रायपुर
![अब ईओडब्ल्यू, एसीबी की जांच से पहले राज्य शासन की अनुमति जरूरी अब ईओडब्ल्यू, एसीबी की जांच से पहले राज्य शासन की अनुमति जरूरी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1658157935611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। किसी शासकीय सेवक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही के लिए राज्य शासन से पूर्वानुमति आवश्यक होगी। बिना शासन की अनुमति के कोई जांच या आगे की कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। इस संबंध में सचिव जीएडी डीडी सिंह ने आज आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक अब ईओडब्ल्यू या एसीबी के विभागाध्यक्ष/ निदेशक के अधिकार पुलिस महानिदेशक की शक्तियां वेष्ठित की गई है।
सचिव जीएडी सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव,सचिव, सभी विभाग , सभी संभागीय आयुक्त , सभी विभागाध्यक्ष , सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। पत्र में कहा है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित 2018 में धारा 17 ( ए ) के अनुसार किसी लोक सेवक के द्वारा शासकीय कृत्य या कर्तव्यों के निर्वहन में की गई सिफारिशों या किए गए विनिश्चय के संबंध में अपराधों की जांच या पूछताछ या अन्वेषण किसी पुलिस अधिकारी द्वारा बिना राज्य शासन की पूर्वानुमोदन के नहीं किया जा सकता है । राज्य शासन एतद्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित 2018 में धारा 17 ( ए ) के अंतर्गत पूर्वानुमोदन के लिए प्रस्ताव प्रेषित करने के प्रयोजन के लिये राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एंटी करप्शन ब्यूरो के विभागाध्यक्ष, निदेशक में पुलिस महानिदेशक की शक्तियां वेष्ठित करता है । सिंह ने यह भी कहा है कि इन निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए ।