रायपुर
![मेडिटेशन से मिलती है मानसिक तनाव से मुक्ति, दृष्टिकोण होता है सकारात्मक: सुश्री उइके मेडिटेशन से मिलती है मानसिक तनाव से मुक्ति, दृष्टिकोण होता है सकारात्मक: सुश्री उइके](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/16577172145138587-0dff-4190-aa93-5a5bea92844e.jpg)
रायपुर, 13 जुलाई। राजभवन के दरबार हॉल में गुरू पूर्णिमा के अवसर पर विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस ध्यान सत्र में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि ध्यान और योग हमारी प्राचीन संस्कृति की देन है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी यह वर्णित है कि हमारे ऋषि-मुनि लंबे समय तक तपस्या कर अपनी आत्मिक शक्ति को जागृत करने के लिए योग किया करते थे। उन्होने कहा कि मेडिटेशन वह तपस्या है, जिससे हम अपने अंदर की ऊर्जा को जागृत कर सकते हैं।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि आधुनिक भाग-दौड़ भरी जिंदगी से हम कई तरह के मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। इससे अनेक बीमारियों की गिरफ्त में हम आ रहे हैं। युवा कम उम्र मे ही मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं। कोरोना काल में तो यह स्थिति और भी अधिक गंभीर हो गई हैं।
योगी स्वामी महेश ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग,प्राणायाम तथा ध्यान बेहद आवश्यक हैैै। इनके द्वारा हम शरीर के ऊर्जा के संतुलन को बनाये रख सकते है। उन्होने कहा कि योग व ध्यान के माध्यम से हम अपने मन को नियंत्रित और स्वच्छ कर सकते हैं। स्वामी महेश ने शरीर के सात चक्रों के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि योग साधना से इन चक्रों को जागृत कर हम अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा स्वामी महेश ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अष्टांग योग के बारे में जानकारी देते हुए सभी से योग और ध्यान करने की अपील की ताकि हम एक बेहतर समाज बना सकें।
इस ध्यान सत्र में डॉ. अनिल गुप्ता ने हमारे प्राचीन वैदिक विज्ञान के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति आवश्यक है, परन्तु हमारे शरीर की ऊर्जा, उसकी क्षमता में वृद्धि करने के लिए योग और ध्यान अत्यंत आवश्यक है।
राज्यपाल उइके,और योगी स्वामी महेश एक दूसरे को स्मृति चिन्ह एवं गमछा पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सचिव अमृत कुमार खलखो, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल सहित राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।