कारोबार

अमेजन एवं फ्लिपकार्ट को ड्रग कंट्रोलर नोटिस दिए जाने की कैट ने सराहना की
13-Feb-2023 3:30 PM
अमेजन एवं फ्लिपकार्ट को ड्रग कंट्रोलर नोटिस दिए जाने की कैट ने सराहना की

रायपुर, 13 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,  अमर गिदवानी,  प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव,  परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,  कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौंबे ने बताया।

कैट ने बताया कि कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 8 फरवरी को ड्रग कंट्रोलर ऑफ़ इंडिया द्वारा अमेजन और फ़्िलपकार्ट सहित 20 से अधिक ई-फ़ार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने सराहना की है जिसमें जवाब देने के लिए दो दिन का नोटिस दिया है। 
कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया है कि इन कम्पनियों द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के दिनांक 12.12.2018 के डॉ. ज़हीर अहमद बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया के मामले कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश की अवहेलना में ऑनलाइन दवाइयाँ बेची जा रही है।
 

इस मुद्दे पर कैट ने साउथ दिल्ली केमिस्ट एसोसिएशन और दिल्ली ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के साथ अतीत में ई-फार्मेसी के खिलाफ पुरज़ोर रूप से आवाज उठाई थी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री  श्री मनसुख मांडवीय से जून 22 में मुलाक़ात कर एक ज्ञापन देकर इनके खिलाफ कारवाई करने की माँग की थी।

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष  श्री जितेन्द्र दोशी ने  सरकार से आग्रह किया कि जो भी ई फ़ार्मेसी कम्पनियाँ ड्रग एवं कास्मेटिक्स एक्ट का पालन नहीं कर रहीं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाये जाएँ। 
दवा जैसी वस्तुएँ जो मानव जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है को बिना क़ानून की पालना किए बेचा जाना को क़तई जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है। ये सभी ई फ़ार्मेसी कम्पनियाँ बिना लाइसेंस के दवाएँ बीच रही हैं जो सीधे रूप क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन है। क़ानून के अंतर्गत स्पष्ट प्रावधान है की किसी भी दवा को बेचने, भंडारण करने, वितरण करने अथवा प्रदर्शित करने के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक है और बिना लाइसेंस इसमें से कुछ भी गतिविधि नहीं की जा सकती है। 

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की  ये कम्पनियाँ अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म  पर दवाओं का प्रदर्शन करती हैं  इसलिए बिना लाइसेंस दवा बेचना क़ानून का उल्लंघन है। ड्रग क़ानून के  नियम 61, 64 और 65 के साथ पठित अधिनियम की धारा 18 (सी) के अंतर्गत दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री या प्रदर्शन के लिए एक वैध लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसलिए, बिना लाइसेंस के इन ई-फ़ार्मा प्लेटफ़ॉर्म पर इन दवाओं की प्रदर्शनी और बिक्री की पेशकश अधिनियम और नियमों का सीधा उल्लंघन है।

श्री पारवानी और श्री दोशी ने आगे कहा कि इनमें से कई कम्पनियाँ विदेशी नियंत्रित हैं और इसलिए इनको लाइसेंस नहीं मिल सकता । यदि इन विदेशी कंपनियों को लाइसेंस दिया गया तो यह मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र या इन्वेंट्री आधारित ई-कॉमर्स में मौजूदा एफडीआई नीति का उल्लंघन होगा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news