रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जून। यूनियन बैंक प्रियदर्शिनी नगर ब्रांच के सात कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। इनमें बैंक का मुख्य कैशियर किशन बघेल भी शामिल है। जिसने बीते चार वर्षों में करीब साढ़े 5 करोड़ रूपए का गबन किया था।
मामले की जांच कर रहे सूत्रों के अनुसार चीफ कैशियर बघेल सूदखोरी भी करता था। यह रकम वही थी जिसे उनसे गबन से हासिल किया था। किशन बघेल ने अपने कर्जदार सात लोगों के खाते अपनी ही शाखा में खुलवाकर उनके पासबुक अपने कब्जे में रखा था। इतना ही नहीं किशन ने इन सभी से चेक भी ले रखे थे। ये सभी खातेदार कम पढ़े लिखे, और कामकाजी लोग बताए गए हैं। ये सभी किशन से समय-समय पर रकम उधार में लेते रहे हैं। किशन मूलत: खरियार रोड का निवासी है। रायपुर में वह स्वयं के मकान में रहता है। सामान्य मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखने वाले किशन की पत्नी, तीन बच्चे, भाई-बहन भी साथ रहते हैं। बहन पार्लर में, तो भाई ट्रैवल एजेंसी में काम करता है। इस घटना से खुलासे के बाद से किशन फरार है। इतनी बड़ी रकम को उसने कहां रखा या निवेश किया इस बारे में परिजन कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। दुसरी ओर, राजेन्द्र नगर पुलिस के विवेचना अधिकारी एसआई कर्ष ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने किशन के साथ काम कर चुके सात लोगों को निलंबित कर दिया है। इन सभी को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
ऐसे किया था गबन किशन ने
किशन बघेल 31 अगस्त 2017 से बैंक में मुख्य कैशियर के पद पर पदस्थ है। किशन बघेल ने गलत तरीके से सिक्को की संख्या में बढ़ा कर 5 करोड़ 59 लाख अडसठ हजार दो सौ उनसठ रुपये का गबन किया है।
ब्रांच मैनेजर ने बताया कि 24 मार्च को नकदी शेष राशि 4 करोड़ 80 लाख अ_ावन हजार नौ सौ अ_ासी रुपये थे जिसे 25 मार्च को बढ़ा कर 6 करोड़ 23 लाख 10 हजार 6 सौ तिरसठ बना दिया। जबकि सिक्को के रूप में 24 मार्च की स्थिति में तीन करोड़ छियालीस लाख उनसठ हजार तीन सौ अड़तालीस रुपये थे जिसे एक ही दिन में 25 मार्च को पांच करोड़ इकसठ लाख दस हजार तीन सौ तैतीस कर दिया। इस प्रकार एक ही दिन में दो करोड़ 14 लाख पचास हजार नौ सौ पंचानवे रूपये की बढ़ोतरी हुई। इसी तरह की गड़बडिय़ां कर गबन कैशियर द्वारा की गई है।
ब्रांच मैनेजर ने पुलिस को बताया कि कैशियर किशन बघेल दिनांक 25 मार्च से बिना किसी सूचना के बैंक से गायब है। उससे सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा था पर कोई सम्पर्क नही हो पा रहा था। इसी दौरान 21 अप्रेल को करेंसी चेस्ट का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें पांच करोड़ उनसठ लाख अठसठ हजार दो सौ उनसठ रुपये नकदी की कमी पाई गई। कमी पाए जाने पर इसकी जांच बैंक के शशांक शेखर मिश्रा को अधिकृत जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच की गई। मामला सही पाए जाने पर राजेन्द्र नगर थाने में अपराध कायम करवाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं।