रायपुर

हसदेव अरण्य की सभी कोयला खदानें निरस्त होने तक जारी रहेगा आन्दोलन
10-Jun-2022 7:16 PM
हसदेव अरण्य की सभी कोयला खदानें निरस्त होने तक जारी रहेगा आन्दोलन

घाटबर्रा की ग्राम सभा को अवैध बताना स्थानीय स्वशासन के अधिकारों पर हमला-संघर्ष समिति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जून।
हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति ने कहा है कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों और ग्रामसभाओं के निर्णयों की अवहेलना करके हसदेव अरण्य में कोयला खनन की स्वीकृति दी गई है। जब तक वन स्वीकृति और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को निरस्त कर हसदेव अरण्य की सभी कोयला खदानों को निरस्त नहीं किया जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

संघर्ष समिति ने कहा कि दूसरे चरण में घाटबर्रा गांव पूरी तरह से विस्थापित होगा, जिसके भूमि अधिग्रहण की प्रकिया 2013 के कानून के तहत 2019 में शुरू हुई। वर्ष 2019 में जिस ग्राम सभा प्रस्ताव को आधार बनाया गया वह फर्जी है। इसमें ऐसे तीन लोगों के हस्ताक्षर हैं, जिनकी मौत 2015 में हो चुकी है।

आठ जून को घाटबर्रा की ग्रामसभा में भूमि अर्जन प्रस्ताव का विधिवत विरोध किया गया था। इसे प्रशासन अवैध बताने की कोशिश कर रहा है जो स्थानीय स्व-शासन पर हमला है। व्यापक विरोध के बाद कलेक्टर सरगुजा ने 25 मई को फिर से ग्रामसभा आयोजित करने का आदेश दिया था। इसके तारतम्य में ग्राम के सरपंच ने अधिसूचित क्षेत्र की ग्राम सभा के नियम 1988 की धारा 7 (1) में मिली शक्तियों के आधार पर ग्रामसभा रखी। ग्रामीणों ने इसमें सर्वसम्मति से भू अर्जन की अधिसूचना निरस्त करने की मांग की।

संघर्ष समिति का आरोप है कि अडानी कंपनी के दबाव में इस संवैधानिक विरोध को कुचलने के लिए जिला कलेक्टर ने 7 जून की तारीख का आदेश ग्राम सभा आयोजित होने के अगले दिन मीडिया में जारी किया। यह आदेश आज तक ग्राम के सरपंच, सचिव को नहीं भेजा गया। ग्रामसभाओं के विरोध के बावजूद 2014 से अब तक परसा, परसा ईस्ट केते बासेन और केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक राजस्थान सरकार को, पतुरिया गिदमुड़ी छत्तीसगढ़ सरकार को एवं मदनपुर साऊथ आंध्रप्रदेश सरकार को आवंटित किए गये हैं। मदनपुर को छोड़ सभी कोल ब्लॉक के विकास व खनन का अनुबंध अडानी समूह के साथ किया गया है। राजस्थान सरकार को आवंटित कोल ब्लॉक में खनन शुरू करने के लिए अडानी समूह ने फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव तैयार कराया। इसी के आधार पर वन स्वीकृति हासिल कर जबरन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग से आगे बढ़ाई जा रही है।

हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल के सदस्य भुवनेश्वर पोर्ते, जयनंदन पोर्ते, विजय कोर्राम, श्री पाल पोर्ते व छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला व अन्य ने कहा है कि ग्राम सभाओं के प्रस्ताव के अनुरूप शासन वन स्वीकृति एवं भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया निरस्त कर हसदेव अरण्य की सभी कोयला खदानें जब तक निरस्त नहीं करता, आंदोलन जारी रहेगा।

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