर्षीय मिथलेश और उसके दोस्त पेड़ में चढ़े. इसी दौरान हाई टेंशन तार ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। मासूम बुरी तरह झुलस गया, जिसके बाद परिजनों को इसकी जानकारी मिली और वे उसे पहले बागबाहरा के शासकीय अस्पताल और फिर महासमुंद के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां मासूम का ऑपरेशन किया गया।
लेकिन ऑपरेशन फेल हो गया, इस दौरान नली के माध्यम से मासूम सांस लेता रहा. इसके बाद मासूम को ओम हॉस्पिटल लाया गया. जहां डॉ कमलेश अग्रवाल और डॉ निधिन बी के नेतृत्व में ऑपरेशन किया गया.
डॉ कमलेश अग्रवाल बताते है कि ये छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा ऑपरेशन है जिसमें छाती की हड्डी और मासपेशियों से मासूम की श्वास नली बनाई गई है. इसे करने के लिए जब उन्होंने तैयारी की तो उन्हें भी ऐसे ऑपरेशन को करने के लिए बहुत अधिक लिट्रेचर नहीं मिले।
यही कारण है कि वे कह रहे है कि ये छत्तीसगढ़ का पहला केस है. उन्होंने कहा कि मरीज को 1-2 दिनों में डिस्चार्ज किए जाने की तैयारी है. चूंकि मरीज के अन्य घाव अभी भरे नहीं है, इसलिए उसे अस्पताल में रखा गया है. वहीं मरीज अब खुद से खाना-पीना भी कर रहा है.
बोलने की ग्रंथी भी है पैरालाइज
डॉ कमलेश बताते है कि हाई टेंशन तार की चपेट में आने से मासूम की श्वास नली तो जली ही वहीं, बोलने की ग्रंथी भी पैरालाइज हो गई है. वहीं इस ऑपरेशन के बाद अब मरीज स्वस्थ्य है. लेकिन बोलने वाली ग्रंथी में इसका क्या असर होगा ये 1-2 महीने की रिकवरी के बाद ही स्पष्ट होगा।
रायपुर, 14 फरवरी। छत्तीसगढ़ के संजीवनी कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल करते हुए राज्य का पहला रोबोटिक इसोफैगक्टोमी सफलतापूर्वक किया है।
डॉ दिवाकर पांडेय, सीनियरसर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, ने इस इनोवेटिवट्रीटमेंटप्रोसीजर के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। वह बताते हैं कि, इस कॉम्प्लेक्सप्रोसीजर (जिसमें इसोफैगस को हटाना शामिल है) को पहली बार अत्याधुनिक रोबोटिकसर्जिकलसिस्टम का उपयोग करके सक्सेसफुलट्रीटमेंट किया गया है।
इसोफेजियल कैंसर से पीडि़त 45 वर्षीय व्यक्ति का रायपुर के संजीवनी कैंसर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। इस सर्जरी (जिसे पूरा करने में आमतौर पर कई घंटे लगते हैं) को रोबोटिकसिस्टम का उपयोग करके केवल दो घंटे में पूरा किया गया। इस प्रोसीजर की सर्जिकल टीम के प्रमुख सर्जन डॉ दिवाकर पांडे ने साझा किया कि ट्रीटमेंट के बाद अब मरीज ठीक है। इस कॉम्प्लेक्सप्रोसीजर के दौरान सटीकता और नियंत्रण बढ़ाने के लिए रोबोटिक प्रणाली के उपयोग की अनुमति दी गई, जिसके परिणामस्वरूप कम ब्लड लॉस हुआ और मरीज की प्रोसीजर से रिकवरी भी सामान्य के मुकाबले बेहतर और जल्दी हुई।
यह छत्तीसगढ़ राज्य और रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसोफेजेक्टॉमी जैसी जटिल प्रक्रियाओं में रोबोटिकसिस्टम का उपयोग तेजी से सामान्य होता जा रहा है, और उम्मीद है कि भविष्य में रोगी के परिणामों और वसूली के समय में सुधार जारी रहेगा।
सर्जिकल टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ दिवाकर पांडे ने कहा हम मरीज के स्वास्थ्य में सुधार के लिए इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के अवसर के लिए आभारी हैं। इस रोबोटिकप्रोसीजर से ब्लड लॉस में कमी, सर्जरी में ज्यादा सटीकता और निपुणता के साथ ही मरीज को जल्दी रिकवरी भी होती है, जिससे उसे जल्दी डिस्चार्ज भी किया जा सकता है।
यह राज्य के लिए एक बड़ा कदम है।"
डॉ. यूसुफमेमन ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सर्जिकल टीम के प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने साझा किया कि यह राज्य के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, और उम्मीद है कि इस सफलता की वजह से भविष्य में इसी तरह की स्थिति वाले और अधिक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय मरीज छत्तीसगढ़ की ओर आकर्षित होंगे, जिससे राज्य में मेडिकलटूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल में कुछ महीनो पहले से अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी प्रोग्राम शुरू की गई है और कोलोरेक्टल, गाइनेकोलॉजिकल, थोरेसिक, थायराइड, एवं नेक डाइसेक्शन जैसी मेजर कैंसर सर्जरी रोबोट के द्वारा की जा रही है।
सर्जरी में रोबोटिक तकनीक का उपयोग आने वाले वर्षों में तेजी से सामान्य होने की उम्मीद है, क्योंकि यह पारंपरिक सर्जिकल तकनीकों की तुलना में कई फायदे प्रदान करता है। इसोफेजेक्टॉमी में, रोबोटिकसिस्टम मरीजों के लिए अधिक सटीकता, नियंत्रण और स्पीडीरिकवरी में मददगार साबित हुआ और ऐसे ही अन्य जटिल सर्जरी में भी इसके फायदों का कैंसर मरीज लाभ लेते रहेंगे।
रायपुर, 13 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
कैट ने बताया कि कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 8 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर ऑफ़ इंडिया द्वारा अमेजन और फ़्िलपकार्ट सहित 20 से अधिक ई-फ़ार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने सराहना की है जिसमें जवाब देने के लिए दो दिन का नोटिस दिया है।
कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया है कि इन कम्पनियों द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के दिनांक 12.12.2018 के डॉ. ज़हीर अहमद बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया के मामले कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश की अवहेलना में ऑनलाइन दवाइयाँ बेची जा रही है।
इस मुद्दे पर कैट ने साउथ दिल्ली केमिस्ट एसोसिएशन और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के साथ अतीत में ई-फार्मेसी के खिलाफ पुरज़ोर रूप से आवाज उठाई थी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडवीय से जून 22 में मुलाक़ात कर एक ज्ञापन देकर इनके खिलाफ कारवाई करने की माँग की थी।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने सरकार से आग्रह किया कि जो भी ई फ़ार्मेसी कम्पनियाँ ड्रग एवं कास्मेटिक्स एक्ट का पालन नहीं कर रहीं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाये जाएँ।
दवा जैसी वस्तुएँ जो मानव जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है को बिना क़ानून की पालना किए बेचा जाना को क़तई जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है। ये सभी ई फ़ार्मेसी कम्पनियाँ बिना लाइसेंस के दवाएँ बीच रही हैं जो सीधे रूप क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन है। क़ानून के अंतर्गत स्पष्ट प्रावधान है की किसी भी दवा को बेचने, भंडारण करने, वितरण करने अथवा प्रदर्शित करने के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक है और बिना लाइसेंस इसमें से कुछ भी गतिविधि नहीं की जा सकती है।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की ये कम्पनियाँ अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर दवाओं का प्रदर्शन करती हैं इसलिए बिना लाइसेंस दवा बेचना क़ानून का उल्लंघन है। ड्रग क़ानून के नियम 61, 64 और 65 के साथ पठित अधिनियम की धारा 18 (सी) के अंतर्गत दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री या प्रदर्शन के लिए एक वैध लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसलिए, बिना लाइसेंस के इन ई-फ़ार्मा प्लेटफ़ॉर्म पर इन दवाओं की प्रदर्शनी और बिक्री की पेशकश अधिनियम और नियमों का सीधा उल्लंघन है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने आगे कहा कि इनमें से कई कम्पनियाँ विदेशी नियंत्रित हैं और इसलिए इनको लाइसेंस नहीं मिल सकता । यदि इन विदेशी कंपनियों को लाइसेंस दिया गया तो यह मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र या इन्वेंट्री आधारित ई-कॉमर्स में मौजूदा एफडीआई नीति का उल्लंघन होगा।
रायपुर, 13 फरवरी। छत्तीसगढ़ की मेन्स अंडर-25 टीम का मैच दिनांक 12 फरवरी 2023 से 15 फरवरी 2023 तक सरदार पटेल स्टेडियम वलसाद, गुजरात में छत्तीसगढ़ विरूद्ध गुजरात की टीम के मध्य खेला जा रहा है। गुजरात की टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।
पहले दिन का खेल समाप्त होने तक-गुजरात की टीम ने पहली पारी में 434 रन, 6 विकेट, 89.0 ओवर में बनाए। गुजरात की टीम ने बल्लेबाजी करते हुए-नाम-समित पटेल 123 रन, 147 बॉल, 16 चौका, 1 छक्का, नाम-क्षितिज पटेल 1/4नॉट ऑउट खेल रहे1/2 78 रन, 83 बॉल, 10 चौका, 0 छक्का, नाम-एम.ए. हिंगराजिया 77 रन, 129 बॉल, 7 चौका, 1 छक्का, नाम-विषाल बी. जैस्वाल 1/4नॉट ऑउट खेल रहे1/2 48 रन, 51 बॉल, 7 चौका, 0 छक्का, पर बनाए।
छत्तीसगढ़ टीम की तरफ से पहली पारी में गेंदबाजी करते हुए-नाम-आयुश सिंह ठाकुर 18.0 ओवर, 1 मैडन, 97 रन, 2 विकेट, नाम-दीपक सिंह 18.0 ओवर, 3 मैडन, 109 रन, 2 विकेट, नाम-सुधांषू वर्मा 18.0 ओवर, 0 मैडन, 78 रन, 1 विकेट, नाम-गगनदीप सिंह 20.0 ओवर, 1 मैडन, 65 रन, 1 विकेट, लिए। मैच का विवरण - गुजरात पहली पारी 434 रन 6 विकेट 89.0 ओवर।
रायपुर, 12 फरवरी। अग्रसेन महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आज सम्पन्न हो गया।
इस सेमीनार के तीसरे और अंतिम दिन मीडिया की भूमिका और मीडिया कानून पर समग्र रूप से अपने विचार रखते हुए केन्द्रीय विश्व विद्यालय मोतीहारी (बिहार) के प्राध्यापक डॉ परमात्मा कुमार मिश्र, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के रीडर डॉ नरेंद्र त्रिपाठी, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अनंतराम प्रधान एवं रायपुर दूरदर्शन के सहायक निदेशक श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया में जब जनहित के मुद्दे गायब होने लगें, तो हमें ही जागरूक होना पड़ेगा।
ऐसे में मीडिया के लिए बने कानूनों का अनुपालन कराने के लिए भी जनता को ही सक्रिय होना पड़ेगा. यह मीडिया साक्षरता से ही संभव है. आज के दो अन्य वक्ताओं ने भी लोक तंत्र की मजबूती के लिए मीडिया कानूनों के अनुपालन पर जोर दिया। पहले सत्र कि अध्यक्षता करते हुए डॉ परमात्मा कुमार मिश्र ने कहा कि मीडिया में हर दिन नई तकनीक आ रही है।
कोई भी तकनीक अपने आप में अछि या बुरी नहीं होती. ठीक उसी प्रकार जैसे चाकू अच्छी या बुरी नहीं है, लेकिन उसका इस्तेमाल करते समय हम उसका सदुपयोग और दुरूपयोग दोनों कर सकते हैं. इस कार्य में मीडिया की भूमिका सबसे अहम होती है. उन्होंने कहा कि मीडिया को समय समय पर उसकी भूमिका बताने के लिए नागरिक को ही जिम्मेदारी लेनी होगी
आज के सत्र में "प्रसार भारती अधिनियम, सिनेमेटोग्राफी एक्ट और केबल टीवी एक्ट के अनुपालन" पर अपने विचार रखते हुए रायपुर दूरदर्शन के सहायक निदेशक श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने सभी प्रकार के मीडिया को अराजक होने से रोकने के लिए पर्याप्त कानून बनाया हुआ है. किन्तु कई बार विभिन्न कारणों से इन कानूनों का अनुपालन नहीं हो पाता. और तभी हम टेलीविजन, ओटीटी, केबल टीवी या सिनेमा में कुछ ऐसे दृश्य या प्रसंग देखने पर विवश हो जाते हैं, जिसे पहले ही रोक दिया जाना चाहिये था. यहीं पर सिनेमेटोग्राफी और केबल टीवी एक्ट की भूमिका होती है.
आज के दूसरे वक्ता रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अनंतराम प्रधान ने "साइबर कानून के अनुपालन" विषय पर कहा कि वर्तमान समय में सूचना क्रांति के कारण रोज हमें नई-नई तकनीकी से जुडऩा पड़ रहा है. लेकिन हम सभी तकनीकों को पूरी तरह से नहीं जान पाते. हमारी इसी कमी का फायदा उठाकर कुछ लोग ठगी, धोखा और जालसाजी जैसे अपराधों को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं. यहीं ओपर मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, कि वह जनता को नई नई ताकिनिकों के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं से परिचित कराये.
वहीँ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्व विद्यालय के इलेक्ट्रानिक मीडिया संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया कानूनों के प्रति जनता को भी जागरूक होने से ही लोकतंत्र का भविष्य उज्जवल हो सकता है. इसके लिए देश के प्रत्येक दर्शक और पाठक को मीडिया साक्षर होना पड़ेगा. तभी मीडिया को जवाबदेह बनाया जा सकता है.
इससे पहले स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि मीडिया के लिए यूं तो बहुत से कानून बने हुए हैं. लेकिन कई बार इनका पालन ठीक तरह से नहीं हो पाता. इसके लिए पाठक या दर्शक को आगे आना होगा. इस तीन दिवसीय सेमीनार को महाविद्यालय के लिए विशेष आयोजन बताते हुए अपने धन्यवाद ज्ञापन में प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि समय के साथ मीडिया और उससे जुड़े कानूनों का विस्तार होता जा रहा है. इसलिए पत्रकारिता के छात्रों को इन कानूनों को जानना चाहिए. उनोने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, चाणक्य लॉ एकेडमी एवं खेत्रपाल लॉ एजेंसी को भी उनके सहयोग के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया. महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने कहा कि मीडिया के कानूनों की जानकारी सभी को होना आवश्यक है. क्योंकि इसके बिना दर्शक और पाठक अपने अधिकारों और दायित्वों से परिचित नहीं पाएंगे.
अंत में सभी वक्ताओं को महाविद्यालय परिवार की ओर से स्म्रृति चिन्ह प्रदान किये गए. आज के दोनों सत्रों के समापन पर पत्रकारिता संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. विभाष कुमार झा ने तीन दिन की समस्त अकादमिक गतिविधियों एवं विचार विमर्श का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के दोनों सत्रों का संचालन प्रबंध संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ शोभा अग्रवाल ने किया. वहीँ कार्यक्रम का संयोजन पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक प्रो राहुल तिवारी ने किया. इसमें पत्रकारिता संकाय के प्राध्यापक प्रो. हेमंत सहगल, प्रो सुरभि अग्रवाल, वाणिज्य संकाय के प्राध्यापक प्रो. अभिषेक अग्रवाल, प्रो, अभिनव अग्रवाल, प्रो. भावना गढ़ेवाल, डॉ नुपूर अग्रवाल, प्रो रिदवाना हसन, कम्प्यूटर संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो विकास शर्मा. प्रो वैभव इंगले, प्रो. रूचि शर्मा, प्रो दीपिका अवधिया, समाज कार्य संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो मो रफीक, प्रो रुक्मिणी अग्रवाल सहित समस्त प्राध्यापकों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. इस तीन दिवसीय सेमिनार के तीसरे और अंतिम दिन समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए.
रायपुर, 12 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।
देश में नकद के चलन को बेहद कम किया जाए और इसी के मद्देनजर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मास्टरकार्ड को अपने टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में रखते हुए डिजिटल पेमेंट के मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान डिजिटल भुगतान से व्यापार आसान नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार से शुरू किया गया जिसका उद्द्घाटन केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने किया तथा मध्य प्रदेश -छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर श्री नवनीत गोयल, मास्टरकार्ड के पब्लिक पालिसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री रवि अरोरा सहित अन्य अनेक विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
कैट राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र ने कहा की व्यापारिक समुदाय को अपने वर्तमान व्यापार प्रारूप में डिजिटल-ई-रुपये के प्रभाव को समझना जरूरी है और यह भी जानना आवश्यक है की अब व्यवसाय में डिजिटल भुगतान को अपनाना और स्वीकार करना क्यों आवश्यक हो गया है।
खासकर तब जब उपभोक्ता अपनी खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान को तेजी से अपना रहे हैं। इसी को बात को ध्यान में रखते हुए कैट ने यह अभियान शुरू किया है जो देश के सभी राज्यों में खासकर टियर 3 और टियर 4 शहरों में आक्रामकता के साथ कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशॉप आदि के जरिये चलाया जायेगा ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि इस राष्ट्रीय अभियान की श्रृंखला का श्री गणेश करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव श्री रोहित सिंह ने कहा की व्यापारी एवं उपभोक्ता एक दूसरे के पर्याय हैं और जिस तेज़ी से देश भर के ग्राहकों विशेष रूप से युवा वर्ग में खऱीदी व्यवहार में डिजिटल तरीक़े से सामान खऱीदने के परिवर्तन को देखते हुए व्यापारियों को अपने व्यापार में डिजिटल तकनीक को अपनाना ज़रूरी है । डिजिटल पेमेंट को अपनाये जाने से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और फिर नीतियाँ और बेहतर बन सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा की टेक्नोलॉजी के विस्तार को कोई भी नहीं रोक सकता है और किसी भी हालत में देश के व्यापार को इससे अछूता नहीं रखा जा सकता है । डिजिटल पेमेंट के बहुत फ़ायदे हैं जिनसे व्यापारी अपने व्यापार में चाहे जितना विस्तार कर सकते हैं ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने आगे बताया कि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर श्री नवनीत गोयल ने कहा की व्यापारियों द्वारा डिजिटल पेमेंट अपनाने से उनके व्यापार की एकाउंटिंग स्वत: ही हो जाएगी क्योंकि डिजिटल पेमेंट के ज़रिए सभी लेन देन रिकॉर्ड होगा और व्यापार को सही अर्थों में बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने कहा की डिजिटल पेमेंट के अपनाये जाने से स्वाभाविक रूप से जीएसटी राजस्व में वृद्धि होगी और ऐसा होने पर आय कर की दरों में कटौती की संभावनाएँ मजबूत होंगी
श्री पारवानी एवं दोशी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर लगने वाला चार्ज देश में डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने में प्रमुख बाधाओं में से एक है और इसलिए सरकार को 5 साल के लिए डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले चार्ज को हटाना चाहिए लेकिन चार्ज की यह राशि बैंकों को सीधे सब्सिडी के रूप में देनी चाहिए।
दोनों व्यापारी नेताओं ने सेमिनार में यह भी कहा कि अगर सरकार डिजिटल भुगतान का उपयोग करने वाले व्यक्तियों और व्यावसायिक संस्थाओं के लिए एक व्यापक प्रोत्साहन नीति तैयार करनी चाहिए वहीं सरकार को एक डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन बोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया है जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारियों और उपभोक्ताओं के प्रतिनिधि शामिल हैं
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने याद दिलाया कि सरकार ने अगस्त, 2015 में एक प्रोत्साहन प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया था जिसमें कुछ कर लाभों और बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले लेन-देन की लागत से छूट का उल्लेख है। सरकार से उक्त प्रस्तावों को लागू करने का आग्रह करते हुए कैट ने कहा कि डिजिटल भुगतान के माध्यम से व्यापार लेनदेन में भुगतान स्वीकार करने वाले दुकानदारों को प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रस्ताव व्यापारियों को ई-भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। भारत के भुगतान परिदृश्य के संदर्भ में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत में लगभग 97 प्रतिशत खुदरा लेनदेन नकद में किया जाता है जबकि केवल 11 प्रतिशत उपभोक्ता भुगतान के लिए डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं और केवल 6 प्रतिशत व्यापारी भारत में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान स्वीकार करते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 82 प्रतिशत ग्राहक मोबाइल के माध्यम से लेनदेन करने के बारे में अनजान हैं जबकि लगभग 79 प्रतिशत ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में अनजान हैं। करीब 89 फीसदी व्यापारी डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के पक्ष में हैं। इसलिए देश में डिजिटल पेमेंट के बारे में एक व्यापक अभियान चलाया जाना बेहद जरूरी है।
रायपुर, 12 फरवरी। कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर 100-150 के बैंड में हृढ्ढक्रस्न रैंकिंग के साथ एक हृ्र्रष्ट क्च+ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है और यह मध्य भारत में उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरा है।
विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन आदि जैसे अनुमोदन अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त है।
कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर एक प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान पर केंद्रित है। कलिंगा विश्वविद्यालय शिक्षण में उत्कृष्टता, ज्ञान सृजन के लिए नवाचार की पहुंच और हमारे छात्रों को उन्नत और एकीकृत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वाणिज्य और प्रबंधन संकाय ने डिजाइन का उपयोग करके नवाचार संचालित परियोजनाओं के डिजाइन और निष्पादन से संबंधित अत्याधुनिक दृष्टिकोण, विचारों, अवधारणाओं और समाधानों के बारे में छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग एंड इनोवेशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डिजाइन थिंकिंग और इनोवेशन की शुरुआत के साथ हुई, जो छात्रों को समस्या की पहचान और रीफ्रैमिंग, दूरदर्शिता, हिंडसाइट और इनसाइट जेनरेशन के एडवांस इनोवेशन और ग्रोथ माइंडसेट विकसित करने में मदद करता है। छात्रों ने डिजाइन थिंकिंग के महत्व के बारे में सीखा और निकट भविष्य में इसके दायरे के बारे में खुद को जागरूक किया।
इन सभी महत्वपूर्ण कारकों को समझाया गया और छात्रों को एक ही समय में समझने और बातचीत करने के लिए प्रेरित किया गया। अंत में छात्रों के सीखने और समझने के कौशल का परीक्षण करने के लिए एक प्रश्न और उत्तर सत्र आयोजित किया गया। साथ ही विषय वस्तु से संबंधित प्रश्नों का भी निष्पक्ष उत्तर दिया गया ।
इस प्रकार कलिंगा विश्वविद्यालय छात्रों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने और उन्हें एक लीडर और एक विश्लेषक दोनों के विविध दृष्टिकोण के साथ प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता पर हमेशा खड़ा साबित हुआ है।
रायपुर, 12 फरवरी। रोटरी में, हम एक ऐसी दुनिया देखते हैं जहां लोग एकजुट होते हैं और दुनिया भर से, जिसकेद्वाराहमारे समुदायों में और खुद में स्थायी बदलाव लाने के लिए प्रेरितकरते हैं। रोटरी 1.4 मिलियन पड़ोसियों, दोस्तों, नेताओं और समस्या-समाधानकर्ताओं का एक वैश्विक नेटवर्क है जो एक ऐसी दुनिया देखते हैं जहां लोग एकजुट होते हैं और स्थायी परिवर्तन लाने के लिए कार्रवाई करते हैं - दुनिया भर में, हमारे समुदायों में और खुद में।
रोटरी के सदस्यों का मानना है कि हमारे पास दुनिया के सबसे स्थायी मुद्दों पर कार्रवाई करने की एक साझा जिम्मेदारी है। हमारे 46,000+ क्लब मिलकर काम करते हैं। स्वच्छता प्रदान करने के विजन के तहत, रोटरी ने यूनिसेफ के सहयोग से वॉश - वाटर, सेनिटेशन एंड हाइजीन नामक एक कार्यक्रम शुरू किया।
यूनिसेफ वॉश इन स्कूल के रूप में अभियान को बढ़ावा दे रहा है, इस ड्राइव के तहत वे स्वच्छ हाथ के लिए 7 चरणों का अभ्यास विकसित करते हैं। रायपुर ग्रेटर के हमारे क्लब रोटरी क्लब ने इस चुनौती को 101 स्कूलों को जागरूक करने के मिशन के रूप में लिया, जिसमें किंडर गार्डन से माध्यमिक तक 50,000 से अधिक छात्रों को शामिल किया गया।
हम गर्व से छत्तीसगढ़ के स्कूलों और रोटरी जिलेनंबर3261 में 101 हैंड वॉश सेमिनार के सफलतापूर्वकसंपन्नकी घोषणा करते हैं। हमारे नेतृत्व में 4 महीने से अधिक लंबे अभियान के दौरान छात्रों को हैंड वॉश के सरल चरणों, इसके महत्व को समझाया और प्रदर्शित किया गया। अध्यक्ष विनय अग्रवाल, क्लब वॉश के अध्यक्ष पीपी के पाणिग्रही और हमारे क्लबों के समर्पित रोटेरियन।
संगोष्ठी वॉश पर विशेष ध्यान देने के साथ फोकस के विभिन्न पहलुओं 7 क्षेत्रों को संबोधित करेगी। पीडीजी रमेश अग्रवाल, आरआईडी 3010, वॉश वारियर्स और डायरेक्टर, वॉश रोटरी एक्शन ग्रुप (2017-23) ने, छत्तीसगढ़ के डीजी शशांक रस्तोगी, यूनिसेफकेश्री आशीष सिंग और बिरिजा शतपथी और अन्य प्रतिष्ठित वक्ताओं के साथ मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने के लिए सहमति दी है।
हम पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश से इस संगोष्ठी में सैकड़ों लोगों के इक_ा होने की उम्मीद कर रहे हैं।
रायपुर, 11 फरवरी। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि आज प्रदेश के औद्योगिक नीति में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में महिला चेंबर विंग एवं चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग विभाग सचिव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बुलाई गई बैठक में सचिव श्री भुवनेश यादव, संयुक्त सचिव श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, अपर संचालक श्री प्रवीण शुक्ला, ओ एस डी श्री आलोक त्रिवेदी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक श्री अभय कुमार देवांगन से मिलकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने बताया कि महिला चेंबर द्वारा प्रदेश के औद्योगिक नीति में महिला उद्यमियों की सहभागिता एवं भूमिका बढ़ाने तथा महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु संपूर्ण प्रदेश से सुझाव मांगे गए थे जो निम्नानुसार हैं:-महिला प्रमुख उद्यमिता कंपनियों को परिभाषित किया जाए, महिला उद्यमियों का नवीन आद्योगिक निति में वर्गीकरण, महिला उद्यमियों हेतु एकल खिडक़ी प्रणाली।
उधमिता विकास एवं कौशल उन्नयन, स्टार्टअप हेतु प्रभावशाली तंत्र का निर्माण, नवीन आद्योगिक नीति में महिला वर्ग के उद्यमियों के लिए विशेष पैकेज हेतु प्रावधान हो, विद्युत शुल्क में छूट, स्टांप शुल्क से छूट, गवर्मेंट ई मार्केटप्लेस ) पोर्टल सम्बन्धी, तकनीकी पेटेंट अनुदान सम्बन्धी, भू–प्रब्यजी जी तथा भू–भाटक में पूर्ण रूप से छूट सम्बन्धी।
पट्टा भू-प्रीमियम एवं किराया सम्बन्धी, प्रदूषण शुल्क पर सब्सिडी सम्बन्धी, फैक्ट्री लाइसेंस फीस में छूट सम्बन्धी, उच्च महिला रोजगार में विस्तार सम्बन्धी, प्रदर्शनी सब्सिडी सम्बन्धी, माल ढुलाई सब्सिडी , निविदाओं में महिला वेंडर वरीयत, नेट जीएसटी प्रितिपुर्ती नियम में क्च ञ्जश ष्ट के साथ क्च ञ्जश क्च को भी अनुदान सम्बन्धी। क्लस्टर विकास सम्बन्धी, कुटीर उद्योग सम्बन्धी निर्यात सम्बन्ध।
महिला चेंबर अध्यक्ष श्रीमती मधु अरोरा ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में महिला उद्यमी भी प्राप्त अवसरों को उपलब्धियों में बदलने की क्षमता रखती है। वे देश व राज्य के उत्पाद, लाभ और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में मदद करते हैं।
नई दिल्ली, 11 फरवरी। भारत में तेज़ी से विकसित होते इलेक्ट्रिक वाहनों के ब्राण्ड Okaya EV ने नए स्कूटर Okaya Faast Fx 3 के लॉन्च के साथ अपनी ‘Faast’ सीरीज़ को और भी सशक्त बना लिया है, इस सीरीज़ के स्कूटरों को बेहतरीन परफोर्मेन्स एवं शानदार रेंज के लिए जाना जाता है।
Okaya Faast Fx 3 एक बार चार्ज करने के बाद 125 किलोमीटर की रेंज देता है। यह वॉटरप्रूफ और डस्ट-रेजि़स्टेन्ट है तथा लोडिंग क्षमता पर 70 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड देता है। अपने अनूठे फीचर्स और सुरक्षा मानकों से युक्त को उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो किफ़ायती एवं भरोसेमंद स्कूटर चाहते हैं।
आधुनिक उपभोक्ताओं की ज़रूरतों को पूरा करने वाला यह स्कूटर 1200 वॉट की मोटर से पावर्ड है जो 2500 वॉट की पीक पावर देता है तथा लिथियम-आयन एलएफपी ड्यूल बैटरियों से युक्त स्विचेबल टेक्नोलॉजी के साथ आता है, जिससे बैटरी लाईफ बढ़ती है।
इसे पूरी तरह से चार्ज होने में तकरीबन 4-5 घण्टे लगते हैं। स्कूटर बैटरी एवं मोटर पर 3 साल की वारंटी के साथ आता है। फास्ट एफ3 के लॉन्च के साथ ओकाया ने भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर को किफ़ायती बनाने और इलेक्ट्रिक स्कूटरों की पहुंच बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।