रायपुर
![4 वर्ष पूर्व अचानक 68 प्रतिशत बढ़ाई गई छूट से हुआ था गड़बड़झाला ? 4 वर्ष पूर्व अचानक 68 प्रतिशत बढ़ाई गई छूट से हुआ था गड़बड़झाला ?](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1722415800G_LOGO-001.jpg)
पॉवर कंपनी ने प्रस्ताव ही नहीं भेजा, लेकिन छूट मिल गई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 31 जुलाई। बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ स्टील उद्योगों ने अनिश्चितकालीन उत्पादन बंद कर दिया है। इसके बीच यह जानकारी सामने आई है कि छत्तीसगढ़ के उच्चदाब स्टील उद्योगों को 4 वर्ष पहले अचानक खपत आधारित ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई थी, जिससे इन उद्योगों को एकदम से 68 प्रतिशत का लाभ मिलने लगा था।
राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अज्ञात कारणों से आश्चर्यजनक रूप से अचानक बढ़ाई गई छूट को ही न्यायोचित रूप से कम किया गया है। बताया गया कि उच्चदाब स्टील उद्योगों को मिलने वाला अतिरिक्त फायदा कम हो गया है, जिसको लेकर वे दबाव बना रहे हैं।
पावर कंपनी से जुड़े अफसरों का कहना है कि पूर्व में वर्ष 2021-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट, अधिकतम 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था।
इस तरह विगत माह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा की गई तार्किक कार्यवाही के बावजूद लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में जो अधिकतम छूट 8 प्रतिशत मिल रही थी उसकी तुलना में भी 2 प्रतिशत अधिक यानी 10 प्रतिशत छूट इन उद्योगों को अभी मिल रही है। इस पूरे मामले में नियामक आयोग के चेयरमैन हेमंत वर्मा से मोबाइल पर चर्चा की कोशिश की गई, किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
इधर, पॉवर कंपनी के अफसरों ने बताया कि 4 वर्ष पूर्व छूट की दर 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के कारण इन उद्योगों को मिलने वाली औसतन वार्षिक छूट लगभग 300 करोड़ रूपये से बढक़र लगभग 1100 करोड़ रूपये हो गई थी। इस तरह, इन उद्योगों को लगभग 750 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष का अतिरिक्त लाभ दिया गया था। इस राशि की बंदरबाट में किसको क्या लाभ हुआ होगा, इस विषय में संबंधित क्षेत्रों में तरह-तरह की चर्चा चल रही है।
दूसरी तरफ,उच्चदाब स्टील उद्योगों के हितों को ध्यान वर्तमान दरों को पुनरीक्षण किया जा सकता है। ऐसे उदाहरण पूर्व में नियामक आयोग द्वारा रखे गए हैं। उल्लेखनीय है कि नियामक आयोग द्वारा पुनरीक्षित विद्युत दरों में व्यवसायिक उपभोग हेतु उपभोक्ताओं को प्रदाय की जाने वाली बिजली की दर 5.40 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि उच्चदाब स्टील उद्योगों को प्रदाय की जाने वाली बिजली की दर मात्र 4.10 प्रतिशत ही बढ़ी है।
उद्योगपतियों को कुछ गलतफहमी है-साय
इस मामले में सीएम (ऊर्जा मंत्री) विष्णुदेव साय ने कहा कि समाचार माध्यमों से उद्योगपतियों की बातों की जानकारी मिली। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने छूट को लेकर वास्तविकता बता दी है। उद्योगपतियों को कुछ गलतफहमी हुई है। डिप्टी सीएम अरूण साव ने कहा छत्तीसगढ़ में उद्योगों को अन्य राज्यों की तुलना में कम कीमत में बिजली दी जा रही है।