रायपुर
![नकली करेंसी का ऐसा जाल, हर कोई खा जाएगा धोखा, कलर प्रिंट वालेे नोट बैंक से लेकर बाजारों में...? नकली करेंसी का ऐसा जाल, हर कोई खा जाएगा धोखा, कलर प्रिंट वालेे नोट बैंक से लेकर बाजारों में...?](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1643454254akali_note.jpg)
बैंक पहुंची रकम की तस्दीक में जुटी पुलिस, छुट्टे लेनदेन में नोटों की खपत का शक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जनवरी। शहर के एक बैंक में जाली नोट मिलने के बाद कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। बैंक में जमा किए गए नोट कलर प्रिंट के जरिए स्केन करके बनाए गए हैं। नोटों को देखने और छूने में भी बिल्कुल असली नकली का पता नहीं चलता। हुबहू कलर प्रिंट और साइज के साथ बनाए गए नोट से धोखा देना आसान है। रात या फिर अंधेरा होने के बाद नोटों की चमक समझ पाना मुश्किल है। एक्सीस बैंक की शाखा की ओर से सुपुर्द किए गए 5.60 लाख रुपये की जांच चल रही है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता से हुई बातचीत में जांच अफसरों ने यह खुलासा किया है नोटों की डिजाइन ऐसी है जिसे बैंक ही नहीं बल्कि बाजारों में भी खपाने का पूरा शक है। आउटर देहात क्षेत्रों में ज्यादातर नोटों की खपत हो सकती है। सभी किस्म के नोटों में फर्जीवाड़ा बहुत ही असानी से किया गया है। 100 के नोट हों या फिर 2 हजार रुपये के नोट, कलरफूल कागजों पर परफेक्ट प्रिंट है। अगर फर्जी नोटों को ध्यान से देखा जाए तो इसमें दिखने वाली सिल्वर लाइन की चमक एक कलर-ग्रीन में है। जबकि कुछ नोट ऐसे हैं जिसमें कंप्यूटर के जरिए ही लाइन का प्रिंट बनाया गया है। बैंक एक्सपर्ट्स के मुताबिक आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में ही पिछले साल देशभर में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के नकली नोट पकड़े जा चुके हैं। सबसे ज्यादा छोटी रकम यानी कि 100 के जाली नोट का चलन ज्यादा है। इसमें बिना लाइन के भी नोट देकर आंख में धूल झोंका जा रहा है। चिल्हर मार्केट या फिर भीड़ भाड़ के दौरान पहचान नहीं होने से गिरोह के लिए रास्ता आसान है।
100 के नोटों की ऐसे पहचान
100 रुपये के असली नए नोट की पहचान करने का पहला तरीका यह है कि असली नोट पर सामने वाले दोनों हिस्से पर देवनागरी में 100 लिखा है. वहीं नोट के बीच में महात्मा गांधी की फोटो लगी है। 100 छोटे अक्षरों में लिखा है। 100 रुपये या उससे अधिक मूल्य वाले नोट पर महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की सील, गारंटी और प्रॉमिस क्लॉज, अशोक स्तंभ, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए आइडेंटिफिकेशन मार्क इंटैग्लियो में प्रिंटेड होते हैं।
जाली नोट में नकली लाइन तय
आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल से नोट को देखे तो रकम का अक्षर नजर आएगा, लेकिन जाली नोट में ऐसा नहीं दिखता। यहां पर देवनागरी में अंक भी लिखा होता है। पुराने नोट से तुलना करें तो असली नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है। नोट को हल्का मोड़ेंगे तो सिक्योरिटी थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है। जाली नोट में सिक्योरिटी थ्रीड एक रंग का ही दिख रहा है।
नोडल थाने में हिसाब करोड़ पार
जाली और नकली नोट के लिए नोडल थाना सिविल लाइंस में अब जब्त करेंसी का हिसाब करोड़ तक पहुंचना तय है। रायपुर में जितने बैंकों की संख्या उस हिसाब से सभी जगहों से लाखों रुपये के नोट थाना में जमा होंगे। अकेले एक्सीस बैंक से 5.60 लाख रुपये का हिसाब है। टीआई सत्यप्रकाश तिवारी का कहना है, अभी एक ही बैंक से मामले सौंपे गए हैं। नोडल थाना में दूसरे बैंक से भी जाली नोट पहुंचेंगे।