रायगढ़

मेनका सामाजिक कानून के लिहाज से पात्र नहीं- अरविन्द नेताम
04-May-2024 4:36 PM
मेनका सामाजिक कानून के लिहाज से पात्र नहीं- अरविन्द नेताम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 4 मई।
छत्तीसगढ़ अलग राज्य जरूर बन गया परन्तु यहां के मूल निवासी आदिवासियों की हालत में कोई सुधार नहीं आया स भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आदिवासियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया, यही वजह है कि आदिवासियों की मांग को संसद व विधानसभा तक पंहुचाने हमर राज पार्टी का गठन किया गया है। यह बातें वरिष्ठ आदिवासी नेता व हमर राज पार्टी के संस्थापक अरविन्द नेताम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही स नेताम ने रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मेनका देवी सिंह की जाति पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के कानून में वे अब आदिवासी वर्ग से नहीं है इसलिए उन्हें चुनाव नहीं लडऩा था।

हमर राज पार्टी के संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविन्द नेताम शुक्रवार को रायगढ़ प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार कियास वहीं हमर राज पार्टी की ओर से रैली भी शहर में निकाली गयी। वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविन्द नेताम ने पार्टी की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी आदिवासियों की  कोई मांग पूरा नहीं हुई। आदिवासियों की ओर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि उन्होंने आदिवासी समाज को चुनासी मैदान में अलग से उतरने का फैसला किया, जिसमें आदिवासो के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सके। हालांकि  हमने सभी समाज को लेकर हमर राज पार्टी का गठन किया है। हमारी लड़ाई सैवेधानिक है व अस्तित्व की लड़ाई है। भविष्य में भी कोई भी सरकार हो हमारी नहीं सुनेंगे तो आंदोलन होगा।

नेताम ने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो यदि सरकार समाज के खिलाफ जाती है तो जनप्रतिनिधि उस पर कोई आवाज नहीं उठाते बल्कि ये बंधुआ मजदूर की तरह हो गए है।  देश में आदिवासियों के हित में पेशा कानून बना है लेकिन जिसे कॉंग्रेस ने बनाया उस कानून को बघेल सरकार ने ही खतन कर दिया। वहीं रायगढ़ लोक सभा से कांग्रेस प्रत्याशी मेनका सिंह की जाति पर सवाल खडे करते हुए नेताम ने कहा कि भले ही सारंगढ़ परिवार हमारे गौत्र के है लेकिन मेनका ने दूसरी जाति में विवाह किया है, ऐसे में आदिवासी समाज के कानून के हिसाब से वे रिजर्व सीट के लिए पात्र नहीं है लिहाजा उन्हें चुनाव नहीं लडऩा था। 

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पर विस्तृत टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में दो पहलू है जिसमें पहला यह है कि सामाजिक कानून के लिहाज से अब मेनका सिंह आदिवासी नहीं है वहीं न्यायालय के कानून के मुताबिक महिला की जन्म की जाति को माना जाता है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस विषय को चुनौती देनी चाहिए, वहीं वर्तमान में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के संबंध में पूछे जाने पर नेताम ने कहा कि विष्णु देव साय जब सीएम बने तो हम बधाई देने गये थे और उन्हें कहा था कि पहली बार असली आदिवासी सीएम बना है, लेकिन यह कुर्सी आपके लिए धर्म संकट हो सकती है। चूंकि आप आदिवासी है और भाजपा में समाज को लेकर वैचारिक मतभेद है, परन्तु जब भी पार्टी और समाज को लेकर आप संकट में आएंगे हम आपको रास्ता दिखाएंगे।

वहीं राष्ट्रीय पार्टियों पर निशाना साधते हुए अरविन्द नेताम ने कहा कि  छत्तीसगढ़ में क्या होगा इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर स्थानीय लोगों द्वारा किया जाना चाहिए न कि दिल्ली दरबार से। उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित व पिछड़ों के लिए दोनों राष्ट्रीय पार्टी केवल चुनावी योजनाए बनाती है, लेकिन उन्हें अमल में नहीं लाती। वहीं मूल छत्तीसगढिय़ों को उनका हक नहीं मिलने की प्रमुख वजह यह है कि हर फैसला दिल्ली से होता है। वहीं संसाधन संपन्न इस प्रदेश में जितने बड़े उद्योग घराने है उनमें किसी का भी मुख्यालय छत्तीसगढ़ में नहीं है यहां तक कि एनएमडीसी का मुख्यालय भी हैदराबाद में है। महंगाई चरम पर है डॉलर का रेट लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। वहीं रायगढ़ के सबध में उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में शासन प्रशासन ने मिल कर पेशा कानून का उलंघन किया है। इस दौरान हमर राज पार्टी के महामंत्री विनोद नागवंशी, रायगढ़ जिला संयोजक बी नागेश व पार्टी प्रत्याशी अल्बर्ट मिंज सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news