रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 फरवरी। प्रदेश की राजधानी में हाईटेक ठगों का बोलबाला है। लॉक डाउन हटने के बाद जिस तरह से वारदातें हुई है, ऑन लाइन ट्रेक पर नुकसान पहुंचाने वालों की तादात में इजाफा हुआ है। शहर को हर साल बड़ा नुकसान पहुंचाने वाले पेशेवर गिरोह से इस साल फिलहाल राहत है। पारधी, भील, गंजाम और फिर मोतीहारी के कुख्यात गिरोह का हर साल साया मंडराता है लेकिन कुछ समय से गिरोह के दूर रहने से शहर को राहत है। इनकी जगह दिल्ली और झारखंड से ऑन लाइन ठगी करने वाले जरूर पुलिस के लिए चुनौती बढ़ाते दिखे हैं। ऑन लाइन ट्रेक पर हाईटेक फ्रॉड इस तरह से लूटपाट मचाते रहे हैं जिसमें पूरे साल के रिकार्ड में औसतन हर दिन दो ठगी के मामले थाने तक पहुंचे हैं। पुलिस ने शिकायतों और त्वरित सूचना देने वालों के लिए डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि वॉलेट में रूकवाकर उन्हें सुरक्षित लौटाई है। अपराध का ट्रेंड हाल के महीनों में पूरी तरह से बदल गया है। इस समय महीनेभर में ठगी के ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें बैंक अधिकारी, बीमा अफसर बनकर ठगों ने बैंकों में सेंधमारी तो की है, बल्कि फोन धारकों को दूर के रिश्तेदार बताकर भी मोटी रकम वसूल किए गए हैं। टिकरापारा थाना में ही एक बड़ा केस सामने आया है जिसमें करीबी दोस्त कहकर डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा के रकम फ्राड ने एंठ लिए। पांच साल पहले तक प्रदेश की राजधानी में उठाईगिरों, चेन स्नेचर और शूट आउट गैंग का बोलबाला रहा है, लेकिन हाल के दिनों में पेशेवर गिरोह की एंट्री बंद होने से शहर वासियों को बड़ी राहत जरूर है।
आर्थिक अपराध के मामले में अभी ट्रेंड बदल गया है। आमतौर पर हाईटेक ठगी की घटनाएं ज्यादा हो रही है। रायपुर पुलिस ने कुछ सालों में झारखंड और दिल्ली जाकर बड़े गिरोह को पकड़े हैं, जो फोन नंबर हासिल कर किसी न किसी बहाने ठगी करते आए हैं।
- अभिषेक माहेश्वरी,
एएसपी क्राइम
रायपुर शहर में ये बदनाम गिरोह..
1.मोतीहारी गैंग-दिन में रेकी के बाद रात में बाजार में चोरी पेशा। बाहर पर्दा लगाकर सब्बल से उठाते हैं शटर,वर्षों पूर्व कोतवाली में आखिरी बड़ी वारदात।
2.गंजाम गैंग- गाड़ी पंचर कहकर ध्यान भटकाकर चारपहिया में उठाईगिरी में यह गैंग एक्सपर्ट। पार्किंग स्थल और व्यवसायिक कांप्लेक्सों के बाहर के आदतन अपराधी।
3.ईरानी-साउथ गैंग- बिस्किट खाकर चलते दोपहिया चालक पर पीछे से थूकने के बाद लूटपाट। जीई रोड, एमजी रोड और फाफाडीह जैसे इलाके कभी रहते थे निशाने पर।
4.भील गिरोह- पेशेवर तरीके से औजार और अपनी कार लेकर घूम-घूमकर चोरी के लिए देशभर में कुख्यात। पांच साल पहले तक रायपुर पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड गैंग।
5.बावरिया/पारधी गैंग-राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले बावरिया गैंग लूट और डकैती में कई बार रायपुर जेल बंद हुए। जानलेवा औजारों के साथ देश के कई राज्यों में फेरी आम।
लॉक डाउन से कैद रहा गिरोह
लॉक डाउन के दौरान तीन साल में जिस तरह से हालात उपजे पेशेवर गिरोह की भी कमर टूटी है। ट्रेने रद्द होने, और होटल व्यवसाय बंद रखे जाने के कारण गिरोह अपने राज्यों में दुबकने को मजबूर रहा। बताते हैं यह गिरोह गांव से निकलने के बाद महीनों बाहर रहते हैं। छोटे होटलों में ठिकाना बनाकर टारगेट फिक्स करते हैं। होटल-लॉज बंद होने से गिरोह का दम निकला।