रायपुर
![अब मरीज भी जीएसटी के फंदे में, पांच हजार या अधिक के किराए के पेइंग वार्ड पर 5 फीसदी अब मरीज भी जीएसटी के फंदे में, पांच हजार या अधिक के किराए के पेइंग वार्ड पर 5 फीसदी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1657197040r.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 जुलाई। अब इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती मरीज को भी पांच फीसदी जीएसटी देना होगा। केंद्रीय जीएसटी काउंसिल ने नर्सिंग होम के पेइंग वार्ड पर जीएसटी लागू करने का फैसला किया है।
हालिया जीएसटी काउंसिल की बैठक में अस्पताल के कमरे के किराये को अपने दायरे में ले लिया है। ऐसे अस्पताल या नर्सिंग होम जहां के कमरों का किराया प्रतिदिन 5000/- या उससे ज्यादा होगा उस पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा।याने गंभीर रूप से बीमार पडऩे पर आप जीएसटी के दायरे में आ जायेंगे।आईसीयू में भर्ती होने पर जीएसटी नहीं लगेगा।
वैसे तो कॉर्पोरेट अस्पतालों के वीआईपी कमरों का रेट इतना होता है सामान्य अस्पतालों का नहीं।लेकिन गौरतलब है कि गंभीर रूप से बीमार पडऩे पर सुपरस्पेशलियटी चिकित्सक की सेवा लेने के लिये मध्यम वर्ग भी मजबूरी में कॉर्पोरेट अस्पतालों की शरण में जाते हैं। जैसे सिर पर चोट, मस्तिष्क के ऑपरेशन, स्पाइन की सर्जरी, हृदयाघात के बाद, बाइपास सर्जरी, घुटने या कूल्हे की सर्जरी या किसी भी तरह के अंगप्रत्यारोपण की स्थिति में मरीजों को लंबी अवधि के लिए रखा जाता है।ऐसी स्थिति में उन्हें भारी भरकम किराया और जीएसटी भी देना होगा। बता दें कि भारत में तकरीबन 52 फीसदी लोग बीमार पडऩे पर निजी चिकित्सकों के पास जाते हैं। एक हकीकत यह भी है कि कई बार अस्पताल के कमरे के खर्च में मरीजों को जो यंत्र लगाये जाते हैं उनका खर्च भी कमरे के खर्च में जोड़ दिया जाता है । इससे कमरे का किराया 5000/- प्रतिदिन से ज्यादा हो जाता है। लोग अब यह प्रश्न उठा रहे हैं कि क्या सरकारी कमाई को बढ़ाने के लिये भविष्य में चिकित्सा सेवा पर भी टैक्स लगेगा तथा यह उस ओर पहला कदम है? दूसरी ओर इसका देश व्यापी विरोध भी शुरू हो गया है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर ऑफ इंडिया ने कल एक वर्चुअल बैठक कर देशभर के नर्सिंग होम संचालकों से चर्चा की, और इस पर रोक न लगाए जाने की स्थिति में विरोध करने का फैसला किया। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ हॉस्पीटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि दबे पांव हेल्थ सेक्टर में भी जीएसटी की एंट्री हो गई है। इससे पहले दवाईयों पर तो जीएसटी लिया ही जा रहा था, और अब बॉयो मेडिकल वेस्ट पर भी लगाने की तैयारी सुनी जा रही है। कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. गुप्ता का कहना है कि इसके विरोध में सरकार और पार्टी की तरफ से केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र भेजा जाएगा। क्योंकि कांग्रेस का स्टैण्ड ही रहा है कि हेल्थ सेक्टर में कोई टैक्स न लगाया जाए। डॉ. गुप्ता ने कहा वे कल स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से मिलकर इस संबंध में केन्द्र को पत्र लिखने का आग्रह करेंगे।