रायपुर
रायपुर, 31 दिसंबर। स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब ने विदेशी संस्कृति वाले नववर्ष कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं से देश हित में एक अपील जारी कर कहा है कि वे भारतीय संस्कृति के त्यौहार भी अपनाएं। उन्होंने कहा कि युगों से मनाए जा रहे हमारे भारतीय त्यौहार सनातन वैदिक सिद्धांतों के अनुरूप होने के कारण उनमें आध्यात्मिक भाव शामिल रहता है। उन्होंने कहा कि जहां आध्यात्म होता है वहां परमार्थ की भावना से भरा नैसर्गिक आनन्द सदैव विद्यमान रहता है। अत: भारतीय त्यौहार हमारे जीवन को दीर्घकालीन नैसर्गिक आनन्द से भर देते हैं। इसके विपरीत जहां आध्यात्म नहीं रहता वहां स्वार्थ की भावना को बल देने वाली प्रबल मायावी शक्ति काम करती है जो प्राय: हममें तनाव उत्पन्न करती है।
साईं मसन्द साहिब ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ वर्षों से विश्व में भारतीय संस्कृति का महत्व स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। हाल ही में सामने आए कुछ समाचारों के मुताबिक विश्व के विभिन्न देशों के लाखों नागरिक, जिनमें कुछ शासक परिवार भी शामिल हैं; हमारे सनातन सिद्धांतों के सहारे आनन्दमय जीवन जीने हेतु हिन्दु जीवन शैली अपना चुके हैं। उल्लेखनीय है कि साईं जलकुमार मसन्द साहिब करीब 10 वर्षों से भारत के विभिन्न नगरों का निरंतर दौरा कर देश के पूज्यपाद शँकराचार्यों एवं अन्य बड़े संतों से मिलकर उनके मार्गदर्शन में देश में सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित धर्म का शासन स्थापित करवाकर भारत को पुन: विश्वगुरू व समृद्ध राष्ट्र बनाने की अपनी 14 सूत्रीय कार्ययोजना पर सतत् काम कर रहे हैं।