अंतरराष्ट्रीय
इसराइल के ग़ज़ा पर लगातार बमबारी का आज 16वां दिन है. लगभग दो सप्ताह से चल रहे इस संघर्ष में अब तक 1400 इसराइली मारे गए हैं और 4651 से अधिक ग़ज़ा में रहने वाले फ़लस्तीनी मारे गए हैं.
रविवार को मध्य-पूर्व के इस संघर्ष में क्या कुछ हुआ जानिए-
- ग़ज़ा में 14 ट्रकों वाले दूसरे मानवीय काफ़िले को रफ़ा क्रॉसिंग पार करने की इजाज़त मिल गयी है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने इसे ग़ज़ा के लोगों के लिए "आशा की एक छोटी सी किरण" बताया है.
-अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से बात की और बताया कि दोनों नेताओं ने "पुष्टि की है कि अब ज़रूरतमंद फ़लस्तीनियों को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता मिलती रहेगी.”
-इसराइल के धुर दक्षिणपंथी सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने कहा कि जब तक कि हमास सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार ना हो जाए तब तक ग़ज़ा को " निरंतर मानवीय सहायता" नहीं मिलनी चाहिए.
-अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने एक साझे कॉल में इसराइल के "खुद की रक्षा करने के अधिकार" के लिए अपना समर्थन दोहराया, लेकिन साथ ही "अंतराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन" करने की भी बात की.
-इज़राइल की सेना ने कहा है कि उसके विमान ने लेबनान के अंदर घुस कर हिजबुल्लाह को दो ठिकानों पर हमला किया, ये ठिकाने इसराइल की ओर एंटी टैंक मिसाइलें और रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रहे थे. (bbc.com/hindi)
सैन फ्रांसिस्को, 22 अक्टूबर । अमेरिका में एक जूरी ने फैसला सुनाया है कि गूगल को अपने एक कर्मचारी को 1.1 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा जिसने टेक दिग्गज के खिलाफ लिंग आधारित भेदभाव की शिकायत दर्ज कराई थी।
गूगल क्लाउड की इंजीनियरिंग निदेशक उल्कु रोवे ने आरोप लगाया कि कंपनी कम अनुभवी पुरुष अधिकारियों को हाई सैलरी देती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गूगल ने उनकी शिकायतों के जवाब में उन्हें प्रमोशन भी देने से इनकार कर दिया।
ब्लूमबर्ग लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क जूरी ने गूगल को दंडात्मक क्षति और दर्द और पीड़ा दोनों के लिए भुगतान करने का आदेश दिया।
द वर्ज को भेजे गए एक ईमेल में, आउटटेन एंड गोल्डन की वकील कारा ग्रीन ने कहा कि सर्वसम्मत फैसला न केवल गूगल के दुर्व्यवहार का विरोध करता है, बल्कि यह मैसेज भी देता है कि कार्यस्थल पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ग्रीन ने इसका श्रेय गूगल के हजारों कर्मचारियों को दिया, जो 2018 में बाहर चले गए और सुधारों की मांग की।
गूगल के लगभग 20,000 कर्मचारियों ने 2018 में इंटरनेट दिग्गज के यौन उत्पीड़न से निपटने के तरीके और अधिक व्यापक रूप से, समानता और पारदर्शिता के आसपास इसकी कार्यस्थल नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
यह विरोध द न्यूयॉर्क टाइम्स के एक लेख के बाद हुआ, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों, विशेष रूप से एंड्रॉइड निर्माता एंडी रुबिन के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बारे में बात की गई थी।
बाद में उन्होंने दावों का खंडन किया।
रोवे के मामले में, जूरी ने फैसला किया कि गूगल ने लिंग-आधारित भेदभाव किया है।
2017 में जब रोवे ने गूगल में शुरुआत की थी तब उनके पास 23 साल का अनुभव था। (आईएएनएस)।
(योशिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 22 अक्टूबर। संयुक्त राष्ट्र के नेताओं और एजेंसियों ने मिस्र से राफा सीमा पार कर गाजा में मानवीय सहायता पहुंचने का स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल एक छोटी सी शुरुआत है। उन्होंने इस दौरान अपनी तत्काल युद्धविराम के लिए की गई अपील को भी दोहराया।
इजिप्शियन रेड क्रिसेंट सोसाइटी के 20 ट्रकों के काफिले ने मानवीय आपूर्ति के साथ गाजा में प्रवेश किया। यह पहली खेप है जो सात अक्टूबर को इजराइल पर फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के हमलों के बाद शुरू हुए युद्ध के बाद गाजा पहुंची है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने शनिवार को कहा,' मैं, इस संबंध में मिस्र के प्रति गहरा आभार व्यक्त करता हूं। लेकिन गाजा को इससे बहुत अधिक चाहिए, उन्हें आवश्यक पैमाने पर मानवीय सहायता की निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता है।'
गुतारेस ने शांति के लिए काहिरा शिखर सम्मेलन में कहा,'हम इसे संभव बनाने के लिए संबंधित सभी पक्षों के साथ लगातार काम कर रहे हैं।'
संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और इजिप्शियन रेड क्रिसेंट सोसाइटी से पहली लेकिन सीमित जीवन रक्षक मानवीय आपूर्ति की खेप राफा सीमा को पार कर गाजा में पहुंची। यह खेप लाखों नागरिकों अधिकतर महिलाओं और बच्चों में से कुछ संख्या को तत्काल आवश्यक राहत जरूर प्रदान करेगी जो पानी, भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें के अभाव का सामने कर रहे हैं।
एजेंसियों ने कहा,'यह बहुत छोटी शुरुआत है और लक्ष्य बहुत बड़ा है। गाजा में 16 लाख लोगों से अधिक को आवश्यक मानवीय मदद की जरुरत है। बच्चे, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे अधिक खतरा है। गाजा की आधी से अधिक आबादी बच्चों की है।' (भाषा)
नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक़ नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था.
माइन्स एंड जियोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रवक्ता मोनिका झा ने बताया कि रविवार सुबह 7.39 बजे आए भूकंप का केंद्र धाडिंग ज़िले का खारी गांव था.
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक भूकंप के कारण घरों में दरारें पड़ गई हैं और कुछ जगहों पर भूस्खलन की शिकायतें भी मिली हैं.
धाडिंग शहर के मुख्य ज़िला अधिकारी बद्रीनाथ गायरे ने बीबीसी नेपाली को बताया कि भूकंप के बाद मिट्टी के घर टूट गए हैं और कई जगह पर पेड़ गिर गए हैं.
उन्होंने बताया, "किसी भी मानवीय क्षति की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. हमने ज्यादा जानकारी के लिए पुलिस को भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजा है."
साल 2015 में 7.6 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था जिसका केंद्र गोरखा का बार्पाक था.
राष्ट्रीय भूकंप मापन एवं अनुसंधान केंद्र के भूकंपविज्ञानी लोकविजय अधिकारी के अनुसार, तब से अब तक इस क्षेत्र में लगभग 50 हजार भूकंप आ चुके हैं. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में 17 अक्टूबर की देर शाम अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए हमले पर कनाडा के रक्षा विभाग ने बयान जारी किया है.
अस्पताल पर हुए हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हुई थी.
रक्षा विभाग ने ओपन सोर्स और क्लासिफाइड रिपोर्टिंग के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा है कि उसे बहुत गहरा विश्वास है कि यह हमला इसराइल ने नहीं किया था.
कनाडा ने कहा कि इसकी अधिक संभावना है कि ग़ज़ा की तरफ से गलत रॉकेट दागा किया, जिसके चलते ये हमला किया.
हमास ने हमले के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है, वहीं इसराइल ने इससे इनकार किया है और इसके लिए ग़ज़ा से दागे गए रॉकेट को ज़िम्मेदार बताया है.
एक दिन पहले फ्रांस की मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी इस तरह का निष्कर्ष निकाला था.
कनाडा, फ्रांस के अलावा अमेरिका का भी यही कहना है कि अस्पताल पर इसराइल ने हमला नहीं किया था.
गजा के अस्पताल पर हमला (bbc.com/hindi)
इसराइल का कहना है कि हिज़बुल्लाह बहुत खतरनाक गेम खेल रहा है.
इसराइल डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता जोनाथन कॉनरिकस ने रविवार सुबह, इसराइल की उत्तरी सीमा पर चल रहे अभियान के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा, "हिज़बुल्लाह बहुत-बहुत खतरनाक गेम खेल रहा है. वे स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि हर दिन हमले बढ़ रहे हैं."
जोनाथन ने कहा कि इसराइल सिर्फ अपना बचाव कर रहा है और ऐसा करने के लिए वह जरूरी कदम उठा रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तरी इसराइल में लेबनान की सीमा के पास से लोगों को निकाल लिया गया है.
पिछले कुछ दिनों में इसराइल और लेबनान की सीमा पर सशस्त्र चरमपंथियों और इसराइली सेना के बीच बार-बार गोलीबारी की घटनाएं दर्ज की गई हैं.
इसकी वजह से इसराइल के साथ लगने वाली लेबनान सीमा पर तनाव बढ़ गया है. आशंकाएं जताई जा रही हैं कि ये तनाव एक बड़े संघर्ष में तब्दील हो सकता है.
क्या है हिज़बुल्लाह
हिज़बुल्लाह लेबनान में ईरान से समर्थन प्राप्त शिया इस्लामी राजनीतिक पार्टी और अर्द्धसैनिक संगठन है, जो हमास का समर्थन करता है.
वर्ष 1992 से इसकी अगुवाई हसन नसरुल्लाह कर रहे हैं. इस नाम का मायने ही अल्लाह का दल है.
1980 के दशक की शुरुआत में लेबनान पर इसराइली कब्ज़ें के दौरान ईरान की वित्तीय और सैन्य सहायता से हिज़बुल्लाह का उदय हुआ. ये दक्षिणी लेबनान में पारंपरिक रूप से कमज़ोर शियाओं की रक्षा करने वाली ताकत के रूप में उभरा.
हालांकि, इसकी वैचारिक जड़ें 1960 और 1970 के दशक में लेबनान में शिया पुनरुत्थान तक जाती हैं.
वर्ष 2000 में इसराइल के पीछे हटने के बाद हिज़बुल्लाह ने अपनी सैन्य टुकड़ी इस्लामिक रेज़िस्टेंस को मज़बूत करना जारी रखा.
ये समूह रेज़िस्टेंस ब्लॉक पार्टी के प्रति अपनी वफ़ादारी के चलते धीरे-धीरे लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था में इतना अहम बन गया कि इस देश की कैबिनेट में वीटो शक्ति तक हासिल कर ली.
हिज़बुल्लाह पर वर्षों से इसराइली और अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बमबारी और षड्यंत्र रचने का आरोप लगता रहा है. पश्चिमी देश, इसराइल, अरब खाड़ी देशों और अरब लीग हिज़बुल्लाह को 'आतंकवादी' संगठन मानते हैं. (bbc.com/hindi)
बेरूत, 22 अक्टूबर। लेबनान के चरमपंथी संगठन हिजबुल्ला ने कहा है कि इजराइल और हमास के युद्ध में उसकी ‘‘अहम भूमिका’’ है और यदि इजराइल गाजा पट्टी पर जमीनी हमले शुरू करता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
हिजबुल्ला के उपनेता शेख नईम कासिम का यह बयान उस वक्त आया जब इजराइल ने दक्षिणी लेबनान में बमबारी तथा ड्रोन से हमले किए और हिजबुल्ला ने इजराइल की ओर रॉकेट और मिसाइलें दागीं।
हिजबुल्ला ने कहा कि हमले में शनिवार को उसके छह लड़ाके मारे गए जो दो सप्ताह पहले शुरू हुए युद्ध के बाद एक दिन में मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है।
कासिम ने कहा कि लेबनान-इजराइल सीमा पर तनाव पैदा करने का हिजबुल्ला के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य है।
उसने कहा, 'हम इजराइली दुश्मन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें बता रहें है कि हम तैयार हैं।"
हमास ने कहा है कि अगर इजराइल गाजा में जमीनी हमले शुरू करता है तो हिजबुल्ला युद्ध में शामिल हो जाएगा।
हमास के आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इजराइल के शहरों पर सात अक्टूबर को हमले किए जाने के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी की घेराबंदी कर दी और कई जवाबी हवाई हमले किए।
मिस्र और गाजा के बीच की सीमा शनिवार को खोल दी गई, जिसके बाद लगभग दो सप्ताह से जारी इजराइली घेराबंदी की वजह से भोजन, दवा और पानी की कमी से जूझ रहे फलस्तीनियों के लिए सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
सहायताकर्मियों के मुताबिक केवल 20 ट्रक को गाजा में जाने की अनुमति दी गई, जो जबरदस्त मानवीय संकट से निपटने के लिए अपर्याप्त है। गाजा जाने के लिए 200 से अधिक ट्रक लगभग 3,000 टन सहायता सामग्री लिए कई दिनों से सीमा पर खड़े थे।
अस्पतालों का कहना है कि पूरे क्षेत्र में बिजली कटौती के कारण उनके पास चिकित्सा आपूर्ति और आपातकालीन जनरेटर के लिए ईंधन की कमी हो गई है।
गाजा में हड्डियों के चिकित्सक डॉ. निदाल अबेद ने बताया कि जब वह पर्याप्त एनेस्थीसिया के बिना सर्जरी करते हैं तो मरीजों की चीखों से इलाज का इंतजार कर रहे घायल भी बुरी तरह डर जाते हैं।
उन्होंने बताया कि अपर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति और घायलों की भीड़ के बीच इलाज के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। वह मरीजों से खचाखच भरे फर्श, गलियारों और कमरों में इलाज करने के लिए मजबूर हैं। पर्याप्त चिकित्सा सामग्री के अभाव के बीच पट्टियों की जगह कपड़े, एंटीसेप्टिक के स्थान पर सिरका और सर्जरी के लिए कपड़े सिलने वाली सुई का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस बात की अटकलें हैं कि ईरान समर्थित हिजबुल्ला उत्तरी इजराइल पर व्यापक पैमाने पर हमले कर इजराइल-हमास युद्ध में एक नया मोर्चा खोलने की कोशिश कर सकता है। हिज्बुल्ला के पास हजारों रॉकेट और मिसाइलों के अलावा विभिन्न प्रकार के ड्रोन हैं।
कासिम ने कहा कि उनके संगठन ने लेबनान-इजराइल सीमा पर तनाव पैदा कर इजराइली सेना को उलझा रखा है ताकि वह गाजा पर हमले की तैयारी के बजाय उत्तरी क्षेत्र में व्यस्त रहें।
उसने कहा, 'आपको क्या लगता है कि यदि आप फलस्तीनी प्रतिरोध को कुचलने की कोशिश करेंगे, तो क्षेत्र के अन्य लड़ाके कार्रवाई नहीं करेंगे? इस युद्ध में आज हमारी भी अहम भूमिका हैं।’’
लेबनान की सरकारी ‘नेशनल न्यूज एजेंसी’ ने बताया कि एक इजराइली ड्रोन ने इजराइल सीमा से लगभग 20 किलोमीटर उत्तर में सेजौड क्षेत्र में एक घाटी पर मिसाइल दागी। हिजबुल्ला ने तुरंत हमले की पुष्टि नहीं की, लेकिन अगर यह सच है तो यह एक बड़ी घटना होगी क्योंकि यह लेबनान का भीतरी इलाका है जो सीमा से बहुत दूर है।
दक्षिण लेबनान में एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता ने शनिवार को भूमध्यसागरीय तट के करीब सीमा पर जोरदार धमाकों की आवाज सुनाई देने की पुष्टि की।
एपी अभिषेक सिम्मी सिम्मी 2210 0933 बेरूत (एपी)
चार साल बाद स्वनिर्वासन के बाद पाकिस्तान पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा, "मेरे दिल में बदले की कोई भावना नहीं है."
शनिवार को इस्लामाबाद उतरने के बाद सीधे लाहौर पहुंचे और मीनार-ए-पाकिस्तान सभा स्थल पर रैली को संबोधित किया.
रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर कोई इच्छा है तो बस यही कि मेरे देश के लोग संपन्न बनें.उनके घर में सुख और समृद्धि आए."
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, "कहां से छेड़ूं फसाना, कहां तमाम करूं, वो मेरी तरफ़ देखें तो मैं सलाम करूं. आप लोगों से कई सालों बाद मुलाकात हो रही है लेकिन आपसे मेरा प्यार का रिश्ता कायम और दायम है."
इसके बाद उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से अबतक जिन हालात से वो गुजरे उनका ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, "संविधान लागू करने वाली राज्य संस्थाओं और राजनेताओं को मिलकर काम करना होगा. इसके बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता."
पाकिस्तान में महंगाई, बेरोज़गारी को लेकर उन्होंने कहा, "बिजली नवाज़ शरीफ़ ने महंगी नहीं की, बल्कि बिजली बनाई और उसे आवाम तक पहुंचाया."
अपने भाषण में नवाज़ शरीफ़ ने भारत का नाम लिए बगैर पड़ोसी मुल्कों से रिश्ते सुधारने की बात कही और कहा कि कश्मीर का समाधान इसी से हो सकता है.
उन्होंने कृषि क्षेत्र, राष्ट्रीय संस्थानों के निर्माण और आईटी क्षेत्र में सुधार की अपनी योजना के बारे में बातें कहीं.
नवाज शरीफ ने पूछा, "अगर मेरी जगह कोई और होता तो आप जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने कौन बोल पाता? क्या इसी की सज़ा हमें मिली, हमारी सरकार टूटी? हमें सज़ा मिली?"
नवाज़ शरीफ़ ने फ़लस्तीन का झंडा हाथ में लिया और ग़ज़ा में हो रही हिंसा पर तत्काल रोक लगाने की मांग की. (bbc.com/hindi)
रफ़ाह क्रॉसिंग खुलीः ग़ज़ा की मिस्र से लगती सीमा पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग को शनिवार को खोला गया. इसराइल ने राहत सामग्री से लदे 20 ट्रकों को ग़ज़ा में आने की इजाज़त दी है. इन 20 ट्रकों में से एक में सिर्फ़ ताबूत हैं. रफ़ाह बॉर्डर पर अब विदेशी नागरिकों को बाहर निकलने का इंतज़ार है.
कितनी राहत समाग्री?
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इन ट्रकों में 1200 लोगों के लिए दवाएं और अन्य ज़रूरी सामान हैं.
इनमें 235 घायलों के लिए पोर्टेबल ट्रॉमा बैग हैं.
1500 लोगों के लिए क्रॉनिक डिज़ीज मेडिसिन और 3 लाख लोगों के लिए तीन महीने के लिए बेसिक ज़रूरी दवाएं हैं.
मिश्र में शांति सम्मेलनःमिस्र की राजधानी काहिरा में इसराइल ग़ज़ा युद्ध को ख़त्म कराने के लिए हो रहे शांति सम्मेलन में फ़लस्तीनी प्राधिकरण के प्रेसिडेंट महमूद अब्बास ने कहा, “हम अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेंगे.” इस सम्मेलन में ज़ॉर्डन, क़तर, इटली, स्पेन, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के प्रतिनिधि शामिल हैं. लेकिन इसमें अमेरिका, इसराइल और ईरान शामिल नहीं हैं.
लंदन में प्रदर्शनः ग़ज़ा पर इसराइली बमबारी के विरोध में ब्रिटेन में शनिवार को फ़लस्तीनी लोगों के समर्थन में हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे. लंदन के मेट्रोपोलिटन पुलिस के मुताबिक क़रीब एक लाख फ़लस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. पिछले 24 घंटे में इसी तरह के प्रदर्शन थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड्स, साउथ अफ़्रीका और कई अरब देशों समेत पूरी दुनिया में हुए हैं.
महबूबा मुफ़्ती उतरीं सड़क परः जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती शनिवार को फ़लस्तीनी झंडा लेकर श्रीनगर की सड़क पर उतरीं. उन्होंने इसराइल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों की अगुवाई की और ग़ज़ा पर बमबारी को तुरंत रोके जाने की मांग की.
ग़ज़ा में हताहतों की संख्या बढ़ीःफ़लस्तीनी अधिकारियों ने बताया है कि ग़ज़ा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 4,385 हो गई है. अधिकारियों ने बताया है कि मरने वालों में 1,756 बच्चे हैं.
हमास के कब्ज़े में बंधकःइसराइली सेना के एक प्रवक्ता ने उन बंधकों की संख्या को अपडेट किया है, जिन्हें दो हफ़्ते पहले हमास के लड़ाके अगवा करके अपने साथ ले गए और फिलहाल उन्हें ग़ज़ा में रखा गया है. प्रवक्ता के अनुसार, ग़ज़ा में 210 बंधक हैं और उनके परिवारों को इस बारे में इत्तला कर दी गई है.
इसराइली नागरिकों को एडवाइज़रीःइसराइल के विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की सुरक्षा परिषद ने एक साझा बयान में विदेश में रह रहे इसराइली नागरिकों के लिए यात्रा एडवाइज़री जारी की है. मिस्र (सिनाई प्रांत समेत), जॉर्डन और मोरक्को के लिए ट्रैवल अलर्ट का स्तर बढ़ा दिया गया है.
अल क़ुद्स अस्पताल को चेतावनीःफ़लस्तीनी रेड क्रीसेंट का कहना है कि इसराइल ने उत्तरी ग़ज़ा के अल क़ुद्स अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया है. अस्पताल में इस समय 400 मरीज़ भर्ती हैं और यहां कई हज़ार लोगों ने शरण ली हुई है. रेड क्रीसेंट ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान कर रहा है कि एक और मानवीय त्रासदी को रोकने के लिए तुरंत क़दम उठाये जाएं.
अब तक 25 पत्रकारों की मौतःपत्रकार सुरक्षा समिति के मुताबिक़, 7 अक्तूबर को इसराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 22 पत्रकारों की मौत हो चुकी है. इनमें 18 फ़लस्तीनी पत्रकार शामिल हैं, तीन इसराइली हैं और एक लेबनानी है. सीपीजे का कहना है कि इनमें से 15 मौतें इसराइल के हवाई हमलों में हुई हैं, दो पत्रकार हमास के हमले में मारे गए हैं.
इसराइल सेना ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में एक मस्जिद को निशाना बनाया है.
इसराइली डिफेंस फोर्सेज़ ने ट्वीट कर लिखा, “आईडीएफ और आईएसए ने जेनिन में अल-अंसार मस्जिद में हमास और इस्लामिक जिहादी आतंकवादी कम्पाउंड पर हवाई हमला किया.”
सेना का कहना है कि मस्जिद का इस्तेमाल हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जा रहा था.
इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी में हमलों को और तेज़ करने की बात कही है.
इसराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी का कहना है कि ग़ज़ा पट्टी में हमास को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले पहले के मुकाबले और बढ़ेंगे.
उन्होंने ग़ज़ा शहर में रहने वाले लोगों को इन हमलों से बचने के लिए दक्षिण की तरफ जाने के लिए कहा है.
इसके साथ ही ग़ज़ा के ऊपर सेना ने पर्चे गिराए हैं. इनमें लिखा गया है कि उत्तर में रहने वाले लोगों को हमास के सहयोगी के तौर पर देखा जा सकता है.
7 अक्टूबर को हमास ने इसराइल पर हमला किया था, जिसमें 1400 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
वहीं हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि संघर्ष शुरू होने के बाद से ग़ज़ा में 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 21 अक्टूबर । न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नागरिक धोखाधड़ी मुकदमे में गैग आदेश का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को ट्रंप पर 5,000 डॉलर का जुर्माना लगाने वाले न्यायाधीश आर्थर एंगोरोन ने अदालत में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति अदालत में एक क्लर्क का मजाक उड़ाने वाली ऑनलाइन पोस्ट को हटाने में विफल रहे थे।
उन्होंने ट्रंप को जेल भेजने की भी धमकी दी और कहा कि वह झूठे और अपमानजनक पोस्ट को हटा लें।
न्यायाधीश एंगोरोन ने कहा कि पोस्ट सोशल मीडिया पर हटा दी गई थी, लेकिन उनकी वेबसाइट पर बनी रही।
ट्रम्प के वकील क्रिस्टोफर किसे ने अपने मुवक्किल की ओर से माफी मांगी और कहा कि यह एक अनजाने में हुई गलती थी क्योंकि पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया गया था, सहयोगी इसे अभियान वेबसाइट से हटाना भूल गए थे।
बाद में दिन में, न्यायाधीश एंगोरोन ने फैसला सुनाया कि ट्रम्प को जुर्माना भरना होगा क्योंकि उल्लंघन अनजाने में हुआ था, और यह देखते हुए कि यह पहली बार उल्लंघन है।
उन्होंने कहा, "कोई गलती न करें, भविष्य में उल्लंघन, चाहे जानबूझकर या अनजाने में, उल्लंघनकर्ता को कहीं अधिक गंभीर प्रतिबंधों के अधीन किया जाएगा।"
ट्रंप और उनके परिवार के कई सदस्यों पर धोखाधड़ी, व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी, गलत वित्तीय विवरण जारी करने और साजिश रचने का मुकदमा चल रहा है। (आईएएनएस)।
बेरूत, 21 अक्टूबर। लेबनान-इजराइल सीमा पर हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच जारी टकराव में एक अज्ञात बंदूकधारी मारा गया।
लेबनानी सैन्य सूत्रों ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि एक इजराइली ड्रोन ने शुक्रवार को दक्षिणी शहर हौला से सटे वाडी हूनिन में एक हथियारबंद व्यक्ति पर मिसाइल दागी।
सूत्रों ने कहा कि बंदूकधारी कांटेदार सीमा बाड़ को पार करने के बाद इजराइली सीमावर्ती शहर मार्गालियट में घुसपैठ करने में कामयाब रहा और बाद में लेबनानी क्षेत्रों की ओर चला गया।
सूत्रों ने कहा कि इजराइली सेना ने ड्रोन से लॉन्च की गई मिसाइल से उसे निशाना बनाने से पहले उस पर कई फॉस्फोरस बम दागे।
इस बीच, हिजबुल्लाह ने घोषणा की कि उसके लड़ाकों ने सीमा पर कई इजराइली साइटों को निशाना बनाने के लिए मिसाइलों का इस्तेमाल किया।
लेबनानी आंतरिक सुरक्षा बलों के सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि इजराइली बमबारी ने एक मुर्गी फार्म को नष्ट कर दिया और सीमा के पास कई लेबनानी शहरों में 15 घरों को काफी नुकसान पहुंचा। (आईएएनएस)।
गाजा/जेरूसलम, 21 अक्टूबर । हमास की सैन्य शाखा अल-कसम ब्रिगेड ने एक बयान में कहा है कि उसने कतर के प्रयासों के बाद मानवीय कारणों से दो अमेरिकी बंधकों को रिहा कर दिया है।
ब्रिगेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने यह कदम यह साबित करने के लिए उठाया है कि अमेरिकी आरोप "झूठे और निराधार" हैं। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग दो सप्ताह पहले संघर्ष शुरू होने के बाद यह पहली बार है कि गाजा-सत्तारूढ़ समूह ने बंधकों को रिहा किया है।
इजराइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में दो बंधकों की रिहाई की पुष्टि की।
कार्यालय ने एक बयान में कहा, "आज शाम दो बंधकों को हमास आतंकवादी संगठन के कब्जे से रिहा कराया गया।"
बयान में कहा गया है कि रिहा किए गए दोनों लोगों का "गाजा के साथ सीमा पर स्वागत किया गया और वे एक सैन्य अड्डे के रास्ते में हैं, जहां वे अपने परिवारों से मिलेंगे"।
इजराइली मीडिया चैनल 2 ने पहले खबर दी थी कि दोनों मां-बेटी अमेरिकी नागरिक हैं।
एक प्रेस विज्ञप्ति में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पुष्टि की कि उनके प्रशासन ने दो अमेरिकी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित कर ली है और इसमें सहयोग के लिए कतर और इज़राइल को धन्यवाद दिया।
हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर बड़ी संख्या में बंधकों को पकड़ लिया था।
ब्रिगेड ने पहले कहा था कि उन्होंने गाजा में 200 से 250 लोगों को बंदी बना रखा है। इससे पहले दिन में इजरायली सेना के एक बयान में कहा गया था कि अधिकांश बंधक जीवित हैं। (आईएएनएस)।
बगदाद, 22 अक्टूबर । अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने वाले लेटेस्ट हमलों का दावा ईरान से जुड़े सैन्य गुटों ने किया गया है, सबसे हालिया हमले में गुरुवार को पश्चिमी प्रांत अनबर में ऐन अल-असद सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इलाके के सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि सैन्य अड्डे के भीतर कई धमाकों की आवाज सुनी गई। यह हमला ड्रोन और मिसाइल दोनों से किया गया।
इस बीच, 24 घंटे के भीतर अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर किया गया यह तीसरा हमला था। बुधवार को इसी सैन्य अड्डे और उत्तरी इराक में एक अन्य सैन्य अड्डे को निशाना बनाया गया था।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान समर्थित इस्लामिक रेसिस्टेंस नामक एक सैन्य गुट ने बुधवार और गुरुवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है।
बुधवार को यूएस सेंट्रल कमांड के अनुसार, हमले में सैन्य कर्मियों और गुट से जुड़े बलों के कर्मियों को मामूली चोटें आईं।
देश भर में कई प्रांतों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें गाजा के साथ एकजुटता दिखाई गई और इजरायल के सैन्य अभियान की निंदा की गई।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी नौसेना के एक युद्धपोत ने ईरान से जुड़े हौथी आंदोलन द्वारा यमन से लॉन्च की गई मिसाइलों और ड्रोन को रोक दिया है।
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने कहा कि मिसाइलों को संभावित रूप से इजरायल में लक्ष्यों की ओर लॉन्च किया गया था।
निर्देशित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कार्नी गुरुवार को उत्तरी लाल सागर में ऑपरेटिंग कर रहा था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन ने यह भी कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हाल के दिनों में कई बार हमले हुए हैं।
वाशिंगटन ईरान समर्थित समूहों की गतिविधि को लेकर अलर्ट पर है क्योंकि इजरायल गाजा में हमास के ठिकानों पर लगातार हमले कर रहा है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पेंटागन के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने कहा कि यमन से दागी गई तीन ज़मीनी हमले वाली क्रूज़ मिसाइलों और कई ड्रोनों को मार गिराया गया है। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र, 21 अक्टूबर । संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा है कि गाजा में हिंसा के कारण घरों से विस्थापित हुईं 4 लाख 93 हजार महिलाओं और लड़कियों में से अनुमानित 900 नई विधवाएं हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने हाल ही में जारी अध्ययन, "यूएन वूमेन रैपिड" का हवाला देते हुए यह जानकारी दी।"
आकलन में कहा गया है कि रिपोर्ट के आंकड़े संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा 7 अक्टूबर के बाद गाजा में हताहत होने वालों के बाद आए हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन में कहा गया है कि अब तक 3,785 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 12,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से 53 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
अध्ययन में कहा गया है, "10 लाख से अधिक लोग, यानी गाजा की कुल आबादी का लगभग आधा हिस्सा, विस्थापित हो गया है। पूरे गाजा में नागरिक बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। 5,262 इमारतें नष्ट हो गई हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं।"
संयुक्त राष्ट्र महिला का अनुमान है कि 1,487 पुरुष मारे गए, इसके परिणामस्वरूप विधवाओं की संख्या में वृद्धि हुई। लगभग 900 महिलाएं विधवा हुईं और 3,103 बच्चों ने अपने पिता को खो दिया है।
इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र महिला अध्ययन में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की 13 अक्टूबर की स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में प्रजनन आयु की 5 लाख 40 हजार महिलाएं हैं। इनमें से 50 हजार गर्भवती हैंं और 5,522 की अगले महीने में डिलीवरी होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)।
गाजा, 21 अक्टूबर । इजरायल-हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच, गाजा पट्टी के अस्पताल ढहने की कगार पर हैं। मरीजों की संख्या अस्पतालों की क्षमता का 150 प्रतिशत है। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने चेतावनी दी है।
एक रिपोर्ट में, संयुक्त राष्ट्र निकाय ने कहा कि हमास-नियंत्रित क्षेत्र में 60 प्रतिशत प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं बंद हो गई हैं, जबकि अस्पताल बिजली, दवा, उपकरण और विशेष कर्मियों की कमी के बीच संचालन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "मध्य, खान यूनिस और राफा गवर्नरेट में यूएनआरडब्ल्यूए स्वास्थ्य केंद्रों में से केवल आठ (22 में से) गंभीर बाह्य रोगियों और गैर-संचारी रोगों के इलाज की आवश्यकता वाले मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।"
ओसीएचए ने कहा कि गाजा में पानी की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है, अंतिम कार्यशील अलवणीकरण संयंत्र ईंधन की कमी के कारण 15 अक्टूबर को बंद हो गया, साथ ही अंतिम कार्यशील अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र भी बंद हो गया।
"नगर निगम के भूजल स्रोतों से जल उत्पादन शत्रुता-पूर्व स्तर के 5 प्रतिशत से भी कम है। तीन समुद्री जल अलवणीकरण संयंत्र, जो शत्रुता से पहले गाजा की सात प्रतिशत जल आपूर्ति का उत्पादन करते थे, वर्तमान में चालू नहीं हैं।
"ईंधन की कमी, असुरक्षा और मलबे से अवरुद्ध सड़कों के कारण अधिकांश क्षेत्रों में जल ट्रकिंग संचालन रुक गया है। बोतलबंद पानी काफी हद तक अनुपलब्ध है, और इसकी कीमत ने इसे अधिकांश परिवारों के लिए अप्राप्य बना दिया है।
इसमें कहा गया है, "निजी विक्रेता, जो छोटे जल अलवणीकरण और शुद्धिकरण संयंत्र संचालित करते हैं, जो ज्यादातर सौर ऊर्जा से चलते हैं, स्वच्छ पेयजल के मुख्य आपूर्तिकर्ता बन गए हैं।"
ओसीएचए के अनुसार, गाजा पट्टी में स्वच्छता भी बिगड़ रही है क्योंकि बिजली की कमी के कारण गाजा में सभी पांच अपशिष्ट जल उपचार बंद कर दिए गए हैं।
परिणामस्वरूप, बहुत सारा सीवेज समुद्र में फेंका जा रहा है और "65 सीवेज पंपिंग स्टेशनों में से अधिकांश चालू नहीं हैं", कार्यालय ने कहा, साथ ही कचरा भी जमा हो रहा है।
ओसीएचए ने कहा कि खाद्य सुरक्षा भी अस्थिर है, गाजा में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की पांच बेकरियों में से तीन शुक्रवार को ईंधन की कमी और सामग्री की कमी के कारण बंद हो गईं।
गाजा भर में गेहूं का आटा "लगभग पांच दिनों" में खत्म हो सकता है और गाजा की पांच मिलों में से केवल एक ही वर्तमान में चल रही है।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 7 अक्टूबर को संघर्ष शुरू होने के बाद से गाजा पट्टी में मरने वालों की कुल संख्या शनिवार सुबह तक बढ़कर 4,137 हो गई है, इसमें 70 प्रतिशत मौतें बच्चे और महिलाएं हैं।
वर्तमान में घायलों की संख्या 13,162 है, जबकि 544,000 से अधिक लोग विस्थापित हैं। (आईएएनएस)।
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 21 अक्टूबर। इजराइल पर सात अक्टूबर के हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए दो अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को यह घोषणा की और आश्वस्त किया कि उनकी सरकार दोनों नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने और उन्हें इस सदमे से उबरने में हर संभव मदद करेगी।
बाइडन ने बंधक बनाई गई एक अमेरिकी महिला और उसकी किशोर बेटी की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर और इजराइल की सरकारों के सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया।
इसके तुरंत बाद बाइडन ने रिहा किए गए दोनों बंधकों और उनके परिवार से फोन पर बात की।
राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘‘इजराइल के खिलाफ सात अक्टूबर को भयावह आतंकवादी हमले के दौरान हमास द्वारा बंधक बनाई गईं दो अमेरिकी नागरिकों की आज हमने रिहाई सुनिश्चित की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे साथी नागरिकों ने पिछले 14 दिनों में एक भयावह कष्ट का सामना किया है और मुझे बहुत खुशी है कि वे जल्द अपने परिवार से फिर से मिलेंगी, जो डर से टूट गए हैं। इन व्यक्तियों और उनके परिवार को इस सदमे से उबरने में अमेरिका सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा और इस समय हम सभी को उनकी निजता का सम्मान करना चाहिए।’’
मुक्त कराई गई मां-बेटी हमास द्वारा रिहा किए जाने वाले बंधकों में से पहली थीं और 200 से अधिक लोग अब भी बंधक हैं।
बाइडन ने कहा कि हमले के शुरुआती क्षण से उनका प्रशासन हमास द्वारा बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम कर रहा था और उसने अब भी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने का प्रयास बंद नहीं किया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमास द्वारा सात अक्टूबर को बंधक बनाए गए दो अमेरिकी नागरिकों को करीब एक घंटा पहले इजराइल के अधिकारियों के हाथ में सुरक्षित सौंप दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी दूतावास से एक टीम जल्द उनसे संपर्क करेगी।
उन्होंने दोनों बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए कतर सरकार का धन्यवाद किया।
वहीं, एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की खबर के अनुसार, बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें लगता है कि सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने की इजराइल की कोशिश को रोकने के कारण हमास ने उस पर हमला किया।
बाइडन ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमास के इजराइल पर हमला करने के कारणों में से एक यह भी हो सकता है कि... वे जानते थे कि मैं सऊदी के साथ बैठक करने वाला हूं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया कि उन्हें लगता है कि हमास के आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को घातक हमला इसलिए किया क्योंकि सऊदी इजराइल को मान्यता देना चाहता था और वे औपचारिक रूप से ऐसा करने में सक्षम होने के करीब थे।
यरुशलम और रियाद लगातार रिश्ते सामान्य करने की दिशा में करीब पहुंच रहे थे और बाइडन दोनों देशों को साथ लाने में मदद करने के लिए काम कर रहे थे। (भाषा)
पत्रकार सुरक्षा समिति के मुताबिक़, 7 अक्तूबर को इसराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 22 पत्रकारों की मौत हो चुकी है.
समिति ने एक बयान में बताया है कि इनमें 18 फ़लस्तीनी पत्रकार शामिल हैं, तीन इसराइली हैं और एक लेबनानी है.
सीपीजे (कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स) का कहना है कि इनमें से 15 मौतें इसराइल के हवाई हमलों में हुई हैं, दो पत्रकार हमास के हमले में मारे गए हैं.
सीपीजे के मुताबिक़ आठ पत्रकार घायल हुए हैं, तीन या तो लापता हैं या हिरासत में हैं.
सीपीजे के प्रवक्ता ने कहा है, “सीपीजे इस बात पर ज़ोर देता है कि पत्रकार भी नागरिक हैं जो संकट के समय में मुश्किल काम कर रहे हैं और युद्ध में शामिल पक्षों को उन्हें निशाना नहीं बनाना चाहिए.”
सीपीजे ने अपने बयान में कहा है कि ग़ज़ा में काम कर रहे पत्रकारों पर ख़तरा अधिक है क्योंकि वहां इसराइल के ज़मीनी अभियान की भी आशंका है.
ग़ज़ा पर इसराइल लगातार बमबारी कर रहा है. हमास के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक़ अब तक चार हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी बमबारी में मारे जा चुके हैं. दक्षिणी इसराइल में हमास के हमले में 1400 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
सीपीजे ने कहा है कि वह पत्रकारों के लापता होने, हिरासत में लिए जाने और पत्रकारों के घरों को निशाना बनाये जाने की कई रिपोर्टों की जांच भी कर रही है.
सीपीजे ने अब तक मारे गए पत्रकारों की सूची भी जारी की है. (bbc.com/hindi)
हमास ने 7 अक्तूबर के हमले के दौरान बंधक बनाए गए दो लोगों को रिहा कर दिया है. ये हमले के बाद किसी बंधक की पहली रिहाई है.
हमास ने बताया है कि एक मां और बेटी को मानवीय कारणों की वजह से रिहा किया गया है. क़तर ने बंधकों की रिहाई के लिए मध्यस्थता की थी. रिहा की गईं जूडिथ और नैटली रानन की पहली तस्वीरें आई हैं.
राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनकी रिहाई पर ख़ुशी ज़ाहिर की है और एक बयान जारी कर कहा है कि अग़वा किए गए दस अन्य अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए वो 24 घंटे काम कर रहे हैं.
व्हाइट हाउस के मुताबिक़ राष्ट्रपति बाइडन ने जूडिथ और नैटली से फ़ोन पर बात की है.
महिलाओं की रिहाई में मदद करने वाली संस्था रेड क्रॉस ने कहा है कि ये रिहाई उम्मीद की एक किरण है.
वहीं बंधकों कि रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि क़तर ने बंधकों की रिहाई में मध्यस्थता की है.
हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी.
जब पत्रकारों ने रिहा की गईं बंधकों की सेहत के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेडिकल टीमें अभी उनके पास भेजी गई हैं.
हालांकि जो पहली तस्वीर सामने आई है उसमें जूडिथ और नैटली सैनिकों का हाथ पकड़कर चलते हुए नज़र आ रही हैं.
वहीं हमास ने कहा है कि वह मध्यस्थों के साथ मिलकर सभी नागरिक बंधकों को रिहा करने पर काम कर रहा है. अगर सुरक्षा हालात बेहतर होते हैं तो बंधकों को रिहा किया जाएगा.(bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के केयर टेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक़ काकर चीन की यात्रा पर हैं.
चीन के शिनजियांग प्रांत का दौरा करने वाले वो गिने चुने इस्लामिक नेताओं में से एक हैं, जहां मुस्लिम अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार उल्लंघन के बीजिंग पर आरोप लगते रहे हैं.
लेकिन पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम ने चीन के ख़िलाफ़ इन आरोपों का कोई ज़िक्र तक नहीं किया.
इसकी बजाय उन्होंने शिनजियांग और उसके पड़ोस में स्थित पाकिस्तान के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की तारीफ़ की.
हाल के सालों के दौरान चीन ने पाकिस्तान के अंदर आधारभूत संरचना खड़ा करने और दोनों देशों के बीच कनेक्टिवी बढ़ाने वाले प्रोजेक्टों में अरबों डॉलर खर्च किए हैं.
कुछ मुस्लिम नेताओँ ने बीजिंग की आलोचना भी की है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चीन पर शिनजियांग प्रांत में 'मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन' के आरोप लगाए गए हैं.
हालांकि चीन ने इस रिपोर्ट को जारी न करने की अपील की थी. उसका कहना था कि ये पश्चिमी ताकतों का 'फर्जीवाड़ा' है.
मानवाधिकार समूह पिछले कुछ समय से चीन के उत्तर पूर्वी प्रांत शिनजियांग में मानवाधिकारों को कुचले जाने की घटनाओं के बारे में चिंता जताते रहे हैं.
उनका कहना है कि यहां वीगर समुदाय के दस लाख लोगों को री-एजुकेशन कैंप में ट्रेनिंग देने के नाम पर हिरासत में रखा गया है. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा की क़रीब 23 लाख लोगों वाली आबादी के पास हर दिन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने का सामान दिनों दिन घटता जा रहा है.
इसराइल ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से ग़ज़ा में बिजली और पानी समेत सभी सुविधाएं बंद कर दी हैं. साथ ही खाने और दवाइयों की डिलीवरी को भी बंद कर दिया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन पानी तक पहुंच को एक बुनियादी मानव अधिकार मानता है.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर रोज प्रति व्यक्ति को कम से कम 100 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है, जो उसे मिलना चाहिए.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इसराइल-हमास संघर्ष से पहले ग़ज़ा में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 84 लीटर थी, लेकिन सप्लाई काट दिए जाने के बाद अब यह प्रति व्यक्ति करीब तीन लीटर तक पहुंच गई है.
बड़े-बड़े मानवीय संगठनों ने चेताया है कि राहत सामग्री पर जो समझौता हुआ है वो ग़ज़ा में किसी सागर में बूंद जैसा होगा.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ग़ज़ा में रह रहे 23 लाख लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए कम से कम 100 ट्रकों की ज़रूरत होगी, लेकिन अभी सिर्फ 20 ट्रकों को ही ग़ज़ा में जाने की मंजूरी मिली है.
इन ट्रकों को रफ़ाह क्रॉसिंग के जरिए ग़ज़ा में दाखिल होना है, लेकिन सड़क खराब होने के चलते ये ट्रक अंदर नहीं जा पा रहे हैं.
उधर राहत कर्मियों का कहना है कि ग़ज़ा की ओर रफ़ाह क्रासिंग पर हर मिनट बमबारी हो रही है. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि 7 अक्तूबर को दक्षिणी इसराइल पर हुए हमास के हमले का मक़सद इसराइल और सऊदी अरब के बीच बहाल हो रहे संबंधों को नुक़सान पहुंचाना था.
इस हमले में 1400 लोग मारे गए थे जिनमें इसराइल के अलावा कई देशों के लोग शामिल थे.
रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़ बाइडन ने कहा है, “हमास के इसराइल पर हमले का एक कारण ये भी है कि… वो जानते थे कि मैं सऊदी के साथ बैठक करने वाला था.”
सऊदी अरब और इसराइल के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से ख़राब रहे हैं, हालांकि माना जाता है कि सऊदी अरब ने अपने पड़ोसी देशों संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन को 2020 में इसराइल से संबंध बहाल करने का समर्थन किया था.
7 अक्तूबर के हमले और इसराइल की ग़ज़ा पर बमबारी के बाद सऊदी अरब के वरिष्ठ राजनेता और सम्मानित बुज़ुर्ग प्रिंस तुर्की अल फैसल ने सार्वजनिक तौर पर हमास और इसराइल की नागरिकों पर हमला करने के लिए आलोचना की है.
प्रिंस तुर्की अल फैसल ने कहा था कि इस युद्ध में कोई हीरो नहीं है, सिर्फ़ पीड़ित है. (bbc.com/hindi)
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा है कि भारत के कनाडा के राजनयिकों पर कार्रवाई करने से दोनों देशों में दसियों लाख लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ ट्रूडो ने कहा है कि ‘भारत सरकार ने कनाडा और भारत में रहने वाले दसियों लाख लोगों के जीवन को असामान्य रूप से मुश्किल बना दिया है. भारत कूटनीति के एक बहुत ही बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन करके ऐसा कर रहा है.’
टीवी पर प्रसारित प्रेस वार्ता में ट्रूडो ने कहा, “मैं कनाडा में रहने वाले उन दसियों लाख लोगों की ख़ुशियों और भलाई को लेकर चिंतित हूं जिनकी जड़े भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़ती हैं. ”
कनाडा ने बताया है कि उसने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाया है. भारत ने इनका दर्जा समाप्त करने की धमकी दी थी.
भारत और कनाडा के बीच इस समय कूटनीतिक रिश्ते बेहद मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं.
जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि जून में कनाडा में हुई सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत है. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
इन आरोपों के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई है.
जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा के राजनयिकों को वापस भेजने से यात्राएं और कारोबार प्रभावित होगा और कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को दिक्कतें होंगी.
कनाडा में इस समय क़रीब बीस लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं जो कनाडा की आबादी का 5 प्रतिशत हैं. वहीं कनाडा में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में सर्वाधिक संख्या भारतीय छात्रों की है. (bbc.com/hindi)
खान यूनिस (गाजा पट्टी), 20 अक्टूबर। इजराइल ने शुक्रवार तड़के गाजा पर बमबारी की और दक्षिणी क्षेत्र में उन स्थानों पर हमला किया जहां फलस्तीनियों को सुरक्षा के मद्देनजर जाने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही इजराइल उत्तरी सीमा पर लेबनान के पास अपने एक बड़े शहर को खाली करा रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि वह गाजा में जमीनी हमला कर सकता है।
गाजा में फलस्तीनियों ने बताया कि दक्षिणी क्षेत्र में स्थित खान यूनिस पर भारी हवाई हमला किया गया है। घायल लोगों को एम्बुलेंस से नासिर अस्पताल ले जाया गया, जो पहले से ही मरीजों और आश्रय चाहने वाले लोगों से खचाखच भरा हुआ है। नासिर अस्पताल गाजा का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने गाजा में हमास शासकों से जुड़े 100 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है। इन ठिकानों में एक सुरंग और एक हथियार डिपो भी शामिल हैं।
गाजा क्षेत्र में दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से कई लोगों ने इजराइल के आदेशों का पालन करते हुए क्षेत्र को खाली कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि पूरे गाजा क्षेत्र में हमलों के कारण कुछ फलस्तीनी वापस उत्तर की ओर लौट रहे हैं, जो वहां से चले गए थे।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दक्षिणी क्षेत्र में जीवनयापन की विषम स्थिति के साथ हमलों ने लोगों को वापस उत्तर की ओर लौटने के लिए विवश कर दिया है।
गाजा के खचाखच भरे अस्पताल चिकित्सा आपूर्ति और जनरेटर के लिए ईंधन की ‘राशनिंग’ कर रहे हैं, क्योंकि मिस्र से आने वाली आवश्यक सहायता अभी तक नहीं पहुंच सकी है।
गाजा के अस्पतालों में डॉक्टरों ने अंधेरे वार्ड में मोबाइल फोन की रोशनी में सर्जरी की और घावों के इलाज के लिए सिरके का इस्तेमाल किया। लगभग 3,000 टन सहायता सामग्री के साथ 200 से अधिक ट्रक रास्ते में फंसे हुए हैं क्योंकि हवाई हमलों में क्षतिग्रस्त हुई सड़क की मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है। हालांकि शुक्रवार को सड़क की मरम्मत के लिए काम शुरू किया गया और मशीनों की मदद से गड्ढों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इजराइल ने गाजा और लेबनान के पास अपने लोगों समुदायों को हटा लिया है और उन्हें देश में अन्य जगहों पर होटलों में रखा है। शुक्रवार को, रक्षा मंत्रालय ने लेबनान की सीमा के पास स्थित शहर किर्यत शमोना के लिए एक योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत शहर के 20,000 से अधिक लोगों को वहां से हटाया जाएगा। (एपी)