रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 दिसंबर। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ, प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों संविदा, दैनिक वेतन भोगी, प्लेसमेंट, केन्द्र व राज्य की योजनाओं में कार्यरत अनियमित कर्मचारी, कलेक्टर दर, मानदेय, अशंकालिक, अशंकालिक स्थानीय, जाबदर, पोटाकेबिन आदि का संगठन है और अपने सदस्यों के हित में 5 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत कई वर्षों से निरंतर संघर्षरत है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा उनकी सरकार बनने पर 10 दिन में नियमितीकरण किया एवं उसने अपने जन-घोषणा वचन पत्र दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा के बिन्दु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने को शामिल किया तथा 14 फरवरी 2019 को आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष किसानों के लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा।
साथियों, अत्यंत पीड़ा का विषय है कि 10 दिन में नियमित करने का वचन देने वाली सरकार ने विगत लगभग 3 वर्षों के अपने शासनकाल में प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया, हम अद्यतन अनिश्चित है बल्कि अनेक अनियमित कर्मचारियों को अपने अनियमित नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन अनियमित संगठनों को कोई तवज्जों नहीं दे रही है तथा अनियमित कर्मचारी प्रशासनिक कर्मचारी प्रशासनिक आतंक, भय एवं असुरक्षा के माहौल में जीवन जीने मजबूर है।
उपरोक्त का परिपेक्ष्य में नियमितीकरण सहित 5 सूत्रीय मांग के लिए 30 जनवरी 2022 से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने का निर्णय लिया है।