रायपुर
![अमृत महोत्सव पर साहित्यकार डॉ. वर्मा का संगठनों ने किया अभिनंदन अमृत महोत्सव पर साहित्यकार डॉ. वर्मा का संगठनों ने किया अभिनंदन](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1658157712agitya.jpg)
रायपुर, 18 जुलाई। अमृत महोत्सव पर रविवार को साहित्यकार अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ लेखक डॉ परदेशी राम वर्मा का अनेक संगठनों ने अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो केशरीलाल वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ी अस्मिता को आगे बढ़ाने में डॉ परदेशी राम वर्मा की बड़ी भूमिका है। वे संघर्ष के पर्याय हैं। आनेवाली पीढ़ी को साहित्य सृजन के लिए प्रशिक्षित करने में वे अग्रणी रहे। समूचे देश में उनके लेखन की प्रतिष्ठा है। वे हमारे समय का सूक्ष्म अवलोकन कर साहित्य में लेखन करते हैं। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो केशरीलाल वर्मा और अध्यक्ष डॉ सुशील त्रिवेदी सहित आठ संस्थाओं ने उनका अभिनंदन किया। इनमें छत्तीसगढ़ मित्र, गुरु घासीदास साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति, नारायणी साहित्य समिति, इंटैक, छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वैभव प्रकाशन, आदि शामिल हैं। डॉ सुधीर शर्मा ने कहा कि 62 वर्षों का सार्थक लेखन परदेशी राम वर्मा को छत्तीसगढ़ का प्रेमचंद बनाता है। कहानी और उपन्यास वंचित मनुष्य की आवाज हैं। डॉ जे आर सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ी की अस्मिता के लिए डॉ वर्मा ने सदैव लिखा है। वे दलितों के प्रतिनिधि लेखक हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि परदेशीराम वर्मा का लेखन लोकराग का है। वह आंचलिकता के स्तर पर वे रेणु की उंचाई पर पहुंचते हैं। देश में आज खास किस्म का लेखन चल रहा । संवेदना और करूणा गायब है लेकिन डॉ वर्मा की रचनाएं मनुष्य के जीवन को जीती हैं।
भाषाविद डॉ. चित्तरंजन कर ने कहा कि व्यक्ति के जीवन का नहीं उनकी कृति का अमृत महोत्सव है। उनकी रचनाएं काल से संवाद करती है। सरल लिखना और जीना सबसे कठिन होता है। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ अनिल भतपहरी ने कहा कि वे शहर से गांव की ओर जा रहे हैं।तीसरे माले से कूदा मनोरोगी, दोनों पैर फैक्चर
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