रायपुर
अस्थमा, एनीमिया, कुपोषण गर्भवतियों को मिलेगी राहत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जनवरी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने नए वर्ष में गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए एक विशेष क्लीनिक प्रारंभ किया है। इसमें शारीरिक रूप से कमजोर और एनीमिक महिलाओं को पीड़ा रहित सामान्य प्रसव कराने के लिए काउंसलिंग और चिकित्सा प्रदान की जाएगी। छत्तीसगढ़ में अपने तरह के इस पहले क्लीनिक से महिलाओं को काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
नए क्लीनिक का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि प्रदेश में इस प्रकार के क्लीनिक की काफी समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। प्रदेश में शारीरिक रूप से कमजोर और एनीमिया से पीडि़त महिलाओं की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में प्रसव के दौरान इन महिलाओं को काफी दर्द से गुजरना पड़ता है। इससे राहत प्रदान करने के लिए लेबर एनलजेशिया यूनिट और क्लीनिक प्रारंभ किया गया है। यह क्लीनिक स्त्री रोग और एनेस्थेसिया विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संचालित होगा।
स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. सरिता अग्रवाल ने बताया कि क्लीनिक के लिए विभाग हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं की पहचान करेगा। इन्हें सतत् निगरानी में रखकर उपचार प्रदान किया जाएगा। प्रथम प्रयास होगा कि गर्भावस्था की प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पीड़ा रहित प्रसव के लिए तैयार कर दिया जाए।
एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष प्रो. एनके अग्रवाल ने बताया कि विशेष क्लीनिक का संचालन प्रत्येक शनिवार को प्रात: 11 से दोपहर एक बजे तक डॉ. सरिता रामचंदानी के निर्देशन में ए ब्लाक स्थित लेबर रूम कांप्लेक्स में किया जाएगा। डॉ. रामचंदानी ने बताया कि इस क्लीनिक में हाई रिस्क रोगियों जैसे एनीमिक, अस्थमा और कुपोषण की शिकार महिलाओं को विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
उद्घाटन समारोह में डॉ. सुब्रत सिंघा, डॉ. नीलज बागड़े, डॉ. चंद्रशेखर श्रीवास्तव सहित दोनों विभागों के चिकित्सक उपस्थित थे।
इससे पूर्व नववर्ष के प्रथम कार्य दिवस पर एम्स के नए चिकित्सकों ने प्रो. नागरकर, डीन प्रो. एस.पी.धनेरिया और प्रो. अनिल गोयल के निर्देशन में हिप्पोक्रेटिक शपथ भी ग्रहण की।