रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 जनवरी। रायपुर जिले में हत्या के प्रकरणों में 30 फीसदी की कमी आई है। यही नहीं, डकैती का ग्राफ भी आधा हुआ है। अलबत्ता, लूट के मामलों में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
यह जानकारी रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कॉफ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि बीते एक साल में हत्या के 56 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमे से 51 प्रकरणों में कुल 98 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि वर्ष-2020 में 76 मामले आए थे। पिछले साल की तुलना में इस साल 30 फीसदी की कमी आई है।
एसएसपी ने यह भी बताया कि गत वर्ष हत्या के प्रयास के 91 मामले दर्ज हुए थे। इस साल 63 मामलों में से 48 प्रकरणों में कुल 116 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या के प्रयास के मामले में भी 30 फीसदी की गिरावट आई है। उन्होंने यह भी बताया कि डकैती के 3 प्रकरणों में 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष-2020 की तुलना में डकैती का अपराध तकरीबन आधा हो गया है। गत वर्ष डकैती के 7 मामले दर्ज किए गए हैं। लूट के मामले भी पिछले साल 55 थे। जबकि इस साल 73 मामले दर्ज किए गए हैं। लूट के मामले पिछले साल 55 थे जबकि 2021 में 73 मामले दर्ज किए गए हैं। इस वर्ष मोबाइल छीन लेने को भी लूट के दायरे में लाए जाने के कारण अपराध के आंकड़ों में वृद्धि हुई है।
एसएसपी ने बताया कि वर्ष-2020 में नकबजनी के 514 मामले दर्ज किए गए। जबकि पिछले साल 481 मामले दर्ज हुए थे। इसमें से आंशिक वृद्धि देखी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष-2020 में बलवा के 96 मामले थे। इस साल 7 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी प्रकार धोखाधड़ी में 240 प्रकरण हैं। जबकि वर्ष 2020 में 239 प्रकरण दर्ज किए गए थे।
उन्होंने बताया कि सट्टाबाजी के मामलों में दोगुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। सट्टा के 653 प्रकरणों में 681 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। 39 लाख 61 हजार से अधिक रकम जब्त किए गए। जबकि विगत 2020 में सट्टा के 270 प्रकरण में से 351 व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर 45 लाख 40 हजार रूपए बरामद किए गए। सालभर में 99 लोगों के खिलाफ 110 के प्रकरण दर्ज किए गए। धारा 151 के तहत 3960 प्रकरण दर्ज किए गए।