रायगढ़
एनटीपीसी में नौकरी के लिए भूविस्थापितों कर रहे आंदोलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 12 अप्रैल। मसला था देश के विकास का इसको सामने करके रायगढ़ जिले के पुसौर विकास खण्ड के 9 गाँवों के किसानों की जमीनों को लेने की बात की गई, अब भूविस्थापितों को नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सोमवार की सुबह से ही पूर्वघोषित आर्थिक नाकेबंदी के कार्यक्रम के दूसरे पायदान के लिये भूविस्थापितों का हुजूम जागरूकता के साथ एनटीपीसी लारा के सभी दरवाजों के सामने निवेदन करते हुए प्रयासरत रहा।
आरोप है कि एनटीपीसी की लारा योजना बेहद ही नुकसान दायक साबित हुई भूविस्थापितों के लिये। इस योजना में जितनी जमीन की मांग की गई, उतनी मिल गई उसके बाद रायगढ़ जिले से कोयला भी मिला और पानी तो महानदी से उपलब्ध हुआ अब पुनर्वास नीति की बात आई तो भूविस्थापितों को सन 2011-12 से ठगने का काम इस कम्पनी ने कर दिया।
जागरूक किसानों ने लारा संघर्ष के बैनर तले आंदोलन 2015 से शुरू किया। अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलकर आर्थिक नाकेबंदी के रास्ते में चल कर अपनी नौकरी की 16 सौ पदों को भर्ती की मांग पर अड़ा हुआ है।
अब पूर्व से घोषित कार्यक्रम 16 अप्रैल के एनटीपीसी टाउनशिप के मैत्री नगर के कॉलोनी में बने मकानों के पैखाने को सफाई करने के कार्यक्रम किया जाएगा।