रायपुर
![कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल योग आयोग को आबंटित, विरोध भी शुरू, सामान्य सभा में उठेगा मुद्दा कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल योग आयोग को आबंटित, विरोध भी शुरू, सामान्य सभा में उठेगा मुद्दा](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1655558149611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जून। कलेक्टोरेट स्थित कामकाजी महिलाओं के वसति गृह पंचवटी को इसलिए तोड़ा गया था कि उसकी जगह नया वुमेंस हॉस्टल बनाकर अधिक से अधिक महिलाओं को राजधानी में आवासीय सुविधा दी जाएगी। इसके लिए भाजपा सरकार ने 11 करोड़ की लागत से फुंडहर में हॉस्टल भी बनाया गया। चूंकि वह शहर से दूर है इसलिए कामकाजी महिलाएं उसमें रूचि नहीं ले रही हैं। इसके चलते यह भवन खाली पड़ा था। कोरोना काल में इस भवन को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया गया। अब यह भवन छत्तीसगढ़ योग आयोग को आबंटित किया गया है। इसे लेकर विरोध भी शुरू हो गया है।
जानकार कहते हैं कि शासन द्वार बनाए गए इस हॉस्टल का प्रचार-प्रसार विभाग ने सही तरीके से नहीं किया। यही वजह है कि नौकरी या ट्रेनिंग के लिए राजधानी आने वाली ज्यादातर कामकाजी महिलाएं इस सुविधा से अनजान हैं। वहीं इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम स्तर पर हॉस्टल की पूरी जानकारी दी गई है।
नगर निगम ने इस हॉस्टल भवन को अब योग आयोग को देने की तैयारी कर ली है। परसों यानी 16 जून को बैठक में निगम की एमआईसी यह प्रस्ताव भी पास कर दिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से रोजगार की तलाश में राजधानी आने वाली महिलाओं के लिए नगर निगम ने क्या व्यवस्था की है। ऐसे में सवाल उठाता है कि महिलाएं व छात्राएं जो रोजगार के लिए राजधानी का रूख करती हैं उनका हक योग आयोग को ही क्यों दिया जा रहा है? एक अन्य सवाल यह भी है कि क्या नगर निगम ने कामकाजी महिलाओं के लिए अन्य हॉस्टल की व्यवस्था की है या नहीं?
दूसरे शहरों से आने वाली और अकेले रहने वाली महिलाओं व युवतियों को बेहतर आवासीय सुविधा देने के उद्देश्य से इस हॉस्टल का निर्माण 2019 में पूर्ण कर लिया गया। 220 बेडेड इस हॉस्टल में तमाम तरह की सुविधाएं हैं ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इंडोर स्पोर्ट्स, अस्पताल, डायनिंग की सुविधा, किचन, 4 लिफ्ट साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान मई 2019 में इसे डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया था। दो वर्षों तक इसमें कोरोना के मरीजों का ही उपचार हुआ। कोरोना के नए मामलों में कमी आने के बाद से अब इस हॉस्टल बिल्डिंग का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में भवन के मेंटेनेंस की समस्या भी एक बड़ा सवाल है। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर इसे योग आयोग को दिए जाने पर सहमति बनी है। योग आयोग ही इस भवन की देखरेख करेगा।
सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर योग आयोग को देगा निगम
फुंडहर के वर्किंग वुमेंस हॉस्टल के भवन को मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर योग आयोग को दिए जाने का प्रस्ताव आज एमआईसी में पारित कर दिया गया है। जहां लाभार्थी अष्टांग योग का प्रशिक्षण ले सकेंगे। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल के संबंध में प्रस्ताव पर नए सिरे से विचार किया जाएगा।
ज्ञानेश शर्मा, चेयरमैन पीडब्ल्यूडी एवं अध्यक्ष छत्तीसग? योग आयोग सामान्य सभा में करेंगे विरोध
पूर्ववर्ती सरकार ने कामकाजी महिलाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव लाया था। अगर योग आयोग को किसी प्रकार के भवन की मांग है तो आयोग अपनी मांग सरकार के समक्ष रख सकता है। हम सामान्य सभा में इस मुद्दे का विरोध करेंगे।
मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष