रायपुर

राशन दुकानों में वन नेशन वन कार्ड की स्कीम में देरी, वेइंग मशीनें डंप...कुछ दूकानों में ही डिजीटल तौल
21-Jan-2022 5:19 PM
राशन दुकानों में वन नेशन वन कार्ड की स्कीम में देरी, वेइंग मशीनें डंप...कुछ दूकानों में ही डिजीटल तौल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 जनवरी। राशन दुकानों में कार्डधारियों के खाते से राशन की हेराफेरी रोकने वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम लागू तो कर दिया गया है लेकिन दूकानों में अभी भी डिजीटल तौल का सिस्टम बनाने में देरी है। दुकान के संचालक कहीं-कहीं ही हाईटेक तराजू मशीन से राशन बांट पा रहे हैं। राशन दुकानों में दी गई पीओएस मशीनों के साथ टेबलेट से राशन का हिसाब किताब किया जा रहा है, लेकिन दुकानों में बांटे गए वेइंग मशीनों से अभी भी काम रूका हुआ है। विभागीय अफसरों का कहना है ट्रायल की स्थिति में अभी वेइंग मशीन और पीओएस मशीन का लिंक जोडऩा बाकी है। जब तक दोनों का आपस में लिंक नहीं जुड़ेगा, डिजीटल तौल का पूरा सिस्टम नहीं बन पाएगा। राशन दुकानों में डिजीटल तराजू का सिस्टम बनाने के लिए दो साल पहले से कवायद चल रही है लेकिन यह सिस्टम अभी भी कहीं-कहीं ही बन पाया है। ग्रामीण इलाकों में मौजूद राशन दुकानों में टेबलेट के जरिए ही राशन बांटे जा रहे हैं। पीओएस मशीनें लगाए जाने के बाद इसमें राशन कार्डधारियों को वितरण के वक्त थम और आधार से नंबरिंग चल रही है लेकिन वेइंग मशीन अटैच नहीं होने की वजह से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। जिले में लगभग 540 राशन दुकानें है। एपीएल व बीपीएल कार्डधारियों का डिजीटल डाटा तैयार करने के बाद वेइंग मशीनें बांटी गई है। अधिकारियों का वेइंग मशीन के साथ ब्लूटूथ कनेक्शन का सिस्टम बनने के बाद जितने राशन का वितरण किया गया है उसकी एंट्री ऑटोमेटिक सर्वर में अपलोड हो जाएगा। अधिकारी किसी भी वक्त दुकानों के हिसाब-किताब का ब्योरा देख सकेंगे। दुकानों में राशन की कालाबाजारी रूकेगी। खाद्य नियंत्रक तरूण राठौर ने बताया, अभी ट्रायल चल रहा है। सिस्टम बनने में थोड़ा और वक्त लगेगा। वेइंग मशीनें सभी दुकानों को दे दिया है।

सर्वर डाउन रहने से आफत

राशन दुकानों में पॉश मशीनों में सर्वर की समस्या बताई जा रही है। कई बार लिंक फेल हो  जाने की वजह से भी हितग्राहियों की भीड़ लग रही है। मालूम यह भी हुआ है कि ई-पॉश मशीन की बैटरी मुश्किल से घंटेभर ही चलती है, जबकि राशन वितरण 6 से 7 घंटे लगातार करना पड़ता है। कई बार लंबे समय तक सर्वर डाउन होने की वजह से बिना वितरण के ही लौटने की मजबूरी रहती है।

पीओएस-वेइंग मशीन से फायदे

  • वन नेशन-वन राशन कार्ड के लिए बनाया गया डिजीटल एप्प में पूरा रिकार्ड अपलोड होगा। जिसमें डिवाइस, प्रिंटर, थम्ब, ऑनलाइन आधार लिंक शामिल हैं।
  •  राशन की कालाबाजी रूकने से प्लस-माइनस का खेल खत्म होगा। दुकान संचालक इसी हिसाब से गड़बडिय़ां करते हैं।
  • जितना राशन आवंटित किया गया, उसे उतना राशन बांटना ही होगा, जो बचेगा उसका हिसाब किताब ऑटोमेटिक दर्ज हो जाएगा।
  •  जिले के सभी राशन दुकान से दूसरे वार्ड, दूसरे जिले और दूसरे राज्यों से आए हितग्राही को भी लाभ मिल सकेगा।
  •  कालाबाजारी रोकने में मदद मिलेगी। आधार और राशन कार्ड लिंक नहीं होने पर राशन कार्ड की जांच आसानी से।

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