रायपुर
![‘जमीन कब्जे के आरोप सदभावनाओं को प्रभावित करने का प्रयास’ ‘जमीन कब्जे के आरोप सदभावनाओं को प्रभावित करने का प्रयास’](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1643634000_S_SINGH_DEV-5.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 जनवरी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को जमीन कब्जे के आरोपों पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह उनकी सदभावनाओं को प्रभावित करने का प्रयास है।
श्री सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि जोड़तोड़ की राजनीति में कभी नहीं रहे, और न कभी रूचि है। राजनीति में रहा लोगों की सदभावना के आधार पर और उस सदभावना को प्रभावित करने का प्रयास है। मुझे कोई सफाई कहीं और से नहीं देनी है। लोगों के मन में जब तक ये भाव कि ये आदमी ठीक ठाक है। ये आदमी ऐसा नहीं है। मेरे लिए वो सब कुछ वही है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्री पर सरगुजा में कांग्रेस के पार्षद रहे, और वर्तमान में भाजपा के नेता आलोक दुबे ने कई आरोप लगाए थे। उन्होंने अंबिकापुर ने साक्ष्य के तौर पर तमाम दस्तावेज संलग्न करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस मामले में सीएम भूपेश बघेल को कार्रवाई के लिए निर्देशित करने को कहा है।
पार्षद ने पत्र में रियासतों के विलीनीकरण का हवाला देते हुए कहा है कि सरगुजा रियासत के विलय पर भी 25 मार्च 1948 को सरगुजा के तत्कालीन महाराज और मध्य प्रान्त की राजधानी नागपुर में मध्य प्रांत के तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल के बीच समझौता हुआ था। इस ऐतिहासिक समझौते में तय हुआ था कि कौन सी जमीन सरगुजा परिवार की निजी जमीन होगी और किस जमीन पर राज्य सरकार का अधिकार होगा। इस दस्तावेज में किसी तरह का बदलाव नियम के प्रतिकूल था।
आरोप लगाया गया है कि बाद में छग के मंत्री देव और उनके पिता स्वर्गीय मदनेश्वर शरण सिंह जो मध्यप्रदेश सरकार में मुख्य सचिव भी रहे थे इन्होंने अपने रसूख का इस्तेमाल कर दस्तावेजों में हेरफेर कराया।