रायपुर

राज्य बनने के बाद आधा दर्जन न्यायिक जांच आयोग बनी, चार की जांच जारी
13-Dec-2021 5:20 PM
राज्य बनने के बाद आधा दर्जन न्यायिक जांच आयोग बनी, चार की जांच जारी

दो ने दी रिपोर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 13 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में नक्सली घटनाओं की जांच के लिए अब तक छह न्यायिक जांच आयोग का गठन किया जा चुका है। इसमें से चार में जांच जारी है।

कांग्रेस सदस्य अरूण वोरा के सवाल के लिखित जवाब में सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य गठन के बाद नक्सल घटनाओं की जांच के लिए छह आयोग बन चुके हैं। इनमें ताड़मेटला-चिन्तलनार मुठभेड़ जांच आयोग रिटायर्ड जस्टिस टीपी शर्मा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित की गई थी। इसका गठन 12 मई 2011 में हुआ था।

इसी तरह बासागुड़ा-साकरेगुड़ा मुठभेड़ की जांच के लिए 11 जुलाई 2012 को रिटायर्ड जज वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाई गई थी। इसके अलावा एडसमेटा घटना की न्यायिक जांच के लिए 19 मई 2013 को आयोग गठित की गई थी। झीरम घाटी जांच आयोग 28 मई 2013 को जांच के लिए जस्टिस प्रशांत मिश्रा की एक सदस्यीय आयोग गठित की गई थी।

सरकार ने भीमा मंडावी की मृत्यु की घटना की न्यायिक जांच के लिए जस्टिस सतीश के अग्निहोत्री रिटायर्ड जज की अध्यक्षा में जांच आयोग गठित की गई थी। इसके अलावा मदनवाड़ा न्यायिक जांच आयोग का गठन 15 जनवरी 2020 को किया गया था। यह आयोग रिटायर्ड जस्टिस शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित हुई थी। सीएम ने बताया कि बासागुड़ा, और एडसमेटा जांच आयोग की रिपोर्ट सरकार को मिल गई है। बाकी की रिपोर्ट अपेक्षित है।

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