रायपुर

आईरेड में हादसों की ढेरों वजह, सबसे ज्यादा खतरनाक रायपुर की सडक़ें, राज्यभर से पीएचक्यू में कलेक्ट हुआ डाटा, सुधार के लिए जल्द रिसर्च
18-Jun-2022 6:50 PM
आईरेड में हादसों की ढेरों वजह, सबसे ज्यादा खतरनाक रायपुर की सडक़ें, राज्यभर से पीएचक्यू में कलेक्ट हुआ डाटा, सुधार के लिए जल्द रिसर्च

तस्वीर / ‘छत्तीसगढ़’

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भी भेजी जाएगी रिपोर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 18 जून। राज्यभर में हर साल बढ़ रहे सडक़ हादसों की वजह ढूंढने आईरेड एप्प से पीएचक्यू को डाटा कलेक्ट हो चुका है। महीनों से जांच अफसरों द्वारा मोबाइल एप्प के जरिए किए गए सर्च के हिसाब से अब जिलों में यातायात व्यवस्था बदले जाने के संकेत मिले हैं।

मालूम हुआ है डिजीटल एप्प ने शहरों के डेंजर जोन और ब्लैक स्पॉट के बारे में बताया है, जिसके हिसाब से स्थिति पहले से और भी ज्यादा खतरनाक है। सडक़ दुर्घटना होने के कारणों का पता चला है जिसमें रायपुर शहर में सबसे ज्यादा डेंजर जोन का पता चला है। इसके बाद बिलासपुर और दुर्ग जैसे शहरों की स्थिति पहले से ज्यादा गंभीर है। आईरेड एप्प के जरिए पीएचक्यू के पास कलेक्ट हुए डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है। यह काम पूरा होते ही सडक़ दुर्घटना से बचने के उपायों पर रिसर्च का काम भी शुरू हो सकेगा। एक आकड़े के मुताबिक पिछले चार महीने में सडक़ हादसों का डाटा बेस तैयार हुआ है जिसमें लगभग दो हजार लोगों के मौत होने की जानकारी है। इसमें से सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत मृतक बाइक सवार शामिल हैं। हादसों की वजह के ग्राफ में हाईस्पीड और ड्रंकन ड्राइविंग के केस बताए गए हैं।

आईरेड सभी के मोबाइल फोन पर

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय और राज्य पुलिस आईरेड एप्प के जरिए डाटाबेस तैयार कर रही है। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा के एप्प में जांच अफसर मौके पर जाकर हादसे की पूरी तस्वीर कैमरे में कैद कर कारण भी बता रहे हैं। राज्य के सभी जिलों में थाना पुलिस को एप्प उपलब्ध कराया गया है। यहां से अपलोड डाटा के हिसाब से एक्सीडेंट रोकने उपाए तलाशे जाएंगे।

मई तक में ऐसा ही रिपोर्ट कार्ड

नेशनल हाइवे में 29.76 प्रतिशत, राजकीय राजमार्ग 17.90 प्रतिशत और जिला मुख्य सडक़ अन्य मार्गों में 52.33 प्रतिशत सडक़ हादसे हुए। हादसे के पीछे प्रमुख कारणों में तेज रफ्तार की वजह से लोगों ने जान गंवाई। 64.96 प्रतिशत मौत हुई। लापरवाही से 11.42 प्रतिशत और नशा, रॉन्ग साइड, मोबाईल का उपयोग करने वाले हादसे का शिकार हुए।

अप्रैल तक में 4 हजार से ज्यादा हादसे

जनवरी से अप्रैल के बीच 4 हजार 621 सडक़ दुर्घटनाओं में 1986 लोगों की मौत हुई और 4 हजार 322 लोग घायल हुए है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग से लोग हादसे का शिकार हुए। आईरेड की रिपोर्ट के मुताबिक 1986 में अधिकांश मृतकों की आयु 20-35 वर्ष है।

रायपुर। आरडी तिवारी स्कूल की छुट्टी होने के साथ ही जीई रोड का यह अहम हिस्सा घंटों जाम रहता है। इस तिराहे से आजाद चौक थाने तक सडक़ पर ठेलों के खड़े होने से ट्रैफिक की आवाजाही प्रभावित होती है। इसी संकट को देखते हुए प्रशासन ने हाल में आमापारा बाजार को व्यवस्थित किया था। लेकिन सडक़ के दोनों ओर ठेलों के खड़े होने से लोगों को दिक्कत हो रही है। दूसरी ओर स्कूल के ठीक सामने फुटपाथ बना दिया गया है। पालकों की गाडिय़ों को स्कूल के भीतर ले जाने की मनाही है। यह रोक प्राचार्य ने ही लगाई है। इस वजह से इनकी गाडिय़ां भी सडक़ को जाम करती है। यह नजारा सालभर देखने को मिलता है।  

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news