रायपुर
जिला प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच कार्रवाई पूरी की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जून। प्रदेशभर में चिटफंड करोबार को अंजाम देने वाली कंपनियों पर कार्रवाई शुरू होने के बाद निवेशकों को उनकी पूंजी लौटाने कवायद तेज हो गई है। राज्य शासन के अहम निर्णय लिए जाने के बाद रायपुर जिले में देव्यानी ग्रुप पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसा है। मालूम हुआ है देव्यानी ग्रुप से निवेशकों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से लगभग पंद्रह करोड़ रुपये वसूल किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज कैंपस में कैंप लगाकर निवेशकों को निक्षेपकों के संरक्षण अधिनियम के तहत रुपये लौटाए जाएंगे। प्रदेश में किसी चिटफंड कंपनी पर रकम वसूली के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई गई है। इसके पहले निवेशकों के आवेदनों के आधार पर जिला प्रशासन ने दस्तावेजों की छानबीन पूरी कर ली है। अलग-अलग तहसीलों में निवेशकों के आवेदन आने के बाद में बांड और फिर उनके द्वारा कंपनी पर निवेश किए गए पूंजी के हिसाब से प्रशासन ने अनुपात किया है। प्रशासनिक अधिकारी अंजली शर्मा ने देव्यानी ग्रुप से रुपये वापसी के लिए तारीख तय करने की जानकारी दी गई है। 17 जून को मेडिकल कांप्लेक्स में कैंप लगाकर निवेशकों को रकम लौटाया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेशभर में लगभग 26 चिटफंड कंपनियों ने अरबों रुपयों का घोटाला किया है। रकम दोगूना होने से लेकर गोल्ड और हेल्थ स्कीमों के बारे में जानकारी देकर निवेशकों से दस अरब से भी ज्यादा रुपये वसूल किए हैं। कंपनियों पर केस दर्ज होने के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई तेज हुई है। इसी क्रम में देव्यानी ग्रुप पर प्रशासन ने शिकंजा कसा है। देव्यानी ग्रुप के पास मिली मौजूदा प्रापर्टी को राजसात कर कोर्ट के आदेशानुसार निवेशकों को रुपये लौटाने के लिए कार्रवाई शुरू हुई है। बता दें इस मामले में देव्यानी ग्रुप से जुड़े डायरेक्टर और बाकी सहयोगी जेल जा चुके हैं। कंपनी के नाम पर मौजूदा प्रापर्टी में अचल संपत्ति का ब्योरा लेकर जिला प्रशासन ने निवेशकों को रकम दिलाने प्रक्रिया शुरू की है।