रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 जनवरी। रायगढ़ जिले में राइस मिलरों द्वारा गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया कि कुछ मिलरों ने तीन के बजाए एक माह की बैंक गारंटी देकर करोड़ों का धान उठा लिया। इस गड़बड़ी के खुलासे के बाद मार्कफेड की एमडी ने कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है।
मार्कफेड एमडी किरण कौशल ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि तीन माह के बजाए एक माह की बैंक गारंटी जमाकर धान का उठाव करने के मामले की शिकायत पर कलेक्टर से वस्तु स्थिति की जानकारी मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद इस पर कोई कार्रवाई होगी।
बताया गया कि मिलिंग के लिए धान देने से पहले राईस मिलरों को उतनी ही राशि की तीन माह की बैंक गारंटी देनी होती है। मगर कुछ मिलरों ने एक माह की बैंक गारंटी देकर करोड़ों का धान उठा लिया है। सूत्र बताते हैं कि फिलहाल दो राईस मिलर सत्यम बालाजी राईस मिल, और जय भवानी राईस मिल द्वारा एक महीने की बैंक गारंटी दी, लेकिन एंट्री तीन माह का कराकर उठाव करा लिया।
जिला प्रशासन जल्द से जल्द मिलिंग के लिए दबाव बनाए हुए हैं, और इसका फायदा मिलरों ने उठाया है। इस पूरे मामले के खुलासे के बाद मार्कफेड एमडी ने कलेक्टर से जानकारी मांगी है। वर्ष-2014 में भी इसी तरह का मामला प्रकाश में आया था तब छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के मिलरों ने बिना बैंक गारंटी के धान का उठाव कर लिया, लेकिन चावल जमा नहीं कराया। उस समय सरकार को इस मामले में एफआईआर तक कराना पड़ा था। साथ ही साथ कई मिलर ब्लैक लिस्ट भी हुए थे। वसूली की कार्रवाई दो साल तक चलती रही। अब कुछ इसी तरह की स्थिति रायगढ़ में भी पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।