रायपुर
![कृषि कानूनों की वापसी का स्वागत कृषि कानूनों की वापसी का स्वागत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1637411893628508567G_LOGO-001.jpg)
रायपुर, 20 नवम्बर। स्वाभिमान पार्टी ने कृषि कानूनों की वापसी का स्वागत किया है। 5 जून 2020 को अध्यादेश जारी किए जाने के साथ ही स्वाभिमान पार्टी के लोगों ने देश में सर्वप्रथम कृषि अध्यादेश का विरोध आरंभ किया था। इस संबंध में जून महीने में ही छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य कई राज्यों से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया।
अध्यादेश वापस लेने की मांग की गई थी। किसी प्रकार की सुनवाई ना होने पर विपक्ष के नेताओं को बकायदा पत्र लिखकर और प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को स्वाभिमान पार्टी के नेताओं ने रखना आरंभ किया। धीरे-धीरे बढऩे वाले इस कारवां में अंततोगत्वा जब राज्यसभा में उचित बहस ना करवा कर बिल को जबरन पास करवाया गया तब संपूर्ण देश में राजनीतिक तौर पर एक जागृति हुई।
किसान आंदोलन का उदय गैर राजनीतिक तरीके से हुआ जिसमे स्वाभिमान पार्टी के नेताओं ने विभिन्न प्रकार से संपर्कों का कार्य किया।
। अलग-अलग किसान संगठनों के लोगों को जोडक़र एक समिति बनाकर देश भर में कार्य किया गया। जिसमें यह निश्चित किया गया कि आंदोलन पूरी तरह गैर राजनीतिक ही रहेगा। फल स्वरुप किसान आंदोलन में अपने प्रतिनिधि के रूप में शिवकुमार शर्मा और अभिमन्यु कोहाड के द्वारा आंदोलन को हर प्रकार से समर्थन दिया।
26 जनवरी को विशाल ट्रैक्टर रैली में स्वाभिमान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता स्वयं पहुंचकर रैली में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ में भी वीरेंद्र पांडेय ने विभिन्न किसान नेताओं को नेतृत्व दिया और लगातार किसानों का आंदोलन चलता रहा। स्वाभिमान पार्टी के नेताओं ने तीनों कृषि बिल वापस लिए जाने पर देश और छत्तीसगढ के सभी किसानों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं और जानकारी दी है कि फिलहाल आंदोलन समाप्त नहीं होगा।
समर्थन मूल्य पर संसद से कानून बनाए जाने तक आंदोलन चलता रहेगा और कानून बनने के पश्चात ही आंदोलन समाप्त होगा। इस संबंध में देशभर के सभी किसान संगठनों से चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार की जा रही है। उक्त आशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए स्वाभिमान पार्टी के नेता सतीश कुमार त्रिपाठी ने इसे अपनी वैचारिक और रणनीतिक विजय भी बताया है।