रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जनवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री से एम्स सहित प्रदेश में अस्थाई रूप से कार्यरत स्वास्थ अनुभवी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों पर नियममित करने की मांग की है। संघ ने इन कर्मियों की सेवाएं खत्म करने का विरोध किया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खान ने बताया है कि पूर्व में संविदा स्वास्थ कर्मचारियों जिसमें बड़ी संख्या में कोरोना काल में अपने प्राण की बाजी लगाकर जन सेवा करने वालों की सेवाएं समाप्त की गई थीं। इसी प्रकार वर्ष 2018 में पूर्ववर्ती सरकार में स्वास्थ संयोजक संघ के प्रांताध्यक्ष टार्जन गुप्ता के नेतृत्व में जारी 45 दिनों तक स्वास्थ संयोजक कर्मचारी संघ के आंदोलन में 1262 स्वास्थ संयोजकों, नर्सेस यूनियन की नेताओं को बर्खास्त कर, दुधमुंहे बच्चे सहित केन्द्रीय कारागार में बंद करने का निर्णय लिया गया था।
संविदा स्वास्थ कर्मचारी संघ प्रांताध्यक्ष हेमंत सिन्हा के नेतृत्व में भी प्रदर्शन किया गया था। जिन्हें संगठनात्मक विरोध के बाद कोरोना को दृष्टिगत् रखते हुए प्रदेश की जनता के हित में 6 माह सेवा वृद्वि किया गया था। अब जब पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, तब रायपुर एम्स ने इनकी सेवाएं खत्म कर दी है।
जबकि इन बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों की मानव सेवा इन्हीं अस्थाई स्वास्थ कर्मचारियों के द्वारा ही किया जाता है। संघ ने केन्द्र सरकार के इशारे पर प्रदेश सरकार को बदनाम करने धरना प्रदर्शन पर अपने ही कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने की निंदा संध के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय संयोजक विमल चंद्र कुण्डू, प्रांतीय सचिव आलोक जाधव, श्रीकांत मिश्रा, जवाहर यादव, प्रांतीय सचिव रामचंद्र ताण्डी आदि ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ मंत्री से एम्स सहित प्रदेश में अस्थाई रूप् से कार्यरत् स्वास्थ अनुभवी कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों नियमितिकरण करने की मांग की है। ताकि चुनवी जन धोषणा पत्र का पालन संभव हो सकें।