रायपुर
![राजघराने ने जमीन दान में दी गई थी, सस्ती लोकप्रियता के लिए आरोप लगा रहे भाजपाई-शफी राजघराने ने जमीन दान में दी गई थी, सस्ती लोकप्रियता के लिए आरोप लगा रहे भाजपाई-शफी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1643799257cc.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 फरवरी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जमीन कब्जा करने के आरोपों को लेकर श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद बुधवार को भाजपा नेताओं पर जमकर हमले किए। अहमद ने पत्रकारवार्ता में कहा कि बीजेपी के पार्षद ने कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने की मंशा से टी एस बाबा पर अवैध रूप से भूमि विक्रय करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जमीन इन्वेन्ट्री के अनुसार राजघराने की व्यक्तिगत जमीन थी, जिसे बशर्त दान में दिया गया था। शर्त यह थी कि जमीन पर केवल कन्या शाला का संचालन हो, और राजघराने के नाम पर स्कूल का नाम रखा जाएगा। जिस पर आगे चलकर शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाया गया।
शफी ने बताया कि नजूल खसरा क्रमांक 3467 जिसमें 52 एकड़ का तालाब था, जिस पर 31 एकड़ को बेचने का आरोप बीजेपी के द्वारा लगाया गया जा रहा है। 1995 में राज परिवार के द्वारा कलेक्टर को डायवर्सन का आवेदन दिया गया था। जिसमें जल क्षेत्र को छोडक़र शेष जमीन पर डायवर्सन आवासीय व्यवसायी निर्माण की अनुमति दी गई थी। उस समय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासनकाल में जमीन की खरीदी-बिक्री कर प्रतिबंध लगा दिया गया था। परन्तु जांच पर पाया गया कि सारे आरोप तथ्यहीन है, और एनजीटी ने कलेक्टर के जांच को सही बताकर खारिज कर दिया था।
बीजेपी पार्षदों द्वारा एनजीटी भोपाल में शिकायत की गई। जिसमें 31.62 एकड़ भूमि को भवन निर्माण के लिए सही माना गया था। जिस पर बीजेपी पार्षद एवं नेता टीएस बाबा, और राजघराने पर अवैध रूप से भूमि विक्रय करने का आरोप लगाकर कांग्रेस की छवि खराब करने, और जनता में अफवाह कराने का काम कर रही है। सरगुजा में मर्ज इनवेंट्री भारत सरकार, और महाराजाओं के रियासतों के मध्य संधि थी। जिसमें मर्ज दस्तावेज को अंतिम दस्तावेज माना गया है। साथ ही आश्र्चय का विषय हैं कि बीजेपी की सरकार में उक्त मामले की जांच हो चूकि हैं वर्तमान में भी शिकायतों में अपने दल के पदधिकारियों को पत्र न भेजकर राहुल गांधी को भेज रहे हैं, और न्यायालय का रास्ता न अपनाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने दुष्प्रचार कर रहे हैं।