रायपुर
![महीने भर से बंद है स्टाफ बसें, दिक्कतों से जूझ रहे मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी महीने भर से बंद है स्टाफ बसें, दिक्कतों से जूझ रहे मंत्रालय के अधिकारी-कर्मचारी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1643974838-1.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 फरवरी। नवा रायपुर स्थित मंत्रालय और संचालनालय के अधिकारी कर्मचारी महीने भर से आवाजाही में हो रही दिक्कतों से परेशान हैं। स्टाफ बसों के चालक पिछले महीनेभर से हड़ताल पर हैं। इसके चलते 95 सिटी बसों के पहिए थम गए हैं। अमानाका बस डिपो में सिटी बसों को खड़ी कर चालक परिचालक हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से अब मंत्रालय आवागमन करने वाले कर्मचारियों को ऑटो रिक्शा और अन्य दूसरे साधनों से ज्यादा किराया देकर आना-जाना करना पड़ रहा है। कोरोना के चलते लगभग महीनेभर तक मंत्रालय में कम कर्मचारियों का रोज जाना हो रहा था, लेकिन अब कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही अब कामकाज का समय भी शाम 5.30 बजे तक कर दिया गया है। इसके चलते कर्मचारियों को रोज समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल स्टॉफ के लिए शहर के निजी स्कूलों के बसों का उपयोग किया जा रहा है, ये बसें छोटी होने के कारण बैठने में भी दिक्कत होती हैं। सिटी बसों के चालक-परिचालक अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि वेतन कटौती बंद की जाए और महंगाई भत्ता बढ़ाया जाए। इन सभी मांगों को लेकर वे पिछले 1 महीने से रायपुर के आमानाका बस डिपो में सिटी बसें खड़ी कर हड़ताल कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वे हड़ताल पर रहेंगे और सिटी बसें नहीं चलाएंगे। इस बीच न्यायालय ने हड़ताल को अवैध माना है। इस सिलसिले में कलेक्टर रायपुर ने भी सभी बस ड्राइवरों को काम पर लौटने के लिए निर्देश दिए हैं। मंत्रालय अधीक्षण शाखा के अनुसार कल 18 बसों के साथ हड़ताली ड्राइवर धीरे-धीरे कर काम पर लौट रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी लौट आएंगे।