रायपुर

उठाईगिरी के बड़े मामले में पुलिस डेढ़ माह बाद भी खाली केंद्रीय विद्यालय के सामने डिक्की खोलने वाले शहर से लापता
11-Jul-2022 6:09 PM
उठाईगिरी के बड़े मामले में पुलिस डेढ़ माह बाद भी खाली  केंद्रीय विद्यालय के सामने डिक्की खोलने वाले शहर से लापता

28 मई को हुई घटना की तस्वीर

नहीं मिल सका कोई सुराग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 11 जुलाई। डब्ल्यूआरएस कॉलोनी स्थित केंद्रीय विद्यालय 2 के सामने दर्जनभर गाडिय़ों की डिक्कियां खोलकर मोबाइल फोन और नगदी रकम चुराने वाले उठाईगिरों की खोजबीन में पुलिस फेल हो गई है। घटना के कई दिन बाद भी पुलिस सायबर एक्सपर्ट टीमें कोई सुराग नहीं जुटा सके हैं कि बड़ी उठाईगिरी की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह खुलेआम घूम रहा है। घटना बाद दर्जनभर छात्र अपने मोबाइल फोन और नगदी रकम मिलने के इंतजार में है। करीब एक महीने पहले ही केंद्रीय विद्यालय 2 के ठीक सामने परीक्षा में शामिल होने आए उम्मीदवारों ने अपने दोपहिया वाहन बाहर खड़े की थी।

अज्ञात उठाईगिरी करने वाले गैंग ने बारी-बारी से मोपेड वाहनों को टारगेट कर लिया। गाडिय़ों की डिक्की के ताले तोडक़र उसमें रखे मोबाइल फोन और नगदी के साथ पर्स चुरा लिया। यहां पर अज्ञात शातिरों ने उठाईगिरी की वारदात को अंजाम देते हुए लाखों रुपये की कमाई कर ली। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच उठाईगिरों ने स्कूल के बाहर वारदात कारित की। दिनदहाड़े बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद हौसला दिखाकर आसानी से भाग निकले। इस मामले में जब थाना पुलिस को सूचना मिली तभी सायबर सेल की स्पेशल यूनिट की मदद लेकर मौके पर जांच टीमों ने दस्तक दिया। स्कूल के बाहर सीसीटीवी फुटेज खंगाले। मौके पर कहीं भी सीसीटीवी कैमरा नहीं होने की वजह से पुलिस के लिए परेशानी बढ़ गई। ब्लाइंड केस की जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस को आगे कुछ भी सुराग नहीं मिल सका।

प्रबंधन ने झाड़ लिया पल्ला

केंद्रीय विद्यालय प्रबंधन ने परीक्षार्थियों की गाडिय़ों की सुरक्षा के लिए पहले ही प्रबंधन झाड़ लिया है। उम्मीदवार जब स्कूल परिसर पहुंचे थे तभी परीक्षा दिलाने के पहले उन्होंने गाडिय़ों की पार्किंग और सुरक्षा को लेकर मुद्दा उठाया था लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। मजबूरी में उम्मीदवारों ने अपनी गाडिय़ों को स्कूल के बाहर ही खड़े कर दिया जहां पर उठाईगिर गैंग पहले से सक्रिय थे।

पेशेवर गैेंग की

आशंका ज्यादा

मोबाइल लोकेशन की जांच के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है। चोरी गए मोबाइल फोन भी लंबे समय से बंद है, ऐसे में पुलिस को पूरा शक है कि उठाईगिरी की वारदात को किसी पेशेवर गैंग ने ही अंजाम दिया था। लोकल चोर गिरोह की पतासाजी करने के बाद भी मामले में कोई सुराग नहीं मिल सका था। अंतर्राज्यीय गैंग की तलाश में पुलिस टीमें सक्रिय है।

मामले से थाना पुलिस का परहेज

उठाईगिरी के बड़े मामले में पुलिस जांच ठप है। इस मामले में मीडिया को भी पुलिस जवाब देने से परहेज कर रही है। सोमवार को मामले को लेकर टीआई खमतराई और टीआई सायबर सेल से संपर्क की कोई की, उन्होंने फोन नहीं उठाया। ब्लाइंड केस के दूसरे मामलों में भी यही हाल है।

 

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