रायपुर
12 को मौलिक अधिकार रैली में शामिल होंगे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 दिसंबर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध ने अपने पेंशनरों के साथ किए गए मंहगाई भत्ता आदेश में भेदभाव की निंदा करते हुए सीएम भूपेश बघेल से मांग की है कि मंत्रालय के वित्त विभाग के अधिकारियों को तत्काल निर्देश करें कि जारी आदेश को तत्काल संशोधित करें।
संध के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॉन ने बताया है कि देश और प्रदेश में एक देश, एक संविधान, एक वेतनमान की मांग करने वालों ने प्रदेश के शासकीय सेवकों व सेवा निवृत्त पेंशनरों में फिर भेदभाव की नीति अपना कर मंहगाई भत्ता आदेश जारी किया गया है। प्रदेश के शासकीय सेवकों के लंबित 1 जुलाई 2019 के 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ता को देय तिथि 1 जुलाई से प्रदान किया गया। दूसरी ओर सेवानिवृत्त पेंशनरों बुजुर्गो को 1 अक्टूबर से मंहगाई भत्ता प्रदान कर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा छठवें वेतनमान के समय 32 माह के एरियर्स की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई थीं।
इसी प्रकार अब 7वें वेतनमान में 27 माह का एरिर्यस सरकार ने डकार दिया है। इससे प्रमाणित होता है कि वरिष्ठजनों के सम्मान, सिनीयर सिटीजन की बात केवल घोषणाओं और कागजों तक सिमित है। संध के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, पेंशनर संध के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र नामदेव, उमेश मुदलियार, शेख जुम्मन, शालिक सिंह ठाकुर, के.के.उपाध्याय, चेतन भारती, प्रमोद तिवारी, प्रफुल्ल शर्मा, संतोष ठाकुर आदि नेताओं ने तत्काल आदेश में संशोधन कर वृद्वजनों के सम्मान की रक्षा करने की मांग मुख्यमंत्री से की है। अन्यथा आगामी 3 जनवरी को प्रस्तावित पेंशनरों के मंत्रालय धेराव तथा 12 जनवरी के मौलिक अधिकार रैली में प्रदेश के वयोवृद्व पेंशनरजन बढ़ चढक़र भाग लेंगे।