रायपुर
बर्बाद फसल का मुआवजा दे और खाद संकट भी दूर करे सरकार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जनवरी। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने प्रदेश में धान खरीदी की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाने, दिसंबर-जनवरी में खराब मौसम के कारण खेती-किसानी को हुये नुकसान का मुआवजा देने की भी मांग की है।
छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि दिसम्बर-जनवरी के 15 दिनों में खराब मौसम के कारण सोसायटियों में धान खरीदी पूरी तरह ठप्प रही और नमी के कारण किसानों को अपना धान दोबारा सुखाना पड़ा है। इसके कारण किसान अपना धान बेचने में पिछड़ गए हैं। इसलिए किसानों की धान बेचने की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाने की मांग जायज है। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर किसान व्यापारियों को औने-पौने दाम में अपना धान बेचने को मजबूर होंगे और उन्हें भारी नुकसान उठाना होगा।
सभा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों 15 दिनों के खराब मौसम, तूफान और अतिवृष्टि की मार से खेती-किसानी को भारी नुकसान पहुंचा है। कारगर फसल बीमा योजना के अभाव में किसानों के समक्ष भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। फसल नुकसानी के आंकलन के राज्य सरकार के आदेश पर अमल नहीं हो रहा है।
राजस्व विभाग के कर्मचारी घर बैठे यह आंकलन कर रहे हैं, जिसमें किसानों के लिए राहत की कोई बात नहीं है, क्योंकि हजारों किसानों की पूरे साल की फसल खराब हो चुकी है। किसान सभा नेताओं ने मांग की है कि इस अभूतपूर्व फसल बर्बादी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को प्रति एकड़ न्यूनतम दस हजार रुपये मुआवजा दिया जाए।