रायपुर
कर्जों से राहत की उम्मीद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 दिसंबर। आरडीए ने नूतन राईस मिल की जमीन को निजी भागीदारी से विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इस कड़ी में आवासीय, व्यावसायिक अथवा मिक्स यूज के लिए निजी कंपनियों से ऑफर मंगाए गए हैं। बेहतर प्रस्ताव पर आरडीए बोर्ड फैसला करेगा।
सरकार ने समता कॉलोनी स्थित नूतन राईस मिल की जमीन आरडीए के हवाले कर दी है। रेलवे स्टेशन से मात्र एक किमी दूरी पर स्थित मिल की कुल 10.72 एकड़ जमीन है। यह जमीन बेशकीमती है, और आरडीए ने इसके आवासीय, व्यावसायिक अथवा मिक्सयूज के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटे्रस्ट (ईओआई) आमंत्रित किए हैं। पीपीपी मोड पर जमीन को विकसित किया जाएगा।
आरडीए के उपाध्यक्ष शिव सिंह ठाकुर ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को आवासीय उपयोग की मंशा है। प्लॉट विकसित कर बेचे जा सकते हैं। साथ ही मिक्सयूज के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। जो भी बेहतर ऑफर होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा।
बताया गया कि इस पूरी योजना से आरडीए को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। अगले दो-तीन महीनों के भीतर इस पूरी योजना पर काम शुरू हो जाएगा। कमल विहार योजना के चलते आरडीए करोड़ों के कर्ज के बोझ तले दब गई है। ऐस में आरडीए के पदाधिकारी मिल की जमीन को लेने के लिए प्रयासरत थे। सरकार ने मार्कफेड की सहमति लेकर आरडीए को जमीन विकसित कर नई योजना लाने के लिए सहमति दे दी है। इस पूरी योजना से आरडीए को करोड़ों रुपये मिल सकते हैं, और कुछ हद तक कर्जों से राहत मिल सकती है।