रायपुर
सामाजिक विकास में महिलाओं को आना होगा आगे-अनिला
रायपुर, 5 जनवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश मरार पटेल समाज के तत्वाधान में पटेल विद्यामंदिर महामाई पारा रायपुर स्थित प्रदेश कार्यालय में भारत की प्रथम महिला शिक्षिका और महिला सशक्तिकरण की जननी माता सावित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर प्रदेश स्तरीय महिला सशक्तिकरण सम्मेलन और विवाह योग्य युवक-युवती परिचय माला पुस्तिका का विमोचन एवं परिचय सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित की गई थी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा, विशिष्ट अतिथि संध्या मालीकार पटेल, कंचन मालीकार पटेल और कार्यक्रम की अध्यक्षता अंजुबाला पटेल ने की।
महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा ने संबोधित करते हुए कहा कि माता सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका समाज सुधारक एवं मराठी कवियत्री थी। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने महिलाओं को समाज में अधिक से अधिक जोडऩे के लिए अपील की तथा मरार पटेल समाज द्वारा सौंपे गये मांग पत्र पर जल्द से जल्द निराकरण करने का आश्वासन भी उन्होनें ने दिया। बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षा देने पर उन्होंने जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि संध्या मालीकर पटेल ने संबोधित करते हुए बताया कि युवतियां भी शिक्षा के क्षेत्र में बढ़चढक़र आगे बढ़ रही है तथा विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रौशन कर रही है, बेटियों में अत्याधिक शिक्षा दिलानें के लिए उपस्थित माताओं से अपील की। कंचन मालीकर पटेल ने कहा कि भारती की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले ने पूरे देश में शिक्षा का अलख जगाई थी उन्होंने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना।
कार्यक्रम कों प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि मातृशक्तियों का अनुपम संगठन आज पटेल विद्यामंदिर की इस धरती पर दिख रहा है यह कार्यक्रम पूरे समाज के माताओं के लिए समर्पित है तथा सभी से अपील करते हुए कहा कि माता सावित्री बाई फुले के जीवन से प्रेरणा लेकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यकारी अध्यक्ष सुनील पटेल ने कहा कि प्रदेश स्तर पर महिलाओं को समाज के जागृत करने के लिए विशेष अभियान चलाये जाने की अवश्यकता है जिससे महिलायें अधिक से अधिक समाज के प्रति जुड़ सके।