रायपुर

छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार को लिखा जाएगा पत्र
13-Jul-2022 6:21 PM
छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार को लिखा जाएगा पत्र

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश, खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करें और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को दें बढ़ावा 

रायपुर, 13 जुलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में केन्द्र से रासायनिक उर्वरकों की कम आपूर्ति को देखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त को केन्द्र से समन्वय कर मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति के लिए पत्र लिखने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को मौसम की स्थिति पर नजर रखने और जहां खाद, बीज की कमी है, वहां खाद-बीज की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को  बैठक में प्रदेश में वर्षा की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति, खरीफ फसलों के क्षेत्राच्छादन, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के उपायों की समीक्षा की। बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे भी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से काफी आगे हैं। रासायनिक उर्वरकों की कमी की पूर्ति काफी हद तक वर्मी कम्पोस्ट की जा सकती है। आने वाले समय में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होंने रासायनिक  उर्वरकों के ओव्हर रेट की शिकायतों के प्रकरणों में कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। 
मुख्यमंत्री ने किसानों से की फसल बीमा कराने की अपील

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान किसानों से अधिक से अधिक संख्या में फसल बीमा कराने की अपील की। बैठक में बताया गया कि खरीफ वर्ष 2021 में 13.77 लाख किसान द्वारा फसल बीमा हेतु 157.65 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया गया था, जिसे मिलाकर कुल 1199 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान किया गया था, जिसके विरूद्ध 4 लाख 8 हजार किसानों को 758.43 करोड़ का बीमा दावा भुगतान किया गया। इसी तरह रबी 2021-22 में 2.32 लाख किसानों द्वारा 15.96 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया था, इसे मिलाकर कुल 153 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, जिसके विरूद्ध एक लाख 58 हजार पात्र किसानों को 304.49 करोड़ रूपए का प्रीमियम दावा भुगतान किया गया। 

बैठक में जानकारी दी गई कि केन्द्र से यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश और सुपर फास्फेट को मिलाकर कुल 13.70 लाख म टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी, जिसके विरूद्ध छत्तीसगढ़ को मात्र 6.30  टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति  की गई है। बैठक में जानकारी दी गई कि मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी क्षेत्रों में कुल 11.03 लाख टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया, जो खरीफ 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य का 81 प्रतिशत है। भण्डारण की तुलना में किसानों को समितियों और निजी क्षेत्रों को मिलाकर 67 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष किसानों को पिछले वर्ष इसी अवधि में अधिक रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया है। खरीफ वर्ष 2022 में 11 जुलाई तक वर्ष 7.35 लाख  टन रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया था, जबकि गत वर्ष की अवधि में 6.74 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया था। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बैठक में बताया कि डीएपी उर्वरक की कमी को दूर करने के लिए किसानों को यूरिया, एनपीके, सुपर फास्फेट और पोटाश के साथ वर्मी कम्पोस्ट निर्धारित मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी गई है। 
 पिछले वर्ष की तुलना में अब तक 134 प्रतिशत अधिक ऋण वितरित

बैठक में जानकारी दी गई कि सहकारिता के माध्यम से खरीफ वर्ष 2022 में 10 जुलाई की स्थिति में किसानों को विगत वर्ष की तुलना में 134 प्रतिशत अधिक अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित किया गया है। वर्ष 2022 में 3928.17 करोड़ रूपए खरीफ ऋण वितरित किया गया, जबकि गत वर्ष की अवधि में 2935.60 करोड़ रूपए ऋण वितरित किया गया था। 
 बैठक में कम वर्षा वाले जिलों के संबंध में बताया गया कि बलरामपुर में औसत का 42 प्रतिशत, जशपुर में 44 प्रतिशत, सरगुजा में 55 प्रतिशत, सूरजपुर में 70 प्रतिशत, कोरिया में 77 प्रतिशत, कोरबा में 77 प्रतिशत, रायपुर में 69 प्रतिशत, बेमेतरा में 72 प्रतिशत और सुकमा में 63 प्रतिशत वर्षा हुई है। इसी तरह 27 तहसीलों में 60 प्रतिशत से कम वर्षा दर्ज की गई है। बारिश होने के साथ सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति भी बेहतर हो रही है। 

बैठक में मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, और  अंकित आनंद, मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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