रायपुर
![20 दिनों बाद चर्चा के लिए टेबल पर आई सरकार, किसानों ने रखी सात मांगे 20 दिनों बाद चर्चा के लिए टेबल पर आई सरकार, किसानों ने रखी सात मांगे](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1643458194ethak-chobey-3.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जनवरी। नया रायपुर के प्रभावित किसानों को बढ़ते विरोध से सरकार में सक्रियता बढ़ गई है। ये किसान बीते 19 दिनों से आंदोलनरत हैं। गणतंत्र दिवस के दिन भी इन किसानों ने नए शहर में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार को चुनौती दी थी। इसे देखते हुए किसानों से चर्चा करने के लिए सीएम भूपेश बघेल ने मंत्री स्तरीय कमेटी का गठन किया था। समिति में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय विकास मंत्री शिव डहरिया, और क्षेत्रीय विधायक धनेन्द्र साहू शामिल हैं। इस समिति ने शनिवार को किसानों से पहले चरण की वार्ता शुरू कर दी है। ये किसान नया रायपुर क्षेत्र के 68 से अधिक गांव में स्वतंत्र रूप से भूमि की खरीदी-बिक्री पर 2005 से लगाई गई रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा एनआरडी द्वारा अधिग्रहित जमीनों का मुआवजा बढ़ाने, और प्रभावितों को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर मंत्रियों की समिति के बुलावे पर चर्चा कर रहे हैं।
ये भी कर रहे समर्थन
इस किसान आन्दोलन को कई संगठन समर्थन कर रहे हैं। इनमें , छात्र संगठन आल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट, छत्तीसगढ़ सयुक्त किसान मोर्चा, छत्तीसगढ़ अभिकर्ता निवेशक एवं कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना , नवा रायपुर मितानिन समूह, नवा रायपुर झाडू , पोछा माली संघ, किसान व मजदूर संघ, नवा रायपुर आटो यूनियन संघ, प्रदेश सरपंच संघ अध्यक्ष, नवा रायपुर सरपंच संघ, स्व • सहायता महिला समूह, पूर्व जनप्रतिनिधि , सास्कृतिक कार्यक्रम स्कूली छात्राएं भी समर्थन दे रही हैं।
प्रमुख मांगे
- आपसी सहमति एवं भुअर्जन से भूमि के अनुपात में पात्रतानुसार नि:शुल्क भूखण्ड आबंटन हो ।
- बसाहट से सटे भूमि का भुअर्जन से मुक्त तथा सम्पूर्ण बसाहट का पट्टा दिया जाए ।
- वार्षिकी राशि का पूर्णतया आबंटन । आडिट आब्जेक्शन अगर है तो कानूनी कार्रवाई से वसूली हो ।
- प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क (18 साल से ऊपर) को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड अविलंब दिया जाए ।
- प्रभावित क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगारों को योग्यता अनुसार रोजगार का प्रावधान हो ।
- स्थानीय लोगों को पात्रता अनुसार गुमटी, चबूतरा, दुकान व्यवसाय आदि को लागत मूल्य में दिया जाए ।
- भुअर्जन में मुआवजा नहीं लिए है सिर्फ ऐसे भूमि पर चार गुणा मुआवजा लागू किया जाए ।