रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 नवम्बर। कृषि कानून वापस लेने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा इन काले कानूनों को पहले ही वापस ले लेते तो इन कानूनों के विरोध के कारण चलाए जा रहे आंदोलन में सैकड़ों किसानों की जाने नहीं जाती।
उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री की यह घोषणा पूरी ईमानदार होगी इसके पीछे कोई और चाल नही होगी। इन कानूनों को तो संसद में प्रस्तुत करने के पहले जब अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था उसी समय वापस ले लेना था। जिस कानून की विसंगतियों और दुष्प्रभाव को समझने में किसानों और देश की जनता को तीन घंटे भी नही लगे उन काले कानूनों के बुरे प्रभावों को समझने में मोदी सरकार को एक साल से भी अधिक समय लग गया।
मरकाम ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर नए सिरे से शुरुआत करने की बात कर रहे, लेकिन कृषि कानूनों के विरोध के आंदोलनों में जिन लोगों की जाने गयी है जब तक उनके घावों में मरहम नही लगेगा नए सिरे से शुरुआत कैसे होगी? प्रधान मंत्री मोदी को इन शहीद किसानों आंदोलनकारियों के परिवारों से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए तथा मृतकों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।