रायपुर

प्रदेश में फूड इररेडियेशन प्लांट स्थापित होगा, आश्रित ग्रामों के गौपालक ग्रामीण भी गौठानों में बेच सकेंगे गोबर- बघेल
20-Dec-2021 6:02 PM
  प्रदेश में फूड इररेडियेशन प्लांट स्थापित होगा, आश्रित ग्रामों के गौपालक ग्रामीण भी गौठानों में बेच सकेंगे गोबर- बघेल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 दिसंबर। सीएम भूपेश बघेल ने राज्य में शासकीय क्षेत्र में फूड इररेडियेशन पार्क (खाद्य पदार्थों का किरणन) की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति दी है। उन्होंने शासन स्तर भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर से छत्तीसगढ़ में गोबर से विद्युत उत्पादन तथा फूड इररेडियेशन प्लांट की टेक्नालॉजी हस्तांतरण के लिए से जा रही पहल पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि  इससे राज्य के किसानों को उनके उत्पाद का और अधिक लाभ दिलाने में मदद मिलेगी।

श्री बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेता पशुपालकों, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 3 करोड़ 93 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित करते हुए पशुपालकों, गौठान समितियों एवं समूह की महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठानों में आश्रित ग्रामों के पशुपालक ग्रामीणों से भी गोबर की खरीदी किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गौठानों में संचालित गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए एनआईसी द्वारा विकसित गौठान मैप एप का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्त चरणदास, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, विशेष रूप से उपस्थित थे।

 श्री बघेल ने कहा कि गांवों में गौठानों की स्थापना और गोधन न्याय योजना के माध्यम से राज्य मेंं गौमाता की सेवा एवं संरक्षण का काम किया जा रहा है। गौमाता की सेवा  पशुपालक, ग्रामीण किसान, चरवाहा, गौठान समिति से जुड़े सभी लोग कर रहे हैं। गौठानों में पशुओं के चारे एवं पानी का प्रबंध किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने का लाभ सभी गांव के पशुपालकों को मिले, इसके लिए गौठानों में आश्रित ग्रामों के लोगों से भी गोबर खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। गौठानों में पशुओं के चारे के लिए पैरादान की अपील उन्होंने किसानों से की।

मुख्यमंत्री नेे कहा कि अभी गौठानों में एकत्र किया गया पैरा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कृषि उत्पादन आयुक्त को सभी कलेक्टरों के माध्यम से पैरादान का अभियान वृहद पैमाने पर संचालित करने और किसानों के खेत से पैरा एकत्र कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौठानों में हरे चारे की व्यवस्था को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा हरे चारे की कटाई की गई है। पशुपालकों हरा चारा क्रय करने के लिए प्रेरित किए जाए। वन विभाग से समन्वय कर गौठानों में भी हरा चारा लाने की व्यवस्था और उसे स्लाईज के रूप में एकत्र किया जाना चाहिए।   

मुख्यमंत्री ने सभी गौठानों में कम से कम पांच प्रकार की आयमूलक गतिविधियां अनिवार्य रूप से शुरू कराए जाने के निर्देश दिए, ताकि गौठानों से जुड़ी महिला समूह की आय में वृद्धि हो सके। उन्होंने वनांचल इलाके के गौठानों में लघुवनोपजों के प्रसंस्करण एवं वैल्यु एडीशन के काम को प्राथमिकता से शुरू कराए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग राज्य के किसानों ने अपने खेतों में किया है। इसके बड़े उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। किसानों का कहना है कि वर्मी कम्पोस्ट से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ी है और खेतों की मिट्टी की स्थिति सुधरी है।

 मुख्यमंत्री ने वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार एवं किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।  कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने गौठान मैप एप के बारे में पॉवर प्वाईंट प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि इसके माध्यम से गौठानों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग एवं वहां उत्पादित सामग्री की मार्केटिंग में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक उद्यानिकी माथेश्वरन व्ही., संचालक पशु चिकित्सा श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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