रायपुर

साल भर में बढ़े 20 हजार से ज्यादा किराएदार, मकानों के वेरिफिकेशन में पुलिस पड़ी सुस्त
31-Jan-2022 6:27 PM
साल भर में बढ़े 20 हजार से ज्यादा किराएदार, मकानों के वेरिफिकेशन में पुलिस पड़ी सुस्त

भाड़े के मकान में अपराधी गिरोह के बना लेने के मामले लगातार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 31 जनवरी। राजधानी में एक बार फिर से  किराएदारों के वेरिफिकेशन अभियान को लेकर पुलिस सुस्त पड़ गई है। आलम यह है कि दूसरे राज्यों के वांटेड अपराधी गिरोह के मेंबर आसानी से पनाह लेने लगे हैं। तेलीबांधा में हार्ड कोर शूटर गैंग के पकड़े जाने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर में सभी थानों को  किराएदार सूची खंगालने के निर्देश दिए है। इसके बाद थाना स्तर पर पुलिस ने सघन अभियान चलाने अब तैयारी शुरू की है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक लॉक डाउन हटने के बाद शहर में एक बार फिर से दूसरे राज्यों की मजदूरों की टोली रायपुर शहर में लौट रही है। अन्यत्र जगहों में इस टोली के मजदूर काम पर पहुंच रहे हैं लेकिन किसी का भी वेरिफिकेशन नहीं हो पा रहा है।  इसी की आड़ में दूसरे राज्यों के मोस्ट वांटेड अपराधी रायपुर शहर में पनाह ले रहे हैं। विगत 15 दिनों के भीतर पुलिस को बड़े अपराधी मामले उजागर होने के बाद दो मकान मालिकों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई करने के लिए मजबूरन नोटिस देना पड़ा है। शहर में पूर्व निर्धारित आदेश के अनुसार किसी भी मकान मालिक को अपने यहां अनजान व्यक्ति के किराए में पहुंचने के बाद उसकी जानकारी देना जरूरी है। लेकिन संबंधित थानों में यह कार्रवाई पूरी तरह से ठप पड़ गई है।

एसएस रोल जारी करने की मुहिम से ध्यान खींचा

पुलिस आमतौर पर दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों और फेरी वालों के चरित्र सत्यापन के लिए उनके दी गई जानकारी के पते पर एसएस रोल जारी करती है। लॉक खुल जाने के बाद रायपुर शहर में सिर्फ और सिर्फ इक्के दुक्के थानों से ही एसएस रोल जारी हो पाए हैं। संकट ये है कि बाहर से काम की तलाश में आए मजदूरों के बीच अपराधी किस्म के लोग कौन-कौन हैं इसकी जांच अब मुश्किल हो गई है।

भाड़े का फायदा उठाकर मोबाइल लूट आम

हाल में तेलीबांधा पुलिस ने एक मोबाइल झपट्टा गैंग को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी के साथ दो नाबालिग 60 मोबाइल फोन के साथ पकड़े गए थे। मालूम हुआ है बिना किसी वेरिफिकेशन के इन्होंने मकान भाड़े में लिया था। खुद को कपड़ा बाजार में कर्मचारी बताते थे लेकिन जब उनका क्राइम वेरिफिकेशन हुआ तब पुलिस को भी चौंकना पड़ा। दूसरे राज्यों में पेशेवर गिरोह के रूप में संदेशों के खिलाफ मामले दर्ज थे। वेरिफिकेशन अभियान ठप पडऩे के बाद ज्यादातर अपराधी गिरोह खाली मकानों में तगड़ा एडवांस देकर ठिकाना बनाने के लिए आतुर हो चुके हैं।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news