रायपुर

बजट को भाजपा ने सराहा तो माकपा ने लफ्फाजी कहा
01-Feb-2022 5:29 PM
बजट को भाजपा ने सराहा तो माकपा ने लफ्फाजी कहा

बजट विकास यात्रा को गति प्रदान करेगा-भाजपा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 1 फरवरी।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने केन्द्र के नए बजट को समाज के सभी वर्गों के विकास का बजट कहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से मैचिंग ग्रांट न रखने के कारण प्रदेश के गरीबों को आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

डॉ सिंह ने कहा कि यह बजट गरीबों को मजबूत बनाएगा और देश के  युवाओं के लिए बेहतर भविष्य का सृजन करेंगे। उन्होंने कहा कि बजट में राज्यों को लोन देने के लिए एक लाख करोड़ रखे गए हैं लेकिन उसमें शर्त यह है कि प्रदेश के अधोसंचरना विकास में खर्च करने पड़ेगा न कि गोबर खरीदी जैसे कामों में।

लोकसभा सांसद सुनील सोनी ने बजट 2022-23 को राष्ट्रहितैषी बजट बताया है, उन्होंने कहा कि यह बजट विकास यात्रा को गति प्रदान करेगा। जिसमें 80 लाख नए प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य, एक साल में 25 हजार किमी हाइवे, रक्षा क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भरता, आर्गेनिक खेती को बढ़ावा तथा एमएसपी पर रिकार्ड खरीदी का लक्ष्य सहित अनेक रोजगार का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का यह बजट देश की आजादी के 100वीं वर्षगाठ का बुनियादी बजट साबित होगा और कोरोना के इस कालखंड में भी हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना बजट में समाहित है।

सांसद श्री सोनी ने कहा कि बजट में युवाओं, महिलाओं, कृषकों, अनुसूचित जाति-जनजाति, व्यापारियों सहित सभी लोगों का ख्याल रखा गया है। पीएम गति शक्ति योजना के मास्टर प्लान के तहत सुव्यवस्थित ढंग से शहरी क्षेत्रों में भी विकास कार्य होंगे। 4 सौ वंदे भारत ट्रेन तथा सौ पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल्स अगले 3 वर्षों में तैयारी की जाएगी। समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि और निवेश को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है। स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट की अवधि में एक वर्ष की बढ़ोत्तरी की गई है तथा आने वाले समय में खेती के सामान, कपड़े, आभूषण इत्यादि सस्ते होंगे।

लफ्फाजी भरा कॉर्पोरेट बजट-माकपा
रायपुर। मोदी सरकार द्वारा आज पेश केंद्रीय बजट को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने लफ्फाजी भरा कॉर्पोरेट बजट करार दिया है, जिसमें कोरोना संकट और मंदी की दुहरी मार से जूझ रही आम जनता के लिए राहत की कोई बात नहीं है। पार्टी ने कहा है कि यह बजट संपत्ति के संकेंद्रण को बढ़ाएगा और इससे आर्थिक असमानता और तेजी से बढ़ेगी।

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि बजट में जिस प्रकार विनिवेशीकरण की लकीर को लंबा खींचा गया है, उससे अर्थव्यवस्था का और पतन होगा। आर्थिक सर्वे से स्पष्ट है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना काल से पहले की औसत वृद्धि दर से 12त्न नीचे चल रही है। वास्तव में हमारे देश का विकास रोजगारहीन विकास का प्रतीक बन चुका है।

उन्होंने कहा है कि खाद्यान्न भंडारण के बजट में 15 हजार करोड़ रुपये, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 3 हजार करोड़ रुपये और मनरेगा के बजट आबंटन में 25 हजार करोड़ रुपयों से ज्यादा की कटौती की गई है। इसका आम जनता के जीवन स्तर पर सीधा प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले से कमजोर देश की खाद्यान्न सुरक्षा और आत्मनिर्भरता तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली और ज्यादा खतरे में पडऩे वाली है। बजट में इन भारी कटौतियों से रोजगार निर्माण की संभावना भी खत्म होगी।

माकपा नेता ने कहा कि जब अर्थव्यवस्था मांग के अभाव और मंदी से जूझ रही हो, तब जरूरत बड़े पैमाने पर नौकरियों के सृजन, मुफ्त खाद्यान्न वितरण और नगद राशि से मदद करने की होती है, ताकि आम जनता बाजार से सामान खरीद सके, मांग बढ़े और अर्थव्यवस्था को गति मिले। लेकिन ऐसे किसी उपाय पर अमल करने के बजाय बजट में कॉर्पोरेट टैक्स को घटाने को प्राथमिकता दी गई है, जबकि अनब्रांडेड पेट्रोलियम उत्पादों को 2 फीसदी महंगा कर दिया गया है और महंगाई से परेशान मध्यवर्गीय जनता को आयकर में कोई छूट देने से इंकार कर दिया गया है।
 

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