रायपुर
![कला दर्पण ने दी सोनहा सुरता की प्रस्तुति कला दर्पण ने दी सोनहा सुरता की प्रस्तुति](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/165693929644.jpg)
रायपुर, 4 जुलाई। छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध जनकवि स्व. लक्ष्मण मस्तूरिया की याद में कला दर्पण संस्था द्वारा सोनहा सुरता की शानदार प्रस्तुति दी गई ।लोकायन में आयोजित कार्यक्रम में कला दर्पण के संस्थापक श्री मधुकर कदम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी गीतों को पुनर्जीवित प्रतिष्ठित करना, नवोदित गायक गायिकाओं को मंच प्रदान करना और शहरी दर्शकों के बीच छत्तीसगढ़ के कलाकारों को परिचित कराना कार्यक्रम का उद्देश्य है।
लगभग ढाई घंटे तक चले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे। जिन्हें वरिष्ठ लोक हिंदी रंगकर्मी विजय मिश्रा अमित ने अपने कुशल संचालन बांधे रखा। छत्तीसगढ़ के हाना, जनउला, का उल्लेख करते हुए श्री विजय मिश्रा ने मस्तुरिहा के गीतो को कालजयी बताया। कार्यक्रम में स्व.खुमान साव द्वारा संगीतबद्ध किए लक्ष्मण मस्तूरिया के गीतों का भरपूर आनंद लिया।अपने मधुर आवाज से महादेव हिरवानी,जितेंद्र सारथी, मनोज चक्रधारी,आस्था भट्ट, गीतांजलि साहू,नैना,ऊर्जा, प्रांजल,राजू शर्मा ने पुराने पारंपरिक लोकगीतों को प्रभावी अंदाज में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर उपस्थित डॉ सुखदेव साहू, नरेश दीप्ति वाडरे, सिंधु कदम,सीएल दुबे, गोविंद पांडे ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा को समृद्ध बताया और छत्तीसगढ़ की पहचान बनाए रखने का आवाहन किया।
प्रस्तुत किए गए गीत: पता लेजा रे पता ले जा गाड़ी वाला, मोर संग चलो रे, बखरी के तुमा नार, चौंरा मा गोंदा,ते भूंइया के भगवान,धरमधाम भारत,आ बइठ के,बादर बिजूरी, मंगनी म मांगे मया आदि लोकप्रिय गीत।