रायपुर

संयुक्त संचालक के खिलाफ मोर्चा, आरोप बीमार पशुओं का दूध बंटवाकर जान जोखिम में डाल रहे
15-Jun-2022 6:20 PM
संयुक्त संचालक के खिलाफ मोर्चा, आरोप बीमार पशुओं का दूध बंटवाकर जान जोखिम में डाल रहे

कलेक्टर से शिकायत, जांच की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 15 जून। पशुधन विकास के संयुक्त संचालक डॉ. शंकरलाल  उइके के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। डॉ. उइके गंभीर बीमारी से ग्रस्त पशुओं का दूध बंटवाकर लोगों की जान जोखिम में डालने सहित कई आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है।

डॉ. उइके पशुधन विकास विभाग में उपसंचालक के पद पर हैं, और रायपुर जिले के संयुक्त संचालक के प्रभार पर हैं। उनके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें की गई हैं। यह बताया गया कि डॉ. उइके को अनियमितता की गंभीर शिकायत के चलते पूर्व में निलंबित किया गया था। बावजूद इसके सीनियर अफसर होने के बावजूद उन्हें अतिरिक्त संचालक और संयुक्त संचालक जैसे महत्वपूर्ण, और वरिष्ठ पदों का कार्यभार दिया गया है।

यह भी बताया गया कि सरकारी पशु प्रजनन प्रक्षेत्र चंदखुरी जो कि संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर के अधीन हैं, वहां 60 में से 18 गायें ब्रूसेला पॉजिटिव पाई गई, जिसकी सूचना राज्य स्तरीय रोग अनवेषण प्रयोगशाला द्वारा जनवरी-2022 में ही दी गई थी, लेकिन प्रभारी संयुक्त संचालक डॉ. शंकरलाल उइके के द्वारा कतिपय व्यक्तिगत स्वार्थ, और उनके सरकारी कार्य के लिए लापरवाही व उदासीनता के कारण वर्तमान ब्रूसेला जैसी गंभीर, और घातक बीमारी से ग्रसित पशुओं के दूध को लोगों को वितरित कराया जा रहा है। यह लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ है।

शिकायत में यह भी खुलासा किया गया कि राष्ट्रीय महत्व के एनएडीसीपी कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकारियों-कर्मचारियों पर दबाव व भय बनाते हुए संस्थाओं में टीका द्रव्य उपलब्ध न होने पर भी फर्जी टीकाकरण की एंट्री कराकर जिले के टीकाकरण के झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर राज्य व केन्द्र सरकार की आंखों में धूल झोंकी गई यह कृत्य डॉ. उइके के शासकीय कार्यों में लापरवाही तथा शासन को धोखे में रखने और उनके तानाशाही कार्यप्रणाली व पूर्व के निलंबन कार्यवाही को प्रमाणित करता है।

डॉ. उइके अपने सुविधा और मनमाने तरीके से उनके द्वारा क्षेत्रीय द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की शासन द्वारा की गई मूल पद स्थापना से भी छेड़छाड़ कर रहे हैं तथा कुछ अन्य द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को अपने कार्यालय में संलग्न किए हुए हैं। प्रभारी संयुक्त संचालक द्वारा कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार आदि की भी शिकायत हुई है। दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने कलेक्टर से पूरे मामले की जांच कर तुरंत कार्रवाई का आग्रह किया है।

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